होम गार्डन में चाहे सब्जियां उगाना हो, फल या फिर फूल, सभी को उगाने के लिए सीडलिंग तैयार करना एक महत्वपूर्ण कदम है। हालाँकि आम गार्डनर के लिए यह एक मुश्किल काम भी हो सकता है, क्योंकि जब हम सब्जियों-फूलों के बीजों को बोते हैं, तो इनमें होने वाले रोगों की जानकारी हमें नहीं होती है, जिससे इन बीमारियों के कारण नए पौधे या सीडलिंग खराब हो जाती है। यदि आप अपने घर पर बहुत से पौधों को उगाने जा रहे हैं, तो बीज लगाने से पहले सीडलिंग में होने वाले या लगने वाले रोग की जानकारी होना बहुत जरूरी है, जिससे आप स्वस्थ पौधा तैयार कर पायें। आज इस लेख में हम आपको सब्जियों, फूलों की सीडलिंग के रोग से संबंधित जानकारी देंगे, सीडलिंग में होने वाली बीमारियाँ कौन-कौन सी हैं, रोग के नाम तथा अंकुरों को इन रोगों से कैसे बचाएं, जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
सीडलिंग में होने वाले रोग और बचाव – Seedling Diseases And How To Prevent This In Hindi
अंकुरों अर्थात सीडलिंग में होने वाले या लगने वाले रोग निम्न हैं:-
- डम्पिंग-ऑफ़ (Damping-Off)
- रूट रॉट (Root Rot)
- फ्यूजेरियम विल्ट (Fusarium Wilt)
- पाइथियम (Pythium)
- राइजोक्टोनिया (Rhizoctonia)
डम्पिंग-ऑफ़ – Damping-Off Is The Most Common Seedling Diseases In Hindi
डम्पिंग-ऑफ अंकुरों में होने वाले रोगों में से एक है। यह रोग फंगल संक्रमण के कारण होता है, जो छोटे अंकुर के तने को प्रभावित करता है। इस रोग के प्रभाव से तना सड़ या गल जाता है और अंततः पौधा जमीन पर गिर जाता है। आमतौर पर डम्पिंग-ऑफ रोग ठंडी, नम स्थितियों में सबसे अधिक होता है, जिससे बचाव के लिए पोषक तत्वों से युक्त मिट्टी तैयार करना, सीडलिंग को ओवर वाटरिंग से बचाना तथा अच्छे वेंटिलेशन को बनाए रखने आदि से इस रोग के संक्रमण को रोका जा सकता है।
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रूट रॉट – Common Seedling Disease Root Rot In Hindi
सीडलिंग के रोगों में रूट रॉट रोग भी शामिल है, जो पौधों की जड़ों को प्रभावित करता है। अंकुरों में यह रोग फंगल या बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है, जिससे जड़ें सड़कर ब्राउन और मटमैली रंग की हो जाती है और पौधे की मृत्यु हो जाती है। यह रोग जलभराव वाली मिट्टी के कारण होता है, इससे संक्रमित पौधों की सीडलिंग को बचा पाना संभव नहीं होता है। यदि आपने अपने घर के अंदर सीडलिंग तैयार की है, तो उसे रूट रॉट से बचाने के लिए मिट्टी की उचित जल निकासी और एयरेशन का ध्यान रखें, तथा अधिक पानी देने से बचें।
फ्यूजेरियम विल्ट – Fusarium Wilt Is Fungal Disease Of Seedling In Hindi
फ्यूजेरियम विल्ट सीडलिंग में होने वाला एक कवक रोग है, जो पौधों को आतंरिक रूप से प्रभावित करता है। यह बीमारी जड़ से पौधों तक पानी और पोषक तत्वों के मार्ग को अवरुद्ध करती है, जिसके कारण पौधे में पीलापन, अनियमित आकार और तनावग्रस्त जैसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं। मुख्य रूप से यह रोग टमाटर, मिर्च और खीरे की सीडलिंग को प्रभावित करता है। घर पर तैयार की गई सीडलिंग को फ्यूजेरियम विल्ट से बचाने के लिए पौधों की रोग प्रतिरोधी किस्मों को लगाना तथा उन्हें अधिक पानी देने से बचना चाहिए।
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पाइथियम – Pythium Is Most Common Diseases In Seedling In Hindi
पाइथियम सीडलिंग में होने वाली बीमारी है, जो पानी की अधिकता के कारण होती है। इस रोग का प्रभाव अधिक होने से सीडलिंग में डंपिंग ऑफ तथा रूट रॉट होने का ख़तरा होता है, जो कि पूरी सीडलिंग को भी प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर पाइथियम गीली और खराब जल निकासी वाली मिट्टी के कारण होता है, जिसे अच्छी जल निकासी वाले सीड स्टार्टर मिक्स का उपयोग कर रोका जा सकता है। लेकिन यदि सीडलिंग में इस रोग के लक्षण दिखाई देते हैं, तो प्रभावित पौधों को हटाना और आसपास के क्षेत्र को जीवाणुरहित करना आवश्यक हो सकता है।
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राइजोक्टोनिया – Rhizoctonia Is A Fungal Disease In Seedling In Hindi
राइजोक्टोनिया सीडलिंग अर्थात अंकुरित पौधों में लगने वाला एक कवक रोग है, जिसका संक्रमण बढ़ने पर यह डंपिंग ऑफ (Damping-Off), रूट रॉट (Root Rot), स्टेम कैंकर (Stem Cankers) अदि रोगों का कारण बनता है। यह रोग सब्जियों, फूलों और फलों सहित सभी पौधों की सीडलिंग को प्रभावित कर सकता है। हालाँकि नया पॉटिंग मिक्स तैयार कर, अच्छा वायु संचरण प्रदान कर अंकुरों को राइज़ोक्टोनिया रोग से बचाया जा सकता है। लेकिन यदि आपको सीडलिंग में इस रोग के लक्षण दिखाई देते हैं, तो प्रभावित पौधों को हटाना उचित है।
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नोट: रोग बीज भी नए पौधों या उनकी सीडलिंग में रोग लगने का कारण बनते हैं, इसलिए रोग-मुक्त बीजों का उपयोग करना और उनकी अच्छी ग्रोथ के लिए अनुकूल ग्रोइंग कंडीशन को बनाए रखना जरूरी है।
लेख में आपने जाना सीडलिंग में होने वाले या लगने वाले रोग कौन-कौन से हैं, इन बीमारियाँ या रोगों के कारण तथा अपने अंकुरों को इन रोगों से बचाने के उपाय के बारे में। यदि आपको सीडलिंग के रोग से संबंधित यह लेख अच्छा लगा हो, तो अपने दोस्तों को शेयर करें तथा लेख के सम्बन्ध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट में जरूर बताएं।