बैंगन विटामिन और खनिज का सबसे अच्छा स्रोत है। बैंगन की खेती करने वाला भारत दूसरा सबसे बड़ा देश है। इसे गमले (Pots), कंटेनर (container) और ग्रो बैग (grow bags) में बहुत आसानी से उगाया जा सकता है। आमतौर पर बहुत से लोग अपने किचन गार्डन में बैंगन उगाते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही बैंगन के पौधे की अच्छी देखभाल कर पाते हैं और अधिक से अधिक बैंगन प्राप्त कर पाते हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको बैंगन की देखभाल करने के तरीके के बारे में बताएंगे।
सब्जियों में बैंगन बहुत लोकप्रिय सब्जी है। यह मूल रूप से भारत के दक्षिणी भाग की सब्जी है। हालांकि बैंगन पूरी दुनिया में पैदा किया जाता है। यह उष्णकटिबंधीय पौधा (tropical plant) है, जो पूरे साल उगाया जाता है। भारत में बैंगन का भरता, सब्जी, भुजिया और सांभर सहित कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। बैंगन को अंग्रेजी में ब्रिजल (Brinjal) या एगप्लांट (Eggplant) कहते हैं। यह सोलेनेसी कुल (Solanaceae family) का पौधा है। बैंगन के पौधे का तना सीधा और झाड़ीदार होता है और पत्तियां बड़ी होती है।
बैंगन कितने रंग के होते हैं – Brinjal color in Hindi
ब्रिंजल या बैंगन आमतौर पर सफेद (White), हरा (Green), बैंगनी (Purple) और पीले (yellow) रंगों का होता है। हर रंग के बैंगन के पौधे की एक जैसे ही देखभाल करने की जरूरत पड़ती है। आपने अपनी बालकनी या टैरेस पर चाहे जिस भी रंग या किस्म का बैंगन लगाया है, जब आप उसकी उचित देखभाल करेंगे तब पौधों पर हेल्दी बैंगन लगेंगे। विभिन्न रंग के बैंगन के बीज खरीदने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
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(और पढ़ें: गमले में बैगन कैसे उगाएं…)
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बैंगन की प्रसिद्ध किस्में – Brinjal Varieties in Hindi
ब्रिंजल या बैंगन की कई किस्में और प्रजातियां हैं, जिनमें कुछ प्रमुख निम्न हैं:
- पंजाब बहार बैंगन(Punjab Bahar brinjal)
- पंजाब नं 8 बैंगन (Punjab No 8 brinjal)
- जामुनी जीओआई (एस 16) Jamuni GOI (S 16)brinjal
- पूसा पर्पल लांग (Pusa Purple Long)
- पूसा पर्पल क्लस्टर (Pusa Purple Cluster)
- पंत रितुराज ब्रिंजल (pant rituraj brinjal)
बैंगन की ये किस्में पंजाब सहित विभिन्न राज्यों में पायी जाती हैं। ये किस्में ग्रो बैग, कंटेनर, गमले और बाल्टी में लगायी जा सकती हैं। हालांकि इन किस्मों की बेहतर देखभाल की जरूरत भी पड़ती है।
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घर पर बैंगन की देखभाल करने के लिए टिप्स – Brinjal plant care tips in Hindi
चूंकि अन्य सब्जियों की अपेक्षा बैंगन पर अधिक कीड़े लगते हैं। इसलिए शुरूआत से बैंगन के पौधे की अधिक देखभाल करने की जरूरत होती है। पौधे पर जलवायु के प्रभाव, खाद और पानी देने सहित अन्य तरह से भी देखभाल की जरूरत होती है। आइए जानते हैं गमले या ग्रो बैग में लगे बैंगन की देखभाल के लिए टिप्स के बारे में।
1. बैंगन के पौधे को रोजाना पानी दें – Watering for brinjal plant care in Hindi
ब्रिंजल या बैंगन की देखभाल की सबसे महत्वपूर्ण टिप्स है, बैंगन के पौधे को रोजाना पानी देना। गर्म और शुष्क जलवायु में दिन में कई बार बैंगन को पानी देना चाहिए। सबसे पहले गमले की मिट्टी की सतह को उंगली से दबाकर देखें। यदि मिट्टी सूख गई है तो तुरंत पानी दें, अन्यथा बैंगन का पौधा सूख सकता है।
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2. गमले में बैंगन की अच्छी ग्रोथ के लिए पोषक तत्व – Nutrients for Growing Brinjal in Pots in Hindi
बैंगन के पौधे की देखभाल करते समय यह जरूर ध्यान दें कि पत्तियां कब पीली हो रही हैं और कब अधिक पत्तियां गिर रही हैं। दरअसल, पोषक तत्वों की कमी के कारण बैंगन के पौधे की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। ऐसी स्थिति में आपको पौधे में 5-10-5 के अनुपात से नाइट्रोजन–फॉस्फोरस और पोटैशियम डालना चाहिए। इसके अलावा आप जैविक खाद (organic fertilizers) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। खाद डालते समय मिट्टी को आधा इंच से ज्यादा नहीं खोदें। यदि आप आधा इंच से अधिक गहरा खोदते हैं, तो बैंगन के पौधे की जड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
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3. मिट्टी के पीएच में करें सुधार – Soil pH levels for Growing Brinjal in Pots in Hindi
गमले की जिस मिट्टी में आपने बैंगन का पौधा लगाया है, उसके पीएच का पता लगाएं। मिट्टी का पीएच 6 से 6.8 होना चाहिए, यह बैंगन के पौधे के लिए जरूरी है। मिट्टी के पीएच की जाँच करने के लिए आप पीएच मीटर (pH meter) या लिटमस पेपर (litmus paper) का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप मिट्टी का पीएच बढ़ाना चाहते हैं तो एग्रीकल्चर लाइम (agricultural lime) का इस्तेमाल करें। लेकिन अगर आप मिट्टी के पीएच को कम करना चाहते हैं तो सूखी पत्तियों और जैविक पदार्थ को मिट्टी में मिलाएं।
बेकिंग सोडा की मदद से आप मिट्टी की अम्लीयता की जाँच कर सकते हैं, इसके लिए आप किसी बर्तन में थोड़ी मिट्टी लेकर उसका मटमैला घोल बना लें। अब इसमें बेकिंग सोडा की थोड़ी सी मात्रा छिड़कें। यदि घोल में बुलबुले बनते हुए दिखाई देते हैं, तो आपकी मिट्टी अम्लीय है। इसके अलावा छोटे कप में मिट्टी के कुछ नमूने को एकत्र कर उसमें आधा कप सिरका (white vinegar) डालें यदि आप मिट्टी को बुदबुदाते हुए देखते हैं या फिर घोल में बुलबुले बनते देखते हैं तो मिट्टी क्षारीय है।
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4. बैंगन के पौधे के लिए आवश्यक खाद – Fertilizers required for Growing Brinjal in Pots in Hindi
बैंगन पर अधिक फूल लगें और अधिक से अधिक उपज हो, इसके लिए बैंगन के पौधे में हर एक या दो हफ्ते में एक बार लिक्विड खाद (liquid fertilizer) डालें। खाद को पानी में मिलाकर पौधे को दें। अगर आप बैंगन के पौधे में सूखी खाद डालना चाहते हैं तो पहले पौधे को पानी दें और जब मिट्टी गीली हो जाए तब खाद डालें। यह ध्यान रखें कि पौधे को उचित मात्रा से अधिक खाद न दें, अन्यथा पौधा नष्ट हो जाएगा।
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5. बैंगन का पौधा लगे गमले को धूप में रखें – Placed Brinjal pot in a sunny spot in Hindi
अगर आप ग्रो बैग या गमले में बैंगन का पौधा लगा रखा है, तो बैंगन की बेहतर देखभाल के लिए गमले को धूप में रखें। वास्तव में बैंगन के पौधे को स्वस्थ रहने और अधिक उत्पादन के लिए पर्याप्त धूप की जरूरत होती है। बैंगन को प्रकाश के साथ ही धूप की जरूरत भी पड़ती है। बैंगन के पौधे गर्म मिट्टी में बेहतर तरीके से वृद्धि करते हैं।
6. बैंगन के पौधे को बढ़ने के लिए सहारा दें – Staking the eggplants in pots or containers in Hindi
गलमे में लगा बैंगन का पौधा जब बढ़ने लगता है तब इसके तने लचीले हो जाते हैं और पौधे पर बैंगन लगने पर पौधा झुक सकता है। इसके लिए पौधे को सहारा देने के लिए एक खूंटी (stake ) या डंडी बांधे। इसके अलावा आप रस्सी या मजबूत पतला धागा बांधकर भी बैंगन के झुके तने को ऊपर खींच सकते हैं। हालांकि यह ध्यान रखें कि धागा या रस्सी अधिक खींचकर न बाधें अन्यथा तना टूट सकता है।
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7. बैंगन के पौधे की छंटाई करें – Pruning for Growing Brinjal in Pots in Hindi
बैंगन की उत्पादकता में सुधार करने के लिए समय-समय पर बैंगन के पौधे की प्रूनिंग या छंटाई जरूरी है। अगर तना अधिक लंबा हो गया है तो उसे काटकर छोटा कर दें, क्योंकि इससे पौधे की वृद्धि रूक जाती है। इसके अलावा पीली पत्तियों को भी तोड़कर हटाते रहें।
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8. बैंगन के पौधों को कीड़ों और बीमारियों से बचाएं – Protect the plants from pests and diseases in Hindi
बैंगन के पौधों को कीड़ों और बीमारियों से बचाना भी इसकी देखभाल का एक जरूरी हिस्सा है। अन्य सब्जियों की अपेक्षा बैंगन पर अधिक कीट और बीमारियां लगती हैं। बैंगन पर आमतौर पर ब्लैक फ्ली बीटल (black flea beetle), एफिड्स (aphids), कटवर्म (cutworms) जैसे कीट (pests) लगते हैं। बैंगन के पौधे को कीटों से बचाने के लिए घरेलू कीटनाशकों (homemade pesticides) जैसे नीम का तेल और बर्तन धोने के साबुन (dishwashing soap) की कुछ बूंदें डालें।
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किसी भी तरह की सब्जी उगाने के लिए उसके बारे में सही जानकारी की जरूरत होती है। दरअसल, गमले में बैंगन का पौधा लगाने के बाद अगला कदम देखभाल का ही होता है। उचित देखभाल से ही यह तय होता है कि पौधे में कितने स्वस्थ फल लगेंगे। यही कारण है कि गमले में लगे बैंगन के पौधे की मिट्टी सहित समय पर पानी, खाद और पोषक तत्व देने सहित छंटाई का भी ध्यान रखना पड़ता है। समय पर जरूरी देखभाल करते रहने से पौधे पर खूब बैंगन लगते हैं। आप भी अपने किचन गार्डन में लगे बैंगन की ऐसे ही देखभाल कर उपज बढ़ा सकते हैं।