फर्टिलाइजर से पौधों में बर्निंग क्यों होती है और कैसे बचें? – Why Does Fertilizer Burn Occur In Plants And How To Prevent It In Hindi

How Do You Prevent Fertilizer Burn In Hindi: घर के गार्डन में हरे-भरे और स्वस्थ पौधे उगाना हर किसी का सपना होता है, लेकिन कई बार ज्यादा देखभाल के चक्कर में हम पौधों को नुकसान पहुँचा देते हैं। फर्टिलाइजर बर्न यानी उर्वरक जलन एक ऐसी ही समस्या है, जो तब होती है जब पौधों को आवश्यकता से अधिक खाद दे दी जाती है। इससे पत्तियां जलने लगती हैं और पौधा सूखने की कगार पर आ सकता है। उर्वरक जलन का कारण मुख्य रूप से अधिक रासायनिक खाद, गलत समय पर खाद डालना, या खाद के बाद पानी न देना होता है।
अगर आप जानना चाहते हैं कि पौधों को बहुत अधिक खाद देने के नुकसान क्या हैं और फर्टिलाइजर बर्निंग से कैसे बचें, तो यह लेख आपके लिए है। यहाँ हम आपको बताएंगे कि उर्वरक से होने वाली जलन से कैसे बचें और अपने होम गार्डन को कैसे हरा-भरा बनाएं।

फर्टिलाइजर से पौधों में बर्निंग होने के कारण – Causes Of Fertilizer Burn In Plants In Hindi

फर्टिलाइजर से पौधों में बर्निंग होने के कारण - Causes Of Fertilizer Burn In Plants In Hindi

अक्सर हम सुनते हैं कि पौधे में उर्वरक डालने के बाद कई तरह की समस्याएं होने लगती है। यह कई कारणों से होता है जिनमें से कुछ कारण निम्न हैं-

1. ज्यादा मात्रा में फर्टिलाइजर देना (Excessive Fertilizer Application) – जब पौधों को जरूरत से ज्यादा फर्टिलाइजर दिया जाता है, तो मिट्टी में सॉल्ट इकट्ठा होकर पौधों की जड़ों से पानी खींच लेता है। इससे पौधे डिहाइड्रेट हो जाते हैं।

2. पानी की कमी के साथ फर्टिलाइजर डालना (Applying Fertilizer Without Adequate Water) – फर्टिलाइजर देने के बाद यदि पर्याप्त पानी न दिया जाए, तो मिट्टी में फर्टिलाइजर का घनत्व बढ़ जाता है और पौधों की जड़ों में बर्निंग हो सकती है। पानी की कमी से फर्टिलाइजर घुल नहीं पाता और पौधे जलने लगते हैं।

3. तेज धूप और गर्मी में फर्टिलाइजर डालना (Applying Fertilizer in Hot Sunlight) – गर्मियों में दोपहर की तेज धूप में फर्टिलाइजर डालने से पौधे डिहाइड्रेट होते हैं और मिट्टी में सॉल्ट जमा होकर पौधों को नुकसान पहुंचाता है।

4. गलत प्रकार का फर्टिलाइजर इस्तेमाल करना (Using Incorrect Type of Fertilizer) – पौधे की जरूरत को बिना समझे गलत फर्टिलाइजर या ज्यादा सांद्रता वाला फर्टिलाइजर देने से पौधे उसे सहन नहीं कर पाते है।

5. मिट्टी में नमक की अधिकता (High Salt Content in Soil) – कुछ जगहों की मिट्टी में पहले से ही सॉल्ट कंटेंट अधिक होता है, वहां फर्टिलाइजर डालने से नमक की मात्रा बढ़ जाती है। इससे पौधों की ग्रोथ रुक जाती है और पत्तियां जलने लगती हैं।

6. यूरिया का ज्यादा उपयोग (Overuse of Urea) – यूरिया और अन्य तेज असर दिखाने वाले फर्टिलाइजर का ज्यादा उपयोग करने से पौधों की जड़ें और पत्तियां सेंसिटिव हो जाती हैं।

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पौधों में फर्टिलाइजर बर्न कैसे रोकें – How To Prevent Fertilizer Burn In Plants In Hindi

पौधों में फर्टिलाइजर बर्न कैसे रोकें - How To Prevent Fertilizer Burn In Plants In Hindi

पौधों को फर्टिलाइजर बर्न से बचाना बहुत कठिन काम नहीं है। यदि आप नीचे दिए गए टिप्स को फॉलो करते हैं तो आपके प्लांट हेल्दी बने रहेंगे-

1. सही मात्रा में फर्टिलाइजर दें – Use Correct Fertilizer Quantity in Hindi

फर्टिलाइजर ज्यादा देने से पौधों की जड़ें सॉल्ट स्ट्रेस में आ जाती हैं, जिससे पानी खिंचने की क्षमता कम हो जाती है और पौधे डिहाइड्रेट होकर बर्न होने लगते हैं। पौधों के लिए जितनी जरूरत हो, उतनी ही मात्रा में फर्टिलाइजर दें। कम मात्रा में फर्टिलाइजर बार-बार देना पौधों की हेल्थ और ग्रोथ दोनों के लिए सुरक्षित रहता है और बर्निंग का खतरा नहीं होता।

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2. फर्टिलाइजर के बाद पर्याप्त पानी दें – Water Properly After Fertilizing in Hindi

फर्टिलाइजर डालने के तुरंत बाद पर्याप्त पानी देना जरूरी है ताकि फर्टिलाइजर मिट्टी में घुल जाए और जड़ों पर सीधा असर न करे। पानी की कमी से फर्टिलाइजर का घनत्व मिट्टी में बढ़ जाता है, जिससे जड़ों में जलन और पौधों में बर्निंग की समस्या होती है। पर्याप्त सिंचाई से पौधों को पोषक तत्व अच्छी तरह मिलते हैं और बर्निंग का खतरा कम होता है।

3. तेज धूप में फर्टिलाइजर देने से बचें – Avoid Fertilizing in Hot Sun in Hindi

गर्मियों में या तेज धूप में फर्टिलाइजर देने से पौधे डिहाइड्रेट हो जाते हैं और मिट्टी में सॉल्ट जमाव तेजी से होता है, जिससे पौधों की जड़ों में जलन और पत्तियों में बर्निंग शुरू हो जाती है। फर्टिलाइजर हमेशा सुबह जल्दी या शाम को ठंडे समय में दें ताकि पौधों को स्ट्रेस न मिले।

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4. मिट्टी की जांच कर फर्टिलाइजर दें – Test Soil Before Fertilizing in Hindi

मिट्टी में पहले से ही सॉल्ट या पोषक तत्वों की अधिकता होने पर फर्टिलाइजर देने से पौधों में बर्निंग हो सकती है। इसलिए फर्टिलाइजर डालने से पहले मिट्टी की जांच करवाएं और उसकी रिपोर्ट के आधार पर फर्टिलाइजर का प्रकार और मात्रा तय करें। मृदा जांच से यह पता चलता है कि कौन से पोषक तत्वों की कमी है और कौन से पहले से पर्याप्त हैं।

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5. स्लो रिलीज फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करें – Use Slow Release Fertilizers in Hindi

स्लो-रिलीज या ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर पौधों को धीरे-धीरे पोषण देते हैं और मिट्टी में सॉल्ट का जमाव नहीं होने देते। इससे बर्निंग का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। ऐसे फर्टिलाइजर पौधों की जरूरत के हिसाब से धीरे-धीरे घुलते हैं और लंबे समय तक पोषण उपलब्ध कराते हैं।

6. पत्तियों पर फर्टिलाइजर गिरने न दें – Avoid Fertilizer on Leaves in Hindi

फर्टिलाइजर डालते समय ध्यान रखें कि यह पत्तियों पर न गिरे। अगर गलती से पत्तियों पर फर्टिलाइजर गिर जाए, तो तुरंत साफ पानी से धो दें, ताकि पत्तियों पर जलन या बर्निंग न हो। पत्तियों पर फर्टिलाइजर गिरने से उसमें केमिकल्स का सीधा असर होता है और पत्तियों के किनारे सूखने और जलने लगते हैं। यह पौधे की ग्रोथ को रोक सकता है और उत्पादन पर असर डाल सकता है।

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7. नियमित सिंचाई रखें – Maintain Consistent Watering in Hindi

पौधों को नियमित पानी देना जरूरी है ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे और फर्टिलाइजर के सॉल्ट घुलकर बाहर निकलते रहें। लंबे समय तक सूखी मिट्टी में अचानक फर्टिलाइजर देने से पौधों की जड़ों में जलन हो सकती है। इसलिए फर्टिलाइजर देने से पहले मिट्टी में नमी की जांच करें और जरूरत के अनुसार हल्की सिंचाई पहले करें।

8. यूरिया का सीमित उपयोग करें – Limit Urea Usage in Hindi

यूरिया तेज असर वाला फर्टिलाइजर होता है, लेकिन इसका ज्यादा उपयोग पौधों में बर्निंग बढ़ा सकता है। इसे हमेशा संतुलित मात्रा में और पानी के साथ ही दें। ज्यादा यूरिया देने से मिट्टी में अमोनिया और सॉल्ट की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे पौधों में जलन और बर्निंग हो सकती है। इसके बजाय कंपोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट जैसे ऑर्गेनिक विकल्पों का भी उपयोग कर सकते हैं।

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9. मल्चिंग का उपयोग करें – Use Mulching in Hindi

मल्चिंग करने से मिट्टी में नमी बनी रहती है और सॉल्ट का जमाव कम होता है। यह पौधों की जड़ों को सीधे सूरज की गर्मी और फर्टिलाइजर के सॉल्ट के असर से बचाता है। घास, पत्ते, भूसा या कोको पीट से मल्चिंग करने पर मिट्टी ठंडी रहती है और पौधे स्ट्रेस से बचे रहते हैं। गमले में मल्चिंग का उपयोग पौधों में बर्निंग को रोकने में मदद करता है।

निष्कर्ष:

फर्टिलाइजर पौधों की ग्रोथ और हेल्थ के लिए जरूरी हैं, लेकिन गलत मात्रा, समय और तरीके से न देने पर यह पौधों में बर्निंग का कारण बन सकते हैं। पत्तियों का जलना, किनारों का सूखना और पौधे की ग्रोथ रुक जाना इसके प्रमुख लक्षण हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए सही मात्रा में फर्टिलाइजर दें, स्लो-रिलीज या ऑर्गेनिक विकल्प चुनें, पर्याप्त पानी और नियमित सिंचाई रखें, और तेज धूप में फर्टिलाइजर देने से बचें। इन आसान उपायों को अपनाकर आप अपने गार्डन या खेत में पौधों को बर्निंग से बचाते हुए स्वस्थ, हरे-भरे और मजबूत बना सकते हैं।

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