बॉटम वाटरिंग विधि क्या है, इससे किन पौधों को दिया जाता है पानी – Bottom Watering Method For House Plant In Hindi

किसी भी पौधे के स्वस्थ विकास और अच्छी वृद्धि के लिए पानी बेहद जरूरी होता है। आमतौर पर हम गार्डन के पौधों को पानी देने के लिए कई तरह की इरिगेशन मेथड को अपनाते हैं, जिनमें से एक है, बॉटम वाटरिंग मेथड। इसे कभी कभी सेल्फ इरिगेशन (Self-Watering) या रिवर्स वॉटरिंग विधि भी कहते हैं। यह पौधों को पानी देने की सबसे अच्छी विधि है, इसमें पौधों को जड़ों को निचली सतह से पानी दिया जाता है। यदि आप कंटेनर गार्डनिंग करते हैं, तो बॉटम वाटरिंग विधि के बारे में जानना आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। बॉटम वाटरिंग विधि क्या है, पौधों को इस विधि पानी कैसे दिया जाता है तथा पानी देने के फायदे जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें। इसके अलावा आप यह भी जानेंगे, कि नीचे से पानी देने वाली इस विधि से किन पौधों को पानी दिया जाता है। Bottom Watering Method In Hindi

बॉटम वाटरिंग विधि क्या है – What Is Bottom Watering Method In Hindi  

नीचे से पानी देना अर्थात बॉटम वाटरिंग पौधों को पानी देने की एक प्रभावी तकनीक है, जो अन्य विधियों से अलग है। इस विधि में पौधों की मिट्टी में ऊपरी सतह से पानी न देकर सीधे उनकी जड़ों में पानी पहुँचाया जाता है। इस मेथड में सीडलिंग या गमले में लगे पौधों को पानी से भरी ट्रे या टब में रखा जाता है, जिससे पौधे स्वतः ही गमले के नीचे से पानी को जरूरत के अनुसार अवशोषित कर लेते हैं, इसलिए इसे सेल्फ वाटरिंग विधि भी कहा जाता है।

इस विधि से पानी देने का सबसे बड़ा फायदा यह है, कि इसमें पौधे ओवरवाटरिंग से बचे रहते हैं तथा पत्तियां और तना गीला न होने से उनमें फंगस लगने या अन्य समस्याओं का खतरा काफी कम होता है।

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बॉटम वाटरिंग विधि से पानी कैसे दिया जाता है – How To Water Plants With Bottom Watering Method In Hindi 

बॉटम वाटरिंग विधि से पानी कैसे दिया जाता है - How To Water Plants With Bottom Watering Method In Hindi 

सामान्यतौर पर बॉटम वाटरिंग मेथड से उन कंटेनरों को पानी दिया जाता है, जिनकी तली में जल निकासी छिद्र हों, या जो गमले केशिका क्रिया द्वारा पानी को मिट्टी द्वारा सोखने देते हैं। आइये जानते हैं- बॉटम वाटरिंग विधि से पौधों को पानी देने की स्टेप्स, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • सबसे पहले जल निकासी छिद्र युक्त कंटेनर या गमला चुनें, जिसमें लगे पौधे कोपानी देना है।
  • अब पानी भरने के लिए एक गहरी ट्रे या तश्तरी (चौड़ा टब) लें।
  • इसके बाद ट्रे में पानी भरें, सुनिश्चित करें, कि पानी का स्तर गमले की ऊंचाई से कम हो।
  • अब कंटेनर, सीडलिंग ट्रे या पॉट को ट्रे में इस प्रकार रखें, कि कंटेनर का ⅓ निचला भाग पानी के संपर्क में हो।
  • पौधे को पानी सोखने के लिए समय दें, पौधे के आकार और मिट्टी के सूखेपन के आधार पर इसमें 30 मिनट से लेकर कुछ घंटों तक का समय लग सकता है।
  • जब मिट्टी नम हो जाए, तो कंटेनर या पॉट को ट्रे से हटा दें।

आइये अब जानते हैं- पौधों को बॉटम वाटरिंग विधि से पानी देने के क्या फायदे होते हैं?

(यह भी जानें: पौधों को पानी देने के लिए वाटर कैन क्यों हैं जरूरी, जानें फायदे और उपयोग….)

बॉटम वाटरिंग विधि से पानी देने के फायदे – Benefits Of Watering Plants With Bottom Watering Method In Hindi 

नीचे से पानी देना या बॉटम वाटरिंग विधि से पानी देने के फायदे कुछ इस प्रकार हैं:-

  • खासकर गर्मियों के मौसम में यह विधि पानी को जड़ों तक पहुँचने से पहले, वाष्पित होने से रोकती है।
  • इस विधि से पानी देने पर पत्तियां गीली नहीं होती हैं, जिससे फंगस लगने से रोका जा सकता है।
  • पौधे की जड़ों में समान रूप से पानी की पूर्ति हो जाती है।
  • जब ऊपर से पानी डाला जाता है तब कुछ मात्रा में मिट्टी का कटाव भी होता है, लेकिन नीचे से पानी देने पर इसे कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
  • इस विधि में ओवरवाटरिंग की समस्या कम होती है।
  • पौधों में रूट रॉट रोग होने से बचाया जा सकता है।

(यह भी जानें: यह संकेत बताएंगे, पौधों को नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी…)

क्या बॉटम वाटरिंग विधि से सभी पौधों को पानी दे सकते हैं – Can You Bottom Water All Plants In Hindi

क्या बॉटम वाटरिंग विधि से सभी पौधों को पानी दे सकते हैं - Can You Bottom Water All Plants In Hindi

आमतौर पर बॉटम वाटरिंग मेथड से पानी देने वाले पौधों में हाउसप्लांट, सीडलिंग और ड्रेनेज होल्स युक्त गमलों या कंटेनरों में उगाए गए छोटे से मध्यम आकार के पौधे शामिल हैं। इस विधि से उन पौधों को पानी दिया जाता है, जो अधिक पानी देने और रोग के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं या जिनकी जड़ें अधिक पानी से जल्दी ख़राब होने या सड़ने लगती हैं। इसके अलावा गहरी जड़ वाले पौधे (टमाटर), ट्रांसप्लांट की गई सीडलिंग, खराब जल निकासी वाली मिट्टी में लगे पौधे को भी इस विधि से पानी देना फायदेमंद होता है। शुष्क परिस्थितियों में रहने वाले पौधे जैसे- कैक्टस और सकुलेंट्स के लिए, यह विधि उपयुक्त नहीं है।

बॉटम वाटरिंग विधि से आप निम्न हाउस प्लांट को पानी दे सकते हैं:-

  • अफ्रीकन वायलेट (African Violets)
  • पीस लिली (Peace Lily)
  • स्पाइडर प्लांट (Spider Plant)
  • स्नेक प्लांट (Snake Plant)
  • इंग्लिश आइवी (English Ivy)
  • पोथोस (Pothos)
  • बोस्टन फर्न (Boston Fern)
  • फिलोडेंड्रोन (Philodendron)
  • चाइनीस एवरग्रीन (Chinese Evergreen)
  • एरोहेड प्लांट (Arrowhead Plant)

(यह भी जानें: पौधों को पानी देते समय न करें ये 7 गलतियां….)

इस लेख में आपने जाना, पौधों को पानी देने की सबसे अच्छी बॉटम वाटरिंग विधि या सेल्फ इरिगेशन मेथड क्या है, इस विधि से कैसे और किन पौधों को पानी दिया जाता है तथा पानी देने के फायदे के बारे में। उम्मीद है यह लेख आपको अच्छा लगा हो, लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव या सवाल हैं, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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