सेल्फ वाटरिंग सिस्टम क्या है, कैसे करें पौधों को पानी देने की चिंता खत्म – Self Watering System For Gardening In Hindi

आमतौर पर गार्डन में लगे पौधों को स्वस्थ और हरा-भरा बनाए रखने के लिए लगातार पानी देने की आवश्यकता होती है, जिसके लिए हम कई तरीकों से पौधों को पानी देते हैं, लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है, कि हम गार्डन के पौधों को पानी देना भूल जाते हैं या फिर किसी कारणवश पानी नहीं दे पाते हैं, जिससे पौधे सूखने और खराब होने लगते हैं। पौधों को पानी देने की चिंता कैसे दूर करें? इस सवाल का जवाब है- सेल्फ वाटरिंग सिस्टम। इस विधि में पौधे को पानी देना नहीं पड़ता, उन्हें अपनी आवश्यकतानुसार पानी मिल जाता है। आज इस लेख में हम आपको पानी देने की विधि सेल्फ वाटरिंग सिस्टम (Automatic Plant Watering System In Hindi) की जानकारी देंगे। सेल्फ इरिगेशन या वाटरिंग सिस्टम क्या है, इस विधि से पौधों को पानी कैसे दिया जाता है, जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

सेल्फ वाटरिंग सिस्टम क्या है – What Is Self Watering System In Hindi

सेल्फ ऑटोमेटिक वाटरिंग सिस्टम एक ऐसा सेटअप है, जो पौधों को स्वचालित रूप से पानी प्रदान करता है, जिससे उन्हें नियमित मैन्युअली पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है। यह पौधों को पानी देने की एक उत्कृष्ट तकनीक है, जिससे पत्तियों को गीला किए बिना सीधे उनके आधार पर गमले की मिट्टी में पानी दिया जाता है, इस विधि से पानी देने पर पौधों में पानी की कमी और अधिकता दोनों समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

आइए अब जानते हैं- सेल्फ वाटरिंग सिस्टम से पौधों को पानी कैसे देते हैं और होम गार्डन के पौधों को पानी देने की चिंता कैसे दूर करें?

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गार्डन में ऑटोमेटिक वाटरिंग सिस्टम कैसे काम करता है – How Does Self Automatic Watering System Work In Hindi

नीचे आपको सेल्फ वाटरिंग विधि से पानी देने के कुछ तरीके बताए गए हैं, जिनसे आप अपने पौधों को पानी दे सकते हैं:-

  • सेल्फ वाटरिंग प्लांटर्स (Self Watering Planters)
  • ड्रिप इरिगेशन सिस्टम (Drip Irrigation System)
  • पिचर इरिगेशन सिस्टम (Pitcher Irrigation System)
  • फनल इरिगेशन सिस्टम (Funnel System Of Irrigation)
  • वाटरिंग ग्लोब (Watering Globe)

सेल्फ वाटरिंग प्लांटर्स – Use Self Watering Planters For Garden In Hindi 

सेल्फ वॉटरिंग कंटेनर्स वह गमले होते हैं, जिनकी तली में एक अतिरिक्त कंटेनर होता है और इनमें पानी भरा होता है, जब गमले की मिट्टी सूख जाती है, तब पानी निचले कंटेनर से ड्रेनेज होल्स, कपड़े या रस्सी के माध्यम से ऊपरी गमले में आ जाता है, जिससे मिट्टी में लगातार नमी बनी रहती है। आप इन कंटेनर को बाजार से खरीद सकते हैं या फिर घर पर भी तैयार कर सकते हैं।

(यह भी जानें: पौधों को पानी देने के लिए बेहतरीन गार्डन टूल्स….)

ड्रिप इरिगेशन सिस्टम – Use Self Drip Irrigation System In Home Garden In Hindi 

ड्रिप इरिगेशन सिस्टम - Use Drip Irrigation System For Self  Watering System In Home Garden In Hindi

ऑटोमेटिक ड्रिप सिंचाई एक व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है, इससे पौधों की जड़ों तक सीधे पानी पहुँचाया जाता है। इस सेल्फ ड्रिप इरिगेशन मेथड में पानी एक मुख्य पाइप में लगी छोटी-छोटी नलियों के माध्यम से गमले तक पहुँचाया जाता है, जिससे पानी की बर्बादी भी नहीं होती है। ड्रिप इरिगेशन से आप एक बड़े गार्डन या यार्ड में लगे सभी पौधों को एक साथ समान रूप से पानी दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह पौधों में पानी के तनाव को रोकने, फंगल संक्रमण को कम करने और मिट्टी की नमी के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है।

यदि आप अपने गार्डन में ऑटोमेटिक ड्रिप इरिगेशन मेथड से पानी देना चाहते हैं, तो आपको ड्रिप इरिगेशन किट खरीदनी होगी, जिसे आप हमारे ऑनलाइन प्लेटफार्म Organicbazar.Net से खरीद सकते हैं।

पिचर इरिगेशन सिस्टम – Pitcher Irrigation Is Best Self Watering System In Hindi    

इसे ओला इरिगेशन सिस्टम भी कहा जाता है। यह पौधों को पानी देने की एक पुरानी विधि है, जो आज भी प्रचलन में है। इस मेथड में मिट्टी के बर्तन (घड़े) को पौधों के पास मिट्टी में बिना ढके दबाया जाता है। जब आप बर्तन को पानी से भरते हैं, तो बर्तन के आसपास की मिट्टी नमी को सोख लेती है और पौधे की जड़ों तक पहुंचाती है। पिचर सिंचाई से मिट्टी में लगातार नमी बनी रहती है और इससे वाष्पीकरण के माध्यम से पानी की बर्बादी को भी कम किया जा सकता है।

फनल इरिगेशन सिस्टम – Funnel System Of Irrigation Is Best Self Watering System For Garden In Hindi 

फनल इरिगेशन सिस्टम - Funnel System Of Irrigation Is Best Self Watering System For Garden In Hindi

यह गमले या ग्रो बैग में लगे पौधों को पानी देने की एक अच्छी तकनीक है। फनल इरिगेशन सिस्टम तैयार करने के लिए प्लास्टिक की बोतल में कम पानी निकलने वाली एक फनल लगाई जाती है और बोतल की निचली सतह पर कुछ होल्स बना दिए जाते हैं, इसके बाद बोतल को उलटा रखते हुए फनल को मिट्टी में दबा दिया जाता है, जिससे जब भी गमले की मिट्टी सूखती है, तो फनल के माध्यम से पानी मिट्टी द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है और उसमें लगातार नमी बनी रहती है।

(यह भी जानें: छुट्टियों पर जा रहे हैं तो कैसे दें पौधों को पानी, जानिए आसान टिप्स….)

वाटरिंग ग्लोब का उपयोग – Best Self Irrigation For Plants Use Watering Globe In Hindi 

वाटरिंग ग्लोब का उपयोग – Best Self Irrigation For Plants Use Watering Globe In Hindi

यदि आप पौधों को पानी देने के लिए सेल्फ वाटरिंग सिस्टम को अपनाने जा रहे हैं, तो वाटरिंग ग्लोब का उपयोग आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। वाटरिंग ग्लोब पौधों को अपने आप पानी देने वाला टूल है। इस टूल में एक कांच या प्लास्टिक का बल्ब होता है, जिसमें एक पतली फनल लगी होती है। इस बल्ब में पानी भरकर उसे उल्टा करके फनल के सिरे को गमले की मिट्टी में दबा देते हैं, जिससे पानी धीरे-धीरे बाहर निकलता रहता है और मिट्टी में लगातार नमी बनी रहती है।

(यह भी जानें: पौधों को पानी देने के लिए वाटर कैन क्यों है जरूरी, जानें फायदे और उपयोग…..)

इस लेख में आपने जाना, सेल्फ वाटरिंग सिस्टम क्या है, यह कैसे काम करता है तथा पौधों को पानी देने की चिंता दूर करने के तरीके या विधि के बारे में। यदि हमारा लेख (Automatic Watering System In Hindi) आपके काम आया हो, तो इसे अन्य लोगों के साथ शेयर करें तथा लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।

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