How To Protect Brinjal Plants From Insects/Pest In Hindi: घर की छत या आंगन में सब्ज़ियाँ उगाना आजकल एक खूबसूरत आदत बन चुकी है, और अगर आप भी अपने टेरेस या होम गार्डन में बैंगन लगा रहे हैं तो यह जानना जरूरी है कि बैंगन में लगने वाले कीट पौधों के लिए कितने हानिकारक हो सकते हैं। ये छोटे-छोटे कीट पत्तियों, फूलों और फलों को नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे पौधे का विकास रुक जाता है और उत्पादन घट जाता है। ऐसे में हर गार्डनर के मन में सवाल उठता है कि — बैंगन के पौधे में कीट नियंत्रण कैसे करें, ताकि पौधा स्वस्थ और हरा-भरा बना रहे।
सच तो यह है कि बैंगन को कीटों से बचाना मुश्किल नहीं है, बस सही समय पर पहचान और सही उपाय अपनाने की जरूरत होती है। इस लेख में आप जानेंगे कि, कौन-कौन से कीट बैंगन को नुकसान पहुंचाते हैं और बैंगन को कीटों से बचाने के तरीके क्या हैं, ताकि आपका गार्डन हमेशा हरा-भरा और पूरी तरह सुरक्षित रहे।
बैंगन के कीट और बचाव के तरीके – Brinjal Plant Pests And Prevention In Hindi
बैंगन (Brinjal) की सब्जी किसको पसंद नहीं होती, लेकिन इसमें कई प्रकार के कीट लग जाते हैं जो पौधों को बहुत नुकसान पहुँचाते हैं और हमें सही बैंगन खाने को नहीं मिल पाते। ये कीट पत्तियों, फूलों और फलों को खराब कर देते हैं, जिससे उत्पादन घट जाता है। चलिए जानते हैं बैंगन (eggplant) में लगने वाले कीट और रोकने के उपाय, जो कि इस प्रकार हैं-
1. फल छेदक कीट (Fruit Borer)
यह कीट पौधे की कोमल डालियों और फलों में छेद कर अंडे देता है। इस कीट का लार्वा फलों के अंदर घुसकर उन्हें अंदर से खा जाते हैं। जिसकी वजह से फल सड़ जाते हैं और बाजार में बिकने लायक नहीं रहते। साथ ही बैंगन का उत्पादन भी कम हो जाता है।
नियंत्रण के उपाय:
- संक्रमित फलों और शाखाओं को तुरंत हटा दें।
- बैंगन के पौधों के पास फेरोमोन ट्रैप लगाएँ।
- नीम आधारित कीटनाशक का छिड़काव करें।
- आवश्यकता हो तो स्पिनोसैड या क्लोरेंट्रानिलिप्रोल का उपयोग करें।
- फसल चक्र अपनाएं।
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2. तना छेदक कीट (Stem Borer)
यह कीट पौधे के तने में छेद करके अंडे देता है और अंदर की लकड़ी खा जाता है, जिसके कारण शाखाएँ मुरझाने लगती हैं और पौधे का विकास रुक जाता है। कई बार पूरा ब्रिंजल प्लांट सूख भी जाता है।
नियंत्रण के उपाय:
- प्रभावित तनों को काटकर अलग करें।
- पौधों के पास साफ-सफाई रखें, ताकि कीटों को छुपने के लिए जगह न मिले।
- नीम की खली या गोमूत्र का छिड़काव करें।
- जैविक नियंत्रण के लिए Trichogramma chilonis परजीवी का प्रयोग करें।
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3. माहू (Aphids)
एफिड छोटे हरे या काले रंग के कीट होते हैं, जो पत्तियों का रस चूसते हैं। एफिड्स के कारण पौधे की पत्तियाँ मुड़ जाती हैं और पीली पड़ने लगती हैं। पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है। इसके अलावा यह कीट वायरस रोगों को भी फैलाते हैं।
नियंत्रण के उपाय:
- नीम तेल का छिड़काव करें (5 ml प्रति लीटर पानी)।
- चिपकने वाले स्टिकी ट्रैप लगाएँ, जिसे आप organicbazar.net से ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
- आप पानी की तेज धार से भी इन कीटों को हटा सकते हैं, लेकिन पौधों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
4. सफेद मक्खी (White fly)
सफेद रंग की मक्खियाँ पत्तियों के नीचे अंडे देती हैं और रस चूसती हैं। पत्तियाँ सिकुड़ जाती हैं और पौधा कमजोर हो जाता है। यह कीट भी पत्तियों में “सूट मोल्ड” (काला फफूंद) पैदा करता है। इसके अलावा यह वायरस रोगों जैसे लीफ कर्ल आदि का वाहक भी है।
नियंत्रण के उपाय:
- क्षति ग्रस्त पत्तियों को हटा दें। आप कपड़े से भी पौधे को साफ कर सकते हैं।
- नीम तेल को पानी में मिलाकर पौधे पर छिड़काव करें।
- नीली, पीली ट्रैप लगाएँ और गार्डन को साफ रखें।
- नियमित रूप से गार्डन की निगरानी करें।
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5. थ्रिप्स (Thrips)
थ्रिप्स कीट भी बहुत छोटे छोटे होते हैं, जो ब्रिंजल की पत्तियों और फूलों का रस चूसते हैं। जिससे पत्तियाँ मुड़ जाती हैं और धब्बे बन जाते हैं। कमजोर होकर फूल झड़ने लगते हैं और जिसके कारण फल कम लगते हैं।
नियंत्रण के उपाय:
- नीम तेल 5 ml प्रति लीटर पानी के साथ छिड़कें।
- गार्डन में नमी बनाए रखें, क्योंकि यह कीट सूखे में तेजी से बढ़ते हैं।
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6. लीफ माइनर कीट (Leaf Miner Insects)
यह कीट पत्तियों के अंदर सुरंग बनाकर खाता है। लीफ माइनर कीट के कारण पत्तियों पर सफेद या भूरे रंग की लकीरें दिखती हैं। इस कीट के संक्रमण से पौधे की प्रकाश संश्लेषण क्षमता कम हो जाती है।
नियंत्रण के उपाय:
- संक्रमित पत्तियाँ तोड़कर जला दें।
- संक्रमित पौधे के ऊपर नीम तेल या अबामेक्टिन का छिड़काव करें।
- बैंगन के आस-पास या चारों ओर नीली, पीली चिपकने वाली ट्रैप लगाएँ।
7. लाल मकड़ी (Red Spider Mite)
यह बहुत छोटे लाल कीट होते हैं, जो पत्तियों के नीचे जाल बनाते हैं और रस चूसते हैं। पत्तियाँ पीली और सूखी दिखने लगती हैं। ब्रिंजल प्लांट कमजोर हो जाता है, जिसके कारण फ्रूटिंग कम हो जाती है।
नियंत्रण के उपाय:
- पानी का हल्का छिड़काव करें ताकि नमी बनी रहे, क्योंकि ये कीट सूखे वातावरण में तेजी से पनपते हैं।
- नीम के पानी का स्प्रे करें।
- जैविक कीटनाशक जैसे वर्टिसिलियम लेकानी (Verticillium lecanii) का उपयोग करें।
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8. बैंगन का जैसिड कीट (Jassids Pest)
यह कीट पत्तियों का रस चूसता है, जिससे पत्तियाँ किनारों से सूखने लगती हैं और पीली पड़ जाती हैं। पौधा कमजोर होने से फ्रूटिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
नियंत्रण के उपाय:
- नीम आधारित कीटनाशक का प्रयोग करें।
- गार्डन के पौधों को रोजाना चेक करें।
- उर्वरक या पानी का बहुत ज्यादा उपयोग करने से बचें।
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9. हड्डा बीटल (Hadda Beetle)
यह अर्ध गोल आकार का लाल या नारंगी रंग का कीट है, जिसके पंखों पर काले धब्बे होते हैं। यह पत्तियों की ऊपरी परत को खुरचकर खाता है, जिससे पत्तियाँ जालीदार हो जाती हैं। पत्तियाँ सूख जाती हैं और पौधा कमजोर पड़ जाता है। फल विकास रुक जाता है। यह कीट पूरे गार्डन में तेजी से फैल सकता है, खासकर गर्म मौसम में।
नियंत्रण के उपाय:
- संक्रमित पत्तियाँ तोड़कर नष्ट करें।
- नीम तेल (5 ml प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें।
- बहुत अधिक कीट संक्रमण होने पर मैलाथियॉन (2 ml/लीटर) या इमिडाक्लोप्रिड (0.3 ml/लीटर) का छिड़काव करें।
- गार्डनिंग साफ रखें और खरपतवार न बढ़ने दें।
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10. हॉर्नवॉर्म कीट (Hornworm Insect)
हॉर्नवॉर्म एक बड़ी हरी इल्ली होती है, जिसके पीछे की ओर एक “कांटा” जैसा भाग (horn) होता है, इसलिए इसका नाम हॉर्नवॉर्म पड़ा है। यह कीट मुख्य रूप से बैंगन, टमाटर और मिर्च जैसे पौधों में पाया जाता है। यह पत्तियों, फूलों और फलों को खाकर पौधे को गंभीर नुकसान पहुँचाता है। अधिक प्रकोप होने पर पूरा पौधा कमजोर और खराब हो जाता है।
नियंत्रण के उपाय:
- पौधों की नियमित जाँच करें और हॉर्नवॉर्म इल्ली को हाथ से हटाकर नष्ट करें।
- नीम तेल (5 ml प्रति लीटर पानी) या नीम आधारित स्प्रे का प्रयोग करें।
- रात में रोशनी वाले ट्रैप (Light Trap) लगाएँ, ताकि वयस्क पतंगे पकड़े जा सकें।
- गंभीर स्थिति में स्पिनोसैड या इमामेक्टिन बेंजोएट का छिड़काव करें।
निष्कर्ष:
बैंगन के पौधों को कीटों से बचाने के लिए समय पर पहचान, नीम तेल का उपयोग और नियमित निगरानी सबसे जरूरी है। आप अपने पौधों को कीटों से आसानी से सुरक्षित और स्वस्थ रख सकते हैं। इस लेख से रिलेटेड आपके सुझाव हों, तो कमेंट में जरूर बताएं। ऐसे ही इनफॉर्मेटिव लेख पढ़ने के लिए organicbazar.net वेबसाइट पर विजिट करें।
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