Karele Ki Size Badhane Ke Liye Kya Kare: आजकल बहुत लोग घर की छत, बालकनी या छोटे किचन गार्डन में गमले में करेला उगाना पसंद कर रहे हैं ताकि ताजी, हेल्दी और केमिकल फ्री सब्जी मिल सके। करेले का पौधा जल्दी बढ़ता है और बेल में हरे-हरे करेलों को देखकर गार्डनर खुश हो जाते हैं। लेकिन कई बार गमले में करेला लगने के बाद भी वह छोटा रह जाता है, बढ़ नहीं पाता या जल्दी पीला होकर गिर जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। समय पर सही कारणों को पहचान कर समस्या का समाधान करने पर करेले की साइज बढ़ने लगती है।
इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि बेल में करेला फल छोटा क्यों रह गया, करेला छोटा होने का कारण और करेला छोटा होने पर क्या करें या करेले का साइज कैसे बढ़ाएं, ताकि आपकी मेहनत सफल हो और आपकी बालकनी या छत से भी भरपूर बड़े-बड़े करेला मिल सके। तो चलिए जानते हैं कि, करेले की बेल में फल छोटा क्यों रह जाता है और उसे ठीक कैसे करें?
पेड़ में लगा करेला छोटा रह जाने के कारण – Reasons why bitter gourd on the vine remains small in Hindi
करेले में फल लगने के दौरान कई तरह की समस्याएं आती हैं, जिससे करेले की ग्रोथ कम हो सकती है। इसमे में कुछ कारण नीचे दिए गए हैं-
- पानी की कमी (Lack of Water) – करेले का प्लांट सही ग्रोथ और फल बढ़ाने के लिए नियमित नमी चाहता है। पानी की कमी होने पर बेल कमजोर हो जाती है और फल बढ़ नहीं पाते।
- मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी (Nutrient Deficiency) – गमले या जमीन की मिट्टी में अगर नाइट्रोजन, पोटाश या ऑर्गेनिक खाद की कमी हो तो करेला छोटा रह जाता है।
- असमान सिंचाई (Uneven Watering) – कभी ज्यादा पानी और कभी सूखा रहने से जड़ें कमजोर होती हैं और फल सही आकार नहीं ले पाते।
- धूप की कमी (Lack of Sunlight) – करेले की बेल को दिन में कम से कम 6–7 घंटे सीधी धूप चाहिए, वरना फल छोटे रह जाते हैं।
- बेल को सहारा न देना (No Proper Support) – करेले की बेल को चढ़ने के लिए मजबूत सपोर्ट न मिलने से ग्रोथ रुक जाती है और फल अच्छे से नहीं बढ़ते।
- कीट और रोग का प्रकोप (Pest and Disease Attack)- करेले पर फल मक्खी, थ्रिप्स या पाउडरी मिल्ड्यू जैसे रोग लग जाएं तो फल बढ़ना बंद हो जाते हैं।
- सही समय पर तोड़ाई न करना (Late Harvesting) – करेला सही समय पर तोड़ें, देर करने पर बेल कमजोर होती है और नए फल का आकार छोटा रह जाता है।
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करेले की साइज बढ़ाने के लिए करें ये उपाय – To increase bitter gourd size, follow these tips in Hindi
करेला उगाते समय अक्सर ऐसा होता है कि करेला उतनी ग्रोथ नहीं करता, जितनी हमें उम्मीद होती है। अगर ऐसा हो तो आपको निम्न उपाय करना चाहिए-
1. नियमित और संतुलित पानी दें – Regular and Balanced Watering in Hindi
करेले की बेल को बढ़ने और फल लंबा करने के लिए नियमित और संतुलित पानी सबसे जरूरी है। गमले में मिट्टी जल्दी सूख जाती है, इसलिए हल्की सिंचाई बार-बार करनी चाहिए। बहुत ज्यादा पानी जमा होने पर जड़ें सड़ सकती हैं और फल गिर सकते हैं। इसलिए ड्रेनेज सही रखें। खेत में भी बारिश न हो तो हफ्ते में कम से कम दो बार हल्की सिंचाई करें। पानी की सही व्यवस्था से बेल हरी रहेगी और करेले का साइज अच्छा होगा।
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2. अच्छी मिट्टी और जैविक खाद का इस्तेमाल करें – Use Good Soil and Organic Manure in Hindi
गमले या खेत में करेला तभी लंबा और हरा होगा जब मिट्टी में पर्याप्त पोषक तत्व होंगे। इसके लिए गोबर की सड़ी खाद, वर्मी कम्पोस्ट और राख मिलाएं। मिट्टी ढीली और भुरभुरी होनी चाहिए ताकि जड़ें फैल सकें। गमले में हर महीने थोड़ी जैविक खाद डालते रहें। इससे पौधे को निरंतर पोषण मिलता रहेगा और फल अच्छे से बढ़ते हैं। मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर होगी तो बेल मजबूत और फल बड़े होंगे।
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3. बेल को मजबूत सहारा दें – Provide Strong Support in Hindi
करेले की बेल को चढ़ने के लिए क्रीपर नेट, ट्रेली, जाली या बांस का सहारा जरूर दें। बिना सपोर्ट के बेल जमीन पर फैलेगी, जिससे हवा और धूप नहीं मिलेगी और फल सही से नहीं बढ़ेंगे। बेल को ऊपर चढ़ाने से फल लटक कर बढ़ते हैं और जल्दी सड़ते भी नहीं हैं। गमले में करेला उगा रहे हैं तो रस्सी या लोहे के तार से भी सपोर्ट दे सकते हैं। मजबूत सपोर्ट से बेल स्वस्थ और फल लंबा होता है।
4. 6-7 घंटे की धूप में रखें – Keep in 6-7 Hours of Sunlight in Hindi
करेला गर्मी और सीधी धूप पसंद करता है। अगर गमले में उगा रहे हैं तो ऐसी जगह रखें जहां दिन में कम से कम 6-7 घंटे तेज धूप पड़े। कम धूप मिलने पर बेल कमजोर होगी और फल छोटे रह जाएंगे। छांव वाली जगह या ज्यादा गीली जगह पर बेल में फूल और फल कम लगते हैं। छत, बालकनी या खुले आंगन में गमला रखें ताकि सूरज की रोशनी सीधी पहुंचे और करेला हरा, लंबा और स्वादिष्ट हो।
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5. नाइट्रोजन और पोटाश युक्त खाद दें – Apply Nitrogen and Potash Fertilizer in Hindi
करेले के पौधे को फूल और फल आने के समय खास पोषण चाहिए। इसके लिए नाइट्रोजन और पोटाश देना जरूरी है। खेत या गमले में यूरिया या गोबर खाद में पोटाश मिलाकर डालें। फूल आने से पहले 1-2 बार छिड़काव भी कर सकते हैं। इससे बेल मजबूत बनेगी, फूल झड़ेंगे नहीं और फल लंबा और मोटा होगा। पोषक तत्वों का संतुलन सही रहेगा तो करेला जल्दी बड़ा होगा और उत्पादन भी बढ़ेगा।
6. कीट और रोग नियंत्रण करें – Control Pests and Diseases in Hindi
करेले की बेल को फल मक्खी, थ्रिप्स और पाउडरी मिल्ड्यू जैसे रोग कमजोर कर देते हैं। इससे फल बढ़ना रुक जाता है और छोटे रह जाते हैं। गमले में नीम का घोल, लहसुन-अदरक का अर्क या जैविक कीटनाशक छिड़कें। समय-समय पर बेल और पत्तियों की जांच करें। संक्रमित पत्ते हटा दें। खेत में भी कीट नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप लगाएं। कीट और रोग नियंत्रण से बेल स्वस्थ रहती है और फल बढ़ता है।
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7. समय पर तुड़ाई करें – Harvest at Right Time in Hindi
करेले को सही समय पर तोड़ना जरूरी है। बहुत देर से तोड़ने पर बेल कमजोर हो जाती है और नए फल छोटा रह जाते हैं। आमतौर पर फूल आने के 8–10 दिन बाद करेला तोड़ लेना चाहिए। इससे बेल पर नए फूल और फल जल्दी बढ़ते हैं। गमले में उगाए करेले को भी ज्यादा देर न छोड़ें। सही तुड़ाई से बेल को ज्यादा ऊर्जा नहीं लगानी पड़ती और लगातार हरे, लंबे करेले मिलते रहते हैं।
8. ज्यादा पौधे एक साथ न लगाएं – Avoid Overcrowding in Pots in Hindi
गमले में एक ही पौधा लगाएं ताकि बेल को पूरा पोषण, जगह और हवा मिले। ज्यादा पौधे लगाने से मिट्टी में पोषक तत्व कम पड़ जाते हैं और बेल कमजोर हो जाती है। जगह कम होने पर बेल को सपोर्ट देने में भी दिक्कत होती है। इसलिए हमेशा 12-15 इंच के गमले में एक ही बेल रखें और उसे खुली जगह दें। इससे बेल अच्छी बढ़ेगी और फल लंबे और हरे मिलेंगे।
निष्कर्ष:
करेला उगाना जितना आसान दिखता है, उतनी ही इसके अच्छे विकास और उत्पादन के लिए सही देखभाल जरूरी होती है। गमले में करेला छोटा रह जाने की समस्या पानी, पोषण, धूप और देखभाल की कमी के कारण होती है, लेकिन समय पर हल निकालकर इससे बचा जा सकता है। नियमित सिंचाई, जैविक खाद, पर्याप्त धूप, मजबूत सपोर्ट और कीट-रोग नियंत्रण जैसे उपाय अपनाने से करेला लंबा, हरा और स्वस्थ बनता है।
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