एक ही गमले में काफी लम्बे समय तक लगे रहने से पौधे खराब होने लगते हैं। पौधों की जड़ें गमले में से बाहर निकलने लगती हैं, मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और पौधे की ग्रोथ भी स्लो हो जाती है। ऐसे में यह पौधों को रिपॉट करने का समय होता है। बहुत से तेजी से बढ़ने वाले पौधों को भी हर कुछ महीनों में बड़े गमले और नई मिट्टी में लगाने की जरूरत पड़ती है। पौधे को दूसरे गमले में ट्रांसफर कब करें या पौधों को रिपॉट करने के संकेत क्या हैं? जैसे सवाल आपके मन में भी हैं, तो यह लेख एकदम आपके लिए ही है। पौधों (प्लांट) को रिपॉट कब करें, इसकी जानकारी पता करने और प्लांट्स की रिपॉटिंग का सही समय और सही तरीका जानने में यह लेख आपके बहुत काम का साबित होगा, इसीलिए इसे लास्ट तक जरूर पढ़ें।
प्लांट कब रिपोट करना चाहिए – When Should I Repot A Plant In Hindi
घर पर गमले में लगे हाउसप्लांट या अन्य पौधे को सही समय पर रिपॉट करना जरूरी होता है। पौधों को सही समय पर रिपोट करने से ही उनकी ग्रोथ अच्छी होती है। आपको प्लांट्स की रिपॉटिंग तभी करनी चाहिए, जब पौधे में आपको निम्न संकेत नजर आ रहे हों:
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जब मिट्टी तेजी से सूख रही हो – Repot A Plant If Soil Is Drying Out Faster Than Usual In Hindi
अगर आपके पौधों की मिट्टी जरूरत से ज्यादा तेजी से सूख जाती है, तो आपको ऐसे में पौधे को नई मिट्टी में लगाने यानि रिपॉट करने की जरूरत पड़ सकती है। यदि गमले में लगा पौधा तेज धूप वाली जगह पर रखा है और उसकी मिट्टी रेतीली है, तो उसमें से पानी तेजी से बाहर निकल जाता है और मिट्टी जल्दी सूख जाती है। इस स्थिति में पौधे को ऐसी मिट्टी में लगाने की जरूरत होती है, जो अच्छी जल निकासी के साथ नमी को भी बनाये रखती हो। इस तरह की मिट्टी तैयार करने के लिए आप सामान्य मिट्टी में कोकोपीट और वर्मीकुलाईट मिला सकते हैं। कोकोपीट और वर्मीकुलाईट में अपने वजन से कई गुना ज्यादा पानी सोखने की क्षमता होती है।
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अगर जड़ें ड्रेनेज होल से बाहर निकल रही हों – If Plant Roots Growing Out Of Drainage Holes In Hindi
पौधे को रिपॉट करने का समय जानना है, तो इसके लिए अपने पौधे के गमले को नीचे (bottom) से देखें। यदि आप अपने हाउसप्लांट या आउटडोर पौधे की जड़ों को गमले के ड्रेनेज होल से बाहर निकलते हुए देखते हैं, तो यह पौधे को रिपॉट करने का समय है। जब पौधा एक ही गमले में लम्बे समय तक लगा रहता है, तो इससे पौधे की जड़ें गमले के अंदर बहुत अधिक बढ़ जाती हैं और वे ड्रेनेज होल से बाहर निकलने लगती हैं। कई बार गमले में पौधे की जड़ें ऊपर की तरफ से भी बाहर निकल रही होती हैं। पौधे में ऐसे संकेत नजर आने पर उसे पुराने गमले में से निकालकर बड़े गमले में लगा दें।
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स्प्रिंग सीजन में करें पौधों को रिपॉट – Best Time To Repot Plants In India Is Spring In Hindi
ठंड के समय में कई पौधे निष्क्रिय अवस्था (Dormancy) में पहुँच जाते हैं। और बसंत का मौसम (Spring Season) यानि फरवरी-मार्च का महिना आने पर ये पौधे दुबारा ग्रोथ करने लगते हैं। इस समय पौधे में नए पत्ते, शाखाएं, फूल आने लगते हैं। इसी कारण से बसंत के मौसम में पौधे को रिपॉट करना एक अच्छा विचार है। इस समय पौधे को नए गमले में और नई मिट्टी में ट्रांसप्लांट कर देने से वे बहुत तेजी से और अच्छे से बढ़ते हैं।
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जब रूट बाउंड हो जाए – Repot A Plant That Is Root Bound In Hindi
कई बार पौधे की ग्रोथ अचानक रुक जाती है या स्लो हो जाती है, पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं। इन लक्षणों का एक मूल कारण ‘रूट बाउंड’ भी होता है। जब पौधा जरूरत से छोटे गमले में लम्बे समय तक लगा रहता है, तो उसकी जड़ें अधिक संख्या में विकसित हो जाती हैं, जिससे वे गमले में गोल-गोल घूमती हुई उलझ जाती हैं। इसे रूट बाउंड कहते हैं। इससे पौधे बढ़ना बंद कर देते हैं। यदि आपके हाउसप्लांट में भी ऐसे संकेत नजर आ रहे हैं, तो पौधे को गमले में से बाहर निकाल कर जड़ों की जांच कर लें। और रूट बाउंड होने पर पौधे की रूट प्रूनिंग कर, उसे नए ग्रो बैग में ट्रान्सफर कर दें।
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अधिक पत्तियाँ गिर रही हों – If Plant Is Losing A Lot Of Leaves In Hindi
यदि आपके गमले में लगे पौधे की पत्तियां अचानक ही अधिक संख्या में गिरने लगें, तो यह भी एक संकेत है कि पौधे को रिपॉट करने का समय आ गया है। इसे लीफ ड्रॉप के रूप में भी जाना जाता है, यह इस बात का संकेत हो सकता है कि पौधे की जड़ों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है।
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जब गमले की मिट्टी बदलनी हो – Repot Plants When Soil Is Needed To Change In Hindi
पुरानी मिट्टी में आमतौर पर पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। ऐसे में अपने पौधों को फलने-फूलने में मदद करने के लिए, उन पौधों को ताजा और नई पॉटिंग मिट्टी में लगाना होता है।
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ओवरवाटरिंग से पौधा खराब होने पर – Repot Overwatered Plant In Hindi
कई बार पौधों को जरूरत से अधिक पानी मिल जाता है। इससे पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं, पौधा सूखने या मुरझाने लगता है और मिट्टी में कवक रोग भी हो जाते हैं। अगर आपके पौधों के साथ भी ऐसी समस्या है, तो आप उन्हें एक नए गमले या ग्रो बैग की नई मिट्टी में दुबारा लगा सकते हैं। इससे पौधा फिर से ठीक हो जाता है और बढ़ने लगता है।
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प्लांट रिपोट के लिए दिन का सबसे अच्छा समय – Best Time Of The Day To Repot Plants In Hindi
प्लांट्स की रिपॉटिंग करने के लिए दिन का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है। इस समय पौधे सीधी धूप से बच सकेंगे। अत्यधिक धूप वाले दिनों में या गर्मियों के समय रिपॉट करने पर पौधे की जड़ें मिट्टी में अच्छी तरह स्थापित नहीं हो पाती और सूरज की तेज रोशनी पौधे को झुलसा देती है, जिसके फलस्वरूप पौधा मुरझा जाता है और अंत में मर जाता है। इसीलिए ध्यान रखें, गर्मियों और तेज धूप वाले दिनों में पौधों को रिपॉट करने से बचें।
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पौधों को रिपॉट करने की टिप्स – Tips To Repotting Plants In Hindi
अब तक आप पौधों को रिपॉट कब करना चाहिए, यह अच्छे से समझ चुके होंगे। अब आपको पौधे को नए गमले में लगाने की टिप्स जानना जरूरी है। इसके लिए:
- सबसे पहले पौधे के लिए उचित आकार का ग्रो बैग चुनें, जिसमें पर्याप्त ड्रेनेज होल हों।
- पौधा जिस तरह के ग्रोइंग मीडियम में उगना पसंद करता है उसके लिए वैसा ही पॉटिंग मिक्स तैयार करें।
- नए पॉट/ग्रो बैग को ⅔ ताज़े पॉटिंग मिक्स से भर दें।
- पौधे को पुराने गमले में से सावधानी से निकालें। ध्यान रखें की जड़ों को नुकसान न पहुंचे।
- इसके बाद पौधे को अच्छे से नए पॉट में लगा दें और फिर पानी का छिड़काव जरूर करें।
- पौधे को 2 हप्ते तक उजाले वाली जगह पर रखें, लेकिन सीधी धूप से बचाएं।
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अन्य टिप्स
- तेजी से बढ़ने वाले पौधों को हर छह महीने से एक वर्ष में और पुराने पौधों को हर कुछ वर्षों में रिपॉट करते रहना चाहिए।
- एलोवेरा, कैक्टस जैसे सुकुलेंट पौधे लम्बे समय तक एक ही गमले में लगे रहना पसंद करते हैं। इसी कारण से इन पौधों को 1 से 2 साल बाद ही रिपॉट करना चाहिए।
- रिपॉट करने के बाद तेज धूप में रखने से ट्रांसप्लांट शॉक लगने की सम्भावना रहती है, जिसके कारण पौधे मर सकते हैं, इसीलिए प्लांट्स की रिपॉटिंग के बाद उन्हें कम से कम 2 सप्ताह तक सीधी धूप या दोपहर की धूप से बचाने के लिए छाया वाली जगह पर रखें।
इस लेख में प्लांट को रिपोट/ रिपॉट कब करना चाहिए, इसके सही समय के बारे में जानकारी दी गयी है। इस लेख को पढने के बाद आप भी प्लांट्स की रिपॉटिंग सही समय पर कर पाएंगे। यदि इस आर्टिकल से जुड़ा आपका कोई डाउट हो तो आप उसे कमेन्ट कर सकते हैं।