सभी इंडोर तथा आउटडोर प्लांट्स को अच्छे से बढ़ने के लिए पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन यह जानना मुश्किल हो सकता है कि पौधों में कितना पानी देना है? अपने होमगार्डन में लगे पौधों की अच्छे से देखभाल करने के लिए यह जानना बहुत आवश्यक है कि आप पौधों को ज्यादा पानी दे रहें हैं या कम। क्या आप जानना चाहते हैं कि आप अपने पौधे को बहुत अधिक पानी दे रहें है या बहुत कम? यदि हाँ, तो इस आर्टिकल में हम आपको पौधों में अधिक पानी देने के लक्षण ,पौधों में पानी की कमी के लक्षण, रोकथाम तथा पौधों को ओवर वाटरिंग तथा अंडर वाटरिंग से रिकवर करने के बारे में बताने जा रहें हैं।
पौधों में पानी की अधिकता व कमी के लक्षण – How To Tell If A Plant Is Overwatered Or Underwatered In Hindi
पौधों में पानी की अधिकता तथा कमी दोनों के लक्षण कई बार एक जैसे हो सकते हैं जैसे पौधों को कम पानी देने और ज्यादा पानी देने से पौधे की पत्तियां पीली पड़ती हैं। अतः इस स्थिति में अंतर जानने के लिए आप मिट्टी को छूकर देख सकते हैं, यदि मिट्टी सूखी और कड़क है तो यह अंडरवाटरिंग का लक्षण हो सकता है और यदि मिट्टी ज्यादा गीली है तो यह ओवर वाटरिंग का लक्षण हो सकता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि पौधों में ओवरवाटरिंग तथा अंडरवाटरिंग का पता कैसे लगाएं, तो आर्टिकल को आगे पढ़ते रहें:
ओवर वाटरिंग तथा अंडर वाटरिंग के लक्षण निम्न हैं:
ओवर वाटरिंग के लक्षण |
अंडर वाटरिंग के लक्षण |
पौधे की निचली पत्तियों का पीला पड़ना |
प्लांट्स की पत्तियों का मुरझाना, सूखना, गिरना |
नई पत्तियों के किनारे का ब्राउन हो जाना |
कई पत्तियों की टिप (अगला भाग) का ब्राउन होना |
प्लांट्स की ग्रोथ रुकना |
पत्तियों का छोटा होना तथा पौधे की स्लो ग्रोथ होना |
पत्तियों का कर्ल (Curl) होना या मुड़ना |
प्लांट्स की पत्तियों का मुड़ना |
पौधे की मिट्टी से बदबू आना |
पौधों की मिट्टी का सूखना |
पौधे की जड़ें मटमैली तथा काली होना |
पौधे की जड़ों का सूखना |
ओवरवाटरिंग क्या है – What Is Overwatering Plants In Hindi
पौधों की जड़ें ऑक्सीजन की उपस्थिति में फोटो सिंथेसिस प्रक्रिया पूर्ण करती हैं जिससे शर्करा का निर्माण होता है और इस शर्करा से ही पौधों को ऊर्जा मिलती है, लेकिन जब पौधों को बार-बार ज्यादा पानी दिया जाता है, तो मिट्टी में पानी एकत्रित होता रहता है। पौधों की मिट्टी में ज्यादा जल भराव हो जाने के कारण मिट्टी में उपस्थित एयर स्पेस पानी से भर जाते हैं जिसके कारण जड़ें ठीक से ऑक्सीजन ग्रहण नहीं कर पाती हैं और जड़ें गलने और नष्ट होने लगती हैं। जड़ो को हानि पहुँचने के कारण पौधे को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं और फलस्वरूप पौधे की ग्रोथ रुक जाती है। ज्यादा पानी देने के कारण पौधे के नष्ट होने की इस प्रक्रिया को ही ओवर वाटरिंग कहते हैं।
पौधों में ओवरवाटरिंग के लक्षण – Signs Of Overwatering Plants in Hindi
होम गार्डन में लगे पौधों में पानी की अधिकता से ओवरवाटरिंग के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जो निम्न प्रकार हैं:
- ओवर वाटरिंग के कारण ख़राब हुई जड़ों से पौधे को पर्याप्त पोषक तत्व न मिल पाने के कारण पत्तियां पीली पड़ जाती हैं।
- पत्तियों की टिप का सूख कर ब्राउन हो जाना।
- पौधे की जड़ों से बदबू आना।
- जड़ें गल जाने के कारण पत्तियों का पतला होना और किनारों से मुड़ना (Curl leaves)।
ओवर वाटरिंग प्रेवेंशन (रोकथाम) टिप्स – How To Prevent Overwatering Houseplants in Hindi
ओवरवाटरिंग से अपने घर पर लगे पौधों को बचाने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करें:
- अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी लें – मिट्टी में अच्छी तरह से जल की निकासी होने व पौधों की जड़ों तक वायु के प्रवाह को सुगम बनाने के लिए दोमट मिट्टी में पौधों को लगाना चाहिए। होम गार्डन में पौधे लगाने के लिए आप मिट्टी में परलाईट तथा वर्मीकुलाइट मिलाएं या रेत तथा कोकोपीट मिलाएं, जिससे जल की निकासी अच्छे से हो।
- पौधों को ब्राइट रोशनी में रखें – जब पौधे ब्राइट रोशनी में होते हैं तो वे मिट्टी में उपस्थित पानी को तेजी से ग्रहण कर पाते हैं, जिसके कारण उनकी ग्रोथ भी तेज गति से होती है।
- कई ड्रेनेज होल वाले गमले चुनें – होम गार्डन में पौधे लगाने के लिए गमले या ग्रो बैग में नीचे ड्रेनेज होल जरूर होना चाहिए, यदि मिट्टी में भरे पानी को निकालने के लिए गमले में और अधिक ड्रेनेज होल बनाने की जरूरत हो तो बना लें।
- पानी डालने से पहले नमी चेक करें – पौधों में पानी डालने से पहले चेक करें कि मिट्टी सूखी है या नहीं। मिट्टी सूखी होने पर ही पौधे को पानी दें।
(और पढ़ें: पौधों को पानी देते समय न करें ये 7 गलतियां….)
पानी की अधिकता से नष्ट हुए पौधों को बचाने के तरीके – Over Watering Plants Solutions in Hindi
यदि आपका पौधा अधिक पानी देने से मुरझा रहा है या आपको लगता है कि आपके पौधे की जड़ें सड़ गई है, तो आपको अपने पौधे को ठीक करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। पौधे को ओवर वाटरिंग से रिकवर करने के लिए बस इन स्टेप्स को फॉलो करें:
- गमले में लगे ओवरवाटर्ड प्लांट (Over Watered plant) को आराम से गमले में से बाहर निकालें।
- पौधे को गमले से बाहर निकालने के बाद जड़ों में चिपकी गीली मिट्टी को अपनी अँगुलियों की सहायता से धीरे धीरे अलग कर दें और ध्यान रखें कि जितनी मिट्टी आसानी से निकल रही हो उतनी ही निकालें, जिससे हेल्दी जड़ों को कोई नुकसान न पहुंचे।
- जड़ों में चिपकी मिट्टी निकाल देने के बाद जड़ों का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करें। सड़ी हुई जड़ों की पहचान है उनका नाजुक, मटमैली, काली और बदबूदार होना। स्वस्थ जड़ें सफ़ेद रंग की और मजबूत होती हैं।
- सभी सड़ी हुई जड़ों को कैंची से काटकर अलग कर दें। जड़ों को काटने से पहले कैंची को पानी से साफ़ कर लें या सैनिटाइज (Sanitize)अवश्य कर लें।
- पौधे की जड़ों पर तरल हाइड्रोजन पेरोक्साइड (Hydrogen peroxide) स्प्रे कर सकते हैं इससे रोगजनक मर जाते हैं और प्लांट को भी कोई हानि नहीं पहुँचती है।
- अपने पौधे को एक साफ सुथरे गमले में ताजी, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में दोबारा लगाएं (Repotting)।
- अब पौधे की अच्छे से देखभाल करें।
(और पढ़ें: पौधों को ट्रांसप्लांट करने के टिप्स…)
ओवरवाटरिंग से पौधों को रिकवर होने में कितना समय लगता है – How long for plants to recover from overwatering in Hindi
ओवर वाटरिंग से यदि पौधा कम ख़राब हुआ है तो वह एक सप्ताह में ठीक हो जाता है, लेकिन यदि प्लांट को ज्यादा नुकसान हुआ है तो प्लांट को रिकवर होने में 14 दिन या इससे अधिक समय भी लग सकता है। ओवरवाटरिंग से खराब हुए पौधे को ठीक करने के लिए ऊपर बताई गयी टिप्स को अच्छे से फॉलो करें। (और पढ़ें: पौधों में ओवरवाटरिंग के लक्षण व बचाने के तरीके….)
अंडरवाटरिंग क्या है – What Is Underwatering In Hindi
जब पौधे को हेल्दी रहने व अच्छे से ग्रो करने के लिए जितने पानी की जरूरत होती है उतना पानी नहीं मिल पाता है, तो पौधा सूखने लगता है जिसे पौधों में अंडरवाटरिंग या पानी की कमी कहते हैं। अंडरवाटरिंग की समस्या, कम पानी देने से या फिर पौधे को गलत मौसम में उगाने से भी उत्पन्न हो सकती है।
पौधों में पानी की कमी के लक्षण – How To Tell If A Plant Is Underwatered In Hindi
पौधों में ओवरवाटरिंग व अंडरवाटरिंग के कई लक्षण एक समान होते हैं, जिन्हें देखकर लोग कंफ्यूज हो सकते हैं। यदि नीचे दिए गए लक्षण पौधे में दिख रहें हैं और आपने अपने पौधों में काफी समय से पानी नहीं दिया है तो आपका पौधा अंडरवाटरिंग से प्रभावित है। यदि आप जानना चाहते हैं की पानी की कमी का पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है तो नीचे दिए गए लक्षण ध्यान से पढ़ें:
- पौधे की पत्तियां सूख जाना।
- पत्तियों की टिप ब्राउन पड़ना।
- पत्तियों का मुरझाना या कर्ल होना।
- पौधे का विकास रुक जाना या धीमा विकास।
- पौधे की मिट्टी का सूख कर कड़क हो जाना।
पौधों को पानी की कमी से बचाने के तरीके – How To Prevent and Fix Underwatering In Plants In Hindi
- पौधे को बड़े गमलें में लगायें – यदि आप पौधे को बड़े आकार के गमले या ग्रो बैग में लगाते हैं तो उसमें ज्यादा मिट्टी बन जाता है जिससे गमले में जड़ों को विकसित होने के लिए पर्याप्त जगह मिल जाती है। जड़ों के विकास के अलावा ज्यादा मिट्टी होने से पानी डालने के बाद मिट्टी को सूखने में भी ज्यादा समय लग जाता है, जिससे पौधे की मिट्टी में नमी लम्बे समय तक बनी रहती है और पौधा सूखने से बच जाता है।
- मिट्टी में गहराई से पानी डालें – पौधे की मिट्टी में पानी को गहराई से डालना चाहिए, ताकि पौधे की सभी जड़ों तक पानी पहुँच सके। पौधे की पत्तियों पर पानी न डालें, इससे जड़ों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुँच पाता है और पत्तियों पर फंगस लगने की संभावना भी रहती है।
- अधिक जल धारण क्षमता वाली मिट्टी चुनें – मिट्टी में गोबर खाद, कोकोपीट आदि मिलाने से उसकी जल धारण क्षमता बढ़ जाती है, जिससे लम्बे समय तक मिट्टी में नमी बनी रहती है, और अंडरवाटरिंग की संभावना भी कम हो जाती है।
- पौधे में पानी डालना न भूलें – अपने प्लांट्स को चेक करते रहें, जब भी मिट्टी में नमी कम हो या मिट्टी सूखी मिले तो पौधे में गहराई से पानी डालें।
- लम्बे समय तक घर से बाहर रहने के दौरान ड्रिप सिंचाई प्रणाली अपनाएँ – जब आप कहीं बाहर छुट्टियों पर जाएँ तो किसी पडोसी को प्लांट को पानी देने को कह सकते हैं या एक प्लास्टिक बोतल में पानी भरकर उसको उल्टा करके पौधे की मिट्टी में गढ़ा दें, इससे पानी बूँद बूँद करके मिट्टी में रिसता रहेगा और साथ ही इससे ओवरवाटरिंग भी नहीं होगी। इसके अलावा ड्रिप इरीगेशन सिस्टम का उपयोग कर आप पौधों को अंडर वाटरिंग की समस्या से बचा सकते हैं।
(और पढ़ें: पौधों में पानी देने के नियम….)
ओवर वाटरिंग और अंडर वाटरिंग का रिकवर टाइम – Overwatering and Underwatering recovery rate in Hindi
ओवरवाटरिंग से पौधों को ज्यादा नुकसान पहुंचता है, क्योंकि अंडरवाटरिंग से तो पौधा रिकवर हो सकता है पर ओवरवाटरिंग से पौधे को रिकवर होने में काफी समय लग सकता है और ज्यादा पानी देने से पौधे के नष्ट होने की संभावना भी ज्यादा रहती है। पानी की कमी से खराब हुए पौधे को ठीक करने में ज्यादा कुछ नही करना पड़ता, पर पानी की अधिकता से ख़राब हुए पौधे को रिकवर करने के लिए काफी कुछ करना पड़ता है, तब पौधा ठीक हो पाता है।
निष्कर्ष – Conclusion
उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल को पढकर आपको पौधों में होने वाली ओवरवाटरिंग तथा अंडरवाटरिंग की समस्या और समाधान के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी। यदि आप होम गार्डनिंग से सम्बंधित और भी लेख पढ़ना चाहते हैं, तो organicbazar.net वेबसाइट के ब्लॉग सेक्शन पर जाकर पढ़ सकते हैं। यदि आपके इस लेख से सम्बंधित जो भी सवाल या सुझाव हों, उन्हें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं।