बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और यदि आपने अपने होमगार्डन में सुकुलेंट प्लांट्स को लगा रखा है तो आप निश्चित ही यह जानना चाहते होंगे की रैनी सीजन में इन खूबसूरत पौधों की देखरेख कैसे करें? यदि आप इस सवाल का जबाव जानना चाहते हैं तो सकुलेंट प्लांट्स केयर से सम्बंधित यह लेख आपके लिए जरूर फायदेमंद साबित होगा। सुकुलेंट्स पौधे क्या होते हैं? बारिश के मौसम में सकुलेंट पौधों की देखभाल क्यों जरूरी है, और इस मौमम में इन प्लांट्स की देखभाल करने के तरीके के बारे में जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
सकुलेंट पौधे क्या होते हैं? – What Are Succulents Plants In Hindi
कैक्टस, एलोवेरा, जेड प्लांट, स्नेक प्लांट, जेब्रा कैक्टस आदि सकुलेंट्स पौधे हैं, जिन्हें हिंदी में गूदेदार पौधे कहते हैं। ये रेगिस्तानी एरिया के पौधे होते हैं, जो कि कम पानी में भी लम्बे समय तक जीवित रह सकते हैं। सुकुलेंट पौधों में तने का कार्य पत्तियां ही करती हैं जो की मोटी व मांसल होती हैं। इन टहनियों या पत्तियों में ही पानी और भोजन संग्रहित रहता है। इन पत्तों को काटने पर चिपचिपा रस निकलता है। एलोवेरा जैसी इन पौधों की कई प्रजातियों में औषधीय गुण पाए जाते हैं। इन्हें सजावटी पौधों के रूप में घर में लगाया जाता है। यदि बरसात के साथ-साथ अन्य मौसम में भी सुकुलेंट पौधों की उचित देखभाल की जाए, तो ये 5 से 8 साल तक आराम से जीवित रह सकते हैं।
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बारिश के दौरान सुकुलेंट पौधों की देखरेख क्यों है जरूरी – Why Succulent Plants Care Is Necessary During Rains In Hindi
सुकुलेंट, रेगिस्तानी पौधे होने के कारण अधिक पानी पसंद नहीं करते हैं, इसीलिए बरसात के मौसम में उनकी देखभाल करना महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर आप एचेवेरिया (echeveria), क्रासुला (Crassula), या कलानचो (Kalanchoe) जैसे मुलायम पत्तियों वाले सक्यूलेंट्स पौधों को घर के बाहर उगा रहे हैं, तो बारिश के मौसम में उनको विशेष देखरेख की जरूरत होती है। वास्तव में थोड़ी सी बारिश आपके सुकुलेंट पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाएगी, बल्कि बारिश अपने आप इन पौधों की पत्तियों पर जमी धूल और मिट्टी को हटा देगी, जिससे पौधों की धूप में प्रकाश संश्लेषण करने की क्षमता बढ़ जायेगी। लेकिन लगातार होने वाली भारी बारिश से सुकुलेंट पौधों को नुकसान पहुँचता है।
भारी बारिश के कारण वातावरण में नमी और आद्रता की मात्रा उच्च होती है, जिसके कारण इन पौधों की मिट्टी में लम्बे समय तक नमी बनी रहने से पौधों में फफूंदी (mildew), जड़ सड़न (root rot), कवक (fungus), या रोग होने का खतरा रहता है। इसीलिए बरसात में सुकुलेंट पौधों की देखरेख जरूरी होती है।
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बारिश शुरू होने से पहले सकुलेंट पौधों की केयर कैसे करें – How To Take Care Of Succulents Before Rainfall In Hindi
यदि आप बरसात के मौसम में सकुलेंट प्लांट्स को अच्छे से ग्रो करना चाहते हैं या गर्मियों के गार्डन में लगाए गए सकुलेंट्स को बरसात के मौसम के बाद भी सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को आगे पढ़ते रहें। आइये जानते हैं बरसात के मौसम में सकुलेंट प्लांट्स केयर से सम्बंधित महत्वपूर्ण टिप्स कौन कौन सी हैं:
सकुलेंट प्लांट्स को छोटे गमलों में लगाएं – Plant Succulents In Small Pots In Hindi
सकुलेंट पौधों को छोटे गमलों या ग्रो बैग में लगाने से बारिश के दौरान भी उनमें ओवर वाटरिंग की समस्या नहीं हो पाती है। छोटा गमला होने के कारण उसमें कम मिट्टी बनती है, जो कि कम पानी स्टोर कर पाती है और जल्दी सूख जाती है। आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि गमलों की गहराई पर्याप्त हों और उनमें नीचे जल निकासी छिद्र भी अवश्य हों।
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बारिश में सकुलेंट पौधे की देखभाल के लिए अच्छी मिट्टी – Well Drained Soil For Succulents Care in Rainy Season In Hindi
यदि सुकुलेंट्स पौधे अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगे होते हैं, तो तेज लगातार बारिश में रखे रहने पर भी उनमें पानी लम्बे समय के लिए भरा नहीं रहता, बल्कि तुरंत बाहर निकलता जाता है। इसीलिए इन पौधों के लिए बेस्ट पॉटिंग मिक्स बनाने के लिए आप सॉइल में रेत और खाद भी मिला सकते हैं। इससे मिट्टी की जल निकासी (ड्रेनिंग) क्षमता बढ़ जाती है।
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भारी बारिश के दौरान सकुलेंट पौधे की देखभाल – Succulent Care During Heavy Rains In Hindi
अगर आपने सकुलेंट पौधों को घर के बाहर गमलों में या गार्डन में लगाया है, तो वर्षा ऋतु में होने वाली तेज बारिश से पौधों को बचाना बहुत जरूरी होता हैं। तेज बारिश की बूंदे सकुलेंट प्लांट्स की कोमल पत्तियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसीलिए बारिश में सकुलेंट प्लांट्स की देखभाल करने के बारे में जानने के लिए इस लेख को आगे पढ़ते रहें:
भारी बारिश के दौरान सकुलेंट पौधों को घर के अन्दर रखें – Keep Succulent Indoors During Heavy Rains In Hindi
यदि आपके घर के अन्दर पर्याप्त स्पेस है, तो बारिश के दौरान गमलों में आउटडोर लगे सकुलेंट्स को घर के अन्दर रख सकते हैं। यदि घर में जगह न हो तो उन पौधों के लिए नेट या मोटी पन्नी से छाया कर दें। इससे सकुलेंट्स पौधे तेज बारिश से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।
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बारिश के दौरान सकुलेंट पौधों को कवर करें – Cover Succulents In The Rain In Hindi
यदि आपने बालकनी, टेरेस गार्डन में सकुलेंट पौधों को लगाया है और आप उन्हें बार बार शिफ्ट करना नहीं चाहते हैं, तो उन्हें तेज बारिश से बचाने के लिए प्लास्टिक शीट से कवर कर दें। आप एक बड़े छाते (Umbrella) से भी इन पौधों को ढक सकते हैं। यदि गमले में या गार्डन में अधिक सकुलेंट प्लांट लगे हैं, तो उन्हें ढकने के लिए तिरपाल या रेन कवर का प्रयोग भी कर सकते हैं। इससे बारिश के दौरान भी सुकुलेंट पौधे सुरक्षित रहते हैं।
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सकुलेंट पौधे के लिए वर्षा जल एकत्रित करें – Collect Rainwater For Succulent In Rainy Season In Hindi
वर्षा जल का पीएच मान कम होता है जो कि इनडोर सकुलेंट पौधों की पत्तियों की बेहतर ग्रोथ के लिए फायदेमंद होता है। बारिश के दौरान वर्षा जल को एकत्रित करलें और जब बारिश न हो तब सकुलेंट प्लांट्स की सिंचाई के लिए इस पानी को उपयोग करें। इससे इन पौधों की पत्तियों की चमक बढ़ जाती है। एक कंटेनर में बारिश का पानी इकट्ठा करें और अपने इनडोर सकुलेंट्स पौधों को पानी देने के लिए इसका इस्तेमाल तभी करें, जब ऊपर की मिट्टी पूरी तरह से सूखी दिखे। बारिश के पानी का उपयोग आप सभी प्रकार के पौधों के लिए कर सकते हैं।
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फरीना को छूने से बचें – Avoid Touching The Farina On Succulents In Monsoon In Hindi
एचेवेरिया (echeveria), कलानचो (Kalanchoe) जैसे सकुलेंट्स पौधों के पत्तों या तनों पर एक सिल्वर कलर की महीन परत होती है, जिसे एपिक्यूटिकुलर वैक्स (Epicuticular Wax) या फरीना (farina) कहा जाता है। यह परत बारिश के दौरान सकुलेंट पौधों पर पड़ने वाले पानी को पत्तियों पर ठहरने से रोकती है। इससे पत्तियां बारिश के बाद निकलने वाली चिलचिलाती धूप में झुलसने से बच जाती हैं, क्योंकि पत्तियों पर जमा पानी मैग्नीफाइंग ग्लास का काम करता है, जिससे गुजरने वाली सूरज की किरणें सकुलेंट्स की पत्तियों को बर्न कर देती हैं। इसीलिए बारिश के दौरान सुकुलेंट्स की पत्तियों को न छुएं, क्योंकि इनको छूने से यह फ़रीना परत हट सकती है।
लगातार भारी बारिश के बाद सकुलेंट पौधों की देखभाल – What To Do With Succulents After Heavy Rain In Hindi
यदि बारिश शुरू होने से पहले या उसके दौरान ही आपने सकुलेंट प्लांट का अच्छे से रखरखाव किया है, तो तेज बारिश से भी पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है। लेकिन यदि आप बारिश के दौरान इन पौधों की उचित देखभाल न कर पाये, तो तेज बारिश और तेज तूफ़ान से पौधों को नुकसान हो सकता है। इस आर्टिकल में आगे आप उन स्टेप्स के बारे में जानेंगे, जिन्हें आप भारी बारिश होने के बाद सकुलेंट पौधों को बचाने के लिए अपना सकते हैं:
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बारिश के बाद गमलों में भरे जल को खाली करें – Empty the extra water of succulent pot after the rain In Hindi
भारी बारिश के बाद यदि सकुलेंट पौधे के गमलों मे जल भर गया हो, तो मौसम खुलने पर उस अतिरिक्त पानी को गमले से बाहर निकाल दें। यदि गमले मे पानी भरा रहने दिया जाये, तो इससे पौधे की जड़ें सड़ने-गलने की संभावना रहती है और साथ ही इससे मच्छर जैसे इन्सेक्ट भी पनपने लगते हैं।
अधिक बारिश के बाद सकुलेंट पौधों को धूप में रखें – Keep The Succulent In Sunlight After Rain In Hindi
अगर सकुलेंट पौधों की मिट्टी बारिश से गीली हो गयी है, तो मौसम खुलने पर गमले को अच्छी धूप वाली और सूखी जगह पर 3-4 दिन के लिए रख दें। सुबह की धूप में पौधे को रखें न कि तेज धूप में।लेकिन यदि सकुलेंट पौधों की मिट्टी अधिक गीली और संकुचित है और पौधा ख़राब हो रहा हो, तो आपको इसे नए पॉटिंग मिक्स में रिपॉट करना होगा। इसके लिए पौधे को गमले की मिट्टी से बाहर निकालें, ध्यान रखें, पौधे की जड़ों को कोई नुकसान न पहुंचे। पौधे को ट्रांसप्लांट करने से पहले इसे 3-4 घंटे के लिए प्रकाशित और सूखे स्थान पर रखें, इसके बाद नए पॉटिंग मिक्स में रिपॉट करें।
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बारिश के बाद सकुलेंट प्लांट का कीटों से करें बचाव – Protect Succulents From Pests After Rain In Hindi
बरसात के मौसम में अत्यधिक नमी के कारण सुकुलेंट पौधों में फंगस लगने की संभावना ज्यादा रहती है। अतः एयर फ्लो में सुधार करके इन पौधे में फंगस लगने के खतरे को कम किया जा सकता है। गमलों में सक्यूलेंट्स प्लांट्स की मिट्टी के ऊपर छोटे-छोटे पत्थर की लेयर बिछा देने से ड्रेनेज और एयर फ्लो दोनों में सुधार होता है। इस तरीके को अपनाने से बारिश के बाद इन पौधों को रोग लगने से बचाया जा सकता है।
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सक्यूलेंट्स की प्रूनिंग – Prune Succulents After Rain In Hindi
यदि तेज बारिश से सक्यूलेंट्स पौधे की पत्तियां डैमेज हुई हों तो वर्षा के बाद मौसम खुल जाने पर उन पत्तियों की छंटाई कर देनी चाहिए। इससे कीट व रोगों को रोकने में मदद मिलती है। जब कैक्टस जैसे कांटे वाले सकुलेंट प्लांट की छटाई करें, तो हाथों में ग्लव्स जरूर पहन लें।
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निष्कर्ष – Conclusion
बरसात में सकुलेंट प्लांट्स केयर से सम्बंधित इस आर्टिकल में आपने सुकुलेंट पौधे क्या हैं, बरसात में इन पौधों की देखभाल कैसे करें? जैसे सवालों के जबाव जानें। उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि आप इसी तरह के ओर भी खूबसूरत प्लांट्स के बारे में जानना चाहते हैं तो वेबसाइट organicbazar.net पर विजिट करें। इस लेख से सम्बंधित सवाल या सुझाव के लिए कमेन्ट अवश्य करें।