अदरक एक जड़ी-बूटी वाली बारहमासी फसल है, जिसे आमतौर पर इसके प्रकंदों (rhizomes) के लिए वार्षिक रूप से उगाया जाता है। इस लेख में अदरक को घर पर उगाने से संबंधित जानकारी दी गई है, जिसे पढ़कर आप गमलों में अदरक कैसे उगाएं (How To Grow Ginger At Home In Hindi), अदरक उगाने के लिए सबसे अच्छा समय और गमले में अदरक उगाने का तरीका क्या है (Adrak kaise ugaye) तथा घर पर अदरक के पौधे की देखभाल (Ginger Plant Care Tips) संबंधी जानकारी के बारे में जान सकेगें। तो आइये जानते हैं कि, घर पर अदरक कैसे लगाएं?
अदरक एक कंद वाला पौधा है, इसका वैज्ञानिक नाम जिंजिबर ऑफिसिनेल (Zingiber officinale) है। अदरक प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम और आयरन का सबसे समृद्ध स्रोत है। अदरक एक दक्षिण पूर्व एशियाई पौधे की जड़ है, जिसे अपने तीखे स्वाद और मसालेदार सुगंध के लिए जाना जाता है। यह जिंजीबेरेसी (zingiberaceae) परिवार का पौधा है, हल्दी और इलायची भी इसी परिवार के पौधे हैं।
घर पर अदरक लगाने की जानकारी – Best tips for ginger planting at home in Hindi
घर पर अदरक उगाने से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार है:-
- अदरक की बुवाई का समय (ginger sowing time) – भारत के पश्चिमी क्षेत्र में अदरक की बुवाई का सबसे अच्छा समय मई का महीना होता है। इसके अलावा इसे फरवरी के मध्य या मार्च की शुरुआत में लगाया जा सकता है।
- अदरक उगाने के लिए तापमान (ginger growing temperature) – एक अच्छे और सुंदर अदरक के पौधे के लिए मिट्टी का तापमान 18 -25 °C के बीच होना चाहिए। यदि तापमान 12°C से कम हो जाता है, तो पौधे की ठीक तरह से ग्रो नहीं करता है और प्रकंद सिकुड़ कर बेजान हो जाते हैं।
- अदरक लगाने के लिए ग्रो बैग – 12×12 इंच के ग्रो बैग में आप अदरक लगा सकते हैं।
- मिट्टी का पीएच (ginger soil ph) – 5 से 6.5 पीएच वाली मिट्टी में अदरक अच्छी तरह ग्रो करता है।
- रोपण गहराई (ginger planting depth) – अदरक के प्रकंदों (rhizomes) को मिट्टी में लगभग 2 इंच गहराई पर लगाया जाना चाहिए।
- पौधे के बीच दूरी (ginger plant spacing) – अदरक के दो पौधों के बीच 30 सेंमी. की दूरी होनी चाहिए।
- फसल तैयार होने में समय (ginger growing time) – अदरक की फसल लगभग 8 से 9 महीने में तैयार हो जाती है।
- अदरक की कटाई का समय (Ginger harvesting time) – रोपण के 210 से 240 दिन बाद अदरक की खुदाई की जा सकती है।
अदरक के औषधीय उपयोग (health benefits of ginger) – सर्दीजुकाम, खाँसी ,खून की कमी, पथरी, पीलिया, पेट के रोग, वबासीर, अमाशय तथा वायु रोगियों के लिये दवाओ के निर्माण में अदरक का प्रयोग किया जाता है।
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अदरक उगाने के लिए अच्छा समय – Ginger growing season in india in Hindi
अदरक एक गर्म मौसम की, उष्णकटिबंधीय बारहमासी जड़ी बूटी है। इसे सबसे अधिक गर्म स्थानों को छोड़कर सभी स्थानों में वार्षिक रूप में उगाया जाता है। अदरक को फरवरी के मध्य या मार्च की शुरुआत से लेकर अप्रैल से जून माह तक लगाया जा सकता है। लेकिन अदरक को लगाने का सबसे अच्छा समय 15 मई से 30 मई के मध्य का है। 15 जून के बाद बुवाई करने पर कंद सड़ने लगते हैं और अंकुरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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अदरक लगाने के लिए मिट्टी – Best soil for growing ginger in Hindi
जिंजर अर्थात अदरक रेतीली दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से ग्रो करता है, क्योंकि यह मिट्टी उचित जल निकासी वाली होती है। 5.5 – 6.5 पीएच मान वाली मिट्टी अदरक के लिए उपयुक्त होती है। अदरक के लिए ढलानदार और आंशिक छाया वाले खेत जिनमें पानी का ठहराव न हो सबसे उपयुक्त होते है। गमले में अदरक लगाने के लिए आप घर पर मिट्टी तैयार कर सकते हैं। गमले की मिट्टी तैयार करने के तरीके के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
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घर में अदरक कैसे उगाएं – How to plant ginger at home in Hindi
होम गार्डन में अदरक को कंद की कटिंग द्वारा उगाया जाता है। सीधे गार्डन या गमले की मिट्टी में अदरक की कटिंग से तैयार किये गए बीज को लगा सकते हैं। यदि आपके पास बड़े अदरक के टुकड़े हैं, तो उनको चाकू से काटना सही होता है। अदरक के टुकड़ों को चाकू से काटें, लेकिन इस बात का ध्यान रखें की एक टुकड़े को तभी चाकू से काटें, जब उसमें 2 से अधिक आँखें हों। यदि किसी टुकड़े पर 3 आँखें हैं, तो उसके उगने की सम्भावना सबसे अधिक होती है।
अदरक उगाने के लिए आपको कटिंग लगे हुए गमले को धूप में रखने की ज़रूरत होगी। क्योंकि, ठंड के मौसम में अदरक के पौधे बहुत जल्दी सूख जाते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि जब आप अदरक की कटिंग को लगाए, तो अदरक की कटिंग लगे हुए गमले को खुली जगह या छत पर धूप में रख दें। इसे लगाने के बाद इसमें समय-समय पर पानी डालते रहें।
गमले में अदरक कैसे लगाएं – How to grow ginger in pots in Hindi
अदरक की कटिंग को ग्रो बैग या कंटेनर में आसानी से उगाया जा सकता है। इसके लिए गोलाकार (circular) या आयताकार (rectangular) गमले या ग्रो-बैग का उपयोग किया जाता है। कंटेनर या ग्रो बैग के 1/2 भाग को अच्छी पॉटिंग मिट्टी से भरें। गमले की मिट्टी हल्की और उचित जल निकासी वाली होनी चाहिए। अब अदरक की कटिंग को मिट्टी के ऊपर रखें और उन्हें 2 से 3 इंच मिट्टी से ढक दें। जैसे-जैसे अदरक की कटिंग अंकुरित होती जाएगी, वैसे-वैसे आप अधिक से अधिक मिट्टी (soil) गमले में डालते रहें, जब तक कि पूरा गमला ढक न जाए। अदरक वाले गमले की मिट्टी को नम बनाए रखना आवश्यक है जब तक की अदरक अंकुरित होकर पौधे में विकसित न हो जाए।
अदरक लगाने के लिए बेस्ट कंटेनर – Best container for growing ginger in Hindi
घर पर अदरक उगाने के लिए ऐसे कंटेनर को चुनें, जो कम से कम 12 इंच गहरा और 12 इंच चौड़ा हो। इसके अलावा गमले या कंटेनर के तल पर जल निकासी छेद अवश्य हों। यदि आप जियो फेब्रिक ग्रो बैग का इस्तेमाल करते हैं, तो इनमें जल निकासी छिद्र होना आवश्यक नहीं होता है। अदरक उगाने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले उचित साइज़ के ग्रो बैग निम्न हैं:
- 12 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊँचाई)
- 15 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊँचाई)
- 24 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊँचाई)
- 3F X 2F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग
- 3F X 3F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग
- 4F X 2F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग
- 5F X 1F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग
- 60 X 15 X 15 इंच रेक्टेंगल ग्रो बैग
- 6F X 3F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग
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घर पर अदरक की देखभाल कैसे करें – How to care for ginger at home in Hindi
होम गार्डन या टेरेस गार्डन में लगे अदरक की अच्छी पैदावार के लिए देखभाल की जरूरत होती है, आप निम्न प्रकार जिंजर प्लांट की केयर कर सकते हैं, जैसे:-
अदरक के लिए कब और कितना पानी देना है – Water requirements for ginger in Hindi
गमले में अदरक को सक्रिय रूप से बढ़ने के लिए अधिक नमी की आवश्यकता होती है। इसलिए अदरक को उचित समय पर और उचित मात्रा में पानी देते रहना चाहिए, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे। हालाँकि, अधिक पानी न डालें, क्योंकि जो पानी बहता है, वह पोषक तत्वों को अपने साथ ले जाएगा, इसके अलावा अधिक पानी से अदरक की कटिंग भी नष्ट हो जायेगी। अदरक को पानी देने के लिए आप वॉटर केन का उपयोग कर सकते है।
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अदरक की वृद्धि के लिए सूर्य प्रकाश की आवश्यकता – How much sunlight required for growing ginger in Hindi
अदरक का पौधा धूप वाली जगह में आसानी से ग्रो करता है, हालाँकि यह आंशिक बाहरी छाया में भी विकसित हो सकता है।
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अदरक के अधिक उत्पादन के लिए जलवायु – Best weather for ginger in Hindi
अदरक एक गर्म जलवायु वाला पौधा है। यह गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से ग्रो करता है। यदि आप अदरक को घर पर गमले में ग्रो करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ठण्ड के आख़री सप्ताह अर्थात फरवरी के अंत से लेकर मई तक अदरक की बुआई कर सकते हैं।
गमले में अदरक उगाने के लिए उर्वरक – Best fertilizer for growing ginger at home in Hindi
अदरक एक जड़ वाली फसल है और अदरक की अच्छी फसल उगाने के लिए जैविक उर्वरक सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। अदरक के लिए फास्फोरस और पोटेशियम से युक्त खाद उपयुक्त होती है। अदरक पर कम नाइट्रोजन वाले उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि बहुत अधिक नाइट्रोजन, अदरक के पौधों में अत्यधिक पत्ते उगाने का कारण बनती है और पैदावार भी कम होती है। अदरक के लिए आवश्यक उर्वरक निम्न है:
इसके साथ-साथ आप गोबर की खाद का उपयोग भी कर सकते हैं।
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अदरक में होने वाले रोग और बचाव – Ginger diseases and prevention in Hindi
यदि आप घर पर गमले में अदरक उगा रहे हैं, तो आपको अदरक को प्रभावित करने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। आइये जानते हैं कि अदरक में होने वाली बीमारियाँ कौन-कौन सी हैं।
अदरक की बीमारी बैक्टीरियल विल्ट डिजीज – Bacterial Wilt disease in Ginger in Hindi
- बैक्टीरियल विल्ट डिजीज के लक्षण – बैक्टीरियल विल्ट रोग में अदरक के पत्ते गिरने और मुड़ने लगते है। इस रोग में पौधे गंभीर पीलेपन और मुरझाने के लक्षण प्रदर्शित करते हैं। पीलापन सबसे निचली पत्तियों से शुरू होता है और धीरे-धीरे ऊपरी पत्तियों तक बढ़ता जाता है।
- बैक्टीरियल विल्ट डिजीज दूर करने के उपाय – इस रोग का पता चलने पर अदरक लगे गमलों में बोर्डो मिश्रण 1% या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 2% का छिड़काव करना चाहिए।
लीफ स्पॉट अदरक में होने वाला प्रमुख रोग – Leaf spot diseases of ginger in Hindi
- अदरक में लीफ स्पॉट के लक्षण – यह रोग पानी से लथपथ स्थान में होता है और अदरक में गहरे भूरे रंग के किनारों और पीले रंग से घिरे सफेद धब्बे के रूप में बदल जाता है। घाव बड़े हो जाते हैं और आस-पास के घाव मिलकर पत्तों को गलाने लगते हैं। रुक-रुक कर होने वाली बारिश के दौरान बारिश की फुहारों से भी यह बीमारी फैलती है।
- लीफ स्पॉट की रोकथाम – इस रोग की रोकथाम के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 25% या मैंकोज़ेब 0.2% का छिड़काव करके रोग को नियंत्रित किया जा सकता है।
अदरक में हो सकता है पीला रोग – Yellows disease of ginger plant in Hindi
- पीला रोग का कारण – यह रोग मिट्टी में अधिक नमी, अधिक तापमान और अधिक आद्रता के कारण होता है।
- अदरक पर पीला रोग प्रभाव – इस रोग में अदरक के पत्ते पीले दिखाई देने लगते हैं। जैसे-जैसे रोग बढ़ता जाता है पत्तियां गिरने लगती हैं। फलस्वरूप पौधा सूख जाता है, और पौधे की ग्रोथ रुक जाती है।
- अदरक को पीला रोग से बचाने के उपाय – इस रोग से अदरक के पौधे को सुरक्षित रखने के लिए रोग रहित स्वस्थ बीज का चयन करना चाहिए और गमले की मिट्टी से जल निकासी का उचित प्रबंध करना चाहिए।
नोट- इसके अतिरिक्त अन्य रोग भी अदरक की फसल को प्रभावित करते है, जो निम्न हैं।
- सॉफ्ट रोट (soft rot)
- स्टोरेज रोट (storage rot)
- शीथ ब्लाइट या पत्ती तुषार (sheath blight / leaf blight)
- शुष्क सड़ांध या ड्राई रोट (dry rot)
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अदरक को प्रभावित करने वाले कीट – Pest that effects ginger in Hindi
- कूरमुला कीट (curmula insect) – मानसून की पहली बरसात के साथ ही मई-जून के महीने में कूरमुला कीट जमीन से बहार निकलते हैं। मादा कूरमुला द्वारा जमीन में दिए गये अण्डों से निकले गिडार की द्वितीय एवं तृतीय अवस्थाएं अदरक की जड़ों को खाकर हानि पहुंचाती हैं। ताजे गोबर की खाद के प्रयोग से इसका प्रकोप बढ़ जाता है।
- अदरक की मक्खी या मैगट (ginger fly or rhizome maggot) – यह अदरक का एक प्रमुख कीट है। यह कीट हल्के सफ़ेद रंग का होता है, जो अदरक के प्रकंदों में छेद कर अंदर घुस जाता है तथा अंदर के भागों को खाता है, जिससे अदरक में सड़न हो जाती है। इस कीट की कुछ प्रजातियाँ अदरक के पौधों, तनों तथा प्रकंदों में छेद कर अंदर के भागों को खाकर अदरक को क्षति पहुँचाती हैं।
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अदरक की खुदाई – Ginger harvesting in Hindi
उगाए गए अदरक को मुख्य रूप से खोदकर निकाला जाता है। अदरक को खोदने के लिए आप हैण्ड ट्रॉवेल का उपयोग कर सकते है। अदरक का पौधा 2 महीने के बाद विकसित होने लगता है। इन्हें परिपक्वता के किसी भी चरण में काटा जा सकता है, लेकिन ये 8-9 महीनों के बाद सबसे अच्छे होते हैं। अदरक की खुदाई करने के लिए आप हैण्ड ट्रॉवेल का उपयोग करें। अदरक के चारों ओर खुदाई करें और जैसें ही अदरक का पौधा ढीला हो जाता है उसे पकड़कर ऊपर निकाल लें।
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