बीज अंकुरित कैसे होता है, जानें सीड जर्मिनेशन की आवश्यकताएं – What Does A Seed Need To Grow Into A Plant In Hindi

एक छोटे से बीज को मिट्टी में बोने पर कुछ दिनों में वह बीज एक पौधे के रूप में विकसित हो जाता है, लेकिन बीज से पौधा कैसे बनता है? यह कई लोग नहीं जानते हैं, इसीलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बीज से सीडलिंग या पौधा बनने की प्रक्रिया के बारे में बताने जा रहे हैं। बीज का अंकुरण कैसे होता है, एक बीज के अन्दर क्या होता है? जैसे सवालों के जबाब और बीज के अंकुरित होने की प्रोसेस की सभी स्टेप्स के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें।

सीड जर्मिनेशन क्या है – What Is Germination Of Seed In Hindi

सीड जर्मिनेशन क्या है - What Is Germination Of Seed In Hindi

जब किसी पौधे के बीज को अनुकूल परिस्थियाँ जैसे पानी, ऑक्सीजन, उचित तापमान मिल जाता है तब बीज में से प्राइमरी रूट्स (रेडिकल) निकलने लगती हैं और बीज से पौधा बनने लगता है, इस प्रोसेस को ही बीज अंकुरण क्रिया या सीड जर्मिनेशन (seed germination) की प्रक्रिया कहा जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बीज के अंकुरित होने की कम्पलीट प्रोसेस के बारे में बताने जा रहें हैं। अच्छी क्वालिटी के सब्जियों, फ्लावर्स और हर्ब्स आदि के बीज खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें।

(यह भी जानें: सफलतापूर्वक बीजों को अंकुरित करने की जानकारी…)

बीज के अंदर ऐसा क्या होता है, जिससे पौधा बनता है What Is Inside A Seed That Makes A Plant In Hindi

बीज के अंदर ऐसा क्या होता है, जिससे पौधा बनता है – What Is Inside A Seed That Makes A Plant In Hindi

यदि आप जानना चाहते हैं कि एक बीज के अन्दर ऐसा क्या होता है, जिससे एक छोटा सा बीज बड़े पौधे में विकसित हो जाता है, तो हम आपको बता दें कि किसी भी पौधे का बीज तीन चीजों से मिलकर बना होता है – बीज आवरण (seed coat), बीज पत्र (cotyledon) और भ्रूण (embryo)। आइये बीजों की संरचना के बारे में थोड़े विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं:

सीड कोट (Seed Coat) :-

बीज के ऊपर एक हार्ड प्रोटेक्टिव लेयर होती है, जिसे बीज आवरण या सीड कोट कहा जाता है। बीज को स्टोर करने के दौरान सीड कोट बीज के अंदर मौजूद एम्ब्रियो (भ्रूण) को बाहरी प्रतिकूल परिस्थितयों जैसे तापमान, आर्द्रता से प्रोटेक्ट करता है, लेकिन जब बीज को मिट्टी में लगा दिया जाता है, तब यह सीड कोट (seed coat) पानी को अवशोषित कर नरम हो जाता है और टूट जाता है, जिससे बीज में से प्राइमरी रूट्स निकलने लगती हैं।

बीजपत्र (cotyledon) :

बीजपत्र या कोटिलेडोन, सीड कोट (seed coat) के अंदर एक या दो हिस्सों में बंटा हुआ चावल या दाल के जैसा दिखने वाला भाग होता है, जो सीडलिंग बनने की शुरूआती स्टेज में एम्ब्रियो की ग्रोथ के लिए भोजन प्रदान करता है। कुछ बीजों में दो बीजपत्र होते हैं- जैसे अरहर, चना, मटर, सेम आदि और कुछ बीजों में एक ही बीजपत्र होता है, जैसे गेहूं, धान, मक्का आदि।

एम्ब्रियो (embryo) :-

एम्ब्रियो (embryo)

सीड के कोटिलेडोन (cotyledon) या बीजपत्र के अंदर एक नाक जैसी नुकीली संरचना वाला भाग होता है, जिसे भ्रूण या एम्ब्रियो कहा जाता है। जब बीज ग्रो होने लगता है, तब एम्ब्रियो (embryo) का एक भाग हाईपोकोटिल (hypocotyls) मिट्टी के बाहर निकल जाता है और पौधे के रूप में विकसित होने लगता है और इसका दूसरा भाग रेडिकिल (Radicle) पौधे की जड़ के रूप में मिट्टी के अन्दर बढ़ने लगता है, और इस तरह रूट्स डेवलप होने से धीरे-धीरे पौधा विकसित होने लगता है।

बीज के अंकुरण के लिए क्या आवश्यक होता है Conditions Necessary For Seed Germination In Hindi

बीज अंकुरण के लिए पांच प्रमुख चीजों की आवश्यकता होती है:

  1. पानी (Water)
  2. ऑक्सीजन (Oxygen)
  3. तापमान (Temperature)
  4. प्रकाश (Light)
  5. मिट्टी (Soil)

आइए जानते हैं कि यह चीजें अंकुरण प्रक्रिया में कैसे मदद करती हैं:

पानी – Effect Of Water In Seed Germination In Hindi

पानी, बीज अंकुरण के लिए निम्न कारणों से सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है:

  • बीज को लगाने के बाद जब मिट्टी में पानी डाला जाता है, तब बीज पानी को सोखने (Absorb) लगता है, जिससे उसका बीजावरण (seed coat) नरम होकर टूटने लगता है और इससे भ्रूण (Embryo) को बाहर निकलने में मदद मिलती है।
  • पानी, अघुलनशील भोजन को घोलने और उसे बीज के सभी भागों में सर्कुलेट करने में भी मदद करता है।

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ऑक्सीजन – The Role Of Oxygen In Seed Germination In Hindi

सीड को जर्मीनेट होने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन, मिट्टी या जिस भी माध्यम में उसे बोया जाता है, (जैसे कोकोपीट) के अंदर मौजूद हवा से प्राप्त होती है। बीज को अंकुरित होने के लिए पत्तियाँ आने तक श्वसन (respiration) के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और जब पत्तियां डेवलप हो जाती हैं तो वे रेस्पिरेशन (Respiration) का काम स्वतः ही करने लगती हैं।

तापमान Temperature Effect On Seed Germination In Hindi

बीजों को अंकुरित होने के लिए मिट्टी में आवश्यक नमी बनी रहे, इसके लिए उन्हें उचित तापमान में रखना बहुत जरूरी होता है। बीजों को अधिक तापमान में रखने पर पानी वाष्प बनकर तेजी से उड़ जाता है और बीज मरने लगता है, जिसके कारण अंकुरण प्रक्रिया रुक जाती है। इसके अलावा कम तापमान होने पर बीज में जरूरत से ज्यादा नमी लम्बे समय तक बनी रहती है, जिसके कारण बीज के खराब होने की सम्भावना होती है, इसीलिए बीजों को सीडलिंग ट्रे में लगाने के बाद जिस तापमान पर वे अच्छे से अंकुरित होते हैं, उसी में रखना चाहिए।

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प्रकाश – Effect Of Light On Seed Germination In Hindi

प्रकाश – Effect Of Light On Seed Germination In Hindi

सभी बीजों को जर्मिनेट होने के लिए प्रकाश की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि कुछ बीज (जैसे टमाटर के बीज) अँधेरे में जर्मिनेट होते हैं, तो कुछ बीज (जैसे मिर्च के बीज) लाइट में जर्मिनेट होते हैं। ब्राइट लाइट में अंकुरित होने वाले बीजों के लिए प्रकाश आवश्यक गरमाहट बनाये रखता है और जो बीज अँधेरे में अंकुरित होते हैं, बाद में उनकी सीडलिंग को प्रकाश में रखने की आवश्यकता होती है, ताकि वे फोटो सिंथेसिस प्रोसेस के जरिए भोजन निर्माण कर सकें।

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मिट्टी – Porous Soil Is Needed For Seed Germination In Hindi

मिट्टी – Porous Soil Is Needed For Seed Germination In Hindi

बीजों को अंकुरित करने के लिए अच्छी पोरस (porous) मिट्टी या कोकोपीट में इन्हें लगाया जाता है। पोरस माध्यम में बीजों को लगाने से बीजों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती रहती है।

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बीज के अंकुरण की प्रक्रिया क्या है What Is Seed Germination Process In Hindi

यह जानना काफी इंटरेस्टिंग है कि एक बीज कैसे अंकुरित होता है या बीज से पौधा कैसे बनता है। कोई भी प्लांट के सीड की जर्मीनेशन प्रोसेस निम्न स्टेप्स या स्टेज में पूरी होती है:

  1. बीज द्वारा पानी का अवशोषण (Imbibition)
  2. बीज में श्वसन क्रिया शुरू होना (Seed Respiration)
  3. प्रकाश का अवशोषण (light absorption)
  4. स्टोर भोजन का उपयोग (Mobilization of stored food)
  5. एम्ब्रियो की ग्रोथ होना (Development of embryo)

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बीज द्वारा पानी का अवशोषण First Stage Of Seed Germination Is Water Absorption In Hindi

किसी भी बीज के अंकुरित होने की प्रक्रिया की शुरुआत पानी के अवशोषण से ही होती है। जब पौधे के बीजों को मिट्टी या कोकोपीट में लगा दिया जाता है और उसमें पानी डाला जाता है तब बीज, मिट्टी में मौजूद पानी को एब्जोर्ब (Absorption of water) करने लगते हैं। इसी प्रोसेस को इम्बीबिशन (Imbibition process) कहा जाता है।

  • इम्बीबिशन के कारण बीज इतने तेजी से और इतना ज्यादा फूलता है, कि बीज आवरण टूट (rupturing of the seed coat) जाता है।
  • बीज की यह ऊपरी परत (seed coat) हट जाने से प्राइमरी रूट, जिसे रेडिकिल (radicle) कहा जाता है, बाहर निकलने लगती हैं, और बीज के अंकुरित होने की प्रोसेस (seed germination process) शुरू हो जाती है।
  • पानी के अवशोषण से बीज के अन्दर मौजूद एन्जाइम हाइड्रेटेड (hydreted) होकर एक्टिव हो जाते हैं, जिससे बीज में मेटाबोलिक एक्टिविटी शुरू हो जाती है और अंकुर को ग्रोथ के लिए आवश्यक ऊर्जा मिलने लगती है।

बीजों में श्वसन क्रिया शुरू होना – Second Stage Of Seed Germination Is Cellular Respiration In Hindi

पानी के अवशोषण से सीड कोट के हट जाने (Imbibition) के बाद हाइड्रेटेड बीज में श्वसन प्रकिया (ब्रीदिंग) शुरू हो जाती है, यानि ऑक्सीजन बीज में प्रवेश करने लगती है, जिसके परिणामस्वरूप बीज में मेटाबोलिक एक्टिविटी (भोजन का ऊर्जा में परिवर्तन) प्रारंभ हो जाती है। बीज मिट्टी में मौजूद हवा से ऑक्सीजन (Oxygen) प्राप्त करते हैं। यही कारण है कि अधिकांश बीजों को सतह के पास ढीली मिट्टी में बोया जाता है। अधिक गीली मिट्टी (Water Logged Soil) में गहराई से लगाए गए बीज अक्सर अपर्याप्त ऑक्सीजन के कारण अंकुरित नहीं हो पाते हैं।

प्रकाश का अवशोषण – Third Stage Of Seed Germination Is Light Absorption In Seed In Hindi

बीज के अन्दर प्रकाश को अवशोषित करने के लिए फोटोरिसेप्टर (Photoreceptor) होता है, जिसे फाइटोक्रोम (Phytochrome) कहा जाता है। यह फाइटोक्रोम दो अलग-अलग इंटरचेंजेबल (Interchangeable) रासायनिक रूपों में मौजूद होता है: पहला पीआर (Pr) और दूसरा पीएफआर (Pfr)। जब बीज सनलाइट में होता है तब फाइटोक्रोम पीएफआर (Pfr/Phytochrome far red) केमिकल में परिवर्तित हो जाता है और बीज अंकुरित हो जाते हैं। जब पौधा छाँव में होता है तब फाइटोक्रोम पीआर (Pr/Phytochrome red) में चेंज हो जाता है और बीज अंकुरित नहीं हो पाते हैं।

जो बीज अंकुरित होने के लिए प्रकाश के लिए सेंसिटिव होते हैं, उन्हें फोटोब्लास्टिक (photoblastic) कहा जाता है और ये तीन प्रकार के होते हैं पहला पॉजिटिव, दूसरा नेगेटिव, तीसरा नॉन फोटोब्लास्टिक (non- photoblastic)। लेट्युस के बीज पॉजिटिव फोटोब्लास्टिक (Positive photoblastic seeds) होते हैं, यानि इन्हें अंकुरित होने के लिए कुछ देर सूर्य प्रकाश की जरूरत होती है और ये अँधेरे में जर्मिनेट नहीं होते हैं। प्याज और लिली के बीज नेगेटिव फोटोब्लास्टिक (Negative photoblastic seeds) होते हैं, यानि ये अँधेरे में अंकुरित होते हैं। कुछ सीड्स (जैसे फूलगोभी के सीड) होते हैं जो प्रकाश और अँधेरे दोनों में जर्मिनेट हो जाते हैं उन्हें नॉन फोटोब्लास्टिक सीड्स (non- photoblastic seeds) कहा जाता है।

संगृहीत भोजन का उर्जा में परिवर्तन – Fourth Stage Of Seed Germination Is Mobilization Of Stored Food In Hindi

बीज के कोटिलेडोन (cotyledons) या बीजपत्र वाले भाग में एम्ब्रियो (embryo) के लिए भोजन स्टोर (store food) रहता है। बीजों की श्वसन क्रिया द्वारा एमाइलेज (amylases), प्रोटीएज (proteases) जैसे हाइड्रोलाइजिंग एंजाइम (hydrolyzing enzymes) इस दौरान रिलीज होते हैं, जो कोटिलेडोन या बीजपत्र में संग्रहीत स्टार्च, वसा और प्रोटीन (starch, fats and proteins) जैसी जटिल खाद्य सामग्री (breakdown of complex food) को घुलनशील फॉर्म (soluble food) में चेंज कर देते हैं, जिससे शर्करा और अमीनो एसिड का निर्माण होता है। पानी इन घुलनशील खाद्य पदार्थों को बीज के ग्रोइंग हिस्सों जैसे रेडिकल (radicle), प्लम्यूल (plumule), हाईपोकोटिल (hypocotyls) में स्थानांतरित (translocation) करने में मदद करता है। जिब्रेलिक एसिड (Gibberellic acid) हाइड्रोलाइजिंग एंजाइमों के प्रोड्यूस होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए जिबरेलिन बीज अंकुरण की प्रोसेस और सीडलिंग की ग्रोथ को बढाता है।

एम्ब्रियो की ग्रोथ होना – Fifth Step Of Seed Germination Is Development Of Embryo In Hindi

बीज के सभी हिस्सों में फूड पहुँचने से एम्ब्रियो तेजी से ग्रोथ करता है, जिसके परिणामस्वरूप बीज तेजी से अंकुरित होने लगता है। सबसे पहले बीज का रेडिकिल (Radicle) मिट्टी में बढ़ता है और मिट्टी से पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित करना शुरू कर देता है। इसके बाद प्लम्यूल (plumule) ऊपर की ओर बढ़ता है, जिससे अंकुर (seedling) बनता है। जब अंकुर जमीन के ऊपर बढ़ता है, तो उसमें हरी पत्तियाँ डेवलप होती हैं। हरी पत्तियाँ सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपने भोजन का निर्माण (प्रकाश संश्लेषण) करने लगती हैं। इस तरह इन स्टेज में बीज से सीडलिंग तैयार होती है।

इस आर्टिकल में आपने बीज के अंकुरित होने की प्रक्रिया के बारे जाना। यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो या इससे सम्बंधित आपके कोई सुझाव या सवाल हों, तो उन्हें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं।

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