How To Grow Amla Tree From Cutting In Hindi: आंवला, जिसे हम इंडियन गूजबेरी भी कहते हैं, सेहत और आयुर्वेद दोनों के लिए बहुत फायदेमंद फल है। ज़्यादातर लोग नर्सरी से प्लांट लेते हैं, लेकिन क्या आंवले को कटिंग से उगाया जा सकता है? जी हाँ, अगर आप चाहें तो घर पर ही कटिंग से नया पौधा ग्रो कर सकते हैं। ये तरीका न सिर्फ ईज़ी और लो-कॉस्ट है बल्कि इससे आपको हेल्दी प्लांट भी जल्दी मिल जाता है।
आंवले की कटिंग (Aawle ki cutting se paudha taiyar karne ki vidhi) से पौधा तैयार करना गार्डनिंग लवर्स के लिए एक सिंपल और इफैक्टिव मेथड है, जिसमें बस थोड़ी केयर और सही टेक्नीक की ज़रूरत होती है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कटिंग से आंवले का पेड़ कैसे उगाएं, आंवले की कटिंग कैसे लगाएं (Amla Ki Kalam Kaise Lagaye In Hindi), ताकि आप एक पौधे की कटिंग/कलम से बहुत सारे पौधे तैयार कर सकें।
आंवले की कटिंग से पौधा क्यों तैयार करें – Why Prepare Amla Plant From Cutting In Hindi
आंवला सेहत का खज़ाना है और इसकी मांग हमेशा रहती है। कटिंग से पौधा तैयार करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें खर्च बहुत कम होता है और पौधे की गुणवत्ता भी अच्छी मिलती है। बीज से पौधा उगाने में समय ज्यादा लगता है, जबकि कटिंग से पौधा जल्दी ग्रो करता है और जल्दी फल देना शुरू कर देता है। इसके अलावा, कटिंग से तैयार पौधे में मूल पौधे जैसी ही खासियतें बनी रहती हैं। यही कारण है कि गार्डनिंग प्रेमी इस तकनीक को अपनाते हैं।
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आंवले की कटिंग कैसे तैयार करें – How To Prepare Amla Cutting In Hindi
आंवले की कटिंग तैयार करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें –
1. सही मौसम में करें कटिंग – Choosing The Right Season in Hindi
आंवले की कटिंग लगाने के लिए सही मौसम चुनना जरूरी है। सबसे अच्छा समय बारिश के बाद का होता है, यानी जुलाई से सितंबर के बीच, जब मिट्टी में पर्याप्त नमी रहती है और तापमान बहुत ज्यादा गर्म या ठंडा नहीं होता। इस मौसम में कटिंग आसानी से जड़ पकड़ लेती है। सर्दियों में पौधा धीरे बढ़ता है और गर्मियों में सूखने का खतरा रहता है। इसलिए सही मौसम चुनकर आप पौधे की सफलता दर बढ़ा सकते हैं और जल्द ही एक स्वस्थ आंवला का पौधा तैयार कर सकते हैं।
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2. स्वस्थ पौधे सेलेक्ट करें – Selection Of Healthy Plant in Hindi
कटिंग के लिए हमेशा स्वस्थ और मजबूत पौधा चुनें। जिस पौधे से आप टहनी काट रहे हैं, उस पर कीड़े या रोग नहीं होने चाहिए। पौधे की उम्र लगभग 3 से 4 साल होनी चाहिए और उस पर अच्छी ग्रोथ दिखाई देनी चाहिए। कमजोर या रोगी पौधों से ली गई कटिंग जड़ नहीं पकड़ती और जल्दी सूख जाती है। इसलिए सबसे पहले यह ध्यान रखें कि आपका मूल पौधा मजबूत, हरा-भरा और रोग-मुक्त हो। इससे बनने वाला नया पौधा भी उतना ही हेल्दी और मजबूत होगा।
3. कटिंग तैयार करना – Preparing The Cutting in Hindi
कटिंग तैयार करते समय लगभग 15 से 20 सेंटीमीटर लंबी टहनी चुनें, जिसमें 3-4 नोड्स (गांठें) हों। टहनी को साफ और तेज औजार से काटें ताकि पौधे को नुकसान न पहुंचे। निचले हिस्से की पत्तियाँ हटा दें और ऊपरी हिस्से की थोड़ी पत्तियाँ रहने दें। इससे पौधे में नमी बनी रहती है और जड़ बनने की प्रक्रिया तेज होती है। अगर चाहें तो आप निचले हिस्से को हल्का तिरछा काट सकते हैं, ताकि मिट्टी में आसानी से धंस जाए और जल्दी जड़ पकड़ ले।
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4. मिट्टी का मिश्रण तैयार करना – Preparing The Soil Mixture in Hindi
आंवले की कटिंग के लिए हल्की और उपजाऊ मिट्टी का चुनाव करें। मिट्टी में नमी होनी चाहिए लेकिन पानी रुकना नहीं चाहिए। मिट्टी तैयार करने के लिए आप गार्डन मिट्टी, बालू और गोबर की खाद को बराबर अनुपात में मिला सकते हैं। इससे मिट्टी में नमी और पोषण दोनों बने रहते हैं और जड़ों को सांस लेने की जगह मिलती है। यदि आपके पास वर्मी कम्पोस्ट है तो वह भी मिला सकते हैं। सही मिट्टी का मिश्रण पौधे के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5. कटिंग लगाना – Planting The Cutting in Hindi
जब मिट्टी तैयार हो जाए तो उसमें लगभग 5 से 7 सेंटीमीटर गहराई तक कटिंग को लगाएँ। ध्यान रखें कि कटिंग का निचला हिस्सा मिट्टी में अच्छी तरह दबा हो और सीधा खड़ा रहे। लगाते समय कटिंग के आस-पास की मिट्टी को हल्का दबा दें ताकि उसमें हवा न रहे और नमी बनी रहे। यदि आप चाहें तो एक गमले में 2-3 कटिंग लगा सकते हैं, लेकिन उनके बीच थोड़ी दूरी जरूर रखें। कटिंग लगाने के बाद हल्का पानी देना बहुत जरूरी है।
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6. पौधे की देखभाल – Care Of The Plant in Hindi
कटिंग लगाने के बाद पौधे को धूप और छाया दोनों का संतुलन चाहिए। इसे ऐसी जगह रखें जहाँ हल्की धूप आती हो और ज्यादा गर्मी न हो। पानी कम मात्रा में दें, बस इतना कि मिट्टी में नमी बनी रहे। ज्यादा पानी देने से कटिंग सड़ सकती है। शुरू के कुछ हफ्तों में पौधे को तेज हवा और सीधी धूप से बचाएँ। ध्यान रखें कि मिट्टी हमेशा हल्की और नम बनी रहे। नियमित देखभाल करने से पौधा जल्दी जड़ पकड़ लेगा।
7. खाद और पोषण – Fertilizers And Nutrition in Hindi
कटिंग से तैयार पौधा शुरू में ज्यादा खाद नहीं चाहता। जैसे ही पौधा जड़ पकड़ ले और उसमें नई पत्तियाँ आने लगें, तब हल्की जैविक खाद देना शुरू करें। गोबर की सड़ी खाद या वर्मी कम्पोस्ट सबसे अच्छा विकल्प है। हर 15 से 20 दिन में थोड़ा-थोड़ा खाद डालते रहें। इससे पौधा तेजी से बढ़ेगा और उसकी पत्तियाँ हरी-भरी रहेंगी। रासायनिक खाद का उपयोग शुरुआती अवस्था में न करें, क्योंकि इससे जड़ों को नुकसान पहुँच सकता है।
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8. रोग और कीट से बचाव – Protection From Diseases And Pests in Hindi
आंवले की कटिंग पर कभी-कभी कीट और फफूंद का असर हो जाता है। पत्तियों पर सफेद धब्बे या काले कीड़े दिखाई देने लगते हैं। इससे बचाव के लिए समय-समय पर नीम का तेल या जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें। पौधे की जड़ों में पानी जमा न होने दें, क्योंकि इससे फफूंद लगने का खतरा बढ़ता है। अगर आप पौधे को साफ और सूखी जगह पर रखेंगे और समय पर देखभाल करेंगे, तो वह कीटों से सुरक्षित रहेगा और तेजी से बढ़ेगा।
9. नया पौधा ट्रांसप्लांट करना – Transplanting The New Plant in Hindi
जब कटिंग से तैयार पौधे में अच्छी जड़ें और नई पत्तियाँ निकल आएँ, तब उसे बड़े गमले या जमीन में ट्रांसप्लांट करें। ट्रांसप्लांट करने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह तैयार कर लें और उसमें जैविक खाद डालें। पौधे को लगाते समय ध्यान रखें कि जड़ें टूटें नहीं। लगाने के बाद हल्का पानी दें और कुछ दिनों तक पौधे को छाँव में रखें। धीरे-धीरे जब पौधा मजबूत हो जाए तो उसे धूप में भी रख सकते हैं। सही समय पर ट्रांसप्लांट करने से पौधा जल्दी बढ़ेगा।
निष्कर्ष:
आंवले की कटिंग से पौधा तैयार करना एक सिंपल और लो-कॉस्ट तरीका है, जिसे कोई भी आसानी से घर या जमीन में कर सकता है। बीज की तुलना में यह तरीका ज्यादा फास्ट है और इससे तैयार पौधा हेल्दी और मजबूत बनता है। अगर आप सही मौसम, हेल्दी कटिंग, उपजाऊ मिट्टी और नियमित केयर का ध्यान रखें, तो कुछ ही महीनों में आपके पास नया आंवला का पौधा तैयार हो जाएगा। थोड़ी मेहनत और सही टेक्नीक से आप न सिर्फ अपनी गार्डनिंग हॉबी को पूरा कर सकते हैं, बल्कि हेल्थ और आयुर्वेदिक फायदे पाने के लिए भी ताजा आंवला घर पर ही उगा सकते हैं।
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