वैसे घर पर टमाटर उगाना काफी आसान है, लेकिन इस पौधे को स्वस्थ रख पाना कई गार्डनर के लिए एक मुश्किल काम हो सकता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि टमाटर के पौधे की उचित देखभाल न करने पर उसमें कई रोग लग जाते हैं जैसे उसकी पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और कई बार टमाटर के फल नीचे से सड़ने लगते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपके टमाटर के पौधों में कोई रोग या बीमारी न लगे, और ढेर सारे टमाटर प्राप्त हों, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। इस लेख में बताए गए देखभाल संबंधी आसान उपायों को अपनाने से टमाटर में रोग और कीड़े नहीं लगेंगे और पौधे स्वस्थ रहेंगे। टमाटर को बीमारी (रोगों) तथा कीड़ों से कैसे बचाएं, टमाटर में रोगों की रोकथाम, तथा बचाव के तरीके जानने के लिए यह आर्टिकल लास्ट तक जरूर पढ़ें।
टमाटर के पौधों में रोग किसके कारण होते हैं – What Causes Tomato Plants Diseases In Hindi
टमाटर के पौधों में रोग लगना एक आम समस्या है और इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे:
- यदि पौधों को पर्याप्त धूप या पानी नहीं मिल रहा है, तो वे तनावग्रस्त (stressed tomato plants) और बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील (sensitive) हो सकते हैं।
- टमाटर में रोग लगने का एक अन्य सामान्य कारण है, कीट लगना। कुछ सबसे आम कीटों में एफिड्स, व्हाइटफ्लाई और टमाटर हॉर्नवॉर्म शामिल हैं। कीटों को दूर रखने के लिए नियमित रूप से अपने पौधों का निरीक्षण करें।
- पोषक तत्वों की कमी भी टमाटर में रोग लगने का कारण बनती है, कैल्शियम पोषक तत्व की कमी से टमाटर के पौधे में ब्लॉसम एण्ड रॉट (Blossom End Rot) और ब्लैक रॉट (black rot) रोग हो जाते हैं।
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टमाटर के पौधों को रोगों से कैसे बचाएं – How To Protect Tomato Plants From Disease In Hindi
अपने होम गार्डन या घर पर लगे टमाटर के पौधों को रोग या बीमारी से बचाने के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं:
- रोग प्रतिरोधी किस्मों को उगाएं।
- पौधों के बीच हवा प्रवाह (Air Flow) बनाएं रखें।
- टमाटर के पौधों के आधार में पानी डालें।
- टमाटर की मिट्टी को गीली घास से ढकें अर्थात मल्चिंग करें।
- सही समय पर टमाटर के पौधों की छंटाई या प्रूनिंग करें।
- टमाटर के पौधों पर जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें।
- कम्पेनियन प्लांटिंग के रूप में टमाटर के साथ तुलसी का पौधा लगाएं।
- पौधों को सहारा दें।
टमाटर की रोग प्रतिरोधी किस्में उगाएं – Grow Disease Resistant Tomato Varieties List In Hindi
जब भी आप टमाटर को बीज से उगाते हैं, तो इसके लिए आपको रोग प्रतिरोधी किस्मों (resistant varieties) के बीज खरीदने चाहिए। टमाटर की रोग प्रतिरोधी किस्मों में अन्य किस्मों की अपेक्षा बहुत कम रोग लगते हैं। आइये जानते हैं टमाटर की कुछ प्रमुख रोग प्रतिरोधी किस्में:
- अर्का रक्षक (arka rakshak) – यह टमाटर के पौधों में लगने वाले कर्ल वायरस (leaf curl virus) और उकठा रोग (wilt virus) की प्रतिरोधी किस्म है।
- अर्का सम्राट (arka samrat) – टमाटर की यह किस्म भी पौधों में लगने वाले कर्ल वायरस (curl virus) और उकठा रोग (wilt virus) या झुलसा रोग की प्रतिरोधी है।
टमाटर की रोग प्रतिरोधी किस्मों का मतलब यह नहीं है कि, उनमें कोई रोग लगेगा ही नहीं, बल्कि पौधे को स्वस्थ रखने के लिए आपको इस आर्टिकल में दी गयी अन्य स्टेप्स को भी अपनाना होगा।
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टमाटर के पौधे को नई मिट्टी में लगाएं – Practice Crop Rotation In Tomato Plant In Hindi
गार्डन में एक ही जगह पर या एक ही मिट्टी में बार-बार टमाटर के पौधों को न उगाएं, क्योंकि पौधे में लगने वाले रोगों के रोगजनक (pathogen) मिट्टी में लम्बे समय तक मौजूद रहते हैं। यदि पुराने पौधे की मिट्टी में ही फिर से नया टमाटर का पौधा लगा दिया जाये, तो इससे नए पौधे में भी रोग लगते हैं। अगर आप गमलों या ग्रो बैग में टमाटर उगाते हैं, तो आपको हर बार नई मिट्टी में पौधों को लगाना चाहिए।
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टमाटर के साथ तुलसी का पौधा लगाएं – Planting Basil With Tomatoes In Pots In Hindi
गार्डन में लगे टमाटर के पौधों में मुख्य रूप से हॉर्नवॉर्म (Tomato Hornworm), एफिड्स (Aphids) और सफेद मक्खी (White Flies) जैसे कीड़े लगते हैं, जो कि पत्तियों को चबाते हैं और टमाटर के फलों में छेद भी कर सकते हैं। तुलसी के पौधे की गंध (Smell) से ये सभी कीड़े दूर भागते हैं। इसी वजह से टमाटर और तुलसी के पौधों को एक साथ लगाने की सलाह दी जाती है ताकि टमाटर का पौधा कीड़ों से सुरक्षित (Pest Control) रहे। इसके अलावा आप चाइव्स, लहसुन, पुदीना इत्यादि को भी टमाटर के पौधे के साथ लगाना फायदेमंद होता है।
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टमाटर के पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखें – Proper Spacing Between Tomato Plants In Hindi
रोगों से टमाटर के पौधे को बचाने के लिए सबसे जरूरी है, उन्हें उचित दूरी पर उगाना। टमाटर के पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिलने से पौधे स्वस्थ रहते हैं, पैदावार अधिक होती है और बीमारियाँ या रोग कम लगते हैं। टमाटर की अधिक ऊंचाई तक बढ़ने वाली किस्मों (indeterminate tomato) के पौधों को 18 इंच की दूरी पर और कम ऊंचाई तक बढ़ने वाली किस्मों (determinate tomato) के पौधों को 24 इंच की दूरी पर उगाना चाहिए। इससे टमाटर के पौधों को अपनी जड़ों को फैलाने के लिए पर्याप्त जगह मिल पाती है और हवा के साथ-साथ सूर्य प्रकाश भी पौधे को अच्छे से मिलता रहता है।
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टमाटर के पौधों के आधार में पानी डालें – Watering At The Base Of Tomato Plants In Hindi
गार्डन की मिट्टी या घर पर गमले में लगे टमाटर के पौधों को पानी हमेशा आधार में ही देना चाहिए, न की पत्तियों पर। ऐसा इसीलिए क्योंकि पानी देने के बाद जब गीली पत्तियों या फल पर सूरज की सीधी किरणें पड़ती हैं, तो उनमें जलने जैसे निशान (sunscald) बन जाते हैं। इसी वजह से टमाटर के पौधों में सुबह या शाम के समय सीधे मिट्टी में पानी डालना चाहिए।
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टमाटर के पौधों की मल्चिंग करें – Mulching Tomato Plants In Hindi
टमाटर के पौधों की चारों ओर की मिट्टी को घास आदि की परत से ढक देने (mulching) से मिट्टी में नमी बनाए रखने, जड़ों को ठंडा रखने और खरपतवारों को अंकुरित होने से रोकने में मदद मिलती है। टमाटर के पौधों के लिए आदर्श मल्च (Tomato Plant Mulch) पुआल (Straw), सूखी पत्तियां, घास की कतरन (Grass Clippings), और लकड़ी की छाल (Bark Chips) हैं। मल्चिंग के कारण पौधे की पत्तियां या फल मिट्टी के सम्पर्क में नहीं आ पाते हैं, जिस वजह से मिट्टी के कारण होने वाले फंगल रोग पौधे में नहीं फैल पाते हैं।
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टमाटर के पौधों की समय पर करें छंटाई – Pruning Tomato Plants For Air Flow In Hindi
होम गार्डन या बाहर बगीचे में उगाये गए टमाटर के पौधों में बीमारियां लगने से रोकने के लिए पौधे के प्रत्येक भाग में वायु प्रवाह काफी महत्वपूर्ण है। यदि टमाटर के पौधों को पर्याप्त हवा नहीं मिल रहा है, तो वे रोगों के प्रति अधिक संवेदनशील होंगे। छंटाई अर्थात प्रूनिंग करने से टमाटर के पौधों में आवश्यक वायु प्रवाह बना रहता है। आइये जानते हैं टमाटर के पौधों की छँटाई करने का तरीका:
- पौधे की निचली पत्तियों और शाखाओं को हटाएं, क्योंकि निचली पत्तियां मिट्टी के सम्पर्क में होने से उनमें फंगस रोग लगने का खतरा रहता है।
- पौधे के मुख्य तने और शाखा के बीच से निकलने वाले तने अर्थात सकर्स (Suckers) को हटाएं। इन सकर्स को हटाने से पौधे की उर्जा फल लगने और मुख्य तने को मजबूत करने में खर्च होती है।
- टमाटर पौधे की प्रत्येक सूख चुकी या रोगग्रस्त पत्तियों को हटाना भी जरूरी है, ताकि बीमारी बाकि हिस्से में न फैल पाए।
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टमाटर को कीड़ों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें – Apply Organic Fungicide/Insecticide To Tomato Plants In Hindi
गार्डन में उगाए गए टमाटर के पौधों को कीड़ों और बीमारियों से बचाने के लिए, पौधे के ऊपर समय समय पर जैविक कीटनाशकों (organic pesticides) का छिड़काव किया जाता है। नीम तेल भी एक जैविक कीटनाशक है, जो टमाटर में लगने वाले लगभग हर कीट जैसे हॉर्नवॉर्म, एफिड्स से पौधे की रक्षा करता है। आइये जानते हैं टमाटर के पौधों पर नीम तेल का छिड़काव करने का तरीका:
- स्प्रे बोतल में 1 लीटर गर्म पानी लें और उसमें 1 चम्मच (5ml) नीम तेल मिलाएं।
- अब घोल में 1 से 2ml तरल साबुन (liquid soap) मिलाएं। सभी चीजों को अच्छे से मिलाएं और फिर घोल का स्प्रयेर की मदद से पौधों पर छिड़काव करें।
- आवश्यकतानुसार कीटनाशक को कुछ दिनों में (हप्ते में 2 बार) टमाटर के पौधों पर फिर से स्प्रे करें।
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टमाटर के पौधे में कैल्शियम उर्वरक डालें – Add Calcium To Tomato Plant Soil To Increase Yield In Hindi
टमाटर के पौधे में कैल्शियम की कमी होने पर ब्लॉसम एंड रॉट (Blossom End Rot) और ब्लैक रॉट (black rot) रोग हो जाते है। इस रोग में टमाटर के फल नीचे से सड़ने लगता है। टमाटर के पौधे में कैल्शियम की पूर्ती करने के लिए आप बुझे हुए चूने (Hydrated Lime) के पानी और अंडे के छिलकों से बना पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। बुझे हुए चूने का उपयोग करने के लिए 1 लीटर पानी में 1 चम्मच (5 ग्राम) बुझा हुआ चूना मिलाएं और फिर इस घोल को टमाटर के पौधे की जड़ों में डालें। पौधे को ट्रांसप्लांट करने के 15 दिन बाद और फल व फूल लगते समय उसमें चूने का पानी डाल सकते हैं।
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टमाटर के पौधों को सहारा दें – Tomato Plants Need Support To Grow Well In Hindi
चूँकि टमाटर का तना अधिक ऊंचाई तक बढ़ता है, जिस वजह से इस पौधे को किसी लकड़ी या रस्सी से बाँधकर सहारा दिया जाता है। यदि सहारा न दिया जाये तो पौधा जमीन पर गिर जाता है और उसमें लगे फल मिट्टी के सम्पर्क में आने से खराब होने लगते हैं और पौधे में अन्य रोग भी होने लगते हैं। अतः टमाटर को सहारा देने के लिए लकड़ी के डंडे या जाली का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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इस आर्टिकल में आपने जाना कि टमाटर के पौधे को रोग या बीमारी से कैसे बचाएं और रोगों से बचाने के उपाय क्या हैं? अगर टमाटर के पौधों में रोगों की रोकथाम को लेकर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप उसे कमेन्ट बॉक्स में जरूर लिखें। अगर आपको यह लेख यूजफुल लगा हो, तो इसे अपने गार्डनिंग करने वाले दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
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