न्यूट्रिशन गार्डन कैसे बनाएं, जानिए टिप्स एंड तरीके – How To Make A Nutrition Garden In India In Hindi

न्यूट्रिशन गार्डन एक ऐसा स्थान हैं, जहां हम आर्गेनिक तरीके से फल, फूल, सब्जी और हर्बल पौधे लगाते हैं। बता दें कि इसमें नेचुरल फार्मिंग तकनीक का उपयोग किया जाता हैं और केमिकल पेस्टीसाइड या फर्टिलाइजर का उपयोग न के बराबर होता हैं। यदि आप भी न्यूट्रिशन गार्डन बनाने के बारें में सोच रहे हैं तो यह लेख बिल्कुल आपके लिए ही हैं। भारतीय जलवायु और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए हम न्यूट्रिशन गार्डन कैसे बना सकते हैं? इसी बारें में हम जानकारी देने जा रहें हैं। पोषक तत्वों से भरपूर गार्डन बनाकर हम तरह तरह के प्लांट बहुत आसानी से उगा सकते हैं और अपने परिवार के लिए एक अच्छे ऑर्गनिक फ्रेश ग्रीन वेजेटेबल का सोर्स बना सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि न्यूट्रिशन गार्डन कैसे बनाएं (Nutrition Garden Kaise Banaye) और इसकी देखभाल करने की टिप्स व तरीके क्या हैं।

न्यूट्रिशन गार्डन कैसे बनाएं – Nutrition Garden Kaise Banaye

क्या छोटी जगह में गार्डन बनाना संभव है - Is It Possible To Make A Garden In Small Space In Hindi

नीचे हमने स्टेप बाय स्टेप विस्तार से बताया है कि पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी वाले गार्डन को हम भारतीय जलवायु और वातावरण के अनुसार आसानी से कैसे बना सकते हैं? और इसके लिए किन किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना होता हैं, तो आइए जानते हैं कि एक अच्छा न्यूट्रिशन गार्डन कैसे बनाएं।

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गार्डन के लिए सही स्थान का चयन करें – Choose The Right Location In Hindi

सबसे पहले हमें न्यूट्रिशन गार्डन बनाने के लिए किसी उचित स्थान का चयन करना होगा। हमारी आवश्यकतानुसार एक आइडियल स्थान वह होगा जहां पूरे दिन धूप पर्याप्त मात्रा में आती हैं, अर्थात 6-8 घंटे के लिए पौधों को धूप मिल सकें। बता दें कि गार्डन के लिए जगह का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखे कि जगह ओपन हो। जिससें पौधों को अच्छी हवा मिल सकें और पौधों की ग्रोथ तेजी से होती रहें। आप अपने घर की छत पर या घर के आसपास गार्डन बना सकते हैं। टेरस के ऊपर न्यूट्रिशन गार्डन बना सकते हैं लेकिन ग्रीन शेड नेट या फिर छावदानी का उपयोग करना जरूरी हैं। क्योंकि कुछ पौधे छांव में अच्छे से विकसित होते हैं तो कुछ धूप में। हम आपको ऐसे स्थान की सलाह देना पसंद करेंगे जो एकांत में हो और पोषक तत्वों वाली मिट्टी से युक्त हो।

न्यूट्रिशन रिच प्लांट चुने – Select Nutrient-Rich Plants In Hindi

पोषक तत्वों से भरपूर पौधे (Nutrient-rich plants) चुनने के लिए सबसे पहले अपने क्षेत्र के अनुकूल पौधे और बीज के चुनाव पर विचार करना उचित रहेगा। बता दें कि अपने क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के अनुकूल देशी और स्थानीय पौधों का चयन करें। गार्डन में लगाने के लिए विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करने वाले पौधे चुनने चाहिए। जैसे – पालक, टमाटर, गाजर, और जामुन आदि। बीज व पौधे आप कैटलॉग, स्थानीय नर्सरी, या ऑनलाइन सोर्सो के माध्यम से खरीद सकते हैं।

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पोषक तत्वों वाले बगीचे के लिए मिट्टी तैयार करें  – Soil For Nutrition Garden In Hindi

गार्डनिंग के लिए अच्छी मिट्टी कौन सी है? - What Is Good Soil For Gardening In Hindi

अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी किसी भी गार्डन के पौधों की अच्छी ग्रोथ का एक मात्र मूलमंत्र होता हैं। इसलिए बगीचें में उपयोग होने वाली मिट्टी का सबसे पहले परिक्षण कर लें। बता दें कि जैविक मिट्टी तैयार करने के लिए सबसे पहले साइल टेस्टिंग किट का उपयोग करके मिट्टी का टेस्ट करा लें। इससे हमें पता चल जाएगा कि हमारी मिट्टी में क्या कमी हैं और हमें कौन से पोषक तत्व वाले ऑर्गनिक खाद मिट्टी में डालने हैं। इसके बाद जैविक खाद, वर्मीकम्पोस्ट, या गोबर की खाद को मिट्टी में मिलाकर खराब से खराब मिट्टी को उपजाऊ बनाया जा सकता हैं। घर में निकलने वाले किचन वेस्ट से अच्छा कम्पोस्ट बनाया जा सकता हैं, और हर 3-4 महीनों के अंतराल पर इसका उपयोग करके मिट्टी को पोषक तत्व प्रदान किए जा सकते हैं।

ग्रो बैग या पॉट का इस्तेमाल करें – Choose The Grow Bag Or Pot In Hindi

जब हम न्यूट्रिशन तत्वों से युक्त गार्डन बनाते हैं तो पौधों को लगाने के लिए एचडीपीई ग्रो बैग (HDPE Grow Bags), जियो फैब्रिक ग्रो बैग (Geo Fabric Grow Bag), वॉल गार्डन हैंगिंग पॉकेट (Wall Garden Hanging Pockets) आदि का इस्तेमाल किया जा सकता हैं। बता दें कि ग्रो बैग में प्लांट लगाने न केवल गार्डन का लुक अच्छा आता हैं बल्कि प्लांट की ग्रोथ भी तेजी से होती हैं। पौधों को लगाने के लिए के लिए हमें ग्रो बैग या अच्छे ड्रेनेज गमलों का उपयोग कर सकते हैं। आप पौधों के हिसाब से ग्रो बैग का साइज चुने और तैयार की गई अच्छी पॉटिंग मिक्स भरकर प्लांट लगाएं।

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गार्डनिंग टूल्स – Gardening Tools For Nutrition Garden In Hindi

गार्डनिंग टूल्स और उनके उपयोग की जानकारी - Gardening tools and their uses in Hindi

एक अच्छा न्यूट्रिशन गार्डन तैयार करते समय हमें कुछ गार्डनिंग टूल्स की आवश्यकता होती हैं। जिनकी मदद से पौधों को लगाने में आसानी हो होती हैं और पौधों की जड़ (रूट) को भी कोई नुकसान नहीं होता हैं। बता दें कि शोवेल, हैंड ट्रॉवेल, वाटर कैन, गार्डनिंग ग्लव्स, प्रूनिंग शियर्स, साइल टेस्टिंग किट आदि टूल्स की मदद से गार्डन में तरह तरह के पौधे आसानी से लगा सकते हैं।

पौधे लगाने का सही तरीका – Plant Planting In Nutrition Garden In Hindi

यदि आप अपनी न्यूट्रिशन बगिया में पौधे लगाने की शुरूआत कर रहे हैं तो जान लीजिए कि पौधों को सही समय पर लगाने का अपना अलग ही महत्त्व होता हैं। सभी पौधों को लगाने का अलग अलग समय होता हैं, कुछ पौधे ठण्ड के मौसम में अच्छी ग्रोथ करते हैं तो कुछ गर्मी के मौसम में फलते फूलते हैं व कुछ बारिस के दौरान प्रोडक्टिविटी देते हैं। इसलिए प्लांट को लगाने के समय का विशेषतौर पर ध्यान रखना होता हैं, ताकि हम अपने गार्डन से अधिक संख्या हरी सब्जियां व फूल आदि प्राप्त कर सकें। पौधे लगाते समय इनके बीच में दूरी बनाए रखें जिससे पौधों हवा पानी अच्छे मिल सके और प्रूनिंग के समय परेशानी न हो।

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पानी कैसे देना चाहिए – Watering In Nutrition Garden In Hindi

न्यूट्रिशन गार्डन में पौधों को सही तरह से पानी देना बेहद जरूरी होता हैं। नियमित रूप से पानी देने के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली का इस्तेमाल करना एक अच्छा तरीका हैं। रेगुलर पानी देने से मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी रहती हैं जिससे पौधे को ग्रोथ करने में मदद मिलती हैं। मैनुअल वॉटरिंग का इस्तेमाल करके भी पौधों को अच्छे से पानी दिया जा सकता हैं। सुबह या शाम के समय प्लांटो को पानी को देना अच्छा होता हैं।

जैविक खाद – Organic Fertilizer In Hindi

फलों के लिए खाद और उर्वरक - Manure Or Fertilizer For Fruit Plants In Hindi 

गार्डन में लगे पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए हम कम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट, गोबर की खाद, नीम की खाद व केंचुए की खाद जैसे ऑर्गनिक उर्वरको का उपयोग कर सकते हैं। किचन वेस्ट कम्पोस्ट या फिर सड़े गले पत्तों से बनाएं गए जैविक खाद का इस्तेमाल मिट्टी को पोषक तत्व प्रदान करने के लिए किया जा सकता हैं। अच्छे खादों के उपयोग से गार्डन की मिट्टी पोषक तत्वों से भरी रहेगी और अच्छी प्रोडक्टिविटी में मददगार साबित होगी।

प्रूनिंग करना क्यों जरूरी हैं – Pruning In Nutrition Garden In Hindi

गार्डन के अच्छे रख रखाव के लिए समय समय पर प्लांट की प्रूनिंग करना बेहद जरूरी होता हैं। प्रूनर का इस्तेमाल करके हमें पौधों की सड़ी गली डालियों को हटा देना चाहिए। प्रूनिंग से पौधों का आकार मेन्टेन किया जा सकता हैं।

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कीट प्रबंधन करें – Pest Management In Nutrition Garden In Hindi

न्यूट्रिशन गार्डन में कीट प्रबंधन के लिए जैविक तरीकों का उपयोग करें। नीम के तेल का स्प्रे, लहसुन-मिर्च का स्प्रे करके पौधों को कीटाणुओं सुरक्षा प्रदान की जा सकती हैं। नियमित रूप से पौधों की जांच करें और संक्रमित पत्तियों व डालियों की प्रूनिंग करके हटा दें।

हार्वेस्टिंग करने का समय – Harvesting In Nutrition Garden In Hindi

अगस्त से नवंबर तक उगाने के लिए बेस्ट सब्जियां और हर्ब - Best Vegetables and Herbs to Grow from August to November in Hindi

गार्डन के पौधों में लगने वाले फल, फूल व सब्जियों की हार्वेस्टिंग समय पर होनी चाहिए। बता दें कि फ्रूट और वेजेटेबल को अच्छे से तोड़े जिससे पौधे खराब न हो। पत्तेदार साग सब्जियों को बाहरी पत्तियों से तोडना शुरू करें और बीच वाले हिस्से को छोड़ें ताकि पौधे का विकास जारी रह सकें। जड़ वाली सब्जियों मिट्टी के अन्दर से धीरे से निकालें और टूटने से बचाएं। तोड़े गए फल व सब्जियों को साफ कंटेनर में रखें। हार्वेस्टिंग के बाद पौधों का रख रखाव अच्छे से करें ताकि पौधा दुबारा तेजी प्रोडक्टिविटी के लिए तैयार हो सकें।

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इस लेख में हमने बताया हैं कि न्यूट्रिशन गार्डन कैसे बनाएं ? आपको हमारा लेख कैसा लगा और न्यूट्रिशन गार्डन से सम्बंधित कोई सुझाव आपके पास हैं तो हमारे साथ जरूर साझा करें, धन्यवाद।

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