पेड़-पौधों की देखभाल करते समय की जाने वाली गलतियाँ – 6 Common Mistakes To Avoid When Caring For Trees In Hindi

आमतौर पर पेड़-पौधों की उचित देखभाल करना एक स्वस्थ और बेहतर गार्डन की सबसे बड़ी विशेषता है। देखभाल के दौरान हम गार्डन के पेड़-पौधों को पानी, उर्वरक, खाद, धूप जैसी कई चीजें प्रदान करते हैं, लेकिन कभी-कभी हम उनकी देखभाल करते समय कुछ छोटी-छोटी गलतियाँ कर देते हैं, जिनके बारे में हमें पता नहीं होता है और यह छोटी-छोटी गलती की वजह से हमें एक बड़ा परिणाम भुगतना पड़ता है। यदि आप एक गार्डनर हैं, और जानना चाहते हैं, कि गार्डन में पेड़-पौधों की केयर या देखभाल करते समय की जाने वाली गलतियाँ कौन-कौन सी हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है, जिसमें हम आपको बतायेंगे, पेड़-पौधों की देखभाल कैसे करें और केयर के दौरान की जाने वाली गलतियों को कैसे सुधारें।

पेड़-पौधों की देखभाल करते समय की जाने वाली गलतियाँ – Mistakes To Avoid When Caring of Trees or Plants In Hindi 

गार्डन में लगे पेड़ पौधों की देखभाल करते समय होने वाली या की जाने वाली गलतियाँ (Tree Caring Mistakes In Hindi) निम्न हैं:-

  • अधिक गहराई तक मल्चिंग करना।
  • बहुत कम या बहुत अधिक पानी देना।
  • अपने पेड़-पौधों की कभी भी प्रूनिंग न करना।
  • प्रूनिंग पेंट का प्रयोग करना।
  • अपने पौधों की टॉपिंग करना।
  • पौधे की स्टेकिंग करना।

अधिक गहराई तक मल्चिंग करना – Deeper Mulching Is The Biggest Mistake When Plant Care In Hindi 

अधिक गहराई तक मल्चिंग करना - Deeper Mulching Is The Biggest Mistake When Plant Care In Hindi 

आमतौर पर मल्चिंग पौधों के लिए फायदेमंद रहती है, यह पौधे के आसपास उगने वाली अनावश्यक खरपतवारों को रोकती है और मिट्टी में लम्बे समय तक एक समान नमी बनाए रखती है, लेकिन यह तब आपके लिए खतरनाक भी हो सकती है, जब आप बहुत मोटी मल्चिंग कर देते हैं। अधिक मोटी मल्च तने के आसपास की मिट्टी में नमी बनाए रखती है, जिससे मिट्टी में फंगस लग सकती है तथा बहुत मोटी मल्चिंग पेड़ की जड़ों को आवश्यक ऑक्सीजन प्राप्त करने से रोकती है, इसलिए मल्चिंग हमेशा तने से कुछ दूरी पर तथा 2 से 3 इंच की गहराई तक ही की जानी चाहिए।

(यह भी जानें: बरसात के समय मल्चिंग कब और कैसे करें…)

बहुत कम या बहुत अधिक पानी देना – Too Little Or Too Much Water Give Of Plants In Hindi 

बहुत कम या बहुत अधिक पानी देना - Too Little Or Too Much Water Give Of Plants In Hindi 

किसी भी पौधे को जीवित और स्वस्थ रहने के लिए पानी देना बहुत ही जरूरी होता है, लेकिन पानी की अधिकता और कमी दोनों स्थितियों में उन्हें नुकसान हो सकता है। यदि पौधे में पानी की कमी होती है, तो वह मुरझाकर तनावग्रस्त स्थिति में आ जाते हैं, इसके विपरीत ओवरवाटरिंग से वह मृत भी हो सकते हैं। अतः देखभाल के दौरान पौधे को पर्याप्त पानी न देना भी एक मिस्टेक है, इसलिए शुष्क मौसम के दौरान सप्ताह में एक बार अपने पेड़ पौधों को गहराई से पानी देना चाहिए।

(यह भी जानें: पौधों में ओवरवाटरिंग और अंडरवाटरिंग कैसे पहचानें …)

अपने पेड़ पौधों को कभी भी प्रूनिंग न करना – Do Not Do Pruning Of Trees As Well Of Plant In Hindi 

अपने पेड़ पौधों को कभी भी प्रूनिंग न करना - Do Not Do Pruning Of Trees As Well Of Plant In Hindi 

पेड़-पौधे की देखभाल का सबसे जरूरी हिस्सा उसकी प्रूनिंग होती है। यदि आप उनकी बिलकुल भी छंटाई (प्रूनिंग) नहीं करते हैं, तो यह देखभाल के दौरान की जाने वाली सबसे बड़ी गलती है। प्रूनिंग से पौधे के आकार तथा उन्हें नई वृद्धि करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अलावा पेड़ पौधों की प्रूनिंग कर कीट व रोगों को दूर भी किया जाता है। यदि आप उनकी प्रूनिंग नहीं करते हैं, तो पौधा नई वृद्धि नहीं कर पाएगा।

(यह भी जानें: गार्डन में पेड़-पौधों की प्रूनिंग कैसे करें, जाने सही तरीका और अन्य बातें…)

प्रूनिंग पेंट का प्रयोग करना – Bigger Mistake When Caring Of Tree Using Pruning Paint In Hindi 

गार्डन में लगे पेड़ की देखभाल करते समय हम कीट प्रभावित और रोग ग्रस्त हिस्से की प्रूनिंग करते हैं तथा प्रूनिंग करने के बाद कट लगे हुए भाग में प्रूनिंग पेंट लगाकर सील कर देते हैं। हालाँकि यह पेंट कट को सूखने में मदद तो करता है, लेकिन इस कट के पीछे कवक और बैक्टीरिया छिपे हुए हो सकते हैं, जो आगे चलकर किसी रोग या बीमारी को जन्म दे सकते हैं। इसलिए हमेशा प्रूनिंग के बाद कट को खुला छोड़ देना चाहिए।

अपने पौधों की टॉपिंग करना – Topping Of Plants In Bigger Mistake When Caring Of Tree In Hindi 

अपने पौधों की टॉपिंग करना - Topping Of Plants In Bigger Mistake When Caring Of Tree In Hindi 

आमतौर पर पेड़ की अधिक लंबाई को नियंत्रित करने के लिए हम उनकी टॉप की शाखाओं (शीर्ष शाखाओं) की प्रूनिंग कर देते हैं, जिसे ‘टॉपिंग’ कहा जाता है। यह पेड़ पौधे की देखभाल का सही तरीका नहीं है, इससे पौधा तनावग्रस्त स्थिति में आ सकता है तथा वह कीट व बीमारियों की चपेट में भी आ सकता है। पौधे टॉपिंग करने से एक नुकसान यह भी है, कि बड़ी शाखाओं के बीच जो छोटी-छोटी शाखाएं हैं, उन पर सीधे धूप और हवा लगने लगती है, जिससे उनके झुलसने और तेज हवा से टूटने का डर बना रहता है। यदि आप किसी ऐसी जगह पर पेड़ लगाते हैं, जहाँ उन्हें बढ़ने के पर्याप्त जगह नहीं है, तो वहां लगाने के लिए आप उनकी बौनी किस्मों को चुनें।\

(यह भी जानें: छत पर ग्रो बैग में पेड़ कैसे उगाएं, जानें आसान तरीका…)

पेड़-पौधे की स्टेकिंग करना (सहारा देना) – Staking Of Plant Is Common Mistake When Caring Of Tree In Hindi 

कभी-कभी नए लगाए गए पेड़-पौधों को सीधे खड़े होने के लिए सहारे की आवश्यकता होती है। हालाँकि कुछ पौधों जैसे बेल वाले पौधे को सपोर्ट देना ठीक है, लेकिन सभी पौधों की स्केटिंग करना अनावश्यक है, क्योंकि कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जिनका तना हवा में झूलने से उनकी जड़ें मजबूत होती है। यदि आप उस समय उन्हें सहारा दे देते हैं, तो इससे वह हमेशा कमजोर रहेगा। इसलिए स्टेकिंग कभी-कभी पेड़ पौधे को नुकसान होने का कारण भी बनती है, अतः जरूरत पड़ने पर ही पौधों को सपोर्ट देना उचित है।

इस लेख में आपने जाना, कि गार्डन में लगे पेड़-पौधों की देखभाल या केयर करते समय की जाने वाली गलतियाँ या मिस्टेक कौन सी हैं, तथा पेड़ पौधों की देखभाल कैसे करें और गलतियाँ कैसे सुधारें। अगर यह लेख Tree Caring Mistakes In Hindi आपके काम आया हो, तो अपने दोस्तों को शेयर करें तथा लेख के संबंध में अपने सुझाव हमें कमेंट करके बताएं।

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