Best Mulch For Tomato Plants In Hindi: अगर आप चाहते हैं कि आपके टमाटर के पौधे हमेशा ताजा, हरे-भरे और स्वस्थ बने रहें, तो मल्चिंग को समझना बहुत जरूरी है। बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है कि मल्चिंग क्या है और यह टमाटर के पौधों के लिए क्यों जरूरी होती है। सही तरीके से की गई Mulching न सिर्फ मिट्टी में नमी बनाए रखती है, बल्कि पौधों की जड़ों को सुरक्षित भी रखती है।
इस लेख में हम आसान और सरल भाषा में जानेंगे कि, मल्चिंग के क्या फायदे हैं और यह टमाटर की ग्रोथ को कैसे बेहतर बनाती है। साथ ही, यहां आपको पूरी जानकारी मिलेगी कि टमाटर के लिए 5 बेस्ट मल्चिंग कौन सी हैं (Tamatar Ke Liye Best Mulching In Hindi), जिनका उपयोग करके आप अपने पौधों को लंबे समय तक हरा-भरा और ताजा रख सकते हैं। यह जानकारी घरेलू बागवानी और खेती, दोनों के लिए उपयोगी है।
मल्च क्या है और यह क्यों जरूरी है – What Is Mulch And Why Is It Important For Tomato In Hindi
मल्च वह सामग्री होती है जिसे पौधों के चारों ओर मिट्टी की सतह पर बिछाया जाता है। इसका मुख्य काम मिट्टी में नमी को बनाए रखना और पानी को जल्दी सूखने से रोकना होता है। अतः यह ऐसे पौधों के लिए परफेक्ट है, जिन्हें बहुत ज्यादा नमी और पानी की आवश्यकता होती है। मल्च, मिट्टी को तेज धूप और ठंड से बचाती है, जिससे जड़ें सुरक्षित रहती हैं। सही मल्च के उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता सुधरती है और पौधे स्वस्थ रहते हैं। 2 से 3 इंच से अधिक मोटी मल्च की परत न बिछाएं। मल्च (mulch) पौधे के तने से दूर करें यानि मल्च पौधे के तने को टच न करे।
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टमाटर के पौधों के लिए 5 बेस्ट मल्च – 5 Best Mulches For Tomato Plants In Hindi
टमाटर के पौधों को हरा-भरा, स्वस्थ और लंबे समय तक ताजा रखने के लिए मल्चिंग बहुत जरूरी होती है। सही मल्च मिट्टी में नमी बनाए रखता है और जड़ों को सुरक्षित रखता है। इससे खरपतवार कम उगते हैं और पौधों को पोषण भी मिलता है। सही मल्च का चुनाव टमाटर की अच्छी वृद्धि और बेहतर पैदावार में मदद करता है। आप टमाटर के पौधे लिए निम्न प्रकार की जैविक मल्च सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि निम्न हैं-
1. पुआल या भूसा (Straw Mulch)
पुआल या भूसा, टमाटर के पौधों के लिए बहुत ही अच्छा प्राकृतिक मल्च है। यह मिट्टी में नमी को लंबे समय तक बनाए रखता है। गर्मी के मौसम में यह मिट्टी को ठंडा रखता है। खरपतवार को उगने से रोकने में भी यह मददगार होता है। धीरे-धीरे सड़कर यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है। इस मल्च को पौधे के तने से 2 से 3 इंच की दूरी पर चारों ओर बिछाएं, जिससे किसी भी प्रकार के संक्रमण से पौधे का तना सड़े नहीं।
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2. सूखे पत्ते (Dry Leaves For Mulch)
सूखे पत्ते आसानी से उपलब्ध होने वाला और सस्ता मल्च है। सूखे पत्तों को बारीक करके mulch के रूप में इस्तेमाल करना बेस्ट होता है। हालांकि आप सूखे पत्तों का डायरेक्ट इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इससे मिट्टी तक पानी और हवा पहुँचने में समस्या आ सकती है। mulching मिट्टी को ढककर नमी को सुरक्षित रखती है। पानी देने के बाद मिट्टी जल्दी सूखती नहीं है। पत्ते धीरे-धीरे गलकर जैविक खाद में बदल जाते हैं और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करते हैं। मल्चिंग में हमेशा साफ और रोग-मुक्त पत्तों का ही उपयोग करना चाहिए।
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3. कम्पोस्ट या गोबर की खाद (Compost)
कम्पोस्ट या गोबर की खाद मल्च और खाद दोनों का काम करती है। यह मिट्टी को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती है। टमाटर के पौधों की जड़ें मजबूत बनती हैं। नमी बनाए रखने में यह बहुत प्रभावी होती है। इससे पौधों की वृद्धि अच्छी होती है। अच्छी तरह सड़ी हुई खाद का ही इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि कम्पोस्ट मिट्टी में बहुत जल्दी मिल जाता है, इसलिए इसे बार-बार डालना पड़ता है।
4. घास की कतरन (Grass Clippings For Mulching)
घास की कतरन ताजा और प्राकृतिक मल्च होती है, लेकिन मल्चिंग के रूप में हमेशा सूखी घास का ही इस्तेमाल करना चाहिए। यह मिट्टी को जल्दी सूखने से बचाती है। गर्म मौसम में मिट्टी को ठंडा रखने में मदद करती है। खरपतवार को दबाने में भी यह उपयोगी है। इसे पतली परत में बिछाना चाहिए। बहुत मोटी परत से हवा का संचार रुक सकता है।
इसके अलावा आप जिस घास की कतरन का इस्तेमाल करें, उसमें किसी भी प्रकार के केमिकल नहीं होने चाहिए, अन्यथा यह टमाटर के पौधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है और टमाटर खाने में भी असुरक्षित हो सकते हैं।
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5. लकड़ी की छाल या बुरादा (Wood Chips Mulch)
लकड़ी की छाल के टुकड़े या बुरादा लंबे समय तक चलने वाला मल्च है। यह मिट्टी की नमी को बनाए रखता है। मिट्टी का तापमान संतुलित रखने में मदद करता है। यह धीरे-धीरे टूटता है, इसलिए बार-बार बदलने की जरूरत नहीं होती। साफ और रसायन-मुक्त लकड़ी की छाल के टुकड़े या बुरादे का ही उपयोग करें।
समय-समय पर पौधे को चेक करें, ताकि मल्चिंग की वजह से पौधे में फंगस, बैक्टीरिया आदि न फैलें।
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पौधों में मल्चिंग करने के फायदे – Benefits Of Mulching In Hindi
Mulching एक सरल लेकिन बहुत ही उपयोगी बागवानी तकनीक है, जिसमें पौधों के चारों ओर मिट्टी की सतह को ढक दिया जाता है। मल्चिंग करने से पौधों को कई सारे फायदे होते हैं, जैसे मिट्टी में नमी बनी रहती है और खरपतवार नहीं उगती आदि। टमाटर के पौधों में मल्च करने के निम्न फायदे होते हैं, जो कि निम्न प्रकार हैं-
पौधों में जैविक मल्चिंग के मुख्य फायदे:
- मिट्टी में नमी को लंबे समय तक बनाए रखती है, जिससे बार-बार पानी देने की जरूरत नही होती।
- तेज धूप और ठंड से मिट्टी और जड़ों को सुरक्षा प्रदान करती है।
- खरपतवार को उगने से रोकती है, जिससे पौधों को पूरा पोषण मिलता है।
- मिट्टी के तापमान को संतुलित रखने में मदद।
- जैविक मल्च धीरे-धीरे सड़कर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है।
- पौधों को स्वस्थ रखकर उनकी वृद्धि और उत्पादन में सुधार करती है।
- यह नीचे गिरने वाले फलों को मिट्टी से दूर रखता है, जिससे सड़न कम हो जाती है।
- मिट्टी की संरचना और रेतीली मिट्टी की नमी धारण क्षमता में सुधार करता है।
- सुंदर और छोटे स्टोन की मल्चिंग गार्डन को सुन्दर व आकर्षक बनाती है।
निष्कर्ष:
सही मल्च का उपयोग करके टमाटर के पौधों को लंबे समय तक ताजा और हरा-भरा रखा जा सकता है। मल्चिंग से नमी बनी रहती है, खरपतवार कम उगते हैं और पौधों की वृद्धि बेहतर होती है। यदि सही तरीके से मल्चिंग की जाए, तो टमाटर की पैदावार और गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है। यह लेख आपको कैसा लगा, कमेंट में जरूर बताएं। ऐसे ही गार्डनिंग से जुड़े लेख पढ़ने के लिए फॉलो करें—organicbazar.net।
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