कचरी पंजाब, राजस्थान और उसके आसपास के राज्यों की एक प्रमुख सब्जी है। इसे अप्रैल से लेकर जुलाई के महीनो में उगाया जाता है। कचरिया की बेल होती है, जिसमें बड़ी संख्या में फल लगते हैं और ये फल छोटे तरबूज की तरह दिखते हैं। जब फल 1 से 1.5 इंच लम्बे हो जाते हैं, तब उन्हें तोड़ लिया जाता है। कचरी के इन फलों से ज्यादातर लोग चटनी और सब्जी बनाते हैं, जो कि काफी स्वादिष्ट होती है। कचरी का स्वाद थोडा खट्टा होता है, जिस वजह से कई लोग इसका अचार भी डालते हैं। कचरिया के और भी कई सारे फायदे हैं, जिनके बारे में आप गूगल पर सर्च कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको इस अनोखी सब्जी को घर पर उगाने के तरीके के बारे में बताने वाले हैं।
घर पर गमले में कचरी/कचरिया की बेल कैसे उगाएं, इसके बीजों को कब और कैसे लगाएं, पौधे की देखभाल कैसे करें, ये सभी जानकारियां आपको इस लेख में मिलेंगी।
कचरी का पौधा उगाने से जुड़ी जरूरी बातें – Important Things For Growing Cucamelon Plant In Hindi
कचरिया को इंग्लिश में Mouse Melon और Cucamelon कहते हैं और यह हिंदी में कचरिया, छिब्बर/चिब्बड (Chibber), जंगली तरबूज आदि नामों से जानी जाती है। कचरिया के पौधे का वैज्ञानिक या वानस्पतिक नाम मेलोथ्रिया स्काब्रा (Melothria Scabra) है। इस बेल वाली सब्जी के पौधे को घर पर उगाते समय आपके मन में ये निम्न सवाल उठ सकते हैं जैसे:-
कचरी के बीज कब लगाएं – When To Plant Cucamelon (Kachariya) Seeds In Hindi
यह गर्मी और बरसात के समय ग्रोथ करने वाला पौधा है। इसके बीजों को लगाने का सही समय निम्न है:
- सर्दी के लास्ट महीने (जनवरी) से लेकर शुरूआती वसंत (फरवरी) तक घर के अंदर बीज से पौधा ग्रो करें और मार्च के महीने में पौधे को बाहर ट्रांसप्लांट कर दें।
- गर्मी के समय (अप्रैल-मई) से लेकर बरसात (जून-जुलाई) के महीनों तक बीजों को सीधे बाहर गमले या गार्डन में बोएं।
- 21-23°C (70-75°F) तापमान में कचरी के बीज 10-15 दिनों के भीतर अंकुरित हो जाते हैं।
(और पढ़ें: सर्दियों के समय पॉट में लगाई जाने वाली सब्जियां…)
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कचरी का पौधा उगाने के लिए क्या जरूरी है – Supplies Needed To Grow Cucamelon Plant In Hindi
घर पर कचरी (कचरिया) की बेल उगाने के लिए आपको निम्न चीजों की जरूरत पड़ेगी:
- गमला या ग्रो बैग (Pot Or Grow Bags) – 12X12 इंच के एक गमले या ग्रो बैग में कचरी का 1 पौधा अच्छे से उग सकता है। घर पर अगर इस साइज का टब या बाल्टी पड़ी है, तो आप उसे भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर ज्यादा पौधे उगाना है तो रेक्टेंगल ग्रो बैग लें, उनमें 1 फुट की दूरी से कई कचरी के पौधे एक साथ उगा सकते हैं।
- उपजाऊ मिट्टी (Soil) – कचरी (काचरा) उगाने के लिए अच्छी उपजाऊ और भुरभुरी मिट्टी चाहिए होती है। ऐसी मिट्टी तैयार करने के लिए गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट और कोकोपीट को मिट्टी में मिलाते हैं। कोकोपीट नहीं हैं, तो थोड़ी रेत से भी काम चला सकते हैं।
- कचरी के बीज (Cucamelons Seeds) – इन्हें आप बीज भण्डार की दुकान या ऑनलाइन ई कॉमर्स वेबसाइट से खरीद सकते हैं।
- पानी डालने के लिए वाटरिंग कैन और स्प्रे बोतल – मिट्टी में बीजों को लगाने के बाद, उन्हें स्प्रे बोतल से पानी दिया जाता है। इससे बीज, मिट्टी में गहराई में नहीं दब पाते। जब पौधे बड़े हो जाते हैं, तब पानी देने के लिए वाटरिंग कैन की जरूरत होती है।
(और पढ़ें: गार्डनिंग शुरू करने के लिए किन चीजों की पड़ती है जरूरत…)
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कचरिया की बेल में कितने दिन में फल लगते हैं – How Long Do Cucamelon Take To Grow In Hindi
कचरी के बीज 10-15 दिन में अंकुरित हो जाते हैं, लेकिन कभी कभी 20 दिन का समय भी लग जाता है। बीज अंकुरित होने के बाद कचरी की तैयार पौध (Seedling) को ट्रांसप्लांट करने के 70-80 दिन बाद बेल में फल लगने लगते हैं। जुलाई में बीज लगाने पर अक्टूबर-नवंबर की शुरूआती सर्दियों में बेल से फल तोड़ने को मिल जाते हैं।
गमले में कचरी का पौधा उगाने का सही तरीका – How To Grow Kachri (Cucamelon) In Pots In Hindi
कचरी उगाने के लिए जरूरी चीजों की जानकारी होने के बाद, अब बात करते हैं इसे उगाने की प्रोसेस के बारे में। आइये कचरी का पौधा उगाने की पूरी प्रक्रिया को स्टेप बाय स्टेप समझते हैं:
मिट्टी तैयार करें – Prepare Soil To Plant Cucamelon Seeds In Hindi
कचरी के पौधे या बीज लगाने के लिए, गमले की मिट्टी तैयार करने के लिए सबसे पहले नजदीकी खेत या गार्डन से मिट्टी उठाकर ले आयें। फिर इसके बाद मिट्टी को धूप वाली जगह पर रख कर उसमें पानी डालें। 2 दिन बाद जब मिट्टी नरम हो जाए और सूख जाए तब मिट्टी, कोकोपीट और गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट खाद को बराबर मात्रा में मिलाएं। अब इस तैयार मिट्टी को ग्रो बैग में भरकर, इसमें कचरिया के बीज लगा सकते हैं।
(और पढ़ें: गमले में लगे पौधों की मिट्टी कब और कैसे बदलें…)
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गमले या ग्रो बैग में मिट्टी भरें – Fill Pot To Grow Mouse Melon (Kachri) Seeds In Hindi
जिस भी गमले, ग्रो बैग या सीड ट्रे में कचरी के बीज लगाने हैं उसमें तैयार की गयी मिट्टी को भरें। ग्रो बैग को ऊपर से 2 इंच खाली रखें, ताकि बाद में खाद बगैरा डालने के लिए जगह बची रहे। अब मिट्टी के ऊपर अच्छे से पानी डालें, ताकि जितनी मिट्टी दबनी हो दब जाये। अब इस मिट्टी को छाँव वाली जगह पर रख दें और 1 दिन बाद इसमें कचरी के बीजों को लगाएं।
(और पढ़ें: जानें किस साइज के ग्रो बैग में कौन सी सब्जी लगा सकते हैं….)
मिट्टी में कचरी के बीज लगाएं – Sowing Kachri (Cucamelon) Seeds In Soil In Hindi
आइये अब कचरी के बीजों को मिट्टी में बोने की विधि के बारे में जानते हैं:
- सबसे पहले सीड ट्रे या गमले की मिट्टी की सतह पर बीजों को एक दूसरे से 2 इंच की दूरी पर रखें।
- फिर ऊँगली से बीजों को ½ इंच (1.2cm) की गहराई में दबा दें।
- बीज को मिट्टी से कवर करें और फिर मिट्टी के ऊपर, स्प्रे बोतल से पानी का छिड़काव (Spray) करें।
गमले को धूप में रखें – Keep Cucamelon Plant In Sunlight In Hindi
- अब बीज लगे गमले या सीडलिंग ट्रे को खिड़की या दूसरी उजाले वाली जगह पर रखें। मिट्टी सूखने पर पानी का स्प्रे करते रहें।
- 15-20 दिन बाद जब बीज अंकुरित हो जाएं तब, एक गमले में एक पौधा लगा दें क्योंकि 2 कचरी के पौधों के बीच 1 फुट का अंतर रखना जरूरी है।
- पौध (Seedling) को ट्रांसप्लांट करने के बाद 1 हप्ते तक पौधे को केवल सुबह की 2 से 3 घंटे की धूप दिखाएँ।
- 1 हप्ते के बाद कचरी के पौधे को ऐसी जगह रख दें, जहाँ रोजाना 6 से 8 घंटे की धूप आती हो।
(और पढ़ें: छाया में उगने वाली सब्जियां….)
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कचरी के पौधे में खाद डालें – Fertilizer for Cucamelon Fruit Plant In Hindi
वैसे कचरी के पौधे को ज्यादा उर्वरकों की जरूरत नहीं होती है। फिर भी ज्यादा फल आयें, उसके लिए आप इस पौधे में बोनमील और वर्मीकम्पोस्ट उर्वरकों को डाल सकते हैं। इन खाद में से किसी एक को फल और फूल लगते समय 15 दिन में 1 बार पौधे की मिट्टी में मिलाएं।
(और पढ़ें: पौधों में फूल और फल लगने के लिए बेस्ट खाद…)
बेल को सहारा दें – Give Cucamelon Vine Support In Hindi
कचरी एक बेल वाला पौधा है, जिसकी ग्रोथ 10 फीट तक हो सकती है। कचरी/कचरिया की देखभाल के लिए जरूरी है कि इसकी बेल को जमीन पर न फैलने दें, वरना स्लग जैसे कीट फलों को नुकसान पंहुचा सकते हैं। इसी वजह से गमले की मिट्टी में पहले से ही लकड़ी लगा दें, ताकि कचरिया की बेल उस पर आसानी से बढ़ती रहे। आप लकड़ी की जगह ट्रेलिस (Trellis) या क्रीपर नेट, रस्सी का भी उपयोग कर सकते हैं।
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पॉलिनेशन – Pollination In Cucamelon Vine Plant In Hindi
कचरिया एक बेल वाला पौधा है। बेल वाले पौधों में अक्सर परागण (Pollination) की जरूरत अधिक होती है। परागण न होने से फूल झड़ने लगते हैं। इसी वजह से यदि गार्डन में मधुमक्खी जैसे परागणक (Pollinator) नहीं आ रहे हैं, तो खुद ही रुई या ब्रुश की मदद से फूलों के बीच पॉलिनेशन करें।
(और पढ़ें: पोलिनेटर्स को आकर्षित करने वाले कूल सीजन प्लांट्स…)
कचरिया के पौधे में रोगों का नियंत्रण करें – Pest And Diseases Control Cucamelon Plant In Hindi
वैसे तो कचरी के पौधे में ज्यादातर रोग या कीट नहीं लगते हैं, लेकिन कभी-कभार पौधों की पत्तियों पर पानी डालने से, पावडरी मिल्ड्यू रोग हो सकता है। इस रोग में पत्तियों और तनों पर सफेद कलर के गोल-गोल धब्बे नजर आते हैं। कुछ समय बाद पत्तियां पीली पड़कर सूखने लगती हैं। पौधे में यह रोग न लगे, इसके लिए जरूरी है कि पौधे की पत्तियों को गीला करने से बचें।
(और पढ़ें: बेल वाली सब्जियों में लगने वाले कीट और रोग एवं बचाव के तरीके…)
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कचरी के फल की कटाई – When And How To Harvest Cucamelons Fruits In Hindi
2 से 3 महीने (70-80 दिन) बाद, जब कचरी के फल 1 से 1.5 इंच लम्बे हो जाएँ, तब आप उन्हें तोड़ सकते हैं। कचरी के फलों को चटनी, सब्जी आदि बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
(और पढ़ें: हार्वेस्टिंग करने के लिए बेस्ट गार्डनिंग टूल्स….)
इस आर्टिकल में आपने जाना कि घर पर बीज से कचरी/कचरिया की बेल कैसे उगाएं, बीज लगाने का सही समय और सही तरीका क्या है और पौधे की देखभाल कैसे करें। कचरी (काचरी) का पौधा उगाने को लेकर अगर आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो, तो आप उसे कमेन्ट बॉक्स में जरूर लिखें। अगर यह लेख आपके काम आया हो, तो इसे अपने गार्डनिंग करने वाले दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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