यह एक फैक्ट है कि जब मिट्टी का तापमान 7°C (45°F) से नीचे चला जाता है, तब मिट्टी के भीतर पाए जाने वाले उपयोगी सूक्ष्मजीवों पर विपरीत असर होता है। अधिक ठंड की स्थिति में मिट्टी के भीतर माइक्रोबियल एक्टिविटी धीमी हो जाती हैं और इसके कारण मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में कमी आती हैं। यही वजह है की बरसात का सीजन खत्म हो जाने के बाद सर्दियों के मौसम में पौधे लगाने के लिए या जो पौधे पहले से लगे हैं उनकी मिट्टी में सुधार करने की आवश्यकता होती है। आज हम आपको इस ब्लॉग में बताएंगे कि सर्दी के समय मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाएं? सर्दियों के मौसम में गार्डन की मिट्टी में सुधार कैसे करें? और सर्दियों के दौरान मिट्टी को ठंड से कैसे बचाएं? इन सभी जानकारियों के लिए आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें।
सर्दियों के समय मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने के तरीके – Ways To Improve Garden Soil Over The Winter In Hindi
- सूख चुके मृत पौधों को मिट्टी से हटायें
- खरपतवारों को हटायें
- मिट्टी की गुड़ाई करें
- कवर क्रॉप लगाएं
- मिट्टी में खाद व उर्वरक मिलाएं
- मिट्टी की मल्चिंग करें
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मिट्टी से मृत पौधों को हटाएं – Remove Dead Plants From Soil In Winter In Hindi
ग्रोइंग सीजन (बरसात का सीजन) ख़त्म हो जाने के बाद मिट्टी से मृत या सूख चुके वार्षिक पौधों के अवशेषों जैसे जड़ों, तनों और पत्तों आदि को हटा दें। इस समय कई वार्षिक पौधों में फल या फूल लगना बंद हो जाता है, इसीलिए उन्हें जड़ समेत उखाड़कर अलग कर देना ही सही रहता है। इन डेड प्लांट्स को हटा देने से होम गार्डन साफ-सुथरा दिखने लगता है और मृत जड़ों (Dead Roots) के कारण मिट्टी में फंगस या अन्य रोग लगने का खतरा भी टल जाता है। आप इन सूख चुके पौधों और उनके अवशेषों का उपयोग कम्पोस्ट खाद बनाने में कर सकते हैं। लेकिन यदि पौधे में कोई रोग लगा हो तो, उसे कम्पोस्ट खाद बनाने में इस्तेमाल न करें, बल्कि पौधे को जला कर नष्ट कर दें।
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मिट्टी से खरपतवारों को हटाएं – Remove Weeds To Improve Garden Soil In Winter In Hindi
यदि सर्दियों के समय होम गार्डन की मिट्टी में खरपतवार के पौधे उग रहे हैं, तो तुरंत उन्हें हाथ से या गार्डन टूल (जैसे- वीडर, खुरपा) की मदद से मिट्टी में से निकालकर अलग कर दें। खरपतवार के पौधे मिट्टी से नमी और पोषक तत्वों को खींचते हैं, जिसके कारण मुख्य पौधों की ग्रोथ धीमी हो जाती है। इसके अलावा खरपतवार के पौधे मिट्टी की उत्पादकता (Productivity) को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
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मिट्टी की गुड़ाई करें – Tilling Garden Soil In Winter Season In Hindi
सर्दी के समय मिट्टी की गुड़ाई करने से कई फायदे होते हैं। गुड़ाई करने से मिट्टी की निचली परतें ऊपर आ जाती हैं। आमतौर पर मिट्टी की निचली परत में नमी होती है। निचली मिट्टी ऊपर आने से उसमें उपस्थित पानी वाष्पित हो जाता है और मिट्टी सूखने लगती है। निचली मिट्टी को धूप लगने से मृदा जनक रोगों के होने का खतरा भी कम हो जाता है। गुड़ाई करने से निचली मिट्टी को हवा भी लगती है। मिट्टी में हवा का संचार बने रहने से पौधे की जड़ें अच्छे से ग्रोथ कर पाती हैं।
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मिट्टी में सुधार के लिए कवर क्रॉप लगाएं – Using Winter Cover Crops To Improve Soil In Hindi
जब आपने मिट्टी से पुराने सूख चुके पौधों और खरपतवारों को हटा दिया है और मिट्टी की गुड़ाई भी कर ली है, तो अब आप उस मिट्टी में कवर क्रॉप को लगा सकते हैं। कवर क्रॉप उन पौधों को कहा जाता है, जिन्हें मुख्यतः मिट्टी में सुधार करने के लिए मुख्य पौधों के बीच में उगाया जाता है। जैसे कि मूली कॉम्पैक्ट हो चुकी मिट्टी को ढीला बनाती है और मिट्टी में नाइट्रोजन मिलाती है। इसके अलावा दलहन वाले पौधे जैसे मटर भी मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाते हैं। कवर क्रॉप खरपतवारों को बढ़ने से रोकती हैं, मिट्टी के कटाव को रोकती है और मिट्टी को उपजाऊ बनाती हैं। अरुगुला, राई, मटर आदि कवर क्रॉप हैं, जिन्हें आप मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए होम गार्डन में लगा सकते हैं।
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मिट्टी में खाद मिलाएं – Adding Fertilizers To Improve Soil In Winter In Hindi
सर्दियों के समय मिट्टी को उपजाऊ बनाये रखने के लिए उसमें खाद (गोबर खाद, कम्पोस्ट खाद आदि) व उर्वरकों (बोन मील, नीम केक आदि) को मिलाना काफी जरूरी होता है। इसके अलावा इनके इस्तेमाल से मिट्टी ढीली (Loose) हो जाती है, और मिट्टी की पोषक तत्वों को सोखने की क्षमता भी बढ़ जाती है। पौधों को ग्रोथ करने के लिए मुख्य रूप से तीन पोषक तत्वों नाइट्रोजन, पोटेशियम और फास्फोरस की आवश्यकता होती है। आप इन पोषक तत्वों को मिट्टी में मिलाने के लिए निम्न खाद और जैविक उर्वरकों का इस्तेमाल कर सकते हैं और मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं:
- लकड़ी की राख (पोटाश) – इसमें फास्फोरस और पोटेशियम पोषक तत्व मुख्य रूप से पाए जाते हैं। आप इसे कम्पोस्ट खाद बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं या सीधे गार्डन की मिट्टी में भी मिला सकते हैं।
- अण्डों के छिलके – मिट्टी में कैल्शियम पोषक तत्व को मिलाने के लिए आप अण्डों के छिलकों को बारीक़ पीस कर मिट्टी में मिला सकते हैं।
- बोन मील – इसमें कैल्शियम और फास्फोरस पोषक तत्व पाए जाते हैं।
- ब्लड मील – इस जैविक उर्वरक के इस्तेमाल से मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढती है।
- एप्सम साल्ट – इसको मिट्टी में मिलाने से मिट्टी में मैग्नीशियम और सल्फर पोषक तत्व की पूर्ती होती है।
- कम्पोस्ट खाद – कम्पोस्ट खाद से क्ले मिट्टी की ड्रेनेज क्षमता सुधरती है, और रेतीली मिट्टी की वाटर होल्डिंग कैपेसिटी बढती है।
- गोबर खाद – इसके इस्तेमाल से मिट्टी को लगभग सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल जाते हैं।
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मिट्टी की मल्चिंग कर दें – Mulching Soil Over The Winter In Hindi
मल्चिंग करना सर्दी के समय होम गार्डन की मिट्टी को सुधारने का एक प्रमुख तरीका है। मल्चिंग में पत्तियों या अन्य कार्बनिक या अकार्बनिक पदार्थों का उपयोग करके जमीन को ढंक दिया जाता है। ऐसा करने से मिट्टी में खरपतवार नहीं उग पाती है। मल्चिंग करने से तेज ठंड पड़ने पर भी मिट्टी थोड़ी गर्म बनी रहती है। इसी वजह से मिट्टी के अन्दर मौजूद लाभकारी माइक्रोब्स और कीट जैसे केंचुआ आदि को ठंड के खतरे से बचाया जा सकता है। इस तरह मल्चिंग करने से मिट्टी सुरक्षित भी रहती है और उसकी उर्वरता भी बढ़ जाती है। सर्दी के समय मल्च के रूप में आप पुआल (Straw), पत्तियों, घास, कार्डबोर्ड, पॉलीथिन आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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इस आर्टिकल में सर्दियों के समय गार्डन की मिट्टी को ठंड से बचाने और सर्दी के मौसम में मिट्टी को उपजाऊ बनाने के तरीकों के बारे में बताया गया है। उम्मीद करते हैं सर्दियों के पौधों के लिए मिट्टी तैयार करने से सम्बंधित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा, यदि इससे सम्बंधित आपके मन में कोई सवाल या सुझाव हों, तो उसे कमेन्ट जरूर करें।
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