Sitafal Ke Phool Aur Fal Girne Se Rokne Ke Upay In Hindi: सीताफल का पौधा अपने मीठे और हेल्दी फ्रूट्स के लिए जाना जाता है, लेकिन गार्डनर्स की सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह होती है कि पौधे पर आए हुए फ्लॉवर्स और छोटे फ्रूट्स अक्सर टाइम से पहले गिर जाते हैं। इससे प्रोडक्शन कम हो जाता है और मेहनत का रिजल्ट पूरा नहीं मिलता। फ्लॉवर और फ्रूट ड्रॉप होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। अगर पौधे की प्रॉपर केयर की जाए और टाइम टू टाइम कुछ इफेक्टिव स्टेप्स लिए जाएं, तो इस प्रॉब्लम को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि, सीताफल के फूल और फल गिरने के कारण क्या हैं, सीताफल के पौधे से फूल और फल गिरने से कैसे रोकें और सीताफल के पौधे की देखभाल कैसे करें, ताकि आप घर पर ही सीताफल के स्वाद का आनंद ले सकें।
सीताफल के फूल और फल गिरने के कारण – Causes Of Flower & Fruit Drop In Custard Apple In Hindi
- न्यूट्रिएंट डिफिशियंसी – अगर मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश या माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (जिंक, बोरॉन आदि) की कमी हो तो पौधा सही ग्रोथ नहीं करता और फ्लॉवर्स व फ्रूट्स टिक नहीं पाते।
- वॉटर मैनेजमेंट प्रॉब्लम – बहुत ज्यादा पानी या लंबे समय तक सूखा दोनों ही कंडीशन फ्लॉवर और फ्रूट ड्रॉप का कारण बनती हैं। सीताफल को बैलेंस्ड वॉटरिंग चाहिए।
- पेस्ट अटैक – फल छेदक कीट (Fruit borer), मिलीबग्स या एफिड्स पौधे पर अटैक करके फ्लॉवर्स और छोटे फ्रूट्स को डैमेज कर देते हैं, जिससे वे गिर जाते हैं।
- डिज़ीज़ – फंगल डिज़ीज़ जैसे एनथ्रेक्नोज (Anthracnose) और पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew) फूल और फल दोनों को सड़ा देते हैं और गिरा देते हैं।
- वेदर चेंज – अचानक ज्यादा गर्मी, ठंडक, तेज़ हवा या बारिश के कारण पौधे को स्ट्रेस होता है और फ्रूट्स टिक नहीं पाते।
- पोलन ट्रांसफर की कमी – सीताफल के फूलों में नेचुरल पोलिनेशन की कमी हो तो फल अच्छी तरह सेट नहीं होते और छोटे-छोटे फल जल्दी गिर जाते हैं।
- प्लांट हेल्थ वीक – अगर पौधा पहले से ही वीक हो, ज़रूरी प्रूनिंग न हुई हो या पुरानी डालियों पर ज्यादा फ्लॉवर आ गए हों, तो फ्रूट ड्रॉप बढ़ जाता है।
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सीताफल में फूल और फल झड़ना रोकने के प्राकृतिक उपाय – Natural Remedies To Prevent Flower And Fruit Drop In Custard Apple In Hindi
अक्सर आपने देखा होगा कि, जब सीताफल के पौधे में फूल और फल आने लगते हैं जो कुछ दिन बाद अपने आप गिरने भी लगते हैं जिससे फल नहीं मिल पाता। लेकिन यह कोई बड़ी समस्या नहीं है और इसे निम्न उपायों से रोका जा सकता है, जैसे-
1. पौधे को संतुलित खाद दें – Balanced Fertilization in Hindi
सीताफल के पौधे में फ्लॉवर और फ्रूट ड्रॉप का बड़ा कारण न्यूट्रिएंट डिफिशियंसी है। पौधे को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की बराबर मात्रा देना ज़रूरी है। इसके अलावा जिंक, बोरॉन और आयरन जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी बहुत ज़रूरी होते हैं। ऑर्गेनिक मैन्योर जैसे गोबर की खाद और वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल करें ताकि पौधे की प्लांट हेल्थ मजबूत रहे।
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2. पानी की सही व्यवस्था करें – Proper Water Management in Hindi
सीताफल के पौधे में फल गिरने का एक कारण वॉटर स्ट्रेस है। बहुत ज्यादा पानी देने या लंबे समय तक पानी की कमी रखने से पौधे को स्ट्रेस होता है और फ्रूट्स गिर जाते हैं। गर्मियों में नियमित सिंचाई करें और बरसात में वॉटर लॉगिंग से बचाएं। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम सबसे अच्छा है क्योंकि इससे पौधे को संतुलित नमी मिलती रहती है। सही वॉटर मैनेजमेंट से पौधे की ग्रोथ अच्छी होती है और फ्रूट ड्रॉप काफी कम हो जाता है।
3. समय–समय पर प्रूनिंग करें – Timely Pruning Custard Apple plant in Hindi
सीताफल के पौधे की सही शेप और हेल्थ बनाए रखने के लिए प्रूनिंग ज़रूरी है। पुराने, सूखे और डिज़ीज़ से प्रभावित टहनियों को काट दें ताकि नई शाखाओं की ग्रोथ हो सके। प्रूनिंग से पौधे को ज्यादा लाइट और एयर मिलती है, जिससे फूल और फल टिके रहते हैं। अगर पौधे पर बहुत ज्यादा फ्लॉवर्स आ गए हों तो कुछ शाखाओं को ट्रिम करके पौधे पर लोड कम कर दें। इससे एनर्जी बचती है और जो फल लगते हैं वे हेल्दी और स्ट्रॉन्ग रहते हैं।
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4. कीट नियंत्रण पर ध्यान दें – Pest Management in Hindi
सीताफल के पौधों में फल छेदक, मिलीबग्स और एफिड्स जैसे कीट फल और फूलों को नुकसान पहुंचाते हैं। इनके कारण पौधे पर लगे फ्लॉवर्स और छोटे फ्रूट्स गिर जाते हैं। समय-समय पर पौधों की जांच करें और अगर कीट दिखें तो नीम ऑयल स्प्रे या ऑर्गेनिक पेस्टिसाइड्स का उपयोग करें। ज़रूरत पड़ने पर ही केमिकल स्प्रे करें और सही डोज़ का पालन करें। इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (IPM) अपनाने से फल झड़ने की समस्या काफी हद तक कंट्रोल हो जाती है।
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5. रोगों से बचाव करें – Custard Apple Disease Control in Hindi
सीताफल पौधों में फंगल डिज़ीज़ जैसे एनथ्रेक्नोज़ और पाउडरी मिल्ड्यू फ्लॉवर और फ्रूट ड्रॉप का बड़ा कारण हैं। पौधों को समय-समय पर ऑर्गेनिक फंगीसाइड या नीम के अर्क का स्प्रे करें। बरसात के मौसम में पौधों पर ज्यादा नमी न रहने दें क्योंकि फंगल इन्फेक्शन तेजी से फैलता है। डिज़ीज़-फ्री पौधा ज्यादा हेल्दी रहता है और फल बेहतर क्वालिटी के बनते हैं।
6. पोलिनेशन में सुधार करें – Improved Pollination in Hindi
सीताफल के फूलों में नेचुरल पोलिनेशन की कमी होने पर फल अच्छे से सेट नहीं होते और जल्दी गिर जाते हैं। इसलिए पोलिनेशन सुधारने के लिए गार्डन में बी-फ्रेंडली एनवायरनमेंट बनाना चाहिए। हनीबीज़ और दूसरे कीट नैचुरल पोलन ट्रांसफर में मदद करते हैं। अगर जरूरत हो तो आर्टिफिशियल हैंड पोलिनेशन भी किया जा सकता है। अच्छे पोलिनेशन से ज्यादा फ्लॉवर फ्रूट में बदलते हैं और फ्रूट ड्रॉप की समस्या कम हो जाती है।
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7. मौसम से सुरक्षा दें – Weather Protection in Hindi
सीताफल पौधे पर अचानक मौसम बदलने का असर जल्दी पड़ता है। बहुत गर्मी, तेज़ हवा या भारी बारिश के कारण फूल और फल झड़ सकते हैं। गर्मियों में पौधों को मल्चिंग करके मिट्टी की नमी बनाए रखें और तेज़ हवा से बचाने के लिए पौधों के आस-पास सपोर्ट लगाएं। बारिश के मौसम में वॉटर लॉगिंग रोकें। मौसम के बदलाव से पौधे को प्रॉपर प्रोटेक्शन मिलने पर फ्रूट ड्रॉप काफी हद तक कंट्रोल हो जाता है।
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8. हार्मोन स्प्रे का इस्तेमाल करें – Use of Growth Regulators in Hindi
कभी-कभी पौधों पर ज्यादा फ्लॉवर आते हैं और सभी फल में बदल नहीं पाते। ऐसे में हार्मोन या ग्रोथ रेगुलेटर स्प्रे (जैसे NAA या GA3) का सही उपयोग किया जा सकता है। इससे फ्रूट सेटिंग बेहतर होती है और फल गिरने की समस्या कम होती है। हार्मोन स्प्रे का इस्तेमाल एक्सपर्ट की सलाह पर ही करें। यह पौधे की फ्लॉवरिंग और फ्रूटिंग एफिशियंसी को बढ़ाकर ज्यादा पैदावार दिलाता है।
9. पौधे को हेल्दी रखें – Maintain Plant Health in Hindi
एक वीक पौधा कभी ज्यादा फ्लॉवर और फ्रूट्स टिकाकर नहीं रख सकता। इसलिए पौधे की बेसिक हेल्थ पर ध्यान देना जरूरी है। नियमित खाद-पानी, मल्चिंग और मिट्टी को ढीला रखना पौधे को स्ट्रॉन्ग बनाता है। हेल्दी पौधा ज्यादा डिज़ीज़ रेसिस्टेंट होता है और फल भी बेहतर क्वालिटी के आते हैं। अगर पौधा स्ट्रॉन्ग रहेगा तो फूल और फल ड्रॉप की प्रॉब्लम अपने आप कम हो जाएगी।
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10. सही समय पर फल तोड़ें – Timely Custard Apple Harvesting in Hindi
कभी-कभी पौधे पर ज्यादा पके हुए फल लंबे समय तक रहने से नए फूल और फल गिरने लगते हैं। इसलिए टाइम टू टाइम हार्वेस्टिंग करना ज़रूरी है। सीताफल को पूरी तरह पकने से पहले ही तोड़ लेना बेहतर रहता है ताकि पौधे पर एनर्जी बची रहे और नए फल सही तरीके से सेट हो सकें। सही समय पर हार्वेस्टिंग करने से पौधे की प्रोडक्टिविटी बढ़ती है और फ्लॉवर-फ्रूट ड्रॉप की प्रॉब्लम भी कंट्रोल हो जाती है।
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निष्कर्ष:
सीताफल का पौधा सही देखभाल और मैनेजमेंट से बेहतरीन पैदावार दे सकता है। फूल और फल गिरने की समस्या आम है, लेकिन अगर गार्डनर्स समय पर न्यूट्रिएंट सप्लाई, प्रॉपर वॉटर मैनेजमेंट, कीट व रोग नियंत्रण, और सही पोलिनेशन पर ध्यान दें, तो इस प्रॉब्लम को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
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