गार्डनिंग के प्रति इंटरेस्टिंग और पौधे प्रेमी व्यक्ति हमेशा पौधों की देखभाल को अधिक सुविधाजनक और कुशल बनाने के लिए लगातार नए-नए तरीके की खोज करते रहते हैं। जिनमें से आजकल सबसे ज्यादा ट्रेंड में है, सेल्फ-वॉटरिंग प्लांटर। हालाँकि पौधे लगाने के लिए कई तरह के गमले या ग्रो बैग का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इनडोर गार्डनिंग में सेल्फ वाटरिंग पॉट्स ने सबसे अधिक लोकप्रियता हासिल की है। अगर आप गार्डनिंग में नए हैं और जानना चाहते हैं, कि सेल्फ वाटरिंग पॉट्स क्या हैं, उनका उपयोग कैसे करें? तो हमारा यह आर्टिकल लास्ट तक पढ़ें, जिसमें हम आपको सेल्फ वाटरिंग प्लांटर्स (Best Self Watering Pots For Plants In Hindi) की पूरी जानकारी देंगे। सेल्फ वाटरिंग पॉट्स का उपयोग कैसे करें, इस पॉट में पौधे कैसे लगाएं तथा पौधे लगाने के फायदे, की जानकारी इस लेख में मिलेगी।
सेल्फ वाटरिंग पॉट्स क्या होते हैं – What Is Self Watering Planters In Hindi
सेल्फ वाटरिंग पॉट्स, जिन्हें सब-इरिगेशन प्लांटर्स के रूप में भी जाना जाता है। यह एक अलग प्रकार के गमले होते हैं, जो दो हिस्से में बंटे हुए होते हैं। जिनमें से ऊपरी हिस्से में मिट्टी तथा निचले हिस्से में पानी भरा होता है। यह दोनों हिस्से किसी माध्यम से जुड़े हुए होते हैं, जिससे आवश्यकता पड़ने पर मिट्टी निचले हिस्से से पानी को अवशोषित कर लेती है।
इन प्लांटर्स को विशेष रूप से मिट्टी में नमी के स्तर को बनाए रखने और पौधों को पानी की निरंतर आपूर्ति प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सेल्फ वाटरिंग पॉट्स का उपयोग आप घर के अंदर तथा बाहर दोनों जगह पौधे लगाने के लिए कर सकते हैं।
आइये अब जानते हैं- सेल्फ वाटरिंग पॉट में पौधे कैसे लगाएं?
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गार्डन में सेल्फ वाटरिंग पॉट्स का उपयोग कैसे करें – How To Use Self Watering Pots In Hindi
अगर आप एक बिजी गार्डनर हैं, तो सेल्फ वाटरिंग पॉट्स का उपयोग करना, आपके लिए बहुत ही फायदेमंद विकल्प हो सकता है। इससे न सिर्फ आप पौधे को बार-बार पानी देने का समय बचा सकते हैं, बल्कि आप पौधों को कई बीमारियों से भी बचा सकते हैं। आइये जानते हैं- सेल्फ वाटरिंग पॉट्स में पौधे कैसे लगाएं? पौधे लगाने के लिए सेल्फ वाटरिंग पॉट्स का उपयोग करने के स्टेप्स कुछ इस प्रकार हैं:-
सही प्लांटर खरीदें – Buy The Right Planter In Hindi
लगाए जाने वाले पौधे के आकार और प्रकार के अनुसार सही साइज का सेल्फ वाटरिंग पॉट चुनें। आप इन प्लांटर्स को किसी नर्सरी स्टोर या ऑनलाइन माध्यम Organicbazar.net से भी खरीद सकते हैं।
मिट्टी तैयार करें – Prepare The Soil In Hindi
अपने सेल्फ वाटरिंग पॉट्स में पौधे लगाने के लिए बेहतर एयरेशन और अच्छी जल निकासी वाला पॉटिंग मिक्स तैयार करें। हालाँकि इन प्लांटर्स में ओवरवाटरिंग का खतरा काफी कम होता है, लेकिन पौधे की जड़ प्रणाली को स्वस्थ रखने के लिए अच्छी मिट्टी होना जरूरी है।
आप सेल्फ वाटरिंग पॉट्स के लिए पॉटिंग मिक्स तैयार करते समय निम्न चीजें मिला सकते हैं:-
- गोबर खाद (Cow Dung) – 20%
- कोकोपीट (Cocopeat) – 20%
- वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) – 20%
- पर्लाइट (Perlite) – 10%
- वर्मीकुलाइट (Vermiculite) – 10%
- नीम केक (Neem Cake) – 10%
- मस्टर्ड केक (Mustard Cake) – 10%
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पॉट के निचले हिस्से में पानी भरें – Fill Water In The Bottom Of The Pot In Hindi
जैसा कि हमने ऊपर बताया है, इस पॉट में दो पार्ट होते हैं, ऊपर वाले में मिट्टी तथा नीचे वाले पानी भरा जाता है। अतः प्लांटर के निचले हिस्से को पानी से भरें।
पानी भरते समय इस बात का ध्यान रहे, कि पौधे की जड़ों को डूबने से बचाने के लिए अधिक पानी न भरें। यह दोनों पॉट्स कनेक्टर से जुड़े होते हैं और उसी के माध्यम पानी अवशोषित करते हैं।
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गमले में पौधे लगाएं – Plant Plants In Pots In Hindi
तैयार की गई सीडलिंग या खरीदे गए पौधे को मिट्टी को उचित गहराई में लगाएं। पौधे लगाते समय सुनिश्चित करें, कि जड़ों का मिट्टी से सीधा संपर्क हो, लेकिन वे पानी में न डूबें।
पौधे लगाने के बाद पानी दें – Water The Plants After Planting In Hindi
जब आप गमले में पौधे लगा लेते हैं, तो मिट्टी को जमने और पौधे को अच्छी तरह स्थापित होने के लिए एक ऊपर से पानी देने की आवश्यकता होती है, इसके लिए वाटर कैन की मदद से मिट्टी को गहराई से पानी दें।
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जल स्तर की निगरानी करें – Monitor The Water Level Of Pot In Hindi
अपने सेल्फ वाटरिंग पॉट के तल पर जलाशय की जाँच करें और यदि यह पूरी तरह से भरा नहीं है, तो और पानी डालें। आमतौर पर यह भाग ट्रांसपेरेंट होता है, ताकि आप पानी का स्तर देख सकें, हालाँकि आप इसकी मैन्युअल जांच भी कर सकते हैं।
जब भी पानी का स्तर कम हो, तो पॉट को फिर से भरें। पौधे को पानी की आवश्यकता के आधार पर आपको कुछ दिनों से लेकर हर कुछ हफ्तों में एक बार पानी भरने की आवश्यकता हो सकती है।
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सेल्फ वाटरिंग पॉट्स में पौधे लगाने के फायदे – Benefits Of Planting Plants In Self-Watering Pots In Hindi
इन पॉट्स की सबसे बड़ी क्वालिटी है, कि इन्हें बार बार पानी देने की आवश्यकता नहीं होती हैं हालाँकि इसके अलावा भी इन गमलों में पौधे लगाने के कई सारे फायदे होते हैं, जो, कि इस प्रकार हैं:-
- लगातार नमी की आपूर्ति – सेल्फ वाटरिंग पॉट्स पौधों को लगातार नमी प्रदान करते हैं, जिससे कम और अधिक पानी देने का जोखिम कम हो जाता है। यह इष्टतम विकास स्थितियों को बनाए रखने में मदद करता है और स्वस्थ पौधों के विकास को बढ़ावा देता है।
- पानी की बचत – इन पॉट्स से पानी को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाते हैं, जिससे पानी की बर्बादी को कम किया जा सकता है।
- कम बार पानी देना – यह बिजी गार्डनर के लिए एक फायदेमंद विकल्प है या फिर उन व्यक्तियों के लिए जो अपने पौधे को पानी देना भूल जाते हैं। इन प्लांटर्स की मदद से वे कम बार पानी देकर भी अपने पौधे को स्वस्थ रख सकते हैं।
- पौधे की तनावग्रस्त स्थिति – यह प्लांटर्स नमी की निरंतर आपूर्ति करके पौधों में पानी की अधिकता से जो तनाव होता हैं, उसे रोकते हैं। विशेष रूप से गर्मी के दौरान यह अधिक उपयोगी होते हैं।
- इनडोर और आउटडोर उपयोग के लिए आदर्श – सेल्फ वाटरिंग पॉट्स का इस्तेमाल घर के अंदर और बाहर दोनों जगह किया जा सकता है। इनमें आप हाउसप्लांट से लेकर, हर्ब्स और फूलों को भी लगा सकते हैं।
इस आर्टिकल में आपने जाना सेल्फ वाटरिंग पॉट्स या प्लांटर्स क्या होते हैं, इन गमलों का उपयोग कैसे किया जाता है तथा इस्तेमाल के फायदे के बारे में। उम्मीद है हमारे लेख से गार्डनिंग की नई चीजों की जानकारी आप तक पहुंची हो। इस लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।