मिट्टी के एयरेशन में सुधार कैसे करते हैं जानिए तरीके – How To Improve Soil Aeration In Hindi 

गमलों, ग्रो बैग आदि में पौधों को उगाते समय मिट्टी में हवा का प्रवाह अच्छा बना रहना बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह सीधे पौधों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। मिट्टी के एयरेशन में सुधार होने से पौधों की जड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती रहती है तथा पानी और अन्य पोषक तत्वों का अवशोषण ठीक से होता रहता है। मिट्टी में ठीक से वातन होने से लाभकारी सूक्ष्मजीवों की गतिविधि ठीक होती है, जिससे पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ती है। पौधों की मिट्टी में हवा बनाए रखने के फायदे तो आपने जान ही लिए, अब मिट्टी के एयरेशन में सुधार कैसे करें, मिट्टी के एयरेशन में सुधार करने के तरीके जानना जरूरी है। मिट्टी का वातन क्या है और मिट्टी को हवादार बनाने के तरीके जानने के लिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

मिट्टी का वातन क्या है – What Is Soil Aeration In Gardening In Hindi 

पौधों की मिट्टी में हवा (ऑक्सीजन) का प्रवाह बना रहना ही मिट्टी का वातन कहलाता है। इंग्लिश में इसे सॉइल एरेशन (Soil Aeration) कहते हैं। मिट्टी में हवा के आने जाने के लिए छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। हवा इन छिद्रों या एयर पैकेट्स में से होकर गुजरती रहती है। इससे पौधों की जड़ें स्वस्थ रहती हैं, क्योंकि उन्हें ग्रोथ करने के लिए लगातार ऑक्सीजन मिलती रहती है। लेकिन जब मिट्टी कड़क या संकुचित हो जाती है या उसमें पानी की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तब ये छिद्र बंद हो जाते हैं। इस वजह से मिट्टी में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। मिट्टी में ऑक्सीजन की कमी होने से माइक्रोबियल गतिविधि (सूक्ष्मजीवों की गतिविधियाँ), पोषक तत्वों की उपलब्धता आदि पर नकारात्मक असर पड़ता है। ऑक्सीजन की कमी से जड़ों की ग्रोथ रुक जाती है, इसीलिए मिट्टी में वायु प्रवाह जरूरी है।

मिट्टी के वातन में सुधार करना क्यों जरूरी है – Why Is Soil Aeration Important In Hindi 

पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए यह काफी जरूरी है कि उनकी जड़ों को ऑक्सीजन की सप्लाई लगातार मिलती रहे। और ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए मिट्टी में वातन का ठीक होना बेहद जरूरी है। मिट्टी में एयरेशन निम्न कारणों से जरूरी है, जैसे: 

जड़ों की ग्रोथ के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति – Oxygen Supply For Root Growth Of Plants In Hidni 

पौधों की जड़ों को अच्छे से ग्रोथ करने के लिए पर्याप्त मात्रा मे ऑक्सीजन की जरूरत होती है। मिट्टी में वातन (Soil Aeration) होने से जड़ों को सांस लेने (Respiration) के लिए आवश्यक ऑक्सीजन मिलती रहती है। इसके विपरीत जब मिट्टी में ऑक्सीजन की कमी होती है, तो इससे जड़ों का दम घुटना, पौधों की वृद्धि रुकना और यहां तक ​​कि पौधे के नष्ट हो जाने की समस्या भी देखी जाती है। इसी वजह से जड़ों की ग्रोथ के लिए ऑक्सीजन मिलती रहे, इसके लिए मिट्टी में एयरेशन जरूरी है।

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पोषक तत्वों की उपलब्धता – Soil Aeration Helps In Nutrient Availability In Hindi 

पोषक तत्वों की उपलब्धता - Soil Aeration Helps In Nutrient Availability In Hindi 

हवादार मिट्टी पौधों में पोषक तत्वों की उपलब्धता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब मिट्टी में अच्छी तरह से हवा पहुँचती रहती है, तो यह मिट्टी के लाभकारी सूक्ष्मजीवों के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है। ये सूक्ष्मजीव मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों को तोड़ते हैं और पोषक तत्वों को ऐसे रूपों में परिवर्तित करते हैं, जिन्हें पौधे अवशोषित कर सकते हैं। पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति मिट्टी में माइक्रोबियल गतिविधि को बढ़ावा देती है और पोषक तत्वों को पौधों की जड़ों तक अधिक पहुंच प्रदान करती है। इसके विपरीत, खराब वायु प्रवाह वाली मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।  

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पानी की निकासी – Soil Aeration Helps In Water Drainage In Hindi 

पानी की निकासी - Soil Aeration Helps In Water Drainage In Hindi 

जब मिट्टी में एयरेशन के लिए पर्याप्त छिद्र रहते हैं, तो ऐसे में मिट्टी में पानी डालने पर अतिरिक्त पानी आसानी से बाहर निकल जाता है। जबकि अगर मिट्टी टाइट हो जाए, तो इससे छिद्र के बंद हो जाने से मिट्टी में जल भराव की समस्या हो सकती है। मिट्टी में अतिरिक्त पानी के कारण ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जलभराव की स्थिति पौधों की जड़ों का दम घोंट सकती है, जड़ों की ग्रोथ में बाधा डाल सकती है और  जड़ सड़न रोग होने का खतरा भी रहता है। मिट्टी के वातन में सुधार करके एक्स्ट्रा पानी को आसानी से बाहर किया जा सकता है और जलभराव को रोका जा सकता है। 

मिट्टी की संरचना में सुधार – Soil Structure Is Improved By Soil Aeration In Hindi 

मिट्टी की संरचना में सुधार - Soil Structure Is Improved By Soil Aeration In Hindi 

अगर मिट्टी में वायु परिसंचरण अच्छी तरह से होता रहता है, तो इससे मिट्टी कड़क नहीं हो पाती है और उसकी संरचना अच्छी बनी रहती है। मिट्टी के वातन में सुधार से मिट्टी पोरस (Porous) हो जाती है, जिससे जड़ें गहराई तक जा सकती हैं और अधिक प्रभावी ढंग से फैल सकती हैं। 

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रोग की रोकथाम – Soil Borne Diseases Prevented By Soil Aeration In Hindi 

खराब वायु प्रवाह वाली मिट्टी में कुछ रोगजनकों के पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है, जो ऑक्सीजन की कमी वाले वातावरण में पनपते हैं। इसीलिए मिट्टी में रोगों को होने से रोकने के लिए एयरेशन बेहद जरूरी है।

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मिट्टी के एयरेशन में सुधार के बेहतरीन तरीके – Best Ways To Increase Soil Aeration In Hindi 

पौधों की मिट्टी के एयरेशन में सुधार करने के लिए बेस्ट तरीके नीचे बताये गये हैं: 

मिट्टी की गुड़ाई करें – Tilling Of Soil In Hindi

मिट्टी की गुड़ाई करें - Tilling Of Soil In Hindi

ट्रॉवेल, खुरपा, गार्डन फोर्क या अन्य गार्डन टूल का प्रयोग करके मिट्टी की गुड़ाई कर देने से मिट्टी के एयरेशन में सुधार होता है। इससे नीचे की मिट्टी ऊपर आ जाती है और उसमें भीतर तक हवा का संचार अच्छे से हो पाता है। गुड़ाई करने से मिट्टी कड़क या टाइट भी नहीं हो पाती है। इसी कारण से हप्ते-पंद्रह दिन में गमले की मिट्टी की हल्की गुड़ाई करती रहनी चाहिए।

मिट्टी में केंचुए छोड़ें – Adding Earthworms To Soil In Hindi 

मिट्टी में केंचुए छोड़ें - Adding Earthworms To Soil In Hindi 

केंचुए, मिट्टी में ऊपर से नीचे तक घूमते हुए उसमें छोटे-छोटे छिद्र बनाते रहते हैं, इससे मिट्टी में हवा का प्रवाह अच्छा बना रहता है। केंचुए, मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों को भी बढ़ाते हैं, जिससे मिट्टी उपजाऊ बनती है। इसके लिए आप कुछ केंचुए गमले की मिट्टी में छोड़ सकते हैं।

(यह भी जानें: होम गार्डन में ड्रेनेज सिस्टम को मैनेज करने के तरीके…)

मिट्टी में जैविक सामग्री मिलाएं – Add Organic Matter To Soil In Hindi 

मिट्टी में जैविक सामग्री मिलाएं - Add Organic Matter To Soil In Hindi 

 

पौधों की मिट्टी में कम्पोस्ट खाद, कोकोपीट, रेत, पर्लाइट, वर्मीकुलाईट आदि जैविक पदार्थ मिलाने से वातन में सुधार होता है। कार्बनिक पदार्थ मिट्टी की संरचना में सुधार करते हैं और मृदा वायु परिसंचरण में वृद्धि करते हैं।

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मल्चिंग करें – Mulching Of Soil In Hindi 

मल्चिंग करें - Mulching Of Soil In Hindi 

मिट्टी की सतह पर जैविक मल्च जैसे पुआल, लकड़ी के चिप्स, कम्पोस्ट खाद, कोकोपीट, पीट मोस, गीली घांस आदि की एक परत बिछा दें। मल्च करने से मिट्टी का तापमान नियंत्रित रहता है और मिट्टी में नमी बनाए रखने और संघनन (compaction) को रोकने में मदद मिलती है, इससे मिट्टी के वातन में सुधार होता है।

अधिक सिंचाई से बचें – Avoid Over-Watering In Soil In Hindi 

पौधों की जरूरत से अधिक सिंचाई न करें, वरना इससे मिट्टी में जलभराव हो सकता है और ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है। 

इस लेख में पौधों की मिट्टी में एयरेशन होने के फायदे और मिट्टी के एयरेशन में सुधार के तरीके बताये गये हैं। उम्मीद करते हैं इस आर्टिकल में बताए गए मिट्टी के वातन में सुधार के तरीके आपके काम जरूर आयेंगे। मिट्टी को हल्का हवादार बनाने से जुड़ा यह लेख अगर आपको पसंद आया हो, तो इसे अपने अन्य गार्डनिंग करने वाले दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें।

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