रॉकवूल, हाइड्रोपोनिक बागवानी में उपयोग किया जाने वाला एक सबसे लोकप्रिय ग्रोइंग मीडियम है। यह नमी को अच्छी तरह से बरकरार रखता है। इस वजह से इसमें लगे पौधों में कभी भी पानी की कमी नहीं होती है। यह हवादार (Porous) होता है, जिस वजह से इसमें पौधों की जड़ों की ग्रोथ अच्छे से होती है। रॉक वूल कई आकारों और आकृतियों में आता है। छोटे आकार के रॉकवूल में आप बीज और कटिंग को लगा सकते हैं। बड़े आकार के रॉकवूल में छोटे पौधे उगाए जा सकते हैं। यदि आप भी रॉक वूल के गार्डनिंग में प्रयोग को लेकर सारी जानकारी चाहते हैं, तो यह लेख पूरा पढ़ें। इसमें हम आपको रॉक वूल क्या होता है, यह कैसे बनता है, रॉकवूल क्यूब्स का गार्डनिंग में इस्तेमाल करने और पौधे उगाने के क्या फायदे हैं, और इसका उपयोग कैसे करें? इस बारे में पूरी जानकारी दी गई है।
रॉकवूल क्या होता है – What Is Rockwool Used For Hydroponics In Hindi
यह हाइड्रोपोनिक तरीके से पौधे उगाने के लिए एक ग्रोइंग मीडियम है। इसमें बीज, कटिंग और पौधे लगाए जाते हैं। रॉकवूल आपस में गुंथे हुए रेशों का एक सघन सा चौकोर क्यूब होता है। ऑनलाइन साईट पर रॉकवूल कई आकारों में बेंचा जाता है। नॉर्मली, रॉकवूल क्यूब्स 1x1x1.5 (लम्बाईxचौड़ाईxऊंचाई), 1×1.5×1.5 और 2x2x1.5 इंच साइज में आते हैं। हालाँकि रॉकवूल क्यूब्स इससे बड़ी साइज़ में भी उपलब्ध हो सकते हैं।
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रॉकवूल कैसे बनता है – How Rockwool Is Made In Hindi
इस रॉकवूल सामग्री का निर्माण बेसाल्टिक चट्टान के टुकड़ों को पिघलाकर और फिर उसे महीन रेशों में बदलकर ठंडा करके किया जाता है। सबसे पहले इन चट्टान के टुकड़ों को कारखाने में भट्टी में 1100 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर गर्म किया जाता है। इस तापमान पर टुकड़े पिघल कर पूरी तरह से तरल पदार्थ में बदल जाते हैं। इसके बाद इस तरल पदार्थ को रेशेदार फॉर्म में बदल लिया जाता है। फिर इस रेशेदार पदार्थ की जरूरत अनुसार लेयर बनाकर उन पर दबाब (Compression) डाला जाता है। इस तरह रॉकवूल तैयार हो जाता है, जिसे पैक करके बेंच दिया जाता है। यह तापरोधी और ध्वनिरोधी होता है इस वजह से इसका यूज सिनेमा घर, बड़े-बड़े मल्टीप्लेक्स आदि में भी किया जाता है। बागवानी में उपयोग होने वाला रॉकवूल, क्यूब केरूप में (rockwool cube) आता है, जिसे स्टोनवूल (Stone Wool) भी कहा जाता है।
हाइड्रोपोनिक में रॉकवूल के क्या उपयोग हैं – Uses Of Rockwool In Hydroponics In Hindi
गार्डनिंग में रॉकवूल के महत्त्वपूर्ण उपयोग और फायदे हैं। रॉकवूल में बीज को उगाया जाता है, कटिंग को ग्रो किया जाता है और छोटे पौधों को भी इसमें लगाया जाता है। रॉकवूल में डाले गये गये पानी और जैविक उर्वरक को वह आसानी से अवशोषित कर अपनी तली में स्टोर कर लेता है, इससे जड़ों को आवश्यक नमी और पोषक तत्व मिलते रहते हैं। हवादार होने की वजह से इसमें अतिरिक्त पानी नहीं भरा रहता है, इससे पौधों में ओवरवाटरिंग की समस्या भी नहीं होती है और पौधों की जड़ों को हवा भी लगती रहती है, जिससे उनकी ग्रोथ अच्छी होती है। रॉकवूल अपघटित नहीं होता है, इस वजह से यह लम्बे समय तक चलता है और इसका उपयोग बार बार किया जा सकता है।
रॉकवूल में पौधे उगाने के फायदे – Benefits Of Growing Plants In Rockwool In Hindi
- इसमें बीज या पौधे के लिए पर्याप्त नमी बनी रहती है।
- आवश्यक हवा का प्रवाह बना रहता है।
- रॉकवूल का पूनः उपयोग किया जा सकता है।
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क्या रॉकवूल क्यूब्स का उपयोग करना सुरक्षित है – Are Rockwool Safe To Health In Hindi
रॉकवूल का बीज अंकुरण या पौधे उगाने के लिए उपयोग करना पूरी तरह से सुरक्षित है। WHO के मुताबिक इसके प्रयोग से मानव स्वास्थ्य को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता है, इसे एक प्राकृतिक उत्पाद माना जाता है।
रॉकवूल में कौन से पौधे उग सकते हैं – What Plants Can Be Grown In Rockwool In Hindi
आप रॉकवूल क्यूब्स में टमाटर, मिर्च, खीरा, खरबूजा, स्ट्रॉबेरी, तुलसी, पुदीना और बहुत से पौधे साथ ही अन्य फूल और हाउसप्लांट भी उगा सकते हैं। रॉकवूल में सभी तरह के बीज और कटिंग को लगाया जा सकता है।
हाइड्रोपोनिक गार्डनिंग में रॉकवूल का इस्तेमाल कैसे करें – How To Use Rockwool In Hydroponics Gardening In Hindi
इस रॉकवूल को खरीदने के बाद सबसे पहले उसे अम्लीय पानी में डालकर कुछ घंटे के लिए रखा रहने दें। ऐसा करने से रॉकवूल की क्षारीयता कम हो जाती है। इसके बाद रॉकवूल को 24 घंटे के लिए पानी में डालकर रखा रहने दें। 24 घंटे के बाद उसका उपयोग किया जा सकता है। आइये रॉकवूल के उपयोग करने के तरीके को जानते हैं:
रॉकवूल क्यूब में बीज उगाएं – Planting Seeds In Rockwool Cubes In Hindi
हाइड्रोपोनिक गार्डनिंग में रॉकवूल क्यूब्स का उपयोग कर बीज उगाना बहुत सरल है। रॉकवूल के छेद में 1 या 2 बीज को डालकर तली तक बिठा दें और छेद को बंद कर दें। इसके बाद रॉकवूल को सीडलिंग ट्रे में रखें और उसे उचित तापमान वाली जगह पर रख दें। सीडलिंग ट्रे को प्लास्टिक से ढक भी सकते हैं, ताकि बीज को अंकुरित होने के लिए आवश्यक आर्द्रता बनी रहे। कई दिनों या हफ्तों के बाद, बीज से पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। आप सीडलिंग को चाहे तो मिट्टी में रॉकवूल के साथ ही लगा सकते हैं या रॉकवूल में से सीडलिंग को आसानी से निकालने के बाद लगा दें।
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रॉकवूल में कटिंग को लगाएं – How To Use Rockwool For Cuttings In Hindi
सबसे पहले पौधे से एक स्वस्थ कटिंग को लें। इसके बाद कटिंग के तल को रूटिंग हार्मोन जैसे शहद या एलोवेरा में डुबोएं और फिर कटिंग को रॉकवूल के छेद में डाल दें। ध्यान रहे कटिंग, रॉकवूल के तल से बाहर न निकले। इसके बाद एक सीडलिंग ट्रे में वर्मीकुलाईट और पर्लाइट को भरें और उसके ऊपर कटिंग लगे इस रॉकवूल को रख दें। जब जड़ें निकल आये तब कटिंग को गमले में ट्रांसप्लांट कर दें।
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रॉकवूल में पौधे उगाने की टिप्स – Top Tips For Growing Plants In Rockwool In Hindi
- आप जिस भी पौधे को उगा रहे हैं, उसके लिए सही आकार का रॉकवूल चयन करें।
- उपयोग करने से पहले रॉकवूल क्यूब्स को साफ करके पानी में भिगोने के लिए जरूर रखें।
- बीज को कम से कम एक इंच गहरे में जरूर लगायें।
- बीजों को अंकुरित करते समय क्यूब्स को किसी अंधेरी और सूखी जगह पर स्टोर करें।
- यदि बीज को अंकुरित होने के लिए प्रकाश की आवश्यकता हो तो प्रकाश प्रदान करें।
- क्यूब्स के ऊपर प्रति दिन कई बार पानी का छिड़काव करें।
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इस लेख में हमने आपको रॉक वूल से जुड़ी सभी जानकारी दी हैं। जैसे रॉकवूल क्या होता है, यह कैसे बनता है? हाइड्रोपोनिक बागवानी में रॉकवूल के क्या उपयोग हैं, और इसे इस्तेमाल कैसे करते हैं? रॉक वूल का गार्डनिंग में प्रयोग से जुड़ा यह लेख अपने अन्य गार्डनिंग करने वाले दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें।