आमतौर पर गार्डनिंग में गमला मिट्टी, खाद, उर्वरक और पानी जैसी अनेकों चीजों की आवश्यकता पड़ती है, जिनमें से सबसे मुख्य स्थान सॉइल का होता है। पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए हम मिट्टी में कई तरह की चीजें मिलाते हैं। इन्हीं चीजों में आज हम बात करेंगे, बायोचार की, बायोचार एक प्रकार का कोयला है, जिसे बिना या कम ऑक्सीजन के साथ तैयार किया जाता है। यह मिट्टी की पोषक तत्व अवशोषण तथा जल धारण क्षमता को बढ़ाता है। हालाँकि इसके अलावा भी गार्डन की मिट्टी में बायोचार का उपयोग ((Biochar Uses In Garden In Hindi)) करने के बहुत से लाभ या फायदे हैं, जिनके बारे हम इस लेख में चर्चा करेंगे। बायोचार क्या है, यह कैसे बनता है तथा होम गार्डनिंग में बायोचार का उपयोग (Use Of Charcoal In Garden In Hindi) कैसे किया जाता है? जानने के लिए आर्टिकल पूरा पढ़ें।
बायोचार क्या है – What Is Biochar In Hindi
बायोचार एक प्रकार का जैविक कोयला है, जो लकड़ी, पत्ती, जैविक अवशेष या खाद जैसे कार्बनिक पदार्थों को गर्म करके (जलाकर) बनाया जाता है। कार्बनिक पदार्थों से कोयले बनने की इस प्रक्रिया को पायरोलिसिस (Pyrolysis) कहा जाता है। बायोचार का प्रयोग विशेष रूप से मिट्टी में सुधार करने के लिए किया गया है।
लकड़ी का कोयला अर्थात बायोचार एक झरझरी (भुरभुरी) संरचना वाला एक स्थिर कार्बन युक्त उत्पाद है, जिसका उपयोग होम गार्डन, कंटेनर गार्डन में पौधे लगाने के लिए किया जाता है।
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बायोचार कैसे बनता है – How To Make Biochar In Hindi
बायोचार के उत्पादन में नियंत्रित जलने की प्रक्रिया शामिल होती है, जिसे पायरोलिसिस (Pyrolysis) कहा जाता है। पायरोलिसिस के दौरान, लकड़ी को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में गर्म किया और जलाया जाता है, जिससे वह पूरी तरह से समाप्त नहीं होता है और कोयले का रूप ले लेती है। बायोचार विभिन्न सामग्रियों जैसे नरम पौधे के ऊतक, लकड़ी की सामग्री और खाद आदि से बनाया जाता है, जो आसानी से विघटित नहीं होता है।
आइए आगे जानते हैं- गार्डन में बायोचार के फायदे के बारे में।
गार्डन में बायोचार के लाभ – Benefits Of Biochar For Gardening In Hindi
बायोचार की बारीक संरचना और अन्य गुणों के कारण इसका उपयोग गार्डनिंग में किया जाता है। आइए जानते हैं- गार्डन में बायोचार के उपयोग के लाभ या फायदे, जो कि इस प्रकार है:-
- जल धारण क्षमता – जब आप अपने गार्डन की मिट्टी में बायोचार मिलाते हैं, तो इसकी छिद्रपूर्ण संरचना मिट्टी की जल धारण क्षमता को बढ़ा देती है। बायोचार के छिद्र पानी खींचते हैं और उसे अपने अंदर सोखते हैं, जिससे मिट्टी की पानी की आवश्यकता कम हो जाती है और सूखा सहनशीलता बढ़ जाती है। यदि आपके बगीचे में रेतीली मिट्टी है, तो आप अपने पौधों के लिए उपलब्ध पानी को आसानी से बढ़ाने के लिए बायोचार का उपयोग कर सकते हैं।
- मिट्टी में सुधार – बायोचार पानी और पोषक तत्व धारण क्षमता को बढ़ाकर मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है। यह मिट्टी के संघनन (Compaction) को कम करके और एयरेशन में सुधार करता है। बायोचार क्षारीय होता है, इसका प्रयोग मिट्टी की अम्लता को कम करने में किया जाता है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है।
- पौधों के स्वास्थ्य में सुधार – बायोचार के प्रयोग से पौधों की जड़ों को मिट्टी में गहराई तक बढ़ने में मदद मिलती है, जिससे उसकी पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता बढ़ जाती है। बायोचार संशोधित मिट्टी में उगाए गए पौधों में बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है और बेहतर स्वास्थ्य होता है।
- उत्पादकता में सुधार – बायोचार मिट्टी की उत्पादकता में सुधार करने में मदद करता है। यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) के प्रभाव जैसे मिट्टी की नमी की मात्रा और उत्पादकता में गिरावट आदि को काफी कम करता है।
आइए अब जानें, कि आप गार्डन में बायोचार का उपयोग कैसे कर सकते हैं?
गार्डनिंग में बायोचार का उपयोग – How To Use Biochar In Your Garden In Hindi
होम गार्डन में बायोचार का उपयोग करने के दो प्रमुख स्टेप्स हैं:
Step 1: खाद और उर्वरकों के साथ मिश्रण बनाएं – Mix Biochar With Compost And Fertilizers In Hindi
जब कच्चा कोयला गमले की मिट्टी में मिलाया जाता है, तो यह अस्थायी रूप से आसपास के पोषक तत्वों और पानी को खींचता है। इसलिए इसे जैविक पदार्थों के साथ मिलाना बेहतर होता है। यह पौधों की बेहतर उपज देने से पहले थोड़े समय के लिए पौधे और मिट्टी की उत्पादकता को धीमा भी कर सकता है। इसलिए बायोचार को मिट्टी में मिलाने से पहले पोषक तत्वों से भरपूर सामग्री के साथ मिश्रण बनाने की आवश्यकता होती है।
मात्रा (Quantity):-
बायोचार और जैविक सामग्री, जैसे गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट, कोकोपीट या प्राकृतिक उर्वरक आदि का 50-50 मिश्रण बनाएं और इसे 10-14 दिनों के लिए अलग रख दें। इसके अतिरिक्त आप इस कोयले को कम्पोस्ट टी, बायो NPK जैसे तरल उर्वरकों में भी मिला सकते हैं।
बायोचार को खाद या उर्वरक में मिलाने से यह पोषक तत्वों, पानी और मिट्टी के लाभकारी सूक्ष्मजीवों से भर जाता है, जो मिट्टी की उर्वरता में सुधार करता है और पौधों के विकास को बढ़ावा देता है।
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Step 2: मिट्टी में मिलाएं – Mix Biochar In Soil In Hindi
पौधे की ज़रूरतों के आधार पर आप निम्न तरह बायोचार का उपयोग कर सकते हैं:-
टॉप ड्रेसिंग के रूप में: अगर गार्डन में पहले से पौधे लगे हुए हैं, तो आप मिट्टी की सतह पर बायोचार का मिक्सचर छिड़क सकते हैं।
पॉटिंग मिक्स में मिलाकर: यदि आपने गार्डन में पौधे नहीं लगाए हैं, तो आप बायोचार के मिक्सचर को मिट्टी की ऊपरी सतह पर 4 से 6 इंच गहराई तक मिला सकते हैं।
पौधों को ट्रांसप्लांट करते समय: पौधे को गार्डन या गमले में ट्रांसप्लांट करते समय आप मिट्टी को बायोचार के साथ संशोधित कर सकते हैं। पौधों को गमलों में लगाने से पहले जैविक खाद को 20% बायोचार के साथ मिला सकते हैं और गमले में भरकर पौधा लगा सकते हैं।
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अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर – Related FAQ And Their Answer In Hindi
प्रश्न: क्या चारकोल और बायोचार एक ही है?
उत्तर: बायोचार एक प्रकार का कोयला ही है, लेकिन इसका निर्माण ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में किया जाता है।
प्रश्न: क्या बायोचार एक फर्टिलाइजर है?
उत्तर: नहीं, बायोचार कोई उर्वरक नहीं है, लेकिन यह गार्डन में रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता को कम करने में मदद करता है।
प्रश्न: क्या बायोचार का उपयोग बीज लगाने और अंकुरण के लिए किया जा सकता है?
उत्तर: हां, गमले की मिट्टी में बायोचार को शामिल करने से बीज का अंकुरण बढ़ता है और युवा पौध के लिए पोषक तत्वों से भरपूर वातावरण मिलता है।
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इस लेख आपने जाना बायोचार क्या है? यह कैसे बनता है, गार्डनिंग या गार्डन में बायोचार के लाभ या फायदे तथा इस कोयले का उपयोग कैसे करें। उम्मीद है हमारे लेख के माध्यम से आपको बायोचार के उपयोग की जानकारी में मदद मिली हो। इस लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।