देसी, हाइब्रिड और जीएमओ बीज में क्या अंतर है, जानें पूरी जानकारी – Difference Between Open-Pollinated, Hybrid And GMO Seeds In Hindi 

आज के समय में नए बीज केवल 3 तरीकों से पैदा किये जाते हैं। पहला तरीका है, पहले से लगे पुराने पौधे से देसी बीज (Desi/Open Pollinated Seeds) प्राप्त करना। दूसरा तरीका है 2 पौधों के बीच परागण (pollination) कराकर संकर या हाइब्रिड बीज (Hybrid Seeds) बनाना। तीसरा तरीका है प्रयोगशाला में किसी पौधे, जीव या बैक्टीरिया के डीएनए को निकालकर किसी अन्य पौधे के डीएनए में डालकर जीएम बीज (Gm Seeds) तैयार करना। देसी बीज तैयार करने का तरीका परंपरागत और बहुत पुराना है, जबकि हाइब्रिड बीज और जीएम बीज बिलकुल नई तकनीक (Genetic Technology) से बनाये जाते हैं। इन तीनों तरीकों से प्राप्त किये गये बीजों के अपने-अपने फायदे, नुकसान और उपयोग होते हैं, जिनके बारे में आप आज के इस लेख में जानेंगे।

देसी, जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएमओ) और हाइब्रिड बीज क्या होते हैं, ये कैसे बनते हैं, इन बीजों के बीच में क्या अंतर होता है और इनके उपयोग, फायदे, नुकसान और उपलब्धता के बारे में जानने के लिए यह लेख लास्ट तक जरूर पढ़ें।

देसी या ओपन पोलिनेटेड बीज क्या होता है – What Is Open Pollinated Seeds In Hindi

देसी या ओपन पोलिनेटेड बीज क्या होता है - What Is Open Pollinated Seeds In Hindi

ओपन पोलिनेटेड बीज को साधारण भाषा में “देसी बीज” कहा जाता है। इन्हें हेयरलूम बीजों (Heirloom seeds) के नाम से भी जाना जाता है। ये वे बीज होते हैं, जिन्हें काफी समय से उगाया जा रहा है और हर बार इन बीज से उगे पौधों में से बीज निकालकर, उन्हें दोबारा लगा दिया जाता है। कुल मिलाकर देसी बीज उन बीजों को कहा जाता है, जो पहले से लगे पौधे के फल या फूल से निकाले जाते हैं।

उदाहरण के लिए, अक्सर हम घर पर लगे अमरूद, गेंदा, टमाटर, सेम (Beans) आदि पौधे के फल या फूल से बीज बचा लेते हैं और उन्हें सुखाकर फिर से मिट्टी में लगा देते हैं, ताकि नया पौधा तैयार हो सके। इन बीजों को ही देसी बीज (Desi/Open Pollinated Seeds) कहा जाता है। देसी बीजों के कई फायदे होते हैं, जैसे कि इन्हें बार-बार बुआई में प्रयोग किया जा सकता है, इनसे प्राप्त उपज अधिक स्वादिष्ट एंव पौष्टिक होती है और साल-दर-साल आप इन बीजों को बचा सकते हैं, आपको फिर से नए बीज नहीं खरीदने पड़ते हैं।

हाइब्रिड या संकर बीज क्या होते हैं – What Are Hybrid Seeds In Hindi

हाइब्रिड या संकर बीज क्या होते हैं - What Are Hybrid Seeds In Hindi 

एक ही प्रकार के पौधे (जैसे टमाटर-टमाटर) की 2 या 2 से अधिक किस्मों के परागकणों (Pollen) को आपस में मिलाकर अर्थात नियंत्रित पोलीनेशन कराकर जो बीज (Seed) बनाये जाते हैं, उन्हें ही संकर बीज या हाइब्रिड बीज (hybrid seeds) कहा जाता है। संकरण (hybridization) में एक किस्म के नर फूलों (Male Flowers) के पराग (Pollen) को लेकर दूसरी किस्म के मादा फूल (Female Flower) पर ट्रांसफर किया जाता है। इससे मादा फूल परागित (Pollinated) हो जाता है। परागित होने के बाद, फल बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस फल के अन्दर जो बीज पैदा होते हैं, उन्हें ही संकर या हाइब्रिड बीज कहा जाता है। कुल मिलाकर वे बीज जो 2 पौधों के बीच नियंत्रित परागण (Cross Pollination) कराने से प्राप्त होते हैं, उन्हें संकर बीज (Hybrid Seeds) कहा जाता है।

हाइब्रिड बीजों के भी कई फायदे होते हैं जैसे, इनमें मूल पौधों के गुण मौजूद होते हैं, ये बीज मूल पौधे की तुलना में अधिक उपज देते हैं और इनकी रोग व कीटों से लड़ने की क्षमता अधिक होती है।

(और पढ़ें: हाइब्रिड बीज क्या होता है और कैसे बनता है, जाने पूरी जानकारी…)

जीएमओ या जेनेटिकली मोडिफाइड बीज क्या होते हैं – What Are Genetically Modified (Gmo) Seeds In Hindi 

GMO का फुल फॉर्म (Full Form) जेनेटिकली मॉडिफाइड ऑर्गेनिज्म (Genetically Modified Organism) होता है।

किसी भी पौधे, जीव या बैक्टीरिया के जीन (DNA) को अन्य पौधों में डालकर पौधे की एक नई किस्म बनाई जाती है, इस किस्म से जो बीज तैयार होते हैं, उन्हें आनुवंशिक रूप से संशोधित बीज या जेनेटिकली मॉडिफाइड बीज यानि जीएम (GM Seeds) कहा जाता है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में जेनेटिक इंजीनियरिंग तकनीक का सहारा लिया जाता है। आइये जीएम बीज बनाने की विधि जानते हैं:

सबसे पहले वैज्ञानिक ऐसे गुण की तलाश करते हैं, जो वो पौधे में चाहते हैं। जैसे मक्के के पौधे को कीट-रोधी बनाना है, ताकि कीटनाशक का ज्यादा उपयोग न करना पड़ें, तो कीटरोधी एक गुण है, जो वे पौधे में चाहते हैं। इसके बाद वैज्ञानिक ऐसे जीव, पौधे या बैक्टीरिया का पता लगाते हैं, जिसमें यह खास गुण (कीट-रोधी) होते हैं। फिर वैज्ञानिक उस जीव, पौधे या बैक्टीरिया से जीन को निकालते हैं और उसे उस पौधे (मक्का) के डीएनए में डाल देते हैं, जिसे वे कीट-रोधी बनाना चाहते हैं। इसके बाद लैब में उस पौधे को ग्रो होने दिया जाता है। यदि पौधा कीट-रोधी बन जाता है, तब उसे ग्रीनहाउस में और फिर छोटे खेत या गार्डन में, इसके बाद आखिर में बड़े खेत में उगाया जाता है। इस तरह जीएम बीज (GM Seeds) लैब में तैयार किये जाते हैं।

(और पढ़ें: जेनेटिकली मोडिफाइड (GM) बीज क्या होते हैं, जानिए इनके फायदे और नुकसान…)

देसी बीज, हाइब्रिड और जीएमओ बीज में अंतर – Open-Pollinated, Hybrid Vs Gmo Seeds In Hindi 

देसी बीज, हाइब्रिड और जीएमओ बीज में अंतर - Open-Pollinated, Hybrid Vs Gmo Seeds In Hindi 

आइये जानते हैं देसी बीज, जीएम बीज और हाइब्रिड बीज के बीच में क्या अंतर है:

अंतर

देसी/ओपन पोलिनेटेड बीज
हाइब्रिड बीज

जीएमओ बीज (GM सीड्स)

निर्माण
इन बीजों को पहले से लगे पौधों से प्राप्त किया जाता है।
2 पौधों के बीच परागण कराकर हाइब्रिड बीजों का निर्माण किया है।
किसी पौधे, जीव या बैक्टीरिया के जीन को मुख्य पौधे के डीएनए में डालने से इन बीजों का निर्माण होता है।
उत्पादन
देसी बीजों से पैदावार थोड़ी कम होती है।
हाइब्रिड बीजों से पैदावार अधिक मिलती है।
जीएम बीजों से भी पैदावार अधिक मात्रा में मिलती है।
स्वाद 
देसी बीज से प्राप्त उपज अधिक स्वादिष्ट होती है।
उपज कम स्वादिष्ट होती है।
उपज कम स्वादिष्ट होती है।
कीमत
बीज बहुत सस्ते में मिल जाते हैं।
हाइब्रिड बीज, देसी बीज की तुलना में महंगे मिलते हैं।
जीएम बीज बहुत महंगे मिलते हैं।
उपलब्धता
दुकान या ऑनलाइन गार्डन स्टोर पर बीज उपलब्ध हैं।
बीज ऑनलाइन या बीज भंडार दुकान पर मिल जाते है।
केवल रुई (Cotton) के अलावा कोई भी GM बीज भारत में अभी उपलब्ध नहीं हैं।
इस्तेमाल
ये बीज बार-बार इस्तेमाल किये जाते हैं। यानि बीज से पौधे उगाकर, उनसे पुनः बीज निकाले जा सकते हैं।
हाइब्रिड बीज दोबारा इस्तेमाल लायक नहीं होते हैं। यानि हाइब्रिड बीज को लगाने के बाद पौधे से जो नए बीज बनेंगे, उन्हें दोबारा उगाने से उतनी उपज नहीं मिलती है। इस वजह से इन्हें हर बार इस्तेमाल करने के लिए खरीदना पड़ता है।
हर बार इस्तेमाल करने के लिए नए जीएम बीज खरीदने पड़ते हैं।
कीट-प्रतिरोधी 
कीटों और रोगों के प्रति ये बीज अधिक संवेदनशील होते हैं, यानि इनमें कीट जल्दी लग जाते हैं।
यह बीज कीट प्रतिरोधी होते हैं।
यह कीट और रोग प्रतिरोधी होते हैं।
संग्रहण
देसी बीजों को लम्बे समय तक ठंडी, सूखी और अँधेरी जगह पर संगृहीत किया जा सकता है।
हाइब्रिड बीजों को देशी बीजों की तुलना में अधिक समय तक स्टोर करके नहीं रखा जा सकता है।
जीएम बीजों को भी अधिक समय तक स्टोर करके नहीं रखा जा सकता है।

देसी, हाइब्रिड और जीएम बीज के फायदे और नुकसान – Pros And Cons of Open-Pollinated, Hybrid And GM Seeds in Hindi

अंतर 

देसी बीज
हाइब्रिड बीज   

जीएमओ बीज

फायदे
बीज सस्ते में मिल जाना और प्राप्त उपज स्वादिष्ट होना, देसी बीज के सबसे प्रमुख फायदे हैं।
हाइब्रिड बीज से उगे पौधे में कीट या रोग आसानी से नहीं लगते हैं, जिससे उपज में बढ़ोत्तरी होती है और कीटनाशक पर खर्च होने वाला पैसा बच जाता है।
इन बीजों से उगाये गए पौधे रोग और कीट प्रतिरोधी, सूखा-रोधी होते हैं और अन्य बीजों के मुकाबले ये अधिक उपज देते हैं।
नुकसान 
कीट या रोग जल्दी लग जाते हैं, जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है।
हर बार नए पौधे उगाने के लिए नए हाइब्रिड बीज खरीदना पड़ता है।
बीज महंगे होते हैं और हर बार पौधे उगाने के लिए नए बीज खरीदने पड़ते हैं। इन बीजों से प्राप्त उपज को खाने से शरीर में एलर्जी होने का खतरा भी रहता है।

देसी या हाइब्रिड बीज कहां से खरीदें – Where To Buy Desi And Hybrid Seeds Online In Hindi

आप Organicbazar.Net ई-कॉमर्स वेबसाइट से फल, फूल, सब्जियों व हर्ब के हाइब्रिड और देसी बीज खरीद सकते हैं। यहां आपको कई सारे पौधों के बीज (Hybrid Beej) आसानी से मिल जाएंगे।

(यह भी जानें: होम गार्डन के लिए बेस्ट सब्जियों के बीज और खरीदने की जानकारी…..)

इस लेख में आपने जाना कि देसी, हाइब्रिड और जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) बीज क्या होते हैं, इन बीजों के बीच क्या अंतर होता है, और इनके फायदे-नुकसान और उपयोग क्या हैं? देसी बीज, हाइब्रिड बीज और जीएमओ बीज के बीच अंतर वाले इस लेख से जुड़ा आपका कोई सवाल और सुझाव हो तो, आप उसे कमेन्ट के माध्यम से हमें बता सकते हैं।

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