लगभग सभी बीज के पैकेट पर अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी (well drained soil) में बीज लगाने का निर्देश लिखा रहता है। लेकिन कई लोगों को पता नहीं है कि अच्छी ड्रेनेज क्षमता वाली मिट्टी क्या है? एक स्वस्थ पौधे को उगाने के लिए भुरभुरी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है, जिसमें पानी न भरे और आसानी से गमले से बाहर निकल जाए। ऐसी मिट्टी को ही well drained soil कहा जाता है। यदि आप भी मिट्टी को भुरभुरा बनाना या वेल ड्रेनिंग मिट्टी बनाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है। अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता क्यों होती है और मिट्टी की ड्रेनेज क्षमता में सुधार करने के तरीके जानने के लिये यह लेख पूरा पढ़ें।
मिट्टी की जल निकासी (ड्रेनेज) क्षमता क्या है – What Is The Meaning Of Soil Drainage In Hindi
पौधों को उगाने के लिए जिस मिट्टी का प्रयोग किया जाता है, उसमें डाला गया पानी जितने अच्छे से बाहर निकल जाता है, उसे ही मिट्टी की जल निकासी या ड्रेनेज क्षमता (Drainage Capacity) कहा जाता है। यानि कि ऐसी मिट्टी जिसमें से पानी का रिसाव अच्छे से हो या उसमें पानी का जमाव न होता हो, उसे अच्छी ड्रेनेज क्षमता वाली मिट्टी कहा जाता है। हर मिट्टी की ड्रेनेज कैपेसिटी अलग-अलग होती है। जैसे चिकनी मिट्टी की ड्रेनेज क्षमता कम और दोमट मिट्टी की अच्छी तथा रेतीली मिट्टी की सबसे अधिक होती है। यदि मिट्टी अधिक सघन और संकुचित होती है, तो उस मिट्टी की ड्रेनेज क्षमता में सुधार करने की जरूरत होती है।
मिट्टी का ड्रेनेज ठीक होना क्यों जरूरी है – Why Is Soil Drainage Important In Hindi
जो पौधे आप उगा रहे हैं, उनकी मिट्टी में पानी ठहरना नहीं चाहिए। मिट्टी में जल निकासी की आवश्यकता क्यों है, इसके निम्नलिखित कारण होते हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आपको इसकी आवश्यकता और महत्वता समझ में आ जायेगी।
मिट्टी का ड्रेनेज ठीक न होने के नुकसान – Harmful Effects Of Poor Soil Drainage On Plants In Hindi
यदि मिट्टी का ड्रेनेज ठीक नहीं रहता है, तो इससे मिट्टी में लगातार पानी भरता रहता है और उसके कारण पौधों को निम्न नुकसान होते हैं:
- पौधों की जड़ों की अच्छी ग्रोथ के लिए मिट्टी में वायु संचार होना आवश्यक है। मिट्टी में मौजूद छोटे छेद से जड़ों को हवा मिलती रहती है। मिट्टी का ड्रेनेज ठीक न होने से गमले में जलभराव होता रहता है और उन रंध्र (Air Pockets) में पानी भर जाता है, जिससे पौधों की ग्रोथ में बाधा उत्पन्न होती है। अधिक पानी से पौधे पीले पढ़कर मुरझाने व मरने लगते हैं।
- पौधों को बढ़ने के लिए एक निश्चित तापमान की जरूरत होती है। मिट्टी में जलभराव की स्थिति होने पर मिट्टी का तापमान कम हो जाता है, जिससे पौधे की वृद्धि रुक जाती है।
- मिट्टी में जलभराव होने से पौधों की जड़े अधिक गहराई तक ना जाकर उथला ही रह जाती है। इस वजह से पौधे की ग्रोथ प्रभावित होती है।
- अधिक समय तक पानी भरे रहने पर मिट्टी में हानिकारक लवण (साल्ट) की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे मिट्टी अधिक अम्लीय या क्षारीय हो जाती है।
- अधिक जलभराव होने से मिट्टी में मौजूद लाभकारी जीवाणुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- मिट्टी का ड्रेनेज सिस्टम ठीक न होने से पोषक तत्वों की हानि भी होती है।
- कवक रोग होने का खतरा अधिक रहता है।
- जड़ सड़न रोग होने की सम्भावना रहती है।
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मिट्टी का ड्रेनेज ठीक होने के फायदे – Benefits Of Well Drained Soil In Hindi
गमले की मिट्टी में अतिरिक्त पानी भरे होने के नुकसान और जल निकासी की आवश्यकता के बारे में बता ही दिया है, तो चलिए अब जानते हैं अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी से पौधों को होने वाले फायदे या लाभ के बारे में:
- अच्छी ड्रेनेज क्षमता वाली मिट्टी में वायु संचार ठीक से होता है और जड़ें स्वस्थ रहती हैं।
- मिट्टी की संरचना में सुधार होता है, जिससे उपज भी बढ़ती है।
- पौधों की जड़े मिट्टी में अधिक गहराई तक जाकर पोषक तत्वों का भरपूर उपयोग कर पाती है।
- उचित जल निकासी होने से हानिकारक लवण पानी के साथ बह कर निकल जाते हैं।
- मिट्टी तथा पौधे में कवक रोग नहीं हो पाते हैं।
- मिट्टी का पीएच मान संतुलित रहता है।
- लाभदायक जीवाणुओं की बढ़वार अच्छे से हो पाती है।
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मिट्टी की ड्रेनेज क्षमता को कैसे चेक करें – How To Test Soil Drainage At Home In Hindi
इसके लिए बगीचे में 1 फुट गहरा और 1 फुट चौड़ा गड्ढा खोदें और फिर उसमें पानी भरें और देखें की कितनी देर में गड्ढा खाली होता है। यदि गड्ढा 10 से 30 मिनट के अंदर खाली हो जाता है, तो वह मिट्टी अच्छी जल निकासी वाली है। यदि मिट्टी पानी खाली करने में अधिक समय लेती है, तो उसमें सुधार की आवश्यकता है। आप यह एक्सपेरिमेंट मिट्टी को गमले में भरकर भी कर सकते हैं।
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मिट्टी की ड्रेनेज क्षमता में सुधार करने के तरीके – Ways To Improve Soil Drainage In Hindi
आप कम भुरभुरी मिट्टी में सुधार करने और उसकी ड्रेनेज क्षमता बढ़ाने के लिए निम्न तरीके अपना सकते हैं:
- मिट्टी की जल निकासी क्षमता में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम, उसमें जैविक पदार्थ जैसे अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर खाद,कम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट या कोकोपीट आदि को मिलाना शामिल है। कार्बनिक पदार्थ मिट्टी की संरचना में सुधार करते हैं।
- पर्लाइट, रेत और वर्मीकुलाइट मिलाने से भी मिट्टी की ड्रेनेज कैपेसिटी बढ़ती है।
- समय-समय पर मिट्टी की गुड़ाई (Tiling) करते रहने से भी मिट्टी की जल निकासी क्षमता बढ़ती है।
- कवर क्रॉप के पौधे जैसे राई आदि को लगाने से भी मिट्टी की संरचना में सुधार होता है।
- मिट्टी में जिप्सम मिलाने से भी उसकी ड्रेनेज क्षमता बढ़ती है और वह भुरभुरी बनती है।
- पौधों की मिट्टी की मल्चिंग कर देने से भी मिट्टी की संरचना अच्छी बनी रहती है।
इस लेख में मिट्टी को भुरभुरा बनाने और उसकी जल निकासी क्षमता में सुधार करने के तरीके बताए गये हैं। यह लेख पढ़ने के बाद आप भी मिट्टी की ड्रेनेज क्षमता में सुधार कर सकते हैं। इस लेख को लेकर अगर आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो आप उसे कमेन्ट कर सकते हैं।