तुलसी का पौधा सभी घरों में पाया जाता है। कुछ घरों में हर्बल प्लांट्स के तौर पर, तो कुछ में पूजन के लिए। वैसे तो तुलसी को लगाना बहुत आसान है, लेकिन यह पौधा जितनी तेजी से ग्रोथ करता है, इसमें समस्याएँ भी उतनी ही जल्दी आती हैं। जिन समस्याओं में से एक है, पानी का असंतुलन। पानी की अनियमितता से तुलसी की ग्रोथ पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता हैं और यहाँ तक कि इसकी अधिकता से पौधा मर भी सकता है। इसकी प्रत्येक व्यक्ति को यह जानकारी होना जरूरी है, कि तुलसी के पौधे को कितना तथा कितनी बार पानी दें, जिससे पौधा निरंतर ग्रोथ करें। आज इस लेख में हम तुलसी के पौधे को पानी (Watering Basil In Hindi) देने की जानकारी देंगे और साथ ही आपको बताएंगे, कि तुलसी को कब और कैसे पानी दें।
तुलसी को कितने पानी की आवश्यकता होती है – How Much Water Does Basil Need In Hindi
बेसिल या तुलसी का पौधा नम मिट्टी में अच्छी तरह ग्रोथ करता है, इसलिए इसे रोजाना पानी देना जरूरी होता है। इसके अतिरिक्त इसकी जड़ें अधिक गहराई में फैली हुई होती हैं, जिससे परिपक्व पौधे को सप्ताह में एक बार गहरे पानी की आवश्यकता होती है।
हालाँकि तुलसी के पौधे को पानी की जरूरत उसे लगाने के स्थान और वातावरण पर भी निर्भर करती हैं। घर के बाहर जमीन में लगाई गई तुलसी की तुलना में घर के अंदर गमलों में लगे पौधे को पानी की आवश्यकता कम हो सकती है।
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तुलसी को कब पानी दें – When To Water Basil Plant In Hindi
अन्य पौधों की तरह, तुलसी के पौधे में भी पानी की कमी के कुछ संकेत दिखाई दे सकते हैं, जिन्हें देखकर आप यह जान सकते हैं, कि उसे पानी देने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं- तुलसी में पानी की कमी के संकेत, जो कि इस प्रकार हैं:-
- पौधे की पत्तियाँ मुरझा जाती हैं, तना लचीला हो जाता है, तो यह पानी की कमी का लक्षण है।
- पौधे की पत्तियाँ काली पड़ने लगती हैं।
- पौधा कमज़ोर और पूरा पौधा मुरझाया हुआ दिखने लगता है।
- गमले की मिट्टी में दरारें दिखाई देने लगती हैं।
अगर ऊपर बताए गए निम्न संकेत आपके तुलसी के पौधे में दिखाई देते हैं, तो उसे पानी की आवश्यकता है।
आमतौर पर तुलसी को पानी देने के लिए दिन का सबसे अच्छा समय या तो सुबह या शाम का होता है। इस समय पौधे को पानी को अवशोषित करने का पर्याप्त समय मिल जाता है। दोपहर के समय पानी देने से बचें, क्योंकि इस समय पानी सबसे तेजी से वाष्पित हो जाएगा और तेज धूप में पत्तियों पर पानी पड़ने से वह जल सकती हैं।
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तुलसी के पौधे को पानी कैसे दें – How To Water Basil Plant In Hindi
अगर आपने होम गार्डन में इस पौधे लगाया है, तो पानी देने के लिए ओवरहेड स्प्रिंकलर की बजाय ड्रिप सिंचाई से पानी देना एक बेहतरीन तरीका है। इससे पौधे की पत्तियां गीली नहीं हो पाती हैं। ड्रिप इरिगेशन से आप न सिर्फ तुलसी, बल्कि गार्डन के सभी पौधों को एक सामान रूप से पानी दे सकते हैं। सिंचाई की इस विधि में पानी की वेस्टेज नहीं होती हैं और कीटों व रोगों का ख़तरा भी काफी कम हो जाता है।
यदि आपने घर के अंदर गमले में तुलसी का पौधा लगाया है, तो वाटर कैन की मदद से पानी देना चाहिए। इससे पानी फव्वारे के रूप में निकलता है, जो मिट्टी को एक समान रूप से भिगोता है और पत्तियों को गीला होने से भी बचाता है।
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तुलसी के पौधे को कितना पानी दें – How Much Water To Give To Basil Plant In Hindi
आमतौर पर तुलसी के पौधे को पानी देने की आवृत्ति बहुत सी कंडीशन जैसे पौधे की उम्र, लगाने का स्थान और ग्रोइंग कंडीशन, पॉटिंग सॉइल आदि जैसे बहुत से कारकों पर निर्भर करती है। आइये जानते हैं- इन स्थितियों को ध्यान में रखकर तुलसी को कितना पानी देना चाहिए:-
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उम्र के आधार पर – Depending On Age Of Basil Plant Watering In Hindi
तुलसी के पौधे के लिए पानी उसकी उम्र के अनुसार दिया जाना चाहिए। युवा तुलसी के पौधों को पूरी तरह से परिपक्व पौधों की तुलना में बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है। नए लगाए गए तुलसी के पौधों को रोपण के तुरंत बाद अच्छी तरह से पानी दें।
गमले के आधार पर – Based On Pot Of Basil Plant Watering In Hindi
यदि आपने फेब्रिक ग्रो बैग, कोको कॉयर या मिट्टी के गमले आदि में तुलसी के पौधे को लगाया है, तो इन गमलों की मिट्टी को सूखने में समय लगता है, जिससे आपको इन्हें कम बार पानी देने की आवश्यकता होगी। इसके विपरीत प्लास्टिक और कांच जैसी सामग्री के गमले में अधिक बाद पानी देने की आवश्यकता होती है।
मिट्टी के आधार पर – Based On Soil Of Basil Plant Watering In Hindi
यदि आपने तुलसी लगाते समय मिट्टी में सिर्फ रेत, पर्लाइट या वर्मीकुलाइट मिलाया है तो जाहिर सी बात की कि पॉटिंग मिश्रण गार्डन सॉइल की मिट्टी की तुलना में हल्का और बेहतर जल निकास वाला होगा, लेकिन यह तेजी से सूखता भी है। इसका मतलब है, कि आपको इस तुलसी के पौधे में अधिक बार पानी देना होगा।
अगर आप पॉटिंग मिक्स तैयार करते समय ऊपर बताई गई सामग्री के अतिरिक्त मिट्टी में मिट्टी में जैविक खाद और कोकोपीट मिलाते हैं, तो यह अधिक समय तक नमीयुक्त रहेगी। आप इस तुलसी के पौधे को सामान्य मात्रा में पानी दे सकते हैं।
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स्थान के आधार पर – Depending On Location Of Basil Plant Watering In Hindi
तुलसी को कितनी बार पानी देना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है, कि उसे किस स्थान पर लगाया है। गमले में ऊगी हुई तुलसी को पानी देने के लिए जमीन में उगने वाले पौधे की तुलना में थोड़ी अलग तकनीक और पानी देने की आवृत्ति की आवश्यकता होती है। स्थान के आधार पर आप निम्न स्थितियों में इसे पानी दे सकते हैं:-
घर के अंदर लगी तुलसी को पानी – Water The Basil Plant Inside The House In Hindi
यदि आप इनडोर तुलसी का पौधा उगा रहे हैं, तो इसे बाहरी पौधे की तुलना में अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होगी। घर के अन्दर लगे तुलसी के पौधे पानी का अधिक उपयोग नहीं करते हैं इसलिए पानी देने की आवृत्ति कम हो जाती है। सॉइल फिंगर टेस्ट की मदद से गमले की मिट्टी की जांच करें, तथा जब मिट्टी सूखी हुई दिखाई दे, तब तुलसी के पौधे को पानी दें।
आउटडोर लगे तुलसी को पानी – Water The Basil Plant Planted Outdoors In Hindi
यह निर्धारित करना थोड़ा कठिन है कि जमीन में उगने वाली तुलसी को कितनी बार पानी देना है। अगर आपने पौधे की मल्चिंग की है, तो इससे उसे कम पानी देने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा यह बात पौधे पर पड़ने वाली धूप पर भी डिपेंड करती हैं। अगर पौधा पूरी धूप में लगा है, तो उसकी छाया वाले स्थान की अपेक्षा अधिक तेजी से सूखेगी।
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तुलसी को अत्यधिक पानी देना – Over Watering Basil Plant In Hindi
आमतौर पर तुलसी को कम पानी देना उतना नुकसानदायक नहीं होता, जितना की अधिक पानी। पानी की कमी की स्थिति में पौधे को बचा पाना संभव है, लेकिन ओवरवाटरिंग से यह पूरी तरह खराब हो सकता है। तुलसी के पौधे में पानी की अधिकता के निम्न संकेत देखे जा सकते हैं:-
- तुलसी की पत्तियाँ मुरझा जाती हैं।
- पौधे के आधार पर पीली पत्तियाँ हो सकती हैं।
- तुलसी के पौधे के तने नरम हो सकते हैं और आसानी से झुक सकते हैं।
- अधिक पानी देने से जड़ों में बैक्टीरिया और फंगस के विकास को बढ़ावा मिलता है।
- अधिक पानी देने से तुलसी का विकास रुक सकता है।
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इस लेख में आपने तुलसी के पौधे को पानी देने की जानकारी प्राप्त की। साथ ही आपने जाना, कि तुलसी को कब, कैसे और कितनी बार पानी दें? उम्मीद हैं हमारा लेख आपके लिए हेल्पफुल रहा हो। इस लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।