घर के गमले में शकरकंद कैसे लगाएं – How To Grow Sweet Potatoes In Pots In Hindi

सर्दियों का मौसम कई लोगों को शकरकंद खाने की याद दिलाता है, यह न सिर्फ मीठे स्वाद के लिए, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। आप इन कंदों को बिना तेल मसाले के कच्चा या पका हुआ दोनों रूपों में खा सकते हैं। जड़ वाली सब्जी शकरकंद का पौधा बेल के रूप में विकसित होता है, अतः आप इसे अपने घर पर भी लकड़ी या रस्सी का सहारा देकर आसानी से उगा सकते हैं। गमले में शकरकंद का पौधा या कंद कब और कैसे उगाएं, स्वीट पोटैटो लगाने की विधि, पौधे की देखभाल तथा हार्वेस्टिंग या खुदाई कैसे करें? जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

शकरकंद का पौधा उगाने के लिए आवश्यक जानकारी – Information Needed To Grow Sweet Potato Tubers In Hindi

शकरकंद का पौधा उगाने के लिए आवश्यक जानकारी - Information Needed To Grow Sweet Potato Tubers In Hindi

गमले में जड़ वाली सब्जी शकरकंद लगाने के लिए निम्न जानकारी होना जरूरी है:-

  • वानस्पतिक नाम – आइपोमिया बटाटा (Ipomoea Batatas)
  • पौधे का प्रकार – वार्षिक पौधा
  • लगाने का समय – जून-जुलाई और सितंबर माह (इनडोर:- दिसंबर-जनवरी)
  • लगाने की विधि – कंद से
  • ग्रोइंग टेंपरेचर – 22 से 29 डिग्री सेल्सियस
  • बेस्ट सॉइल – बेहतर जल निकासी और एयरेशन वाली मिट्टी
  • हार्वेस्टिंग टाइम – 3 से 4 महीने

 

घर पर शकरकंद कब उगाएं – When To grow Sweet Potato In Hindi

यह गर्म और नम स्थितियों में उगना पसंद करते हैं, अतः आप शकरकंद के कंद को जून-जुलाई और सितंबर माह में आउटडोर तथा आखिरी ठंड अर्थात दिसंबर-जनवरी में इनडोर लगा सकते हैं।

(और पढ़ें: जड़ वाली सब्जियों के नाम और उगाने से सम्बंधित जानकारी….)

शकरकंद का पौधा उगाने के लिए आवश्यक सामग्री – Material Required To Grow Sweet Potato At Home In Hindi

घर पर गमले में शकरकंद लगाने के लिए आपको निम्न चीजों की आवश्यकता होगी:-

(और पढ़ें: होम गार्डनिंग शुरू करने के टॉप 13 टिप्स….)

शकरकंद उगाने के लिए सही साइज का गमला – Best Pot For Growing Sweet Potato Plant In Hindi

शकरकंद उगाने के लिए सही साइज का गमला - Best Pot For Growing Sweet Potato Plant In Hindi

यह एक रूट वेजिटेबल है, अतः इसे अच्छी तरह से विकसित होने के लिए कम से कम 12 इंच गहराई तथा अधिक चौड़ाई वाले ड्रेनेज होल्स युक्त पॉट या कंटेनर की आवश्यकता होगी। इसके अलावा आप निम्न साइज के ग्रो बैग्स का भी उपयोग कर सकते हैं:-

शकरकंद उगाने के लिए आप निम्न रेक्टेंगुलर ग्रो बैग भी खरीद सकते हैं, यह आकार में पर्याप्त लंबाई, चौड़ाई तथा गहराई वाले होते हैं:-

(और पढ़ें: जानें किस साइज के ग्रो बैग में कौन सी सब्जी लगा सकते हैं….)

ग्रो बैग (गमला) खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:

शकरकंद के कंद लगाने के लिए मिट्टी – Best Soil For Planting Sweet Potato Tubers In Hindi

शकरकंद के कंद लगाने के लिए मिट्टी - Best Soil For Planting Sweet Potato Tubers In Hindi

शकरकंद के कंद अच्छी जल निकासी वाली, नमीयुक्त मिट्टी में उगना पसंद करते हैं, लेकिन अधिक गीली मिट्टी को नहीं। लगातार गीली मिट्टी में रहने से वह सड़ सकते हैं। यदि आपके क्षेत्र की मिट्टी भारी या कॉम्पेक्ट है, तो आप उसे हल्का और बेहतर एयरेशन देने के लिए जैविक खाद और रेत मिलाकर एक अच्छी पॉटिंग मिट्टी तैयार कर सकते हैं।

(और पढ़ें: पौधे लगाने के लिए गमले की मिट्टी कैसे तैयार करें….)

उपजाऊ मिट्टी व अन्य चीजें खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:

गमले में शकरकंद का पौधा कैसे लगाएं – How To Plant Sweet Potato In Hindi

अन्य सब्जियों की तरह शकरकंद को बीज से नहीं उगाया जाता है, इसे इसके कंदों से उगाया जाता है। कंदों को उगाने के लिए पहले उन्हें कंटेनर में लगाकर, स्लिप्स (sweet potato slips) तैयार की जाती हैं, इसके बाद जब स्लिप्स (कंद से अंकुरित होने वाले पौधे) उचित लम्बाई की हो जाती हैं, तब उन्हें जड़ समेत काटकर दूसरे गमले, रेज्ड बेड क्यारियों या गार्डन की मिट्टी में लगाया जाता है।

शकरकंद के कंद लगाने की विधि – Method Of Planting Sweet Potato Tubers In Hindi

शकरकंद के कंद लगाने की विधि - Method Of Planting Sweet Potato Tubers In Hindi

गमले में शकरकंद के कंद लगाने की विधि निम्न है:-

  • गमले में शकरकंद लगाने के लिए, कम से कम 1.5 इंच व्यास या मोटाई वाला एक स्वस्थ तथा बेदाग कंद का चयन करें।
  • अब कंद को गमले की मिट्टी में लगाएं और दो इंच मिट्टी या रेत की परत के साथ कवर करें।
  • यदि आप 1 से अधिक कंद लगा रहे हैं, तो उनके बीच 2 इंच का गैप बनाएं।
  • पॉट की मिट्टी को नम बनाये रखें, लेकिन उमस भरा नहीं। अर्थात मिट्टी सूखी दिखने पर गहराई से पानी दें।
  • अब शकरकंद लगे गमले को गर्म स्थान पर रखें, इसके लिए आप हीटिंग मैट का उपयोग भी कर सकते हैं।
  •  23 से 27 डिग्री सेल्सियस के आदर्श तापमान पर, लगभग 6 से 8 सप्ताह में 6 से 12 इंच लंबी स्लिप्स तैयार हो सकती हैं।
  • शकरकंद के एक कंद से लगभग 12 स्लिप्स उग सकती हैं।

शकरकंद की स्लिप्स को ट्रांसप्लांट करने की विधि – How To Plant Sweet Potato Slips In Containers In Hindi

शकरकंद की स्लिप्स को ट्रांसप्लांट करने की विधि - How To Plant Sweet Potato Slips In Containers In Hindi

कंद से शकरकंद की स्लिप्स तैयार होने के बाद उन्हें ट्रांसप्लांट करने की विधि निम्न है:-

  • जब लगाए गए शकरकंद की स्लिप्स में 6 से 10 पत्तियां आ जाती हैं, तब आप उन्हें अलग अलग ट्रांसप्लांट करने के लिए उखाड़ सकते हैं।
  • शकरकंद से सावधानीपूर्वक एक-एक स्लिप्स को जड़ सहित अलग करें। ध्यान रहे पौधे लगे गमले की मिट्टी पहले से ही नम होनी चाहिए और पौधे मुरझाये हुए न हों।
  • एक एक स्लिप्स अलग करने के बाद ऊपर की 2 से 4 पत्तियों को छोड़कर, बाकि निचली पत्तियों को हटा दें।
  • अब स्लिप्स को बड़े गमले में 45 डिग्री के एंगल पर रखते हुए, 3-4 इंच गहरा लगाएं। लेकिन ध्यान रहे, पत्तियां मिट्टी की सतह के ऊपर होनी चाहिए तथा स्लिप की दो या उससे अधिक लीफ नोड मिट्टी के अन्दर हों, क्योंकि बेल की नोड्स पर ही शकरकंद बनेंगे।
  • अब गमले की मिट्टी में पानी दें और गमले को 1 से 2 सप्ताह तक फिल्टर्ड धूप या अप्रत्यक्ष धूप में रखें।
  • 1-2 सप्ताह बाद आप अपने शकरकंद के पौधे लगे हुए गमले को सीधे धूप वाले स्थान पर रख सकते हैं।

नोट: ध्यान रहे, यदि आप दिसंबर-जनवरी के महीने में इंडोर शकरकंद के पौधे ग्रो करते हैं, तो बाह्य वातावरण का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक होने पर ही इन्हें बाहर ट्रांसप्लांट करें।

(और पढ़ें: प्लांट रिपॉटिंग के दौरान न करें यह गलतियाँ, मर सकता है पौधा….)

गार्डनिंग टूल्स खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:

शकरकंद के पौधे की देखभाल – How To Take Care Of Sweet Potato Vine In Hindi

शकरकंद के कंद से पौधे तैयार करने के बाद आइये जानते हैं- शकरकंद की बेल की देखभाल के तरीके के बारे में, जो कि निम्न हैं:-

पानी – Water For Growing Sweet Potato In Hindi

पानी - Water For Growing Sweet Potato In Hindi

ट्रांसप्लांटिंग के बाद स्लिप्स को पानी दें तथा अगले कुछ हफ्तों तक प्रति सप्ताह कम से कम एक इंच पानी दें। यह नम मिट्टी में अच्छी तरह उगते हैं, इसलिए गर्मियों के दौरान इस पौधे को नियमित रूप से पानी देना चाहिए।

(और पढ़ें: पौधों को पानी देने के 10 गोल्डन रूल….)

बागवानी टूल्स खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:

सूर्य का प्रकाश – Sunlight For Growing Sweet Potato In Hindi

शकरकंद गर्म मौसम और शुष्क जलवायु में अच्छी तरह उगते हैं, अतः आप इन्हें ऐसे स्थान पर रखें, जहाँ प्रति दिन कम से कम 6-8 घंटे सीधी धूप प्राप्त हो, उन्हें छाया में रखने से बचें।

(और पढ़ें: छाया में उगने वाली सब्जियां….)

तापमान – Temperature For Growing Sweet Potato In Hindi

शकरकंद के कंद 23 से 29 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर अच्छी तरह विकसित होते हैं, हालाँकि यह न्यूनतम 10 डिग्री तथा अधिकतम 35 डिग्री सेल्सियस के तापमान को भी सहन कर सकते हैं।

उर्वरक – Fertilizer For Sweet Potato Plant In Hindi

उर्वरक - Fertilizer For Sweet Potato Plant In Hindi

शकरकंद एक हैवी फीडर पौधा है, जिसे अच्छी तरह बढ़ने के लिए ट्रांसप्लांटिंग के समय अच्छी गुणवत्ता वाली उपजाऊ पॉटिंग मिट्टी और अतिरिक्त खाद में लगाना चाहिए तथा स्लिप्स लगाने के कुछ सप्ताह बाद, आप बेलों को विकसित होने के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम खाद दे सकते हैं। शकरकंद के लिए बेस्ट उर्वरक के रूप में आप बोनमील, मस्टर्ड केक, PROM इत्यादि का प्रयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें: पोटेड प्लांट्स के लिए टॉप 10 होममेड जैविक खाद….)

जैविक खाद खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:

कीट व रोग – Pests And Diseases Of Sweet Potato Plant In Hindi

कीट व रोग - Pests And Diseases Of Sweet Potato Plant In Hindi

कंटेनरों में लगाए गए शकरकंद के पौधे कीटों के लिए संवेदनशील नहीं होते हैं, लेकिन एक आम कीट शकरकंद का घुन (Cylas formicarius) इसे प्रभावित करता है। इसके अलावा फ्ली बीटल भी इसे नुकसान पहुंचा सकते हैं, इन कीटों के प्रभाव से शकरकंद की बेल को बचाने के लिए, जैविक कीटनाशक जैसे नीम ऑयल, कीटनाशक साबुन के घोल का स्प्रे कर सकते हैं।

शकरकंद का पौधा फ्यूजेरियम रूट रोट और स्टेम रोट (फ्यूसेरियम सोलानी) के अलावा कुछ अन्य फंगल रोग जैसे डाउनी मिल्ड्यू, पाउडरी मिल्ड्यू आदि से प्रभावित हो सकता है। यह रोग संक्रमित स्लिप लगाने तथा पत्तियों को गीला करने के कारण भी हो सकते हैं, इनसे बचने के लिए बेल की नियमित जाँच करें तथा संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर, उचित कवकनाशी (नीम का तेल, कॉपर युक्त फंगीसाइड) का उपयोग करें।

(और पढ़ें: बेल वाली सब्जियों में लगने वाले कीट और रोग एवं बचाव के तरीके….)

जरूरी चीजें खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:

शकरकंद की बेल के लिए सहारा – Support For Sweet Potato Vine In Hindi

बेल के रूप में विकसित होने वाले शकरकंद के पौधे को सहारे की आवश्यकता होती है, अतः बेल की ऊंचाई बढ़ने पर आप इसे लकड़ी, ट्रेली, रस्सी या क्रीपर नेट का सहारा दे सकते हैं।

शकरकंद की हार्वेस्टिंग या खुदाई कैसे करें – Harvesting Of Sweet Potato In Hindi

शकरकंद की हार्वेस्टिंग या खुदाई कैसे करें - Harvesting Of Sweet Potato In Hindi

ट्रांसप्लांटिंग के बाद कंद को पूरी तरह परिपक्व होने में 90 से 120 दिन का समय लग सकता है, जब लताएं ब्राउन रंग की और कंद 5 से 6 इंच लंबाई तथा 2 इंच व्यास के हो जाएँ, तब आप उनकी खुदाई कर सकते हैं। कंदों की खुदाई करने से पहले मिट्टी को नम बनाएं, लेकिन अधिक गीला नहीं। अब किसी बागवानी उपकरण की सहायता से कंदों को बचाते हुए मिट्टी को सावधानीपूर्वक खोदें, तथा बेल को ऊपर की ओर खींचते हुए कंद निकालें। कुछ कंद अन्य कंदों की तुलना में छोटे भी हो सकते हैं। कंदों को अच्छी तरह साफ़ करने के बाद लगभग 10 दिनों के लिए गर्म तथा हवादार स्थान पर रखें। अब आपके शकरकंद ठंडे स्थानों पर रखने के लिए सुरक्षित हैं, आप तुरंत खोदकर इनका ताज़ा उपयोग भी कर सकते हैं।

(और पढ़ें: हार्वेस्टिंग करने के लिए बेस्ट गार्डनिंग टूल्स…)

इस लेख में आपने जाना, कि घर पर गमले में शकरकंद का पौधा या कंद कब और कैसे उगाएं, शकरकंद लगाने की विधि तथा पौधे की देखभाल तथा खुदाई के समय के बारे में। उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा, इस लेख से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हैं, हमें कमेंट में अवश्य बताएं।

ग्रो बैग (गमला) खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *