यदि आपके स्ट्रॉबेरी के पौधे भी ट्रांसप्लांटिंग के बाद मर जाते हैं, तो आपको इन्हें प्रत्यारोपित करने के सही तरीकों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। दरअसल स्ट्रॉबेरी एक तेजी से बढ़ने वाला पौधा है, जिसे घर पर गमले में बीज से आसानी से लगाया जा सकता है। लेकिन स्ट्राबेरी सीड जर्मिनेशन के बाद पौधे को ट्रांसप्लांट करते समय विशेष सावधानी रखने की जरुरत होती है। अगर आप अपने स्ट्राबेरी के पौधे को टमाटर, मिर्च जैसे अन्य पौधों की तरह ही सामान्य तरीके से ट्रांसप्लांट करते हैं, तो आपका पौधा मर जाएगा। आज हम आपको स्ट्राबेरी के पौधे की रोपाई कैसे करें (How To Transplant Strawberries In Hindi) के बारे में विस्तार से बताएंगे। स्ट्रॉबेरी के पौधों का प्रत्यारोपण कब करें, स्ट्रॉबेरी के पौधे को किसी दूसरे गमले में लगाते समय ध्यान रखने योग्य बातें, तथा प्रत्यारोपण के टिप्स और तरीके जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
स्ट्रॉबेरी के पौधे को ट्रांसप्लांट कब करें – When To Transplant Strawberry Plant In Hindi
प्रत्यारोपण (Transplanting) कब करना है, यह हमारे द्वारा चुनी गई स्ट्रॉबेरी की किस्म पर निर्भर करता है। लेकिन स्ट्रॉबेरी के पौधे को ट्रांसप्लांट करने का सबसे अच्छा समय (Best Time To Transplant Strawberries In Hindi) वसंत की शुरुआत से शरद ऋतु (सितम्बर-नवम्बर) का होता है। आप बादल वाले दिनों में या अधिक धूप न होने पर स्ट्रॉबेरी को ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
स्ट्रॉबेरी प्लांट को प्रत्यारोपित करने की आवश्यकता क्यों होती है? इसे हम निम्न कारणों के आधार पर समझेंगे:
- स्ट्रॉबेरी को बढ़ने के लिए अच्छी जलनिकासी वाली मिट्टी, पर्याप्त धूप व पानी के अलावा पोषक तत्वों की आवश्यकता भी होती है। ये पौधे लगातार मिट्टी से पोषक तत्वों को ग्रहण करते हैं, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता कम हो जाती है और स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कम हो जाता है। अतः अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी देने और फलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए स्ट्रॉबेरी के पौधों को प्रत्यारोपित करने की आवश्यकता होती है।
- गार्डन या गमले में लगे स्ट्रॉबेरी के पौधे कहीं भी अपनी जड़ें जमा लेते हैं और एक पौधे से ढेर सारे पौधे बन जाते हैं, जिनको बढ़ने के लिए पर्याप्त स्थान देने और किसी भी प्रकार की बीमारी से बचाने के लिए पौधों को नये गमले में या अन्य स्थान पर रोपण किया जाता है। गार्डन या गमले में स्ट्रॉबेरी प्लांट्स की भीड़-भाड़ को कम करने के लिए आप स्ट्रॉबेरी की थिनिंग (Thinning) भी कर सकते हैं।
- स्ट्रॉबेरी प्लांट्स लम्बे समय तक एक ही स्थान पर बढ़ना पसंद नहीं करते और प्रत्यारोपण न करने पर फलों का उत्पादन बंद कर देते हैं, जिसके कारण इन्हें हर 2-4 साल के अन्तराल में ट्रांसप्लांट करने की आवश्यकता होती है।
(और पढ़ें: स्ट्रॉबेरी के बीज कैसे उगाएं….)
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स्ट्रॉबेरी के पौधों की रोपाई कैसे करें – How To Transplant Strawberries In A Pot In Hindi
अन्य पौधों की तरह ही स्ट्रॉबेरी की सीडलिंग (छोटे पौधों) को ट्रांसप्लांट करने की प्रक्रिया भी समान ही है, लेकिन स्ट्रॉबेरी सीडलिंग को ट्रांसप्लांट करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, ताकि पौधे खराब न हों। आइए जानते हैं कि स्ट्रॉबेरी के पौधों को प्रत्यारोपित करते समय ध्यान रखने योग्य बातें कौन-कौन सी हैं:
- प्रत्यारोपण करते समय, स्ट्रॉबेरी के मुकुट (Crown) को उचित गहराई पर लगाने का ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है, अगर इसे बहुत अधिक गहराई में लगा दिया जाता है, तो तना नम मिट्टी के संपर्क में बने रहने से सड़ जाता हैं और आपके पौधे मर जाते हैं। गमले में स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाते समय उनके क्राउन (जिस स्थान से जड़ें नीचे की ओर तथा तना ऊपर की ओर जाता है) को मिट्टी की सतह के ठीक ऊपर होना चाहिए, ताकि सीडलिंग को कोई नुकसान न हो।
- स्ट्रॉबेरी को उन जगहों पर ट्रांसप्लांट न करें, जहां पहले बैंगन, मिर्च या टमाटर के पौधे लगाए हुए थे, क्योंकि इससे स्ट्रॉबेरी में कीट और रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है और आपके स्ट्रॉबेरी के पौधे खराब हो जाते हैं।
- स्ट्रॉबेरी प्लांट के प्रत्यारोपण के लिए अच्छी जल निकासी और उच्च गुणवत्ता वाली मिट्टी उपयोग की जानी चाहिए। आप साधारण मिट्टी में थोड़ी मात्रा रेत (Sand) या वर्मीक्यूलाइट (vermiculite) और जैविक खाद (जैसे- वर्मीकम्पोस्ट, गोबर की खाद, नीम खली) मिलाकर गमले की मिट्टी तैयार करें।
- प्रत्यारोपण के दौरान स्ट्रॉबेरी के पौधों को कम से कम 7-10 इंच की दूरी पर लगाना सुनिश्चित करें। ताकि पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके और पौधों के बीच हवा का संचार अच्छे से हो सके।
(और पढ़ें: पौधों की वृद्धि के लिए 10 शानदार टिप्स….)
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निष्कर्ष – Conclusion
इस आर्टिकल में आपने जाना कि स्ट्रॉबेरी के पौधे की रोपाई कब और कैसे की जाती है, स्ट्रॉबेरी प्लांट को ट्रांसप्लांट करने के कारण क्या हैं तथा इन्हें ट्रांसप्लांट करते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए मददगार होगी। अगर जानकारी से सम्बन्धित कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट में जरूर बताएं।