जानिए कैसे कर सकते हैं, बैंगन में लगने वाले रोगों की रोकथाम – How To Prevent Diseases In Brinjal Plant In Hindi

बैंगन या ब्रिंजल एक कॉमन सब्जी है, जिसे सभी लोग उगाना व खाना पसंद करते हैं। इस पौधे को बीज से उगाना तो बहुत आसान है, लेकिन देखभाल करना कुछ मुश्किल हो सकता है, क्योंकि यह पौधा रोगों के प्रति अतिसंवेदनशील होता है, जिससे इसे लगाने से लेकर हार्वेस्टिंग तक कई रोगों का खतरा बना रहता है। यदि आप अपने गार्डन में या घर पर गमले में बैंगन का पौधा उगा रहे हैं, तो बैंगन की अच्छी पैदावार के लिए इसमें लगने वाले रोगों की रोकथाम और बचाव के उपाय अपनाने होंगे। बैंगन के पौधे में लगने वाले रोग कौन-कौन से हैं तथा इन रोगों का नियंत्रण कैसे करें, जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

बैंगन में होने वाले रोग के नाम – Brinjal Plant Diseases And Their Control In Hindi

गार्डन या घर पर लगे बैंगन के पौधे में लगने वाले रोग तथा उनकी रोकथाम के उपाय निम्न हैं:-

  1. डंपिंग ऑफ रोग (Damping Off)
  2. अर्ली ब्लाइट रोग (Early Blight)
  3. विल्ट रोग (Wilt Diseases)
  4. अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट रोग (Alternaria Leaf Spot)
  5. मोसेक रोग (Mosaic Disease)
  6. ब्लॉसम-एंड रॉट रोग (Blossom-End Rot)

(और पढ़ें: घर पर बैंगन कैसे उगाएं…)

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डंपिंग ऑफ रोग – Damping Off Disease In Eggplant In Hindi

डैम्पिंग ऑफ (जड़ गलन रोग) बैंगन की पौध या सीडलिंग की एक गंभीर बीमारी है, जिसके संक्रमण से पूरी की पूरी सीडलिंग ख़राब हो सकती है। इस रोग से प्रभावित बैंगन के अंकुर आधार से गल या सड़ जाते हैं और पौधे मुरझाकर जमीन पर गिर जाते हैं। रोगग्रस्त अंकुरों में हल्के हरे और ब्राउन रंग के धब्बे दिखाई देते हैं।

बैंगन के पौधे को डंपिंग ऑफ रोग से बचाने के उपाय – Ways To Protect Brinjal Plant From Damping Off In Hindi

  • पौधे लगाने के लिए स्वस्थ बीज का चुनाव करें।
  • उमस भरी मिट्टी में बीज लगाने से बचें।
  • एक ही स्थान पर बार-बार पौधे लगाने से बचें।
  • बीज लगाने के लिए अच्छी जल निकासी वाला पॉटिंग मिक्स तैयार करें।
  • बीजों को अधिक पास-पास न लगायें।
  • यदि आप गमले या कंटेनर में पौधा लगा रहे हैं, तो बीज लगाने से पहले उन्हें अच्छी तरह साफ़ कर लें या सैनिटाइज करें।

(और पढ़ें: पौधों में जड़ सड़न रोग (रूट रॉट) के कारण और बचाने के उपाय…)

अर्ली ब्लाइट रोग – Early Blight Disease In Brinjal plant In Hindi

यह रोग बैंगन के युवा पौधे को प्रभावित करता है, जिसके संक्रमण से पुरानी पत्तियों पर ब्राउन और काले रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं तथा संक्रमण अधिक फैलने पर धब्बे के किनारों पर एक पीले रंग का रिंग पैटर्न दिखाई देने लगता है। धब्बों का आकार बड़ा होने पर यह आपस में मिल जाते हैं तथा पूरी पत्ती को नष्ट कर देते हैं।

बैंगन के पौधे को अर्ली ब्लाइट रोग से बचाने के उपाय – Early Blight Treatment In Eggplant/ Brinjal In Hindi

  • पौधे की घास, लकड़ी की छीलन आदि से मल्चिंग करें।
  • पौधे के आसपास हवा के प्रवाह को बनाए रखें।
  • रोगग्रस्त हिस्से को प्रूनर से काट कर नष्ट कर दें।
  • पानी देते समय पत्तियों को गीला करने से बचें।
  • आवश्यकता पड़ने पर जैविक फंगीसाइड जैसे नीम ऑयल का स्प्रे करें।

(और पढ़ें: नीम केक क्या है, गार्डन में इसका उपयोग और लाभ…)

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विल्ट रोग – Wilt Diseases In Brinjal In Hindi

बैंगन के पौधे में कई प्रकार के बिल्ट रोग जैसे- बैक्टीरियल विल्ट (Bacterial Wilt), फंगल विल्ट (Fungal Wilt), वर्टिसिलियम विल्ट (Verticillium Wilt) आदि होते हैं। यह कवक (Fungus) और बैक्टीरियल रोग होते हैं, जिनके प्रभाव से पत्तियां तथा शाखाएं पीली और ब्राउन रंग की होकर मुरझाने लगती हैं, अंत में पौधा मृत हो जाता है।

बैगन के पौधे में विल्ट रोग की रोकथाम – Wilt Disease Control In Brinjal Plant In Hindi

  • पौधे लगे गमले की मिट्टी अच्छी जल निकासी युक्त हो तथा ओवरवाटरिंग से बचें।
  • एक ही स्थान पर बार-बार बैंगन के पौधे न लगाएं।
  • बैंगन की रोग प्रतिरोधी किस्म को लगाएं।
  • बैंगन के पौधे को अन्य संक्रमित पौधों से दूर रखें।
  • पौधे पर कॉपर युक्त कवकनाशी का स्प्रे करें।

(और पढ़ें: इन तरीकों से करें देखभाल तो पौधे पर खूब लगेंगे बैंगन…)

अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट – Alternaria Leaf Spot Disease In Brinjal Plant In Hindi

यह बैंगन के पौधे की पत्तियों में होने वाली एक गंभीर बीमारी है, जिसके संक्रमण से पत्तियों पर धब्बे या स्पॉट्स बन जाते हैं। संक्रमण अधिक फैलने पर धब्बे अनियमित आकार के होकर आपस में मिल जाते हैं तथा प्रभावित पत्तियां कुछ समय बाद पीली होकर गिर जाती हैं। यह रोग पत्तियों के बाद धीरे-धीरे फलों को भी संक्रमित करने लगता है, जिससे फल पीले होकर समय से पहले गिर जाते हैं।

लीफ स्पॉट रोग से बैंगन के पौधे को बचाने के उपाय – Ways To Protect Brinjal Plant From Leaf Spot Disease In Hindi

  • रोग से संक्रमित हिस्से को प्रूनर की मदद से काटकर अलग कर दें।
  • पानी देते समय पौधे की पत्तियों को गीला करने से बचें।
  • पौधे को सुबह के समय पानी दें, जिससे पत्तियों को सूखने का पर्याप्त समय मिल सके।
  • पौधे पर जैविक कवकनाशी जैसे- नीम का तेल तथा अन्य कवकनाशी का स्प्रे करें।

(और पढ़ें: टमाटर के पौधों का रोगों से बचाव कैसे करें, जानें आसान उपाय…)

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मोजेक रोग – Mosaic Disease In Eggplant/ Brinjal In Hindi

यह बैंगन के पौधे का एक वायरल रोग है, जो एफिड्स के माध्यम से फैलता है। इस रोग से प्रभावित पौधे की पत्तियों पर छोटे-छोटे चित्तीदार धब्बे बन जाते हैं, पत्तियां छोटी तथा अनियमित आकार की हो जाती हैं तथा पौधा पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता या बौना रहता है।

बैंगन के पौधे में मोजेक रोग नियंत्रण के उपाय – Mosaic Virus Control Measures In Brinjal Plant In Hindi

  • एफिड्स से संक्रमित पौधों को गार्डन से हटाएं।
  • यह रोग पौधे के आसपास उगने वाली खरपतवार के माध्यम से फैलते हैं, अतः उचित खरपतवारनाशी का स्प्रे करें।
  • पौधे की नियमित जांच करें, तथा बीमारी के शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर नीम ऑयल का स्प्रे करें।
  • बैंगन के पौधे के आसपास रोग अतिसंवेदनशील पौधे जैसे- खीरा, काली मिर्च, तम्बाकू, टमाटर आदि लगाने से बचें।

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ब्लॉसम-एंड रॉट – Blossom-End Rot Disease In Eggplant In Hindi 

ब्लॉसम एंड रॉट रोग बैंगन के फल को प्रभावित करता है, इस रोग से प्रभावित पौधा तो स्वस्थ दिखाई देता है, लेकिन फल पर हल्के केंद्र वाले काले रंग के गोल धब्बे दिखाई देते हैं। कुछ समय बाद फल की त्वचा अंदर की ओर धंसने लगती है तथा बैंगन पूरी तरह से खराब हो जाता है।

बैंगन में ब्लॉसम-एंड रॉट रोग के नियंत्रण के उपाय – Control Measures For Blossom-End Rot Disease In Eggplant In Hindi

  • बैंगन की रोग प्रतिरोधी किस्मों को लगाएं।
  • पानी देते समय पत्तियों और फलों को गीला करने से बचें।
  • यह कवक रोग संक्रमित मिट्टी के माध्यम से भी फ़ैल सकता है, अतः पौधे लगाने के लिए ताजा तथा फंगसरहित पॉटिंग मिक्स का उपयोग करें।
  • रोग को नियंत्रित करने के लिए उचित कवकनाशी का प्रयोग करें।

(और पढ़ें: पौधों की वृद्धि के लिए 10 शानदार टिप्स…)

इस लेख में आपने जाना, कि बैंगन के पौधे में होने वाले या लगने वाले सामान्य रोग कौन-कौन से हैं, ऊपर बाताये गए इन रोगों की रोकथाम या बचाव के उपाय अपनाएं तथा रोगों का नियंत्रण करें। यदि आपको हमारा लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें तथा लेख से सम्बंधित सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।

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