हींग एक दुर्लभ मसाला है, जिसका उपयोग कई बार हर्ब के तौर पर भी किया जाता है। हींग का इस्तेमाल दिमाग को तेज करने और सांस से संबंधित रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह भारत के सबसे महंगे मसालों में से एक है, जो व्यंजनों में एक अनोखा स्वाद जोड़ती है। वैसे तो हींग सबसे ज्यादा रेगिस्तानी क्षेत्रों में उगाई जाती है, लेकिन भारत की जलवायु भी इसे उगाने के लिए आदर्श होती है। आप अपने होम गार्डन या घर पर हींग के पौधे को उगाकर ताज़ी और शुद्ध हींग का उपयोग कर सकते हैं। अगर आप जानना चाहते हैं, गमले में हींग का पौधा कैसे लगाएं (Growing Asafoetida Plant In Hindi), तो हमारा यह लेख पूरा पढ़ें। होम गार्डन में हींग का पौधा कैसे उगाएं, उगाने की विधि तथा हींग के पौधे की देखभाल और हार्वेस्टिंग की जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी।
घर पर हींग का पौधा उगाने के लिए जानकारी – Information For Growing Asafoetida Plant At Home In Hindi
- सामान्य नाम – हींग
- वानस्पतिक नाम – Ferula Assa-Foetida
- पौधे का प्रकार – बारहमासी पौधा
- लगाने का समय – फरवरी से अप्रैल, सितंबर से नवंबर
- ग्रोइंग तापमान – 15-25°C
- हार्वेस्टिंग समय – विंटर सीजन
हींग का पौधा कब लगाएं – When To Plant Asafoetida Plant In Hindi
आमतौर पर हींग एक गर्म तापमान में उगने वाला पौधा है, जिसे आप अपने होम गार्डन में स्प्रिंग अर्थात फरवरी से अप्रैल तथा फॉल अर्थात सितंबर से नवंबर माह के बीच लगा सकते हैं।
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हींग का पौधा लगाने के लिए ग्रो बैग साइज – Grow Bag Size For Planting Asafoetida Plant In Hindi
यह पौधा 6 से 10 फीट की ऊंचाई तक बढ़ सकता है, इसलिए गार्डन में लगाने के लिए आपको एक बड़े, ड्रेनेजहोल्स युक्त ग्रो बैग की जरूरत होगी। घर पर हींग का पौधा लगाने के लिए आप निम्न साइज के ग्रो बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं:-
- 15 x 15 इंच (W x H)
- 18 x 15 इंच (W x H)
- 18 x 18 इंच (W x H)
मिट्टी तैयार करें – Prepare The Soil For Planting Asafoetida Plant In Hindi
हींग का पौधा 6.5 से 7.5 के बीच पीएच स्तर वाली, रेतीली, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में उगता है, जिसे गमले में लगाने के लिए आप मिट्टी तैयार कर सकते हैं। मिट्टी तैयार करने के लिए सामान्य मिट्टी में गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट, पर्लाइट और वर्मीकुलाइट आदि जैविक सामग्री मिलाएं।
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गमले में हींग का पौधा कैसे लगाएं – How To Grow Asafoetida Plant Indoors in Hindi
एक बार स्थापित हो जाने के बाद हींग का पौधा जड़ प्रणाली में कोई डिस्टर्बेंस पसंद नहीं करता है। ट्रांसप्लांटिंग शॉक से यह पौधा ख़राब हो सकता है इसलिए इसके बीज सीधे बोना एक लगाने का एक अच्छा तरीका है। आइये अब आगे जानते हैं- गमले में हींग का पौधा कैसे उगाएं?
हींग का पौधा उगाने की विधि – Method Of Growing Asafoetida Plant In Hindi
आमतौर पर हींग के बीज मिलना मुश्किल हो सकता है। हालाँकि आप ऑनलाइन विक्रेताओं से इसके बीज खरीद सकते हैं। आइए जानते हैं- गमले में हींग के बीज लगाने की विधि, जो कि इस प्रकार है:-
- सबसे पहले गमले या ग्रो बैग में पॉटिंग मिक्स भरें।
- अब मिट्टी में बीजों को लगभग 1 सेमी गहराई पर लगाएं।
- इसके बाद गमले में पानी दें तथा नमी बनाए रखें।
- जड़ को बढ़ने के लिए सुनिश्चित करें, कि प्रत्येक बीज लगभग 2 फ़ीट की दूरी पर हो।
- इस पौधे के बीजों को जर्मिनेट होने में लगभग 20 दिन या इससे भी अधिक समय लग सकता है।
- जब बीज अंकुरित हो जाता है, तो पौधे को तभी पानी दें, जब मिट्टी ऊपर से सूखी हुई हो।
हींग के पौधे की देखभाल – Take Care Of Asafoetida Plant In Hindi
घर पर हींग का पौधा लगाने के बाद पौधे की अच्छी ग्रोथ और उसे स्वस्थ रखने के लिए कुछ देखभाल की आवश्यकता होती है। आइये जानते हैं- हींग के पौधे की देखभाल कैसे करें? हींग की देखभाल के तरीके कुछ इस प्रकार हैं:-
पानी – Water For Growing Asafoetida Plant In Hindi
हींग एक सूखे को सहन करने वाला पौधा है और इसे अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है। इसे केवल तभी पानी दें, जब मिट्टी पूरी तरह से सूख जाए। पूरी तरह से सूखने के बाद मिट्टी को गहराई से पानी दें।
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धूप – Sunlight For Growing Asafoetida Plant In Hindi
हींग एक हार्डी बारहमासी पौधा है, जो भरपूर मिलने पर धूप ग्रोथ करता है। हालांकि यह कुछ आंशिक छाया को सहन कर सकता है, लेकिन पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए हर दिन कम से कम 6 घंटे सीधी धूप की आवश्यकता होती है।
तापमान – Temperature For Growing Asafoetida Plant In Hindi
हींग के पौधे की वृद्धि के लिए 15-30°C तापमान की आवश्यकता होती है। यह अधिक तापमान सहन नहीं कर सकता, इसलिए इसे पहाड़ी क्षेत्रों में उगाना संभव नहीं है।
फर्टिलाइजर – Fertilizer For Growing Asafoetida Plant In Hindi
हींग उगाते समय पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए उसमें जैविक खाद मिलाएं। इसके बाद ग्रोइंग सीजन के समय आप 3-4 सप्ताह में एक बार जैविक संतुलित लिक्विड उर्वरक जैसे बायो NPK, प्लांट ग्रोथ प्रमोटर इत्यादि दें।
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सपोर्ट – Support For Better Growth Of Asafoetida Plant In Hindi
आमतौर पर हींग पौधे के जड़ वाले हिस्से से प्राप्त होती है इसलिए यदि आप हवा वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो जड़ों को अच्छी तरह जमने और विकसित होने के लिए अपने पौधे को तेज हवाओं से बचाने की जरूरत होगी। इसके लिए आप पौधा लगाने के बाद उसके पास ट्रेली या पिंजरे से सहायता प्रदान कर सकते हैं।
हींग के पौधे के कीट और रोग – Pests And Diseases Of Asafoetida Plant In Hindi
आमतौर पर हींग एक हार्डी प्लांट है, जो बीमारियों का प्रतिरोध करती है, लेकिन यह कुछ कीटों के प्रति संवेदनशील हो सकता है। कुछ कीट जैसे वायरवर्म, स्लग और स्नेल्स, फ्ली बीटल्स आदि इस पौधे को प्रभावित कर सकते हैं। यह कीट पौधे की पत्तियों और जड़ों को खाते हैं, जिससे पौधा कमजोर हो सकता है। इन खतरनाक कीटों से बचने के लिए पौधे की नियमित जांच करें और जरूरत पड़ने पर जैविक कीटनाशक और नीम तेल का स्प्रे करें।
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हींग की हार्वेस्टिंग – Asafoetida Harvesting In Hindi
बीज लगाने के बाद पौधे से हींग की हार्वेस्टिंग में में लगभग 5 साल या इससे भी अधिक समय लग सकता है। हींग की हार्वेस्टिंग में पौधे की जड़ों को खोदना, उन्हें साफ करना और धूप में सुखाना शामिल है। सुखाने के बाद इनसे अनोखी खुशबू वाली हींग तैयार की जाती है।
इस लेख में आपने जाना होम गार्डन के गमले में हींग का पौधा कैसे उगाएं/लगाएं, उगाने की विधि तथा हींग के पौधे की देखभाल और हार्वेस्टिंग कैसे करें। आशा करते हैं हमारा लेख आपको पसंद आया हो। इस लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।