पारिजात या हरसिंगार (night jasmine) एक बहुत ही शुभ पौधा है। पुराणों के मुताबिक इसे कल्पवृक्ष माना गया है जो सभी मनोकामनाएं पूरी करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भी घर पर हरसिंगार का पौधा लगाना शुभ होता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस भी घर में हरसिंगार का पौधा लगा होता है, वहां लक्ष्मी माता का वास होता है। इस पौधे की खासियत यह है कि, इसके सुंदर और सुगंधित फूल रात के समय खिलते हैं और सुबह होते ही जमीन पर गिर जाते हैं। इसके फूलों को पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही हरसिंगार पेड़ के कई औषधीय लाभ भी हैं। अगर आप इस पौधे को घर पर उगाना चाहते हैं, तो इस लेख में आपको हरसिंगार पौधे के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
हरसिंगार या पारिजात (night jasmine) क्या है, इसका पौधा कैसा होता है, इसको घर पर गमले में कैसे लगाया/उगाया जाता है, इसके बीज और कलम/कटिंग को कैसे लगाएं/उगाएं, तथा हरसिंगार के पौधे में फूल कब आते/खिलते हैं? इन सभी सवालों के जबाव जानने के लिए यह लेख लास्ट तक जरूर पढ़ें।
हरसिंगार/ पारिजात क्या है – What Is Harsingar Plant In Hindi
पारिजात उन मनमोहक फूल वाले पौधों में से एक है, जिसके फूल खिलने के बाद जमीन पर गिर जाते हैं। इस पौधे में फूल, रात के समय खिलते हैं और सूरज उगते ही शाखाओं से गिर जाते हैं। पारिजात का फूल सफेद रंग का होता है। इसके फूल चांदनी (Crepe Jasmine) के फूल की तरह ही दिखते हैं, जिनमें 5 से 7 पंखुडियां होती हैं। फूल के केंद्र का रंग नारंगी (Orange) है। हरसिंगार या पारिजात, सालों-साल चलने वाला बारहमासी पौधा (Perennial Plant) है। यह झाड़ी (Shrub) या छोटे पेड़ के रूप में बढ़ता है। इसे इंग्लिश में कोरल जैस्मिन (Coral Jasmine), नाईट जैस्मिन (Night Jasmine), और ट्री ऑफ सोरो (Tree Of Sorrow) के नाम से जाना जाता है।
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हरसिंगार का पौधा घर में लगाने के फायदे क्या हैं – Harsingar Plant Benefits/Uses In Hindi
यह एक शुभ पौधा है, जिसे घर पर जरूर लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे घर की नकारात्मकता दूर होती है। हरसिंगार के पौधे में सफेद रंग के छोटे-छोटे सुगंधित फूल खिलते हैं, जो पूजा के काम आते हैं। यह पौधा झाड़ी के रूप में बढ़ता है, जिस वजह से इसे बगीचे की बाउंड्री पर लगा सकते हैं। यह पौधा मन्दिरों और बड़े बगीचों में लगाने के लिए भी आइडियल है। हरसिंगार के पत्तों के साथ इसके फूल में भी चिकित्सीय गुण होते है।
पारिजात (हरसिंगार) का पौधा किस आकार के गमले में उगाएं – Pot Size To Grow Harsingar (Parijat) In Hindi
क्या हरसिंगार या पारिजात का पौधा गमले में लग सकता है? इसका जवाब है बिल्कुल हां। पारिजात/हरसिंगार के पौधे को गमलों में उगाया जा सकता है। लेकिन यह पौधा 10-15 फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है, इसलिए इसकी जड़ को बढ़ने के लिए काफी जगह की जरूरत होती है। पारिजात पौधे को शुरुआत में 9×9 इंच (चौड़ाईxऊंचाई) के गमले या ग्रो बैग में उगा सकते हैं। बड़ा हो जाने पर पौधे को 15×15 या 24×24 इंच साइज के ग्रो बैग या गमले में लगाया जाना चाहिए। इस ग्रो बैग में ड्रेन होल जरूर होने चाहिए।
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पारिजात का पौधा उगाने के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिए – Soil For Growing Parijat Flower Plant In Hindi
हरसिंगार या पारिजात प्लांट अच्छी भुरभुरी और उपजाऊ मिट्टी में उगता है। ऐसी मिट्टी, जिसमें पानी न रुकता हो, वह इस पौधे को उगाने के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। ऐसी मिट्टी तैयार करने के लिए 50% नॉर्मल गार्डन या खेत की मिट्टी, 30% वर्मीकम्पोस्ट या गोबर खाद, और 20% रेत या कोकोपीट, को एक बर्तन में लेकर अच्छे से मिक्स करें। फिर इस तैयार मिट्टी में हरसिंगार पौधे के बीज या कटिंग को लगाएं।
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हरसिंगार या पारिजात का पौधा कब लगाना चाहिए – Best Time To Grow Parijat/Harsingar Plant In Hindi
घर में हरसिंगार का पौधा वसंत (Spring Season), शुरूआती गर्मी (Early Summer) और बरसात (Rainy Season) के मौसम में लगा/उगा सकते हैं। यानि पारिजात (हरसिंगार) के बीज या कटिंग (कलम) को फरवरी से लेकर अप्रैल (February To April) और जुलाई से लेकर सितम्बर के महीने में लगाया जाना चाहिए।
हरसिंगार या पारिजात की कलम/कटिंग कैसे लगाएं – How To Grow Parijat (Harsingar) Plant From Cutting In Hindi
चलिए जानते हैं हरसिंगार या पारिजात पौधे की कटिंग/कलम को लगाने का सही तरीका:
- प्रूनिंग टूल्स लेकर, हरसिंगार पौधे की गांठ के ठीक नीचे से 6-8 इंच लंबी कटिंग काट लें।
- कलम के निचले भाग से सभी पत्तियों को हटा दें, केवल ऊपर पत्तियां रहने दें।
- 9×9 इंच के ग्रो बैग या गमले में तैयार की गयी मिट्टी को भरें।
- ग्रो बैग की मिट्टी में 2-3 इंच गहराई पर पारिजात की कटिंग को लगाएं।
- अब अच्छी तरह से पानी डालें और इसे पॉलीथीन से ढक दें, ताकि कटिंग जल्दी ग्रो हो सके।
- ग्रो बैग को ऐसी जगह पर रख दें जहाँ उजाला रहता हो, लेकिन सूरज की सीधी धूप न आती हो।
- समय-समय पर जब भी मिट्टी छूने पर सूखी लगे, पानी का छिड़काव करते रहे।
- कलम रोपने के दिन से 3-4 सप्ताह में नई पत्तियां ग्रो होने लगती हैं।
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हरसिंगार या परिजात पौधा का बीज कैसे लगाएं/उगाएं – How To Grow Harsingar (Parijat) Plant From Seed In Hindi
परिजात पौधे को बीज से उगाने/लगाने का सही तरीका:
- अच्छी गुणवत्ता वाले बीज किसी बीज भंडार दुकान से या ऑनलाइन खरीद लें।
- तैयार की गयी मिट्टी को 9×9 इंच के ग्रो बैग में भरें और उसमें 2 सेमी की गहराई पर बीज बोएं।
- स्प्रे बोतल की मदद से मिट्टी पर पानी का छिड़काव करें।
- कंटेनर को सीधे सूर्य प्रकाश (direct Sunlight) में न रखें।
- 3-4 सप्ताह में बीज अंकुरित हो जाएंगे।
- एक बार जब अंकुर में 4-5 पत्तियाँ आ जाएंगी, तो आप पौधे को एक उचित साइज के गमले में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
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हरसिंगार या पारिजात के पौधे की देखभाल कैसे करें – How To Take Care Of Harsingar Plant In Hindi
पारिजात या हरसिंगार पौधे की अच्छे से केयर करने के लिए इन जरूरी बातों का ध्यान रखें:
पानी – Water Requirement For Night Blooming Jasmine/Harsingar In Hindi
हरसिंगार का पौधा हल्की नम मिट्टी में बेहतर तरीके से बढ़ता है, इसलिए मिट्टी को नम (Slightly Moist) बनाए रखें, लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि मिट्टी में पानी भरा न रहे। इसके अलावा पानी देते समय पत्तियों को गीला न करें, क्योंकि ऐसा करने से पौधे में फंगल रोग लग सकता है।
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धूप – How Much Sun Does Parijat Need In Hindi
हरसिंगार (Harsingar) आंशिक छाया (Semi-Shade Plant) में उगने वाला फूल का पौधा है। इसे रोजाना 4 से 6 घंटे की सीधी धूप की जरूरत होती है। इस पौधे को पूरे दिन या बहुत तेज धूप में रखने से बचें, क्योंकि तेज धूप में पौधे की पत्तियों और तने पर जलने के निशान बन जाते हैं।
खाद – Fertilizer For Harsingar Plants In Hindi
जुलाई के आखरी हप्ते से हरसिंगार पौधे में हर महीने में 1 से 2 बार वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद डालें। आप 4-5 सप्ताह में एक बार संतुलित उर्वरक, जिसमें बराबर मात्रा में Npk यानि नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम पोषक तत्व होते हैं, का उपयोग पौधे पर कर सकते हैं। इसके अलावा, आप पौधे की ग्रोथ को तेजी से बढ़ाने के लिए प्लांट ग्रोथ प्रमोटर और कुछ मात्रा में नीम की खली भी प्रयोग कर सकते हैं।
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छंटाई – Pruning Parijat/Night Blooming Jasmine Plant In Hindi
पौधे की ग्रोथ अच्छे से हो, इसके लिए समय-समय पर आड़ी-तिरछी, मृत और क्षतिग्रस्त शाखाओं की छँटाई करें। जब पौधा घना हो जाये तब मनचाहा आकार देने के लिए भी हरसिंगार पौधे की छंटाई कर सकते हैं।
कीट और रोग – Treating Parijat Plant Pests And Diseases In Hindi
अधिकांश कीटों से हरसिंगार या पारिजात का पौधा काफी हद तक सुरक्षित है। बीमारियों को दूर रखने के लिए अधिक पानी देने से बचें, इसके अलावा पत्तियों को गीला न करें। नीम तेल का स्प्रे, इस पौधे को हर तरह के कीटों से सुरक्षित रखेगा।
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पारिजात या हरसिंगार के पौधे में फूल कब आते/खिलते हैं – Harsingar (Parijat) Plant Flowering Time In Hindi
कई लोगों का सवाल होता है कि पारिजात (Harsingar) के पौधे में फूल कब आते/खिलते हैं, या फूल आने में कितना समय लगता है। इस पौधे में फूल, पतझड़ (Fall Season) और ठंड (Cold Season) के मौसम में खिलते (Blooming) हैं। यानि अगस्त से लेकर फरवरी के महीने तक इस पौधे में खूब फूल खिलते (Flowering) हैं। एक साल के अंदर इस पौधे में फूल खिलने लगते हैं।
इस लेख में आपने जाना कि हरसिंगार या पारिजात का पौधा घर पर गमले में कैसे लगाएं, इसके बीज या कलम/कटिंग को कैसे उगाएं, तथा इसकी देखभाल के बारे में। घर पर गमले में हरसिंगार का पौधा उगाने से जुड़ा यह लेख अगर आपको पसंद आया हो, तो इसे शेयर जरूर करें।
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