तुलसी के पौधे के रोग और उपचार – Basil Plant Diseases And Their Treatment In Hindi  

तुलसी एक पूजन योग्य पवित्र पौधा है, जो अधिकांशतः सभी घरों में पाया जाता है। वैसे तो तुलसी सबसे फायदेमंद और लोकप्रिय हर्ब्स में से एक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है, कि तुलसी के पौधे में कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है। तुलसी के पौधे की कुछ बीमारियाँ ऐसी होती हैं, जिनके कारण इसकी पत्तियाँ ब्राउन या पीली हो सकती हैं, पत्तियों पर धब्बे पड़ सकते हैं, या यहाँ तक पौधा मुरझाकर सूख भी सकता हैं। इसलिए हमें तुलसी के पौधे के रोग और उनसे बचाव के उपायों की जानकारी होनी चाहिए। तुलसी के पौधे में होने वाले रोग कौन-कौन से हैं तथा अपने पौधे को इन बीमारियों से कैसे बचाएं (Tulsi Plant Diseases And Treatment In Hindi), बचाने के तरीके या रोकथाम के उपाय जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

तुलसी के पौधे में होने वाले रोग – Basil Plant Disease And Their Prevention In Hindi 

तुलसी के पौधे में होने वाले रोग - Basil Plant Disease And Their Prevention In Hindi 

बेसिल या तुलसी घर पर उगाने के लिए सबसे लोकप्रिय जड़ी-बूटियों में से एक है। इस पौधे में कई ऐसी बीमारियाँ हो सकती हैं, जो आपके पूरे पौधे को भी खराब कर सकती हैं। आइये जानते हैं- तुलसी के कुछ आम रोग और उनकी रोकथाम के उपाय के बारे में, जो कि इस प्रकार हैं:-

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डाउनी मिल्ड्यू – Downy Mildew Disease Of Basil In Hindi 

डाउनी मिल्ड्यू - Downy Mildew Disease Of Basil In Hindi 

डाउनी मिल्ड्यू, जिसे कोमल फफूंदी भी कहा जाता है। यह तुलसी के पौधे का एक आम रोग है, इस रोग के प्रभाव से तुलसी का पौधा मुरझाने लगता है। आमतौर पर तुलसी में यह रोग कवक के संक्रमण, उच्च आर्द्रता और गीली स्थितियों में होता है, जिसका पता निम्न लक्षणों को देखकर लगाया जा सकता है।

तुलसी में डाउनी मिल्ड्यू रोग के लक्षण – Symptoms Of Downy Mildew Disease In Basil In Hindi 

  • पौधे की पीली पत्तियाँ होने लगती हैं।
  • पत्ती की सतह पर पीले, हल्के हरे या ब्राउन रंग के धब्बे होने लगते हैं।
  • पत्तियों के नीचे की तरफ धुंधली, ब्राउन रंग की फंगस की वृद्धि होने लगती है।

तुलसी को डाउनी मिल्ड्यू रोग से बचाने के उपाय – Ways To Protect Basil From Downy Mildew Disease In Hindi 

  • पौधे को ऊपर से पानी देना कम कर दें।
  • तुलसी के पौधों में अच्छी जल निकासी और अच्छा वायु संचार की व्यवस्था करें।
  • संक्रमण गंभीर होने पर नीम ऑयल या कॉपर युक्त फंगीसाइड का स्प्रे करें।

फ्यूजेरियम विल्ट – Fusarium Wilt Disease Of Basil In Hindi

फ्यूजेरियम विल्ट तुलसी की सबसे आम बीमारियों में से एक है। यह रोग सबसे अधिक स्वीट बेसिल की किस्मों को प्रभावित करता है, तुलसी में फ्यूजेरियम विल्ट एक फंगस के कारण होता है, जो या तो पौधे की मिट्टी से फैल सकता है या संक्रमित तुलसी के पौधों के बीजों से। आइये जानते हैं- इस रोग के लक्षणों के बारे में:-

तुलसी में फ्यूजेरियम विल्ट रोग के लक्षण – Symptoms Of Fusarium Wilt Disease In Basil In Hindi

  • पौधे की पत्तियां मुरझाने लगती हैं।
  • पत्तियां पीली तथा तने पर ब्राउन रंग के स्पॉट्स या धारियाँ दिखाई दे सकती हैं।
  • गंभीर रूप से प्रभावित पौधे के तने मुड़े हुए और पत्तियां गिरने लगती हैं।

तुलसी को फ्यूजेरियम विल्ट रोग से बचाने के उपाय – Ways To Protect Basil From Fusarium Wilt Disease In Hindi

  • अगर आपके तुलसी के पौधे फ्यूजेरियम विल्ट रोग से प्रभावित हो गयें हैं, तो वह रोग फैला सकते हैं और गार्डन के अन्य पौधों को संक्रमित कर सकते हैं।
  • फ्यूजेरियम विल्ट का कोई इलाज नहीं है। संक्रमित पौधों हटाकर को नष्ट कर दें।

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बैक्टीरियल लीफ स्पॉट – Bacterial Leaf Spot Disease Of Basil In Hindi 

बैक्टीरियल लीफ स्पॉट - Bacterial Leaf Spot Disease Of Basil In Hindi 

बैक्टीरियल लीफ स्पॉट, जिसे तुलसी शूट ब्लाइट (Basil Shoot Blight) के नाम से भी जाना जाता है। यह तुलसी के पौधे का एक बैक्टीरियल रोग है, जो स्यूडोमोनास सिचोरी (Pseudomonas Cichori) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। इस रोग के प्रभाव से तुलसी के पौधे में निम्न बदलाव आ सकते है।

तुलसी में बैक्टीरियल लीफ स्पॉट रोग के लक्षण – Symptoms Of Bacterial Leaf Spot Disease In Basil In Hindi

  • बैक्टीरियल लीफ स्पॉट से तुलसी की पत्तियों पर काले या ब्राउन रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं।
  • धब्बों के चारों ओर एक पीला या ट्रांसपेरेंट किनारे विकसित हो सकते हैं।
  • पौधे के तनों पर धारियाँ होने लगती हैं।
  • संक्रमित पत्तियाँ मुरझा सकती हैं, पीली हो सकती हैं, या मृत भी हो सकती हैं।

तुलसी को बैक्टीरियल लीफ स्पॉट से बचाने के उपाय – Ways To Protect Basil From Bacterial Leaf Spot In Hindi 

हालाँकि तुलसी में बैक्टीरियल लीफ स्पॉट रोग की रोकथाम का कोई समाधान नहीं है, लेकिन आप निम्न उपायों को अपनाकर इसके नुकसान को कम कर सकते हैं:-

  • गार्डन में स्वच्छता बनाए रखें।
  • पौधों के आसपास हवा का भरपूर संचार हो।
  • किसी भी रोग से संक्रमित पत्तियों को गार्डन से हटाकर नष्ट कर दें।
  • पौधे को आधार से अर्थात गमले की मिट्टी में पानी दें, ताकि बैक्टीरिया पत्तियों पर न गिरे।

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ग्रे मोल्ड – Graymold Is Effective Disease Of Basil In Hindi 

ग्रे मोल्ड - Graymold Is Effective Disease Of Basil In Hindi 

यह तुलसी के पौधे में होने वाला एक फंगल रोग है, जो खराब हवा की स्थिति, उच्च आर्द्रता और ठंडे तापमान के कारण होता है। यह रोग तुलसी के पूरे पौधे को खराब कर सकता है। आइये जानते हैं- तुलसी के ग्रे मोल्ड रोग के लक्षणों के बारे में।

तुलसी में ग्रे मोल्ड रोग के लक्षण – Symptoms Of Gray Mold Disease In Basil In Hindi

  • पौधे की पत्तियों पर चित्तीदार धब्बे आना।
  • फिर उन स्पॉट्स का घावों में बदल जाना और बाकी हिस्से में फैल जाना।
  • प्रभावित पत्तियां चिपचिपी और गूदेदार हो सकती हैं और तुलसी का पौधा मुरझा सकता है
  • जब वह घाव मुख्य तनों तक पहुँचते हैं, तब पूरा पौधा नष्ट हो जाता है।

तुलसी को ग्रे मोल्ड से बचाने के उपाय – Ways To Protect Basil From Graymold In Hindi

  • तुलसी के पौधे में यह रोग पानी पड़ने या छूने से आसानी से फैलते हैं इसलिए पानी देते समय पत्तियों को गीला करने से बचें।
  • सुनिश्चित करें कि आपके तुलसी के पौधों के चारों ओर पर्याप्त वायु संचार हो।
  • यदि आपको ग्रे फफूंद के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो प्रभावित पत्तियों और तनों को तुरंत हटा दें।
  • गंभीर संक्रमण की स्थिति में नियंत्रण के लिए पौधे पर जैविक फंगीसाइड नीम ऑयल का स्प्रे कर सकते हैं।

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रूट रॉट – Root Rot Disease Of Basil Plant In Hindi 

रूट रॉट - Root Rot Disease Of Basil Plant In Hindi 

रूट रॉट तुलसी की एक आम और गंभीर बीमारी है, जो मिट्टी-जनित कवक के कारण होती है। यह कवक अत्यधिक गीली और खराब जल निकासी वाली मिट्टी में पनपते हैं, जिससे तुलसी के पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं।

तुलसी में रूट रॉट रोग की पहचान – Symptoms Of Root Rot Disease In Basil In Hindi

  • पत्तियों का पीला पड़ना और मुरझाना।
  • इस बीमारी का शुरूआती लक्षण अक्सर पत्तियों का पीला पड़ना और मुरझाना होता है।
  • प्रभावित तुलसी के पौधे धीमी या रुकी हुई वृद्धि करते हैं।
  • जब आप किसी प्रभावित पौधे को धीरे से खींचते हैं, तो पौधे की सड़ी हुई जड़ों को देख सकते हैं।
  • संक्रमित जड़ों से दुर्गंध आ सकती है।

तुलसी के पौधे को रूट रॉट से बचाने के उपाय – Ways To Protect Basil From Root Rot In Hindi

  • आमतौर पर रूट रॉट रोग से बुरी तरह संक्रमित पौधे को बचाया नहीं जा सकता है, लेकिन कुछ बचाव के उपायों से आप अपने तुलसी के पौधे को संक्रमण से रोक सकते हैं
  • सुनिश्चित करें कि आपकी तुलसी अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगी हो।
  • यदि गमलों या कंटेनरों में तुलसी उगा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें, कि उनमें उचित जल निकासी छेद हों।
  • पौधे को सुबह के समय पानी दें।
  • अच्छे वायु संचरण के लिए तुलसी के पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखें।

गमले में लगे तुलसी के पौधे की अन्य समस्याएं – Other Problems Of Basil Plant In Hindi 

गमले में लगे तुलसी के पौधे की अन्य समस्याएं - Other Problems Of Basil Plant In Hindi 

ऊपर बताए गये तुलसी के रोग के अलावा भी तुलसी के पौधे में कुछ अन्य समस्याएं हो सकती हैं, जो कि इस प्रकार हैं:

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इस लेख में आपने जाना तुलसी के पौधे में होने वाले रोग या बीमारियाँ कौन सी हैं तथा अपनी तुलसी को इन बीमारियों से कैसे बचाएं, बचाने के तरीके या रोकथाम के उपाय के बारे में। उम्मीद है लेख आपको पसंद आया हो, इस लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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