एयर प्रूनिंग क्या है, जानें कंटेनर गार्डनिंग में इसका महत्व क्या है – What Is Air Pruning Of Roots And Its Benefits In Hindi 

अगर आप गमले, ग्रो बैग या कंटेनर में बागवानी करते हैं तो आपको एयर प्रूनिंग क्या है? इसके बारे में जरूर जान लेना चाहिए। एयर प्रूनिंग एक प्रक्रिया है, जिसमें पौधे की जड़ का सिरा जब गर्म हवा के सम्पर्क में आता है, तो वह बढ़ना बंद कर देता है। इसके बाद इस जड़ से और नई जड़ें पैदा होती हैं, जो कि रेशेदार और स्वस्थ होती हैं। एयर प्रूनिंग का मुख्य लाभ यह होता है कि जड़ें गमले के अंदर गोल गोल घूमकर उलझती (Root Bound) नहीं हैं, बल्कि जड़ें नीचे की तरफ ग्रोथ करती हैं। यदि आप एयर प्रूनिंग को लेकर कंफ्यूज हो रहे हैं, तो इस लेख को लास्ट तक जरूर पढ़ें। इस लेख में एयर प्रूनिंग क्या होती है, एयर प्रूनिंग क्यों जरूरी है, गार्डनिंग में एयर प्रूनिंग का महत्व क्या है और एयर प्रूनिंग के तरीके की पूरी जानकारी दी गयी है।

एयर रूट प्रूनिंग क्या है – What Is Air Pruning Of Roots In Hindi 

यह एयर प्रूनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसकी मदद से पौधों की जड़ें स्वस्थ और रेशेदार विकसित हो पाती हैं। इस प्रक्रिया में पौधे की जड़ों को काटना, ट्रिम करना या फैब्रिक मटेरियल में पौधे को उगाना शामिल है। इससे पौधों की जड़ें हवा के संपर्क में आ पाती हैं, जिसके कारण वे मिट्टी में गोल गोल घूमकर उलझने के बजाय (Root Bound) बढ़ना बंद कर देती हैं। इससे पौधे में नई और स्वस्थ जड़ें विकसित होती हैं। विकसित होने वाली नई जड़ें सघन और अधिक रेशेदार होती हैं, जो पौधे को पानी और पोषक तत्वों को अच्छे से अवशोषित करने में मदद कर पाती हैं।

(यह भी पढ़ें: उलझी जड़ वाले पौधे की रूट प्रूनिंग कैसे करें…)

एयर प्रूनिंग क्यों जरूरी है – Why Is Air Pruning Of Roots Important In Hindi 

एयर प्रूनिंग क्यों जरूरी है - Why Is Air Pruning Of Roots Important In Hindi 

गार्डनिंग में पौधों की एयर प्रूनिंग आमतौर पर जड़ों को बाउंड होने यानि कि मिट्टी के अंदर उलझने से रोकने के लिए की जाती है। जब पौधों को मिट्टी, प्लास्टिक के गमले या अन्य कंटेनर में उगाया जाता है, तब पौधे की जड़ें बहुत लंबी हो जाती हैं और वे गोल-गोल चक्कर लगाकर आपस में उलझ जाती हैं। इससे जड़ें पानी और पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाती हैं। जड़ों की इस अवस्था को ‘रूट बाउंड’ कहा जाता है। एयर प्रूनिंग से पौधों की जड़ें रूट बाउंड नहीं हो पाती हैं। एयर प्रूनिंग के कारण पौधे में नई जड़ों का विकास होता है, पानी और पोषक तत्वों का अच्छे से अवशोषण होता है और जड़ों की अच्छी ग्रोथ के कारण पौधा अच्छे से बढ़ता रहता है।

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एयर प्रूनिंग कैसे करते हैं – Air Pruning Techniques In Gardening In Hindi 

गार्डन में एयर प्रूनिंग करने के कुछ तरीके निम्न हैं:

फैब्रिक ग्रो बैग का उपयोग – Use Air Pruning Geo Fabric Grow Bags In Hindi

फैब्रिक ग्रो बैग का उपयोग - Use Air Pruning Geo Fabric Grow Bags In Hindi

पौधों को फैब्रिक या जूट से बने ग्रो बैग में लगाते हैं, तो इनमें भी जड़ें एयर प्रून हो जाती हैं। फैब्रिक ग्रो बैग में लगे पौधों की जड़े जब ग्रो बैग की दीवार के पास आती हैं, तो वे गर्म हवा के सम्पर्क में आने से आगे बढ़ना बंद कर देती हैं। इससे पौधे में और नई जड़ों का विकास होता है। इससे पौधे में नई पत्तियों और शाखाओं की भी ग्रोथ तेज हो जाती है।

(यह भी पढ़ें: पौधों की जड़ों की अच्छी ग्रोथ के लिए क्या करें, जानें बेहतरीन टिप्स…)

कंटेनर में छेद करें – Making Air Pruning Holes In Container In Hindi 

प्लास्टिक के कंटेनर में साइड की तरफ चारों ओर छेद करके ‘एयर प्रूनिंग होल’ बनाये जा सकते हैं। इन छेद से हवा मिट्टी में प्रवेश होती है और इससे जड़ें कंटेनर के अंदर घूमकर उलझती नहीं है। जैसे ही जड़ें इन छिद्रों तक पहुँचती हैं, वे हवा के संपर्क में आ जाती हैं, और एयर प्रूनिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। आजकल ‘एयर प्रूनिंग पॉट्स’ भी आते हैं, जिनको खरीदकर आप उनमें पौधे लगा सकते हैं। उनमें जड़ों की ग्रोथ अच्छी होने से पौधा स्वस्थ और हरा-भरा रहता है।

एयर प्रूनिंग एक प्रकार की बागवानी तकनीक हैं, जिसमें जड़ें अच्छे से ग्रोथ कर पाती हैं। उम्मीद करते हैं इस लेख को पढ़कर आप अच्छे से समझ गये होंगे कि, आखिर एयर प्रूनिंग क्या होती है और इसे करना क्यों जरूरी होता है। इस लेख के बारे में आपका अगर कोई सवाल या सुझाव हो तो, आप उसे कमेन्ट बॉक्स में बता सकते हैं।

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