सक्यूलेंट्स पौधों को ऐसे रखें हरा-भरा और स्वस्थ, जानें देखभाल के टिप्स – How To Take Care Of Succulents In India In Hindi 

यदि आपको एलोवेरा, कैक्टस, जेड प्लांट जैसे सक्यूलेंट्स पौधे लगाने का शौक है तो उनकी देखभाल करने के लिए आप इस लेख में बताई गयी टिप्स की मदद ले सकते हैं। आकर्षक बनावट और कम देखभाल के चलते सक्यूलेंट्स पौधे आजकल हर गार्डनर की पहली पसंद हैं। ये ऐसे सुंदर पौधे हैं जिन्हें आप घर के अंदर और बाहर दोनों जगह उगा सकते हैं। इन सकुलेंट प्लांट्स की खूबसूरती को देख बहुत सारे लोग इन्हें अपने घर पर लगा तो लेते हैं, मगर ‘सुकुलेंट्स की केयर कैसे करते हैं’ यह जानकारी न होने के कारण अक्सर उनके पौधे खराब हो जाते हैं। इस लेख में हमने सक्यूलेंट्स पौधों की देखभाल करने की टिप्स को विस्तार से बताया है। सर्दी, गर्मी, बरसात में सकुलेंट प्लांट्स की देखभाल कैसे करें और उनकी धूप, खाद, पानी आदि की जरूरतों के बारे में जानने के लिए यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें।

सुकुलेंट्स की केयर कैसे करें – Succulent Plants Care In Hindi

यदि आप घर पर रसीले पौधे यानि कि सक्यूलेंट्स उगाना चाहते हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण बात जो आपको समझने की जरूरत है, वह यह है कि ये पौधे आम इनडोर या आउटडोर पौधों से बहुत अलग होते हैं। सभी सकुलेंट्स, रेगिस्तानी पौधे हैं जो बहुत कम पानी मिलने पर भी अच्छे से उगते रहते हैं। सुकुलेंट पौधों को हरा-भरा रखने के लिए उनकी प्रकाश, मिट्टी, पानी, खाद आदि की जरूरतों को जानना जरूरी है। सकुलेंट पौधों की देखभाल करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे:

  • सही साइज के गमले में लगाएं सकुलेंट्स – Best Pot Size For Succulents In Hindi 

सुकुलेंट्स को बहुत बड़े गमलों की आवश्यकता नहीं होती है। इन पौधों की जड़ें उथली होती हैं इस वजह से वे छोटे गमलों में अच्छे से बढ़ते हैं। इन्हें 6×6 इंच (चौड़ाईxगहराई), 18×6, 24×6, 9×9 इंच के ग्रो बैग में लगा सकते हैं। कंटेनर चुनते समय सुनिश्चित करें कि गमले में ड्रेनेज छेद अवश्य हो। एक अन्य कारक जो इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, वह है पॉटिंग मिक्स जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे। 

  • सकुलेंट्स के लिए मिट्टी – What Type Of Soil Is Best For Succulents In Hindi 

सकुलेंट्स के लिए मिट्टी - What Type Of Soil Is Best For Succulents In Hindi 

अन्य हाउसप्लांट्स के विपरीत, सकुलेंट्स पौधों को मिट्टी-रहित पॉटिंग मिश्रण (soilless potting mix) की आवश्यकता होती है। इन पौधों को लगाने के लिए पॉटिंग मिक्स ऐसा होना चाहिए, जिसमें से हवा अच्छी तरह से जड़ों तक पहुँचती रहे। वैसे तो ऑनलाइन आपको सक्यूलेंट्स के लिए लिए रेडीमेड पॉटिंग मिक्स मिल जाता है, लेकिन इसे आप घर पर भी बहुत आसानी से बना सकते हैं। पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए पर्लाइट (Perlite), रेत, लकड़ी के चिप्स, नीम केक पाउडर, वर्मीकम्पोस्ट और कोकोपीट बेहतरीन घटक हैं, जिन्हें आप समान भाग में मिक्स कर सकते हैं। समान भागों में मिलाने के बाद पॉटिंग मिक्स तैयार है। सकुलेंट्स पौधों की देखभाल में सबसे ज्यादा 2 बातों का ध्यान रखा जाता है, पहला पॉटिंग मिक्स और दूसरा पानी। 

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  • ज्यादा पानी न दें – How Often Do You Water Succulents In Hindi 

ज्यादा पानी न दें - How Often Do You Water Succulents In Hindi 

रसीले पौधों को नियमित रूप से पानी देने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि यह सूखा प्रतिरोधी (drought tolerant) होते हैं। उन्हें केवल तभी पानी देना चाहिए, जब पॉटिंग मिक्स पूरी तरह से सूख जाए। यदि मिट्टी में थोड़ी सी भी नमी है, तो उसे पानी की आवश्यकता नहीं है। इन पौधों को सुबह के समय पानी दें। पानी जड़ों में देना है और पत्तियों को गीला न करें। अपने सकुलेंट्स पौधों को तब तक पानी दें, जब तक यह जल निकासी छेद से बाहर न आने लगे।

  • पर्याप्त धूप में रखें – Succulent Sunlight Requirements In Hindi

पर्याप्त धूप में रखें - Succulent Sunlight Requirements In Hindi

कई बार नर्सरी से सुकुलेंट्स घर लाने के बाद पौधे जीवित नहीं रह पाते हैं। नर्सरी में अधिकांश पौधों को ग्रीन हाउस के अंदर रखा जाता है। एक बार जब आप पौधों को घर ले आते हैं, तो उन्हें सीधे धूप में न रखें। उन्हें पहले आंशिक सूर्यप्रकाश (4 घंटे की धूप) और फिर पूर्ण सूर्यप्रकाश (8 घंटे की धूप) वाली जगह पर रखें। अगर सकुलेंट्स घर के बाहर रखे हैं, तो उन्हें रोजाना 3-4 घंटे की धूप दिखाएँ और यदि घर के अंदर रखे हैं, तो अप्रत्यक्ष प्रकाश वाली जगह पर रखें, जहां उन पर सुबह या शाम की धूप पड़ती हो। 

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  • वेंटिलेशन बनाये रखें – Ventilation for your succulent In Hindi 

सकुलेंट्स पोधों की मिट्टी सुखाने के लिए अच्छे वेंटिलेशन की आवश्यकता होती है, खासकर सर्दियों के मौसम में। पौधों में अगर हवा न लगे, तो इससे नमी के कारण जड़ सड़न रोग होने का खतरा रहता है। इस वजह से सकुलेंट पौधों को हवा लगती रहे। इसके लिए पौधे को खिड़की के नजदीक या बालकनी में रख सकते हैं।

  • तापमान का ध्यान रखें – Ideal Temperature For Succulents In Hindi 

तापमान का ध्यान रखें - Ideal Temperature For Succulents In Hindi 

सक्यूलेंट्स पौधे 15-45 डिग्री सेल्सियस तापमान में अच्छे से बढ़ते रहते हैं। सर्दियों के मौसम में ये पौधे निष्क्रिय अवस्था (dormant) में पहुँच जाते हैं और इस समय इन्हें कम पानी की आवश्यकता होती है।

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  • कीटों से बचाएं – Pest Control For Succulent Plants In Hindi 

ज्यादातर सकुलेंट पौधे कीटों से मुक्त रहते हैं। हालाँकि, बग एक समस्या हो सकती है। मिलीबग और स्पाइडर माइट भी दो प्रकार के कीट हैं, जिनसे आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्हें हाथ से हटाया जा सकता है, या उनसे छुटकारा पाने के लिए नीम तेल का स्प्रे किया जा सकता है।

  • सही खाद और उर्वरक का करें प्रयोग – Best Fertilizer For Succulents In India In Hindi

सक्यूलेंट्स पौधों के बढ़ने का मौसम वसंत (फरवरी-मार्च) और गर्मियों (अप्रैल-जुलाई) का होता है। इस समय इन पौधों में महीने में एक बार बोन मील और वर्मीकम्पोस्ट डाल सकते हैं। सकुलेंट पौधों में बायो एनपीके, प्लांट ग्रोथ प्रमोटर जैसे लिक्विड फर्टिलाइजर का फोलियर स्प्रे करना भी सही रहता है।

(यह भी पढ़ें: पौधों के लिए सही खाद और उर्वरक का चुनाव कैसे करें, जानें टिप्स…)

  • सकुलेंट्स की पत्तियों को साफ रखें – Keep Succulents Clean In Hindi

सकुलेंट्स की पत्तियों को साफ रखें - Keep Succulents Clean In Hindi

इन सकुलेंट्स पौधों पर धूल जम जाती है, जिसे हटाना जरूरी होता है। इसके लिए एक कपड़ा लें और उसे गीला करके उससे पौधों पर जमी धूल को अच्छी तरह से साफ़ कर दें। पौधे की पत्तियों को साफ करने के लिए आप हाई प्रेशर स्प्रे पंप का उपयोग भी कर सकते हैं।

गर्मियों में सकुलेंट की देखभाल कैसे करें – Succulent Care In Summer In India In Hindi

शुष्क गर्म मौसम में रसीले पौधों की देखभाल के लिए उन्हें सीधी धूप (खासकर दोपहर में) से दूर रखें और बार-बार पानी देने रहें। सकुलेंट्स को अप्रत्यक्ष धूप वाली जगह पर रखें। इस समय पौधों को ग्रीन नेट की छाया में रखना भी एक अच्छा विचार है।

सर्दियों के दौरान सकुलेंट प्लांट्स की देखभाल – Succulent Plant Care In Winter In Hindi

  • सकुलेंट,ठंडे तापमान में जीवित नहीं रह सकते, इसलिए उन्हें बाहर न छोड़ें।
  • सर्दियों में नम मिट्टी के कारण जड़ सड़न हो सकती है। इसलिए सर्दियों के महीनों में पानी कम देना चाहिए।
  • यदि नमी के कारण सर्दियों में मिट्टी आसानी से नहीं सूख रही है, तो मिट्टी के ऊपर रेत की एक परत डालें।
  • पौधे को 10-15 डिग्री सेल्सियस तापमान वाली जगह पर रखें।
  • रसीले पौधों को सर्दियों में खाद न दें, क्योंकि वे इस समय बढ़ना बंद कर देते हैं।

(यह भी पढ़ें: सर्दियों के दौरान सकुलेंट प्लांट्स की देखभाल कैसे करें…)

सक्यूलेंट्स पौधों की बरसात में देखभाल – Succulent Plant Care In Rainy Season In India In Hindi

सक्यूलेंट्स पौधों की बरसात में देखभाल - Succulent Plant Care In Rainy Season In India In Hindi

बरसात के दिनों में सक्यूलेंट्स पौधों को अधिक पानी से बचाकर रखना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि अधिक पानी पड़ने से ये पौधे मर जाते हैं। इस समय इन्हें ग्रीन नेट के नीचे रखें, जहाँ इन पर बारिश का थोडा बहुत पानी गिरता रहे। बारिश का पानी इन पौधों की ग्रोथ के लिए बहुत अच्छा होता है।

(यह भी पढ़ें: बरसात में सकुलेंट पौधों की देखभाल कैसे करें…)

इस आर्टिकल में सक्यूलेंट्स पौधों की देखभाल करने की टिप्स बताई गयी हैं। उम्मीद करते हैं इस लेख को पढ़कर आप सुकुलेंट्स की खाद, पानी, धूप आदि की जरूरत अच्छे से समझ गये होंगे और अब उनकी केयर अच्छे से कर पाएंगे। इस लेख को लेकर अगर अभी भी आपका कोई सवाल या सुझाव हो, तो आप उसे कमेन्ट कर सकते हैं।

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