लोगों के पास टाइम या गार्डनिंग की जानकारी कम होने के कारण वे फूलों का गार्डन नहीं बना पाते। लेकिन यदि आप रंग बिरंगे फूलों व गार्डन की हरियाली का आनन्द उठाना चाहते हैं तो घर पर गमले में कॉक्सकॉम्ब फ्लावर का पौधा उगाना सबसे अच्छा विचार हैं। कॉक्सकॉम्ब एक ऐसा पौधा है जिसको लगाने से लेकर फूल खिलने तक ज्यादा देखभाल करने की जरूरत नही पड़ती है तथा यह कई रंगों में आता है जैसे नारंगी, हरा, लाल, गुलाबी, पीला। यदि आप भी कॉक्सकॉम्ब जैसे फूलों के शौकीन हैं और उन्हें अपने गार्डन में उगाना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें, जहां पर आप कॉक्सकॉम्ब को बीज से कैसे उगाएं, घर पर गमले में कॉक्सकॉम्ब फूल का पौधा कैसे लगाएं तथा उनकी देखभाल कैसे करें? आदि सवालों के जबाव जानेंगे।
कॉक्सकॉम्ब फ्लावर से सम्बंधित जानकारी – Information about Cockscomb Flower In Hindi
वानस्पतिक नाम |
सेलोसिया क्रिस्टाटा (Celosia Cristata) |
सामान्य नाम |
कॉक्सकॉम्ब |
पौधे का प्रकार |
सदाबहार फूल |
कॉक्सकॉम्ब लगाने का सही समय |
सामान्यतः ग्रीष्म ऋतु (मार्च से जुलाई) |
मौसम |
गर्म वातावरण |
बीज लगाने की गहराई |
लगभग 0.3 सेमी. |
आवश्यक धूप |
पूर्ण सूर्यप्रकाश |
उपयोगी मिट्टी |
अच्छी जल निकास वाली रेतीली दोमट मिट्टी |
मृदा पीएच |
6.0 से 7.0 |
बीज अंकुरण का समय |
लगभग 8 से 10 दिन |
फूल खिलने का समय |
बीज लगाने के लगभग 80 से 90 दिन बाद |
फूल का रंग |
लाल, गुलाबी, नारंगी, पीला व सफ़ेद |
आदर्श तापमान |
18 से 30°C |
ग्रोथ रेट |
धीमी |
प्लांट स्पेसिंग |
6-18 इंच |
घर पर कॉक्सकॉम्ब फूल कहाँ लगाएं – Where To Grow cockscomb Flower At Home In Hindi
कॉक्सकॉम्ब प्लांट को घर के अंदर और बाहर दोनों जगह उगाया जा सकता है। इसकी सुंदरता निश्चित रूप से किसी भी स्थान को सजाएगी, पर बाहर गार्डन की मिट्टी में लगाने से यह प्लांट लगभग सालभर चलते हैं नष्ट नही होते हैं। कॉक्सकॉम्ब को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहाँ पौधे को रोज सीधी धूप मिले। कॉक्सकॉम्ब के बीज खरीदने के लिए यहां क्लिक करें।
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कॉक्सकॉम्ब के फूल कब उगाएं – Cockscomb Flower Growing Season In Hindi
मार्च-अप्रैल में कॉक्सकॉम्ब के बीजों को घर पर बने गार्डन में लगाया जा सकता है। कॉक्सकॉम्ब के पौधे को तेजी से बढ़ने के लिए गर्मी का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है। बीज लगाने के एक से दो महीने बाद फूल आने लगते हैं। कॉक्सकॉम्ब के पौधे में अच्छे बड़े फूल विंटर (सर्दियों) में खिलते हैं।
होम गार्डन में कॉक्सकॉम्ब प्लांट उगाने के लिए जरूरी चीजें यहाँ से खरीदें:
कॉक्सकॉम्ब के बीज |
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पॉटिंग सॉइल |
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गमले या ग्रो बैग |
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वर्मीकम्पोस्ट |
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गोबर खाद |
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रॉक फास्फेट |
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प्लांट ग्रोथ प्रमोटर |
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नीम तेल |
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प्रूनर |
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स्प्रे पंप |
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वॉटर केन |
कॉक्सकॉम्ब पौधों के बीच की दूरी कितनी होनी चाहिए – Plant Distance Between Cockscomb Flowers In Hindi
पौधों के बीच की दूरी इस बात पर निर्भर करती है कि कॉक्सकॉम्ब की किस प्रजाति या किस्म को उगाया जा रहा है। किस्मों के आधार पर पौधे की छोटी किस्मों को 6 इंच की दूरी पर व कुछ अन्य किस्मों को 9 से 12 इंच की दूरी पर लगाया जाता है। फिर भी गमले का साइज़ यदि बड़ा है तो कॉक्सकॉम्ब के दो पौधों को एक गमले में लगाया जा सकता है।
होम गार्डन में कॉक्सकॉम्ब फूल के बीज कैसे उगाएं – How To Grow Cockscomb Flowers From Seed in HIndi
आप घर पर कॉक्सकॉम्ब के पौधे को बीज से भी उगा सकते हैं। यदि आप चाहे तो सीडलिंग ट्रे में पहले बीज को अंकुरित कर पौधे तैयार कर सकते हैं, तथा बाद में इन्हें बड़े गमले या गार्डन की मिट्टी में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि कॉक्सकॉम्ब के बीज को डायरेक्ट गमले या गार्डन की मिट्टी लगाने बेस्ट होता है क्योंकि ट्रांसप्लांटिंग से पौधों को नुकसान पहुँच सकता हैं। आइये जानते हैं गमले में कॉक्सकॉम्ब के बीज उगाने की विधि के बारे में:
- गमले या ग्रो बैग में पॉटिंग मिक्स (कोकोपीट या मिट्टी) को भरें।
- गमले में मिट्टी भरते समय ध्यान रखें कि गमले को ऊपर से 3 इंच खाली रहने दें, ताकि पानी देते समय मिट्टी बाहर न बहे।
- कॉक्सकॉम्ब के बीजों को पॉटिंग मिक्स या मिट्टी में डालें। बीजों को मिट्टी में न दबाएँ, क्योंकि बीजों को अंकुरित होने के लिए प्रकाश की आवश्यकता होती है।
- बीज लगाने के बाद मिट्टी में पानी का छिड़काव करें, पानी का छिडकाव करने के लिए आप वाटर स्प्रे पंप का उपयोग कर सकते हैं।
- उचित नमी बनाये रखने से कॉक्सकॉम्ब के बीज आमतौर पर 10 से 15 दिनों के भीतर अंकुरित हो जाएंगे और लगभग बीस दिन में पौधे 6 इंच से अधिक उंचाई के हो सकते हैं।
- अब कॉक्सकॉम्ब के इन पौधों को अलग-अलग गमलों में रोपित कर दें। यदि गमला बड़ा है तो दो या तीन पौधे भी एक साथ एक गमले में लगाए जा सकते हैं। पौधे लगाने के लगभग 30 से 50 दिनों में फूल खिलने लगते हैं।
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कॉक्सकॉम्ब के फूल को कैसे करें गार्डन में ट्रांसप्लांट – Repotting Cockscomb Plant In Garden in Hindi
कॉक्सकॉम्ब के पौधे अच्छी तरह से प्रत्यारोपित नहीं होते हैं। उन्हें बहुत गहरा लगाने से तना सड़ सकता है, और उथले पौधे आसानी से सूख जाते हैं। इसी बजह से सीधे गार्डन या बड़े गमले की मिट्टी में कॉक्सकॉम्ब के बीज लगाने से प्रत्यारोपण से जुड़ी समस्याओं से बचने में मदद मिलती है। आप पौधों को रिपॉट करते समय पौधों की जड़ों बगैर नुकसान पहुंचाए मिट्टी सहित बड़े गमले में ट्रांसप्लांट करें।
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घर पर कॉक्सकॉम्ब पौधे की देखभाल कैसे करें – Cockscomb plant care at home in Hindi
यदि आप अपने घर पर गमले में कॉक्सकॉम्ब फूल का पौधा लगा रहे हैं तो इसके अच्छे विकास के लिए निम्न देखभाल संबंधी उपाय अपनाए जाने चाहिए, जैसे:
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कॉक्सकॉम्ब के पौधों को सूर्यप्रकाश की आवश्यकता – How much Sunlight For Cockscomb Plant in Hindi
गार्डन या घर पर उगाये गए कॉक्सकॉम्ब के पौधों को अच्छे से बढ़ने के लिए पूर्ण सूर्य के प्रकाश की जरूरत होती है। हालाँकि कॉक्सकॉम्ब के पौधे आंशिक छाया में भी विकसित हो सकते हैं, लेकिन छायांकित क्षेत्रों में बहुत अधिक नमी होने के कारण कॉक्सकॉम्ब के पौधों में कवक और अन्य कीट लग सकते हैं। इसीलिए कम से कम 8 घंटे की सीधी धूप इन कॉक्सकॉम्ब पौधों को स्वस्थ रखेगी।
कॉक्सकॉम्ब के फूल के लिए उचित तापमान – Right Temperature For grow Cockscomb Flower in Hindi
कॉक्सकॉम्ब का पौधा गर्म जलवायु में पनपता है फिर भी इसकी कुछ किस्मों को ठंडे क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है। गर्म क्षेत्रों में आउटडोर पौधों के लिए कोई अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि कॉक्सकॉम्ब गर्म तापमान में अच्छे से ग्रोथ करते हैं। कॉक्सकॉम्ब पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए उचित तापमान रेंज 65°F से 80°F (18°C-27°C) है।
गमले में कॉक्सकॉम्ब उगाने के लिए बेस्ट मिट्टी – Best Soil Mix For Cockscomb Plant In Hindi
कॉक्सकॉम्ब के पौधे अच्छी तरह से जल निकासी वाली मिट्टी में तेजी से ग्रो करते हैं क्योंकि यह मिट्टी फंगल रोगों को दूर रखने में मदद करती है। पौधे के सर्वोत्तम विकास के लिए, भरपूर मात्रा में कार्बनिक पदार्थों वाली रेतीली मिट्टी का उपयोग करें। बेस्ट पॉटिंग मिश्रण बनाने के लिए मिट्टी के साथ कोकोपीट, रेत व खाद का उपयोग कर सकते हैं।
(यह भी जानें: पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी…)
कॉक्सकॉम्ब पौधों के लिए पानी – Watering In Cockscomb Plant in Hindi
गमले में लगे पौधों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए, क्योंकि कॉक्सकॉम्ब प्लांट नम मिट्टी को पसंद करते हैं। हालांकि अधिक पानी न डालें, क्योंकि इससे कॉक्सकॉम्ब पौधे में फफूंदी (mildew) लग सकती है। पत्तियों को गीला होने से बचाने के लिए पौधे के आधार पर पानी दें और पौधे में सिंचाई तेज धार से न करें। आप वाटरिंग कैन की मदद से कॉक्सकॉम्ब लगे गमले की मिट्टी में बौछार के रूप पानी दें।
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कॉक्सकॉम्ब फूल उगाने के लिए उर्वरक और खाद – Best Fertilizer For Cockscomb Plant in Hindi
गार्डन या गमले की मिट्टी में कॉक्सकॉम्ब के बीज लगाने से पहले, मिट्टी में ही खाद को मिलाकर पॉटिंग मिक्स तैयार की जाती है, जो पौधे के विकास के लिए फायदेमंद होती है। जब पौधा फूलने के लिए तैयार होता है, तो फूलों की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नाइट्रोजन की तुलना में अधिक मात्रा में फास्फोरस उर्वरक का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। आप पौधे की ग्रोइंग स्टेज के दौरान महीने में एक बार नाइट्रोज लिक्विड खाद या उर्वरक डालें।
(यह भी जानें: पौधों में फास्फोरस की कमी के लक्षण और उपाय…)
कॉक्सकॉम्ब प्लांट की प्रूनिंग – Pruning Of Cokscomb Plant in Hindi
पौधे की प्रूनिंग करने से अधिक शाखाएँ उत्पन्न होती हैं इसी कारण से आप प्रूनिंग की मदद से आप कॉक्सकॉम्ब के पौधे में अधिक फूल खिलने को बढ़ावा दे सकते हैं। जो फूल सूख गये हों उन्हें पौधे से अलग कर दें, एवं जो तने शाखाएँ सूख गये हों उन्हें भी प्रूनर की मदद से काटकर अलग कर दें।
(यह भी जानें: गार्डन में पेड़-पौधों की प्रूनिंग कैसे करें…)
कॉक्सकॉम्ब के पौधे में होने वाले रोग व बचाव – Diseases And Contorl Methods Of Cockscomb Plant in Hindi
कीट और रोग आमतौर पर कॉक्सकॉम्ब के पौधे में नहीं लगते हैं एवं कॉक्सकॉम्ब का पौधा कवक रोगों (fungal diseases) को छोड़कर अधिकांश रोगों के लिए प्रतिरोधी है। स्लग, घोंघा, एफिड्स और माइट्स कुछ सामान्य कीट हैं जो कॉक्सकॉम्ब प्लांट पर हमला करते हैं, एवं बरसात में फंगल भी पौधों को नुकसान पहुंचा सकती है। कीट और बीमारियों को रोकने के लिए कॉक्सकॉम्ब के पौधे पर नीम तेल या कीटनाशक साबुन के घोल का छिड़काव करें। संक्रमण या बीमारी के लक्षणों से बचाव के लिए नियमित रूप से पौधे का निरीक्षण करें।
(यह भी जानें: पौधों से एफिड्स कैसे निकालें…)
कॉक्सकॉम्ब के पौधे में फूल खिलने का समय – When Flowers Grow In Cockscomb Plant in Hindi
बीज बो देने के लगभग 7 से 10 दिनों के भीतर कॉक्सकॉम्ब के बीज जर्मीनेट हो जाते हैं व 30 से 50 दिनों के बाद कॉक्सकॉम्ब पौधे में फूल खिलने लगते हैं।
कॉक्सकॉम्ब के फूलों का उपयोग – Uses Of Cockscomb Flowers in Hindi
कॉक्सकॉम्ब के फूल सूखने पर भी अपना रंग बरकरार रखते हैं, इसलिए आप उन सूखे फूलों को भी अपने घर की सजावट में इस्तेमाल कर सकते हैं। ये फूल लगभग दस हफ्ते तक खिले रह सकते हैं, इसीलिए यदि आप फूल वाले पौधों की आउटडोर गार्डनिंग करना चाहते हैं तो कॉक्सकॉम्ब सबसे उपयुक्त फूल है।
FAQ
प्रश्न 1. क्या कॉक्सकॉम्ब को छाँव में उगाया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, कॉक्सकॉम्ब के पौधे पूर्ण सूर्यप्रकाश में तेजी से बढ़ते हैं।
प्रश्न 2. क्या कॉक्सकॉम्ब को घर के अन्दर उगाया जा सकता है?
उत्तर: हां, घर के अंदर बढ़ने पर कॉक्सकॉम्ब को कम से कम 8 घंटे धूप की आवश्यकता होगी इसीलिए उन्हें धूप वाली जगह पर रखा जाए।
प्रश्न 3. क्या कॉक्सकॉम्ब को गमले में लगाया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, कॉक्सकॉम्ब को गमले में आसानी से उगाया जा सकता है।
उम्मीद है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा और इसे पढ़ने के बाद आप घर पर गमले में कॉक्सकॉम्ब फूल के पौधे लगा सकते हैं। गार्डनिंग से जुड़े और भी उपयोगी लेख पढ़ने के लिए Organicbazar.net पर विजिट करें। इस आर्टिकल से संबंधित आपके सुझाव या सवाल हों तो हमें कमेंट में जरूर बताएं।