रसोई के बचे शकरकंद के टुकड़ों से नए पौधे कैसे उगाएं, जानें तरीका – How To Grow Sweet Potatoes From Kitchen Scraps In Hindi

Shakarkand Scraps Kaise Ugaye In Hindi: रसोई से निकलने वाले बचे शकरकंद के टुकड़ों को ज्यादातर लोग कचरे में फेंक देते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यही टुकड़े आपकी गार्डनिंग के काम आ सकते हैं? क्या शकरकंद के टुकड़ों को उगाया जा सकता है, इसका जवाब है — हाँ, बिल्कुल! शकरकंद ऐसा पौधा है जिसे उगाना बेहद आसान है और इसकी ग्रोथ भी जल्दी होती है। अगर आपके पास थोड़ी-सी जगह और थोड़ा-सा टाइम है तो आप अपने घर में ही शकरकंद का हेल्दी प्लांट लगा सकते हैं।

इससे न केवल आपको ताज़ा और न्यूट्रिशियस फसल मिलेगी, बल्कि शकरकंद किचन वेस्ट का स्मार्ट यूज़ भी हो जाएगा। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि रसोई के टुकड़ों/स्क्रैप से शकरकंद कैसे उगाएं, शकरकंद को कैसे उगाया जाता है और शकरकंद यानी Sweet Potato के पौधे की देखभाल कैसे करें, ताकि शकरकंद के टुकड़ों से ही नए पौधे ग्रो हो सकें।

किचन स्क्रैप से शकरकंद कैसे उगाएं – Growing Sweet Potato By Kitchen Scraps In Hindi

किचन में बचा हुआ शकरकंद या स्वीट पोटैटो स्क्रैप को आप आसानी से नए पौधों में बदल सकते हैं। आइए जानते हैं कि स्क्रैप से शकरकंद को कैसे उगाया जाता है और साथ ही शकरकंद के पौधे की देखभाल के बारे में भी जानेंगे।

1. शकरकंद को पानी में अंकुरित करना – Sprouting in Water in Hindi

शकरकंद को पानी में अंकुरित करना - Sprouting in Water in Hindi

शकरकंद उगाने का सबसे आसान तरीका है इसे पानी में अंकुरित करना। इसके लिए शकरकंद के टुकड़े को एक गिलास या जार में आधा पानी में डुबोकर रखें। टूथपिक की मदद से उसे सहारा दें ताकि आधा हिस्सा पानी के अंदर और आधा बाहर रहे। कुछ ही दिनों में इससे जड़ें और अंकुर निकलने लगते हैं। जब जड़ें मजबूत हो जाएं और पत्तियाँ उगने लगें, तब इसे मिट्टी में ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।

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2. सीधे मिट्टी में लगाना – Direct Soil Planting in Hindi

अगर आपके पास गमला या गार्डन स्पेस है, तो शकरकंद के टुकड़े सीधे मिट्टी में लगाए जा सकते हैं। ध्यान रखें कि मिट्टी ढीली और अच्छी तरह ड्रेनेज वाली हो। टुकड़े को 3-4 इंच गहराई में दबाएं और हल्का पानी दें। कुछ दिनों में इससे अंकुर निकलने लगेंगे। इस तरीके से पौधा जल्दी एडजस्ट करता है और बेहतर ग्रोथ देता है। खास बात यह है कि इस विधि से पौधे की जड़ें ज्यादा गहरी और मजबूत बनती हैं, जिससे बाद में फसल अच्छी मिलती है।

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3. गमले का इस्तेमाल करना – Using Pots in Hindi

जिनके पास ज्यादा जगह नहीं है, वे गमलों में शकरकंद आसानी से उगा सकते हैं। इसके लिए बड़ा और गहरा गमला चुनें क्योंकि शकरकंद को जड़ फैलाने की जरूरत होती है। गमले में ढीली और पोषक मिट्टी भरें और टुकड़े लगाएं। नियमित पानी और धूप से पौधा तेजी से बढ़ेगा। गमले का फायदा यह है कि आप इसे बालकनी या छत पर आसानी से रख सकते हैं और पौधे की ग्रोथ पर सीधा ध्यान रख सकते हैं।

4. ग्रो बैग में शकरकंद लगाना – Using Grow Bags in Hindi

ग्रो बैग में शकरकंद लगाना - Using Grow Bags in Hindi

आजकल ग्रो बैग छोटे घरों के लिए बहुत लोकप्रिय हो गए हैं। ये हल्के, सस्ते और आसानी से मूव किए जा सकते हैं। शकरकंद को ग्रो बैग में लगाने से पौधे को पर्याप्त स्पेस मिलता है और जड़ें आसानी से फैलती हैं। ग्रो बैग में पानी का जमाव नहीं होता, जिससे पौधे को सड़ने का खतरा कम होता है। इस तरीके से शकरकंद की क्वालिटी अच्छी रहती है और आप जरूरत पड़ने पर आसानी से ग्रो बैग को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर सकते हैं। अच्छी क्वालिटी के ग्रो बैग खरीदने के लिए वेबसाइट organicbazar.net पर विजिट करें।

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5. धूप वाली जगह चुनना – Choosing Sunny Spot in Hindi

शकरकंद को ग्रोथ के लिए पर्याप्त धूप की जरूरत होती है। अगर आप इसे छाँव में लगाएंगे तो पत्तियाँ तो आ जाएंगी लेकिन कंद (tuber) अच्छे से विकसित नहीं होंगे। इसलिए हमेशा ऐसी जगह चुनें जहां रोजाना 5-6 घंटे धूप आती हो। धूप की सही मात्रा से पौधे की पत्तियाँ गहरी हरी और स्वस्थ दिखेंगी, जिससे पौधे में एनर्जी बनकर जड़ तक जाएगी और फसल बेहतर होगी। यह नियम चाहे गार्डन हो या गमला, हर जगह फॉलो करना जरूरी है।

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6. सही मिट्टी का चुनाव – Choosing Right Soil in Hindi

शकरकंद की खेती के लिए मिट्टी ढीली, रेतीली-दोमट (sandy loam) और जैविक खाद से भरपूर होनी चाहिए। कठोर और चिपचिपी मिट्टी में शकरकंद की जड़ें ठीक से विकसित नहीं हो पातीं। अगर आपकी मिट्टी भारी है, तो उसमें रेत और कम्पोस्ट मिलाकर हल्की बनाएं। मिट्टी का pH 5.5 से 6.5 के बीच होना सबसे अच्छा माना जाता है। सही मिट्टी न केवल फसल की ग्रोथ बढ़ाती है बल्कि शकरकंद का स्वाद और क्वालिटी भी बेहतरीन बनाती है।

7. नियमित पानी देना – Regular Watering in Hindi

नियमित पानी देना - Regular Watering in Hindi

शकरकंद को नमी पसंद होती है लेकिन ज्यादा पानी से यह सड़ सकता है। बहुत लोग यह जानना चाहते हैं कि शकरकंद को कितने दिनों में पानी देना चाहिए, तो इसका सही तरीका है पौधे को हमेशा हल्की नमी वाली मिट्टी देना। गर्मी के दिनों में हर दूसरे दिन हल्का पानी देना जरूरी है, जबकि बरसात में ध्यान रखें कि पानी मिट्टी में जमा न हो। अगर आप गमले या ग्रो बैग में उगा रहे हैं तो ड्रेनेज होल जरूर होना चाहिए। नियमित और संतुलित पानी से पौधा हेल्दी रहता है और शकरकंद के कंद बड़े और स्वादिष्ट बनते हैं।

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8. स्लिप्स से पौधा बनाना – Using Slips in Hindi

शकरकंद स्लिप्स यानी कटिंग से भी उगाया जा सकता है। जब शकरकंद से लंबे-लंबे अंकुर निकल आते हैं, तो उन्हें काटकर अलग से मिट्टी में लगाया जा सकता है। स्लिप्स से नया पौधा जल्दी बन जाता है और यह तरीका ज्यादा प्रोडक्टिव होता है। इससे आप एक ही शकरकंद से कई पौधे बना सकते हैं। स्लिप्स को लगाने से पहले उनकी जड़ों को पानी में कुछ दिन डुबोकर रखें ताकि वे मजबूत हो जाएं। यह तरीका किसानों के साथ-साथ गार्डन लवर्स के लिए भी बेहतरीन है।

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9. जैविक खाद का प्रयोग – Using Organic Fertilizer in Hindi

बहुत से लोग सोचते हैं कि शकरकंद में कौन सी खाद डालनी चाहिए, तो इसके लिए गोबर की खाद, कम्पोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट सबसे अच्छा विकल्प है। यह न केवल मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाते हैं बल्कि पौधे की नैचुरल ग्रोथ को भी सपोर्ट करते हैं। अगर समय-समय पर जैविक खाद दी जाए तो शकरकंद ज्यादा बड़े और मीठे होते हैं। इससे मिट्टी की सेहत भी बनी रहती है और फसल पूरी तरह ऑर्गेनिक तैयार होती है, जो खाने में ज्यादा हेल्दी और स्वादिष्ट होती है।

10. समय पर खुदाई करना – Harvesting on Time in Hindi

समय पर खुदाई करना - Harvesting on Time in Hindi

शकरकंद की खुदाई सही समय पर करना बहुत जरूरी है। आमतौर पर पौधा लगाने के 3-4 महीने बाद यह तैयार हो जाता है। जब पौधे की पत्तियाँ पीली पड़ने लगें तो समझ लें कि शकरकंद खुदाई के लिए तैयार है। खोदने में देरी करने से कंद सख्त हो सकते हैं और उनका स्वाद भी कम हो सकता है। कंद निकलते समय ध्यान रखें कि कंद को नुकसान न पहुंचे। सही समय पर खोदने से शकरकंद ज्यादा मीठे और पोषक बने रहते हैं।

निष्कर्ष:

रसोई के बचे टुकड़ों से शकरकंद उगाना न केवल एक क्रिएटिव आइडिया है बल्कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की दिशा में भी एक छोटा कदम है। थोड़ी-सी केयर, सही मिट्टी, पर्याप्त धूप और नियमित पानी के साथ शकरकंद का प्लांट आसानी से अच्छी ग्रोथ करता है। इस प्रक्रिया से आप किचन वेस्ट का स्मार्ट यूज़ कर सकते हैं, ताज़ा और न्यूट्रिशियस क्रॉप प्राप्त कर सकते हैं।

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