घर पर फलीदार पौधे (फलियां) कैसे उगाएं – How To Grow Legume Plant At Home In Hindi

फलियां फैबेसी या लेग्यूमिनोसी कुल (Fabaceae or leguminosae family) के पौधे हैं, जिनमें कई प्रकार की बीन्स, दालें या मटर शामिल हैं। फलियों (Legumes) में आयरन, फाइबर, प्रोटीन और कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो हमारी हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं। यह फलीदार पौधे बहुत कम देखभाल के साथ घर पर गमले में आसानी से उगाए जा सकते हैं। मिट्टी की संरचना में सुधार करने के उद्देश्य से भी फलीदार पौधों को लगाया जाता है। फलियां गार्डन की मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी को दूर करने का काम करती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको घर पर फलियां या फलीदार पौधे कैसे उगाएं के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। फलीदार पौधे क्या हैं इन्हें कब और कैसे लगाएं, फलीदार पौधों के प्रकार इन्हें लगाने की विधि तथा फलियों के पौधों की देखभाल कैसे करें इत्यादि के बारे में जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

फलियां एवं उनके प्रकार – Legumes And Their Types In Hindi

फलियां एवं उनके प्रकार - Legumes And Their Types In Hindi

लेगुमिनोस परिवार (leguminosae family) से सम्बंधित फलियां कई प्रकार की होती हैं, जिन्हें मुख्यतः खाने के लिए उगाया जाता है। इसके अतिरिक्त फलीदार पौधे (लेग्यूम प्लांट्स) मिट्टी में पोषक तत्व की कमी को दूर करने के लिए भी उगाए जाते हैं तथा कुछ बीन्स या फलियां तेलों की गुणवत्ता में सुधार करने व खाद्य तेल बनाने के लिए उगाई जाती हैं। इनमें बीन्स, मटर, सोयाबीन, मूंगफली, लोबिया, तिपतिया घास (clover) इत्यादि शामिल हैं। कुछ प्रमुख रूप से पाई जाने होम गार्डन या घर पर गमले में उगाई जाने वाली फलियां या फलीदार पौधे निम्न प्रकार हैं:

  • बीन्स – फावा बीन्स, ब्रॉड बीन्स, ग्रीन बीन्स, लिमा बीन्स, मूंग बीन्स इत्यादि।
  • मटर – लोबिया, अरहर मटर (Pigeon pea), हरी मटर (Green pea) इत्यादि।
  • तिपतिया घास (clover) – लाल तिपतिया घास (Red Clover), मीठी तिपतिया घास (Sweet clovers), सफेद तिपतिया घास (white clover) आदि।

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फलियां कब लगाई जाती हैं – Best Time To Plant Legumes In Hindi

लेग्यूम अर्थात फलियां ग्रीष्मकालीन फसलें हैं जिसका अर्थ है कि वे गर्म वातावरण में उगना पसंद करती हैं। कुछ फलियाँ जैसे मटर या ब्रॉड बीन्स को शुरूआती वसंत (फरवरी-मार्च) में लगाया जा सकता है, लेकिन स्नो मटर, फ्रेंच बीन्स या रनर बीन्स जैसे पौधे ठण्ड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, इसीलिए इन्हें ठण्ड का खतरा निकल जाने के बाद अंतिम वसंत (मार्च-जून) में लगाया जाता है।

(और पढ़ें: भारत में सब्जियों को उगाने के लिए वेजिटेबल गार्डनिंग कैलेंडर….)

फलीदार पौधों के लिए तापमान – Best Temperature For Leguminous Plant In Hindi

फलीदार पौधे अर्थात् बीन्स या फलियां उगाने के लिए 18°C-30°C के बीच का तापमान आदर्श होता है। उचित तापमान मिलने पर बीन्स सीड्स (legume seeds) तेजी से अंकुरित होते हैं, साथ ही इनकी ग्रोथ भी तेजी से होती है, इसके विपरीत कम तापमान मिलने पर अंकुरण प्रक्रिया धीमी गति से संपन्न होती है।

फलियां लगाने के लिए सही जगह – Best place to plant legumes in Hindi

फलीदार पौधों को अच्छी तरह से बढ़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में सूरज की रोशनी की आवश्यकता होती है, इसलिए फलियों वाले पौधों को ऐसे स्थान पर लगाया जाना चाहिए, जहाँ उन्हें रोजाना 6-8 घंटे की धूप मिल सके।

गार्डनिंग के लिए आवश्यक सामग्री यहाँ से खरीदें:

गमले या ग्रो बैग
फलीदार पौधे के बीज
मिट्टी और जैविक उर्वरक
वॉटर केन
स्प्रे पंप
क्रीपर नेट
स्टिकी ट्रैप
नीम तेल

घर पर फलियों के पौधे उगाने के लिए गमले का साइज – Best container to plant legumes in Hindi

घर पर फलियों के पौधे उगाने के लिए गमले का साइज - Best container to plant legumes in Hindi

फली वाले पौधों की जड़ें उथली होती हैं, इसीलिए इन्हें 6 इंच गहराई वाले गमले या ग्रो बैग में भी आसानी से उगाया जा सकता है। आप एक 12*12 इंच गहराई वाले या इससे बड़े आकार के गमले में एक से अधिक फलीदार पौधों को उगा सकते हैं।

यदि आप अपने टेरेस गार्डन या बालकनी गार्डन में बीन्स को उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए आप निम्न ग्रो बैग का उपयोग कर सकते हैं:

(और पढ़ें: जानें किस साइज के ग्रो बैग में कौन सी सब्जी लगा सकते हैं….)

फलियां लगाने के लिए आवश्यक मिट्टी – Soil for Planting Leguminous Plant in Hindi

फलीदार पौधे अर्थात् बीन्स, मटर इत्यादि नाइट्रोजन फिक्सिंग पौधे हैं, जिसका अर्थ है कि ये पौधे वातावरण से नाइट्रोजन को अवशोषित कर मिट्टी में पोषक तत्वों को संग्रहीत कर सकते हैं, लेकिन इन्हें लगाने के लिए आपको उचित गुणवत्ता वाली मिट्टी का इस्तेमाल करना चाहिए। गमले में फलियाँ लगाने के लिए आप अच्छी जल निकासी वाली व जैविक पोषक तत्वों से भरपूर दोमट मिट्टी का उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें: गमले की मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाएं….)

गमले में फलियां कैसे उगाएं – How To Grow Leguminous Plant In Pot In Hindi

होम गार्डन में बीज से फलियाँ आसानी से उगाई जा सकती हैं। यह फलीदार पौधे गर्म तापमान वाली मिट्टी में अच्छी तरह पनपते हैं, इसीलिए उचित जलवायु होने पर आप लेग्यूम सीड्स (legume seeds) को गार्डन या गमले की मिट्टी में लगा सकते हैं। ये पर्याप्त धूप एवं अच्छी जलनिकासी वाली मिट्टी में उगना पसंद करते हैं तथा तेजी से बढ़ने के लिए इन्हें नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है। फलियां लगाने के बाद पौधों की उचित तरीके से देखभाल करने पर लगभग 55-60 दिनों में ये पौधे परिपक्व हो जाते हैं। एक बेल के रूप में बढ़ती हुई फलियों को लकड़ी या किसी जाली के सहारे की जरूरत होती है ताकि वे अच्छे से बढ़ सकें।

(और पढ़ें: गमले में बीन्स कैसे उगाएं…)

गमले में बीन्स सीड्स लगाने की विधि – Method of Planting Legume Seeds in Pots in Hindi

गमले में बीन्स सीड्स लगाने की विधि - Method of Planting Legume Seeds in Pots in Hindi

बीज से फलियाँ उगाने के लिए तथा सफलतापूर्वक बीज अंकुरण के लिए निम्न तरीके से फलियों के बीज (लेग्यूम सीड) लगाना चाहिए:

  • लेग्यूम सीड्स (legume seeds) लगाने के लिए सर्वप्रथम गमले में मिट्टी भरें।
  • मिट्टी में लगभग 1 इंच की गहराई में तथा 9-12 इंच की दूरी पर बीजों को लगाएं।
  • लगाये हुए बीजों को मिट्टी से अच्छी तरह ढंक दें।
  • अब मिट्टी को नम करने के लिए फब्बारे के रूप में पानी डालें।
  • ध्यान रखें, बीज अंकुरण के समय मिट्टी सूखना नहीं चाहिए।
  • लगभग 7-14 दिन के अन्दर आपके द्वारा लगाए हुए बीज अंकुरित हो जाएंगे।

फलियों के पौधों को दें पर्याप्त मात्रा में पानी – Give the Legumes enough water In Hindi

फलियां लगातार नम मिट्टी में अच्छी तरह पनपती हैं और तापमान बढ़ने पर इन्हें अधिक पानी की आवश्यकता होती है, इसीलिए लेग्यूम प्लांट लगे हुए गमले की मिट्टी को कभी सूखने नहीं देना चाहिए, इन्हें नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी देना चाहिए। मटर जैसी फलियां अत्याधिक पानी में अच्छी तरह नहीं बढ़ती हैं, इसीलिए मिट्टी में जलभराव से बचना चाहिए।

(और पढ़ें: पौधों को पानी देते समय न करें ये 7 गलतियाँ….)

आवश्यक खाद से करें फलियों की फीडिंग – Feeding of Legumes with necessary fertilizers in Hindi

फलियां भारी फीडर प्लांट नहीं होती हैं, चूँकि ये नाइट्रोजन फिक्सिंग प्लांट्स होते हैं इनकी जड़ें वातावरण से आवश्यक नाइट्रोजन पोषक तत्व को मिट्टी से अवशोषित कर लेती हैं। आप अपने होम गार्डन में लगे हुए फलीदार पौधों को बढ़ते मौसम में फास्फोरसपोटेशियम युक्त खाद दे सकते हैं, ताकि फलियों का स्वस्थ व अधिक मात्रा में उत्पादन हो सके।

फलीदार पौधों की देखभाल कैसे करें – Legumes Plant Care Tips In Hindi 

फलीदार पौधे बीन्स, मटर इत्यादि की देखभाल करते समय निम्न बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए :

  • इन पौधों को ग्रो करने के लिए अधिक पानी की जरूरत होती है, अतः पौधों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए।
  • फलियां लगे हुए गमले की मिट्टी को शुष्क होने व मिट्टी में जलभराव से बचना चाहिए।
  • फलीदार पौधों को रोजाना 6-8 घंटे की धूप मिलना चाहिए।
  • इन पौधों को खाद देते समय फास्फोरस व पोटेशियम युक्त खाद का उपयोग करना चाहिए।
  • बढ़ती हुई बेल वाली फलियों को किसी लकड़ी या क्रीपर नेट से सहारा देना चाहिए।
  • पौधों को कीट व रोग लगने का खतरा अधिक होने पर जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए।
  • रोगग्रस्त पाए जाने पर पौधे के प्रभावी हिस्से की छटाई (प्रूनिंग) कर तुरंत हटा देना चाहिए।

फलियों की कटाई कब करनी चाहिए – When to Harvest Legumes in Hindi

फलियों की कटाई कब करनी चाहिए - When to Harvest Legumes in Hindi

फलीदार पौधों को लगाने के बाद उचित देखभाल करने पर अधिकांश पौधों में लगभग 6 से 8 सप्ताह में फूल दिखाई देने लगते हैं, लेकिन किस्मों के अनुसार फलियों वाले पौधों में फूल खिलने का समय अलग-अलग हो सकता है। फलीदार पौधों में पूर्ण फूल खिलते हैं जिसका अर्थ, एक ही फूल में नर व मादा फूल होते है। जैसे ही फूल परागित होते हैं, पौधे में फलियां विकसित होने लगती हैं। फलीदार पौधों की किस्मों की परिपक्वता के आधार पर पौधे के खिलने के लगभग 2 सप्ताह बाद पौधों में फलियां आने लगती हैं। बीज बोने से लगभग 60-80 दिनों के बाद फलियां कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं।

उपरोक्त आर्टिकल में आपने घर पर गमले की मिट्टी में फलीदार पौधे कैसे लगाए तथा इनकी देखभाल की टिप्स इत्यादि के बारे में जाना। इस लेख की मदद से आप बीन्स, मटर, सेम जैसे अन्य फलियों वाले पौधे (लेग्युम प्लांट्स) कम देखभाल के साथ बड़ी ही आसानी से उगा सकते हैं।

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