घर पर आंवला का पौधा कैसे लगाएं – How To Grow Amla Plant At Home In Hindi

आंवले के पौधे को बहुत शुभ माना जाता है और साथ ही इसके फल पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं जिनके सेवन से समय से पहले बाल सफेद न होना, आँखों की रोशनी बढ़ना जैसे कई सारे फायदे शरीर को होते हैं, इसीलिए हर किसी को अपने घर में आंवले के पौधे को जरूर लगाना चाहिए। यह एक ऐसा पेड़ है जिसे एक बार लगा देने पर बड़ा होने के बाद यह कई सालों तक फल देता रहता है। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आंवले को घर पर बीज से कैसे उगाएं तो यह लेख आपके लिए ही है। घर पर आँवला या इंडियन गूसबेरी के बीज कब लगाएं, गमले में आँवला के बीज लगाने की विधि क्या है तथा अमला या आंवला के पेड़ की देखभाल या केयर कैसे करें, के बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए लेख को लास्ट तक जरूर पढ़ें।

आंवला के बीज कब लगाएं – Amla Seed Sowing Season In Hindi

गार्डन या गमले की मिट्टी में आंवला के बीज लगाने का बेस्ट टाइम जनवरी से फरवरी और जुलाई से सितम्बर का महीना होता है। मिट्टी का तापमान लगभग 25-35°C होने पर आंवला के बीज अच्छी तरह से जर्मिनेट होते हैं।

आंवला के पौधे लगाने के लिए कंटेनर या गमला – Pot Size For Planting Amla Plant In Hindi

आंवला के पौधे लगाने के लिए कंटेनर या गमला – Pot Size For Planting Amla Plant In Hindi

आप आँवला के पौधों को निम्न आकार के गमले या ग्रो बैग में लगा सकते हैं, जो निम्न हैं:

  • 12 X 15 इंच (चौड़ाई X ऊंचाई)
  • 15 X 15 इंच (चौड़ाई X ऊंचाई)
  • 15 X 18 इंच (चौड़ाई X ऊंचाई)
  • 18 X 18 इंच (चौड़ाई X ऊंचाई)

नोट – अगर आप आँवला के पौधे की छोटी किस्मों को लगा रहें हैं, तो कम आकार के गमले या ग्रो बैग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

(यह भी जानें: गार्डन में फैब्रिक ग्रो बैग्स का उपयोग, जानें कैसे लगाएं पौधे…)

आंवला प्लांट लगाने के लिए मिट्टी – Best Soil To Grow Amla Plant In Hindi

इंडियन गूसबेरी या आंवला के पौधे (Indian gooseberry Plant) को उगाने के लिए दोमट मिट्टी या चिकनी मिट्टी (clay soil) का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, लेकिन ध्यान रखें कि, मिट्टी न तो बहुत अधिक जलभराव वाली होनी चाहिए और न ही बहुत अधिक रेतीली। आंवला के पौधे थोड़ी अम्लीय और थोड़ी क्षारीय मिट्टी में (6.5-9.5 PH) अच्छे से ग्रो होते हैं।

(यह भी जानें: पौधों के लिए गमले की मिट्टी कैसे तैयार करें…)

पॉटिंग मिट्टी खरीदने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

गमले में आंवला के बीज कैसे लगाएं – How To Grow Amla In Pot From Seed In Hindi

आंवले का पेड़ काफी बड़ा (लगभग 20-25 फुट लम्बा) होता है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि, इसे उगाने के लिए बड़ा गार्डन ही चाहिए। आप इसे आसानी से अपने घर के छोटे गार्डन में या छत पर गमले में भी बीज से उगा सकते हैं। आप इन सरल स्टेप्स को फॉलो करके गमले में आंवला के पौधे आसानी से उगा सकते हैं, जैसे:

  1. सबसे पहले आप जिस भी वैरायटी के आंवला उगाना चाहते हैं, उसके बीज खरीद लें या उन्हें आँवला के फल से भी निकाल कर लगा सकते हैं।
  2. आँवला के पौधे के लिए अच्छा पॉटिंग मिक्स तैयार करने के लिए आप 50% बलुई या चिकनी मिट्टी, 20% गोबर की खाद, 20% वर्मीकंपोस्ट और 10% नीम खली को मिक्स करें।
  3. अब पॉटिंग मिक्स युक्त, सीडलिंग ट्रे या उचित आकार के ग्रो बैग (6 से 10 इंच) में आंवले के बीज को 0.6 सेंटीमीटर (1/4 इंच) की गहराई में लगा दें।
  4. बीज लगाने के बाद मिट्टी में पानी डालें, ताकि मिट्टी नम हो जाए।
  5. अब गमलों को आंशिक छाया वाली जगह पर ब्राइट लाइट में रख दें।
  6. मिट्टी में नमी को बनाये रखें, इसके लिए समय-समय पर गमलों या सीडलिंग ट्रे (जिसमें बीज लगाएं हों) को चेक करते रहें।
  7. अनुकूल जलवायु मिलने पर आंवला के बीज 30 से 50 दिन में जर्मीनेट हो जाते हैं।
  8. यदि आप नर्सरी से खरीद कर आंवले का पौधा लाये हैं या फिर आपके द्वारा बीज से लगाए गए पौधे की लम्बाई 5-10 इंच हो जाए, तब आप पौधों को बड़े गमले या ग्रो बैग में रिपॉट अर्थात् स्थानांतरित कर सकते हैं।

(यह भी जानें: पौधों को ट्रांसप्लांट करने के टिप्स…)

आंवले के पेड़ की देखभाल कैसे करें – How To Take Care Of Amla Plant In Hindi

घर पर गमले या गार्डन की मिट्टी में लगे आँवला के पौधे लगभग 5-8 साल में फल देने लगते हैं, इसलिए लम्बे समय तक इसकी देखभाल करने की जरूरत होती है। होम गार्डन में लगे आंवला के पेड़ की देखभाल करने के लिए निम्न टिप्स को फॉलो करें, जो इस प्रकार हैं:

पानी – Water Requirement Of Amla Plant In Hindi

आंवला के पौधों को शुरूआत में नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है, लेकिन जैसे-जैसे पौधा परिपक्व (mature) होता जाता है, उसे कम पानी की आवश्यकता होती है। आँवला के पौधे बड़े होने पर पानी तभी दें, जब पौधे की मिट्टी की ऊपरी परत सूखी दिखाई दें। आप मिट्टी में ऊँगली डालकर जांच कर सकते हैं कि, मिट्टी गीली है या सूखी। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि, आंवला के पौधों में फल आते समय जरूरत के अनुसार पौधों को पानी जरूर दें। पौधों को पानी देने के लिए आप वॉटर केन और स्प्रे पंप का इस्तेमाल कर सकते हैं।

(यह भी जानें: पौधों को पानी देने के 10 गोल्डन रूल…)

वॉटर केन और स्प्रे पंप खरीदने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

सन लाइट – Sunlight For Growing Amla Plant In Hindi

आंवला या इंडियन गूसबेरी के पौधों को अच्छी तरह से ग्रो करने के लिए भरपूर धूप की आवश्यकता होती है, इसलिए पौधे लगे गमले या ग्रो बैग को ऐसे स्थान पर रखें, जहां पौधे को आवश्यकता अनुसार धूप प्राप्त हो सके। गर्मी के मौसम में तेज धूप के दौरान पौधे को आंशिक छाया में रखें, क्योंकि तेज धूप के कारण पौधे मुरझा सकते हैं या खराब हो सकते हैं। आप पौधों को तेज धूप से बचाने के लिए शेड नेट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अच्छी क्वालिटी की शेड नेट (shad net) खरीदने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

तापमान और आर्द्रता – Temperature And Humidity To Grow Amla Plant In Hindi

गर्मी के मौसम में आँवला के पेड़ में अधिक फूल खिलते हैं, जबकि बरसात (जुलाई से अगस्त) के मौसम में उच्च आर्द्रता की जलवायु फलों की ग्रोथ के लिए हेल्पफुल होती है। अच्छी तरह से ग्रो हो चुका, आँवला का पेड़ 0°C-45°C के टेम्प्रेचर को भी सहन कर सकता है।

खाद और उर्वरक – Best Fertilizer For Grow Amla Plant In Hindi

गमले या ग्रो बैग की मिट्टी (मृदा) में लगे आँवला के पौधे की ग्रोथ के लिए समय-समय पर पुरानी गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट और घर में सब्जियों के छिलकों से बनी जैविक खाद दे सकते हैं। इसके अलावा आप इंडियन गूसबेरी (Amla) में फूल लगने के 2-3 सप्ताह पहले खाद दे सकते हैं, ताकि पौधे में अच्छी तरह से फूल खिलने के बाद फल लग सकें।

(यह भी जानें: पोटेड प्लांट्स के लिए टॉप 10 होममेड जैविक खाद…)

अच्छी क्वालिटी की खाद खरीदने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

कीट और रोग – Control Pest And Diseases In Amla Plant In Hindi

आँवला का पौधा कैटरपिलर, मिली बग्स जैसे कीटों और रस्ट रोग से संक्रमित हो सकता है। रस्ट रोग के कारण आँवला के पौधे के तने, पत्तियों व फलों पर लाल रंग के गोल, अंडाकार धब्बे बन जाते हैं। आप घरेलू कीटनाशकों जैसे नीम तेल, साबुन का स्प्रे आदि का उपयोग करके इन अवांछित कीटों से छुटकारा पा सकते हैं। एक लीटर पानी में 3-4ml नीम तेल और लिक्विड सोप की कुछ बूंदे मिलाएं और इस घोल को स्प्रे पम्प में भरकर पौधे के कीट व रोग ग्रस्त भाग पर छिड़काव करें।

(यह भी जानें: फलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट और उनसे बचाव के तरीके…)

नीम तेल खरीदने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

प्रूनिंग – Amla Plant Pruning In Hindi

आँवला प्लांट की सूख चुकी ,डैमेज, रोगग्रस्त और उलझी हुई ब्रान्चेस को समय-समय पर हटा देना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से पौधा साफ-सुथरा हो जाता और रोग व कीट लगने की संभावना भी कम होती है। इसके अतिरिक्त पौधे से डैमेज भाग हटा देने से पौधे की ऊर्जा व्यर्थ नहीं जाती है, क्योंकि पौधे की जो ऊर्जा (energy ) खराब (damage) भागों में नष्ट हो जाती थी, अब वह पौधे के विकास में उपयोग होती है और फलस्वरूप पौधा हरा-भरा बना रहता है।

(यह भी जानें: गार्डन में पेड़-पौधों की प्रूनिंग कैसे करें, जाने सही तरीका और अन्य बातें…)

पौधे की कटाई-छटाई करने के लिए प्रूनर खरीदने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

मल्चिंग – Mulching Of Amla Plant At Garden In Hindi

स्प्रिंग सीजन (फरवरी-मार्च) के बाद घांस, पत्तों से आँवला प्लांट की मल्चिंग कर देना चाहिए, ताकि गर्मी के महीनों में पौधे की मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी रहे, लेकिन मल्चिंग करने से पौधे की मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी रहती है, जिसके कारण पौधे में कीट व रोग लगने की संभावना होती है, इसलिए समय-समय पर पौधे का निरीक्षण करते रहें।

(यह भी जानें: मल्चिंग क्या है? अपने गार्डन को मल्च कैसे करें…)

आंवला हार्वेस्टिंग टाइम – Amla Fruit Harvesting Time In Hindi

आंवला हार्वेस्टिंग टाइम – Amla Fruit Harvesting Time In Hindi

आमतौर पर बीज लगाने के लगभग 5-8 साल में आंवला के पेड़ में फल आने लगते हैं। मार्च-अप्रैल में आंवला प्लांट में नई पत्तियां और फूल खिलते हैं तथा फल जुलाई से सितंबर के महीने तक आते रहते हैं।

अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions About Amla Plant In Hindi

घर पर गमले या गार्डन की मिट्टी में लगे आँवला के पौधे से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न निम्न हैं, जैसे:

प्रश्न: आँवला का वैज्ञानिक या वानस्पतिक नाम क्या है?

उत्तर:- आंवला का वैज्ञानिक नाम फाइलेन्थस एम्ब्लिका (Phyllanthus emblica) है।

प्रश्न: आंवला की उन्नत किस्में कौन सी हैं Varieties Of Indian Gooseberry Or Amla Plant In Hindi

उत्तर:- इंडियन गूसबेरी या आँवला एक छोटा, गोल और गूदेदार खट्टा फल है, जिसकी प्रमुख किस्में निम्न हैं, जैसे:

  • बनारसी (Banarasi Amla)
  • फ्रांसिस (Francis Amla)
  • चकिया आंवला (chakaiya amla)
  • कृष्णा (Krishna)
  • नरेन्द्र आँवला 5 (NA-5)
  • नरेन्द्र आंवला-9 (NA-9)
  • NA-7
  • NA-10
  • बलवंत, आदि।

प्रश्न: अमला (Indian Gooseberry) में कौन से पोषक तत्व पाये जाते हैं?

उत्तर:- आंवला (अमला) में सबसे ज्यादा विटामिन C, आयरन और कैल्शियम पाया जाता है, इसके अलावा इसमें प्रोटीन, विटामिन E, विटामिन A भी मौजूद होता है।

प्रश्न: आँवला को और किन-किन नामों से जाना जाता है?

उत्तर:- भारत में आँवला (aonla) को धात्रीफल, आमलकी (Amalaki), नेल्ली (Nelli), नेल्लिका (Nellika), अमला (Amla) और उसिरी (Usiri) नामों से जाना जाता है।

प्रश्न: आंवले को इंग्लिश में क्या कहा जाता है?

उत्तर:- इसे इंग्लिश में इंडियन गूसबेरी (Indian Gooseberry) कहा जाता है।

प्रश्न: आंवले का पेड़ (Amla tree) कितने साल में फल देता है?

उत्तर:- आंवले का पेड़ लगभग 5-8 साल में फल देने लगता है।

प्रश्न: आंवला में फल क्यों नहीं आ रहे हैं?

उत्तर:- मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी, पौधे को कम प्रकाश मिलना, पोलिनेशन न हो पाना, आँवला के पेड़ में फल न आने के प्रमुख कारण हैं।

इस आर्टिकल में आपने घर पर आंवला के पौधों को उगाने के बारे में जाना। उम्मीद करते हैं, यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा, यदि इस इस लेख में दी गई जानकारी से सम्बंधित आपका कोई सवाल या सुझाव हो, तो कमेन्ट में लिखकर अवश्य बताएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *