तुलसी सूखने के कारण – Why tulsi plant drying up in Hindi

प्राकृतिक रूप से तुलसी का पौधा एक आयुर्वेदिक पौधा है, और हमारे लिए कई तरह से फायदेमंद भी है, इसलिए इसे प्रत्येक भारतीय अपने घर पर गमले में उगाता है। लेकिन अधिकतर यह देखा गया है कि, घर पर लगाया गया तुलसी का पौधा अचानक से सूखने लगता है। चूँकि तुलसी का पौधा आउटडोर प्लांट है, जिसे ग्रो करने के लिए धूप आवश्यक होती है। तुलसी सूखने के अनेक कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में इस लेख में विस्तार से बताया गया है। तुलसी के पौधे को सूखने से कैसे बचाएं व बचाने के उपाय जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें। (Tulsi plant drying causes in Hindi)

तुलसी क्यों आवश्यक है – Why Basil is Necessary in Hindi

तुलसी क्यों आवश्यक है - Why Basil is Necessary in Hindi

तुलसी का वैज्ञानिक नाम ओसिमम तेनुइफ्लोरम (Ocimum tenuiflorum) है, तुलसी के बीज में मौजूद फ्लेवोनोइड और फेनोलिक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। तुलसी के बीजों में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, तुलसी के बीज पेट में जाने के बाद जिलेटिन युक्त परत बनाते हैं, जो आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायता करते हैं और साथ ही तुलसी का काढ़ा आपके प्रतिरक्षा तंत्र (immune system) को भी मजबूत करता है।

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तुलसी का पौधा सूखने के कारण – Reason of tulsi plant drying in Hindi

तुलसी का पौधा सूखने के कारण - Reason of tulsi plant drying in Hindi

यदि आपके द्वारा घर पर लगाई गई तुलसी सूख रही है, तो इसके प्रमुख कारण निम्न हो सकते हैं, जैसे:-

तुलसी के बीज की कटाई न करने से सूखता है पौधा – Tulsi Plant dries up due to basil seeds in Hindi

अगर आप चाहते हैं, कि आपकी तुलसी लंबे समय तक हरी भरी बनी रहे, तो आप तुलसी की मंजरी (तुलसी के बीज) को उचित समय पर काट दीजिये या तोड़ दीजिये। क्योंकि तुलसी के पौधे की पूरी एनर्जी मंजरी को स्वस्थ रखने में चली जाती है और उस स्थिति में आपके तुलसी के पौधे की ग्रोथ रुक जाती है, परिणामस्वरुप आपका तुलसी का पौधा सूखने लगता है।

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तुलसी सूखने का कारण अपर्याप्त धूप – Tulsi plant drying from improper sunlight in Hindi

तुलसी के पौधे यदि रोग का शिकार होता है, तो उसका मुख्य कारण है धूप की कमी। अगर आपके यहाँ तुलसी लगी है और उस पर उचित मात्रा में सूरज की धूप नहीं पढ़ रही है, तो इस स्थिति में पत्ते खाने वाले कीट आपकी तुलसी पर हमला कर देंगे। फलस्वरूप तुलसी की पत्तियां पीली पड़ने लगती है और तुलसी का पौधा धीरे-धीरे सूखने लगता है। इसलिए तुलसी के पौधे को ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए, जहाँ तुलसी के पौधे को उचित मात्रा में धूप मिल सके।

(यह भी जानें: जरूरत से ज्यादा धूप पड़ने पर पौधों में दिखाई देते हैं ये लक्षण….)

ठण्ड के प्रभाव से सूखती है तुलसी – Tulsi plant dying effect of cold in Hindi

तुलसी के पौधे कोहरा और ठंडे तापमान के प्रति संवेदनशील होते हैं, और लंबे समय तक ठंडे मौसम के संपर्क में रहने से तुलसी के पौधे मुरझा जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त 10°C से नीचे का तापमान भी पौधे की वृद्धि को रोक सकता है और पत्तियों को नुकसान पहुंचा सकता है।

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गर्मियों में तुलसी सूखने का कारण पानी की कमी – Tulsi plant drying up in summer from Lack of water in Hindi

गर्मियों में तुलसी को हरा भरा रखने के लिए अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। यदि आप सुबह पानी डालते हैं, तो पौधा शाम तक सूख जाता है। अतः गर्मियों के मौसम में पानी का असंतुलन तुलसी के सूखने का एक कारण हो सकता है।

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सर्दियों में तुलसी सूखने का कारण अधिक पानी – Basil plant drying in winter from more watering in Hindi

तुलसी के पौधे को आवश्यकता से अधिक पानी देने से इसकी जड़ें सड़ने लगती है। जिसके परिणामस्वरूप तुलसी के पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगते है और तुलसी का पौधा सूख जाता है। तुलसी को तभी पानी दें, जब ऊपर की 1 से 2 इंच मिट्टी सूखी हो और याद रखें कि गीली मिट्टी की तुलना में थोड़ी सूखी मिट्टी तुलसी के पौधे के लिए स्वास्थ्यवर्धक होती है। चूँकि तुलसी के लिए ज्यादा पानी की जरुरत नहीं होती है, इसलिए इसके पौधे को लगाने के लिए ऐसे पॉट या कंटेनर का उपयोग करना चाहिए, जिसकी तली में छिद्र हो जिससे कि अतिरिक्त जल बाहर निकलता रहे।

(यह भी जानें: पौधों को पानी देने के लिए बेहतरीन गार्डन टूल्स….)

मिट्टी की अधिक जुताई के कारण सूखती है तुलसी – Tilling of soil causes drying Tulsi plant in Hindi

अन्य पौधों की तरह तुलसी को अधिक देखभाल पसंद नहीं होती है। तुलसी लगे गमले की मिट्टी की बार-बार जुताई (tilling) करने से भी तुलसी का पौधा सूखने लगता है।

(यह भी जानें: पौधे लगाने के लिए गमले की मिट्टी कैसे तैयार करें….)

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तुलसी का पौधा सूखने का कारण रोग – Tulsi plant dies suddenly from diseases in Hindi

घर पर तुलसी का पौधा अनेक रोगों से ग्रस्त हो सकता है और तुलसी के सूखने का कारण बन सकता है। तुलसी सूखने का कारण बनने वाले रोगों में निम्न शामिल हैं:

फ्यूजेरियम विल्ट रोग से तुलसी का सूखना Fusarium wilt Due to drying of Tulsi plant in Hindi

फ्यूजेरियम विल्ट तुलसी में होने वाली एक आम रोग है। यह बीमारी फुसैरियम ऑक्सिस्पोरम नामक कवक के कारण होती है। गर्मियों के दौरान, विशेष रूप से गर्म मौसम में, फ्यूजेरियम विल्ट पैदा होता है। यह एक मिट्टी से पैदा होने वाला कवक है और यदि कई वर्षों तक कोई उपयुक्त मेजबान उपलब्ध नहीं है तो मिट्टी में निष्क्रिय रह सकता है। फ्यूजेरियम विल्ट नामक बीमारी पौधे की जल वाहिकाओं को अवरुद्ध कर देती है, जिससे पौधे में पानी की कमी हो जाती है और पौधा मर जाता है।

तुलसी में फुसैरियम विल्ट के लक्षण – Symptoms of Fusarium Wilt in Basil in Hindi

फुसैरियम विल्ट के लक्षण पहले पुराने पत्तों पर देखे जाते हैं और फिर नई पत्तियों की ओर बढ़ते हैं और अंततः तुलसी का पौधा नष्ट हो जाता है। इस बीमारी के लक्षण निम्न प्रकार है:

  • तुलसी के पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं।
  • पौधे का विकास रुक जाता है।
  • तनों के बाहरी भाग पर फफूंद वृद्धि होने लगती है।
  • जड़ सड़ने लगती है।

(यह भी जानें: पौधों में जड़ सड़न रोग (रूट रॉट) के कारण और बचाने के उपाय…..)

तुलसी का पौधा सूखने का कारण लीफ स्पॉट रोग – Basil dry on cause of leaf spot in Hindi

लीफ स्पॉट नामक बीमारी में तुलसी के पौधे की पत्तियों के ऊपर काले धब्बे बन जाते हैं और पत्ती के काले धब्बों के भीतर से मृत ऊतक बाहर निकल सकते हैं, जिससे शॉट-होल का लक्षण हो सकता है। इस रोग के कारण तुलसी के पौधे से पत्तियां गिरने लगते है और फलस्वरूप पौधा सूखने लगता है।

(यह भी जानें: पौधों में मिट्टी से होने वाले रोग, लक्षण और रोकथाम के उपाय…..)

पाउडरी मिल्ड्यू बनता है तुलसी सूखने का कारण – Powdery mildew causes of tulsi drying up in Hindi

पाउडरी मिल्ड्यू रोग एक कवक के कारण होता है। ये कवक पत्तियों पर पाउडर पैदा करते हैं और पौधे की विस्तृत श्रृंखला को प्रभावित करते हैं। इस रोग से उपचार के लिए पूरे पौधे पर मेन्कोजेब (mancozeb) नामक दवाई का छिड़काव करना चाहिए।

(यह भी जानें: कैसे करें तुलसी के पौधे की देखभाल…..)

तुलसी के पौधे का सूखना सीडलिंग ब्लाइट के कारण Basil plant drying up cause Seedling blight in Hindi

सीडलिंग ब्लाइट भी एक कवक संक्रमण है जिसके कारण तुलसी के बीज या अंकुर मर जाते हैं। फलस्वरूप तुलसी का पौधा नष्ट हो जाता है।

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तुलसी सूखने का कारण हानिकारक कीट – Tulsi plant drying causes of pests in Hindi

तुलसी सूखने का कारण हानिकारक कीट - Tulsi plant drying causes of pests in Hindi

तुलसी के पौधे को प्रभावित करने वाले सामान्य कीट लीफ रोलर्स और तुलसी लेस विंग हैं।

लीफ रोलर के प्रभाव के कारण सूखती है तुलसी – basil drying causes of leaf rollers pests in Hindi

ये कीट पत्तियों, कलियों और फसलों पर अपना भोजन करते हैं। ये कीट पत्तियों की सतह को सील कर देते हैं और उन्हें रोल या फोल्ड कर देते हैं। इस कीट के प्रभाव से तुलसी का पौधा धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है।

तुलसी सूखने का कारण तुलसी लेस विंग – basil lacewing Due to drying of Tulsi plant in Hindi

ये कीट पत्तियों को खाते हैं और मल छोड़ देते हैं, जो पत्तियों के लिए अच्छा नहीं होता है। पत्तियाँ मुड़ जाती हैं और फिर प्रारंभिक अवस्था में तुलसी का पूरा पौधा सूख जाता है।

(यह भी जानें: आउटडोर प्लांट्स को कीड़ों से बचाने के लिए टिप्स…..)

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तुलसी के पौधों को सूखने से कैसे बचाएं – How to save Tulsi plant from dying in Hindi

तुलसी के पौधों को सूखने से कैसे बचाएं - How to save Tulsi plant from dying in Hindi

  • सर्दियों में तुलसी का पौधा कोहरा और ठंड के प्रभाव के कारण सूखने लगता है। अतः सर्दियों में इसे सूखने से बचाने के लिए मल्चिंग करें और पौधे को कपड़े से ढक दें। अगर आपने तुलसी को गमले में लगाया है, तो गमले को रात के समय छाया या घर के अंदर रखें। सर्दियों में तुलसी के पौधे को पूरे दिन सीधी धूप मिलनी चाहिए, अतः गमले को दिन के समय धूप वाली जगह पर रखें।
  • समय-समय पर तुलसी के पौधे से बीज निकालते रहें। यदि आप बीजों को पौधे पर सूखने के लिए रखते हैं, तो इसके परिणामस्वरूप तुलसी का पौधा अंत में सूख जाता है। इसलिए समय पर तुलसी के बीज तोड़ते रहें। लेकिन सारी मंजरी (बीज) एक साथ न तोड़ें। 2-3 दिन के अंतराल से एक बार में बीज का 1/3 भाग तोड़लें।
  • अगर आपको तुलसी के पौधे पर कोई काला कीट दिखाई दे, तो उसे हटा दें तथा हल्दी पाउडर को जड़ों पर फैलाएं। तुलसी के पौधे से कीड़ों को हटाने के लिए आप नीम तेल का छिड़काव कर सकते हैं, क्योंकि यह एक बायोडिग्रेडेबल और गैर विषैला पदार्थ है।
  • आप तुलसी को सर्दियों में दिन में एक बार सुबह और गर्मियों में सुबह-शाम उचित मात्रा में पानी दें। तुलसी लगे गमले की मिट्टी में नमी को चेक करने के बाद ही पानी डालें।
  • तुलसी के पौधे को दोबारा से गमलों में लगाएं, बहुत छोटा गमला न लें। तुलसी लगाने के लिए मध्यम आकार के गमले का उपयोग करें।
  • सूखी पत्तियों और टहनियों को छांटें अर्थात प्रूनिंग करें व पौधे को सूर्य प्रकाश (बहुत तेज धूप में नहीं) में रखें।

(यह भी जानें: तुलसी के पौधे को हरा-भरा कैसे रखें…..)

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