अगर आप बालकनी या टेरिस गार्डन में गमले या ग्रो बैग का उपयोग कर सब्जी उगाना चाहते हैं, तो इस लेख में गमले या ग्रो बैग में उगाने के लिए 10 बेस्ट सब्जियों के बारे में बताया गया है। इन सभी सब्जियों को ग्रो बैग में उगाना आसान है तथा इन सब्जियों को उगाने का एक फायदा यह भी है, कि आप इन्हें किसी भी मौसम में ग्रो बैग में सफलतापूर्वक उगा सकते हैं। तो आइये जानते है, ग्रो बैग या गमले में आसानी से उगायी जाने वाली 10 बेस्ट सब्जियों के बारे में।
ग्रो बैग में उगाने के लिए 10 सब्जियां – 10 vegetables that can be grow easy in pots in Hindi
यदि आप गार्डनिंग में नए है और ग्रो बैग में सब्जियां उगाना चाहते हैं, तो आप इन 10 सब्जियों को गमले या ग्रो बैग में आसानी से उगाकर अपने गार्डनिंग की शुरुआत कर सकते हैं। यह 10 सब्जियां निम्न हैं:-
- बीन्स (Beans)
- टमाटर (Tomatoes)
- लेट्यूस (Lettuce)
- खीरा (Cucumber)
- मिर्च (Chilli)
- गाजर (Carrot)
- मूली (Radish)
- मटर (Pea)
- बैंगन (Brinjal)
- चुकंदर (Beetroot)
(और पढ़ें: ग्रो बैग साइज चार्ट फॉर वेजिटेबल…)
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बीन्स – Beans Easy To Grow In Grow Bag In Hindi
आप गमले में बीन्स लगाकर अपने वेजिटेबल गार्डन की शुरुआत कर सकते हैं। गमले या ग्रो बैग में बीन्स उगाने से संबंधित कुछ जरूरी बाते निम्न हैं:
- बीन्स लगाने का मौसम – बीन्स (Beans) की बुवाई सितंबर-अक्टूबर के आस पास की जाती है। लेकिन, आप अनुकूल परिस्थितियों में इस सब्जी को किसी भी मौसम में उगा सकते हैं।
- बीज कितनी गहराई पर लगाएं – आप बीन्स के बीज को मिट्टी में लगभग 1 इंच की गहराई पर लगा सकते हैं।
- अकुरण में लगने वाला समय – बुआई के बाद मिट्टी की नम बनाए रखने से बीन्स के बीज लगभग 8 से 12 दिन में अंकुरित हो जाते हैं।
- बीन्स के लिए मिट्टी – बीन्स के पौधे अच्छी जल निकासी वाली और पोषक तत्वों से युक्त दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से ग्रो करते हैं। आप बीन्स उगाने के लिए एक अच्छे पॉटिंग मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं। 5.5 से 6.5 के बीच पीएच (PH) मान वाली मिट्टी में बीन्स के पौधे जल्दी से ग्रो करते हैं।
- पानी कितना देना चाहिए – बीन्स के पौधे लगे हुए गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में नमी बनाए रखें। ध्यान रहे कि, गमले या ग्रो बैग में पानी भरा नहीं रहना चाहिए। यदि गमले में पानी भरा रहता है, तो पौधे की जड़े सड़ सकती हैं, और पौधा नष्ट हो सकता है। इसलिए आप ऐसे गमले या ग्रो बैग का उपयोग करें, जिसकी तली में अतिरिक्त जल निकासी छिद्र हो।
- आवश्यक तापमान – बीन्स के पौधे क अच्छी तरह से ग्रो करने के लिए 15°C से 25°C के बीच तापमान उपयुक्त होता है। इसके बीजों को अंकुरित होने के लिए शुरुआत में लगभग 20°C तापमान की आवश्यकता होती है। गर्मियों में बीन्स का पौधा 30°C तक के तापमान को सहन कर आसानी से विकसित हो जाता है। लेकिन इससे अधिक तापमान होने पर पौधे की फलियों में बीज नहीं बनते और फूल गिरने लगते हैं। लेकिन यदि गर्मी के मौसम में पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी दिया जाए, तो बीन्स के पौधे फिर से हरे भरे हो सकते हैं, और आपको फल दे सकते हैं।
- उर्वरक कौन सा दें – आप बीन्स के पौधे को ऐसे उर्वरक दें, जिनमें नाइट्रोजन की मात्रा कम से कम हो। क्योंकि ज्यादा नाइट्रोजन वाली खाद देने से पौधे की वृद्धि तो होगी, लेकिन पौधा फूल या फल कम दे सकता है। अतः आप बीन्स के पौधे पर फास्फोरस और पोटैशियम से युक्त खाद जैसे- बोनमील, मस्टर्ड केक, वर्मीकम्पोस्ट और गोबर की खाद का उपयोग करके उत्पादन में वृद्धि कर सकते हैं।
(और पढ़ें: गमले में बीन्स कैसे उगाएं…)
टमाटर – Tomatoes Grow Best In Container In Hindi
- ग्रो बैग में टमाटर लगाने का तरीका – आप टमाटर के बीजों को अंकुरित करने के लिए सबसे पहले बीजों को सीडलिंग ट्रे में लगाएं। बीज अंकुरित होने के बाद पौधों को पॉटिंग मिश्रण (मिट्टी) से भरे हुए गमले या ग्रो बैग में स्थानांतरित कर दें। आप इस पॉटिंग मिश्रण में उचित मात्रा में पानी डाल दें, जिससे कि इसमें नमी बनी रहे। आप बीजों को वाटर कैन की सहायता से पानी दें।
- टमाटर लगाने का मौसम – टमाटर की फसल आप साल में तीन बार ले सकते हैं। इसके लिए आप टमाटर के बीजों को मई-जून, सितंबर-अक्टूबर और जनवरी-फरवरी में ग्रो बैग या गमलों में लगा सकते हैं।
- बीज कितनी गहराई पर लगाएं – आप ग्रो बैग की मिट्टी में टमाटर के बीजों को लगभग 0.5 सें.मी. की गहराई पर लगा सकते हैं।
- टमाटर उगाने के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिए – टमाटर का पौधा अच्छी जल निकासी वाली और दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से ग्रो करता है। टमाटर को गमलों या ग्रो बैग में उगाते समय, केवल गार्डन की मिट्टी का उपयोग करने से बचें, क्योंकि बगीचे की मिट्टी भारी होती है, और इस मिट्टी में पौधों का समुचित विकास भी नहीं होता हैं। आप गार्डन की मिट्टी में रेत, कोकोपीट, कम्पोस्ट (जैविक खाद) को एक साथ मिलाकर टमाटर उगाने के लिए अच्छी मिट्टी तैयार कर सकते हैं।
- पानी कितना देना चाहिए – बीज अंकुरित होने तक पॉटिंग मिश्रण में नियमित रूप से पानी दें, और मिट्टी को नम बनाए रखें। टमाटर के पौधों पर पत्तियां और फूल आने के बाद पौधों को ज्यादा पानी न दें।
- उर्वरक कितना दें – समय-समय पर टमाटर के पौधे को आर्गेनिक खाद देते रहें। आप टमाटर के पौधे को महीने में दो बार गोबर की खाद, सरसों की खली का तरल घोल दे सकते हैं।
- कीटों से सुरक्षा – चूंकि, टमाटर का पौधा मिलीबग और लीफ माइनर्स नामक कीटों की चपेट में आ जाता है। अतः इन कीटों से बचाव के लिए पौधों पर नीम तेल का छिड़काव करते रहें।
(और पढ़ें: गमले में टमाटर कैसे उगाएं…)
लेट्यूस (लेटस) – Grow Bag Best Growing Vegetable Lettuce In Hindi
लेटस या लेट्यूस को हम सलाद पत्ता के नाम से जानते है, आप इसे अपने घर पर ग्रो बैग में आसानी से उगा सकते हैं। ग्रो बैग में लेट्यूस उगाने से सम्बंधित जानकारी इस प्रकार हैं:
- ग्रो बैग में लेट्यूस लगाने का मौसम – आप लेट्यूस के पौधों को फरवरी से अप्रैल और सितंबर से नवंबर के मध्य में लगा सकते हैं।
- लेट्यूस के बीज अंकुरित होने का समय – इसके बीज बुआई से लगभग 7 से 10 दिन में अंकुरित होते हैं।
- बीज कितनी गहराई पर लगाएं – लेटस के बीजों को गमले या ग्रो बैग में लगभग 0.5 सेंटीमीटर गहरा बोएं।
- मिट्टी कैसी होनी चाहिए – लेट्यूस के पौधों के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। आप इस मिट्टी को और अधिक उपजाऊ बनाने के लिए, इसमें गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट और नीम केक मिलाकर एक अच्छा पॉटिंग मिश्रण तैयार कर सकते हैं। आप पौधों को उचित मात्रा में पानी देते रहें, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे।
- पानी कितना देना चाहिए – आप लेट्यूस के बीज लगाने के बाद स्प्रे की मदद से पानी दें, और मिट्टी में नमी बनाए रखें। पौधे बड़े होने के बाद आप जरुरत के अनुसार, समय-समय पर ग्रो बैग में पानी देते रहें।
- उर्वरक कितना दें – आप लेट्यूस के पौधे को पर्याप्त मात्रा में खाद दें। आप आर्गेनिक खाद जैसे – गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट, नीम केक और सरसों खली (मस्टर्ड केक) का उपयोग करें।
- लेटस (लेट्यूस) उगने के लिए ग्रो बैग का साइज – आप 12 x 12 (चौड़ाई x लंबाई) इंच के ग्रो बैग या इससे बड़े ग्रो बैग का उपयोग कर सकते हैं।
(और पढ़ें: घर पर गमले में लेटस (लेट्यूस) कैसे उगाएं…)
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खीरा – Cucumber Best To Grown In Pot In Hindi
आप अपने घर पर गमले या ग्रो बैग में खीरा ककड़ी को साल भर उगा सकते हैं। ग्रो बैग में खीरा उगाने के सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी निम्न है:
- खीरा लगाने का सही समय – आप गर्मियों में फरवरी-मार्च, बरसात के मौसम में जून-जुलाई के महीने में गमले या ग्रो बैग में खीरा के बीज लगा सकते हैं।
- बीज कितनी गहराई पर लगाएं – खीरा के बीजों को लगभग 0.5 से 1 सेंटीमीटर गहरा लगाया जाना चाहिए।
- मिट्टी कैसी होनी चाहिए – खीरा का पौधा अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी में तीव्र गति से ग्रो करता है। इस मिट्टी के साथ आप पॉटिंग मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं।
- पानी कितना देना चाहिए – ग्रो बैग में खीरा के बीज बोने के बाद मिट्टी में नमी बनाए रखें। मिट्टी में नमी की जाँच करें। यदि मिट्टी सूख गई है, तो आप पौधे को पानी दें।
- सूर्य प्रकाश – खीरा के पौधे को तीव्र गति से बढ़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में सूरज की रोशनी प्राप्त होनी चाहिए। खीरे के ऐसे पौधे जिन्हें पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं मिल पाती, उनमें खराब फल लगने की संभावना अधिक होती है और पैदावार भी कम होती है। इसलिए, पौधों को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहां पौधों को कम से कम 6 से 8 घंटे की धूप प्राप्त हो सके।
- उर्वरक कितना दें – आप ग्रो बैग में खीरा उगाने के लिए पौधे को गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट और नीम केक दे सकते हैं।
- किस साइज के ग्रो बैग में खीरा लगाएं – आप 12 x 12 (चौड़ाई x लंबाई) इंच के ग्रो बैग या आवश्यकता अनुसार इससे बड़े साइज़ ग्रो बैग का चयन कर सकते हैं।
(और पढ़ें: घर पर गमले में खीरा या ककड़ी कैसे उगाएं…)
मिर्च – Chilli Is Best Vegetable For Grow Bag Gardening In Hindi
- ग्रो बैग में मिर्च लगाने का तरीका – आप मिर्ची के पौधों को गमले या ग्रो बैग में लगाने से पहले, मिर्ची के बीजों को सीडलिंग ट्रे में अंकुरित कर लें। बीज अंकुरित होने के बाद आप पौधों को गमले या ग्रो बैग में स्थानांतरित कर सकते हैं। आप गमले में मिर्च लगाने के लिए, गमले या ग्रो बैग को पॉटिंग मिश्रण से भरें, और इस मिश्रण में थोड़ा सा पानी डालकर रात भर रखा रहने दें। ताकि, मिश्रण अवश्यकतानुसार गीला हो जाए। अगले दिन, तैयार किए हुए मिर्ची के पौधों को पॉटिंग मिश्रण से भरे गमले या ग्रो बैग में लगा दें।
- मिट्टी कैसी होनी चाहिए – आप ग्रो बैग में मिर्ची के पौधे लगाने के लिए रेतीली दोमट मिट्टी का उपयोग कर सकते हैं। क्योंकि इस मिट्टी में मिर्ची का पौधा अच्छी तरह से ग्रो करता है। यह मिट्टी उचित जल निकासी वाली मिट्टी होती है, जिसके कारण मिर्ची के पौधे की जड़े सड़ने का खतरा भी नहीं रहता है।
- पानी कितना दें – मिर्ची के पौधे लगे हुए गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में नमी बनाए रखें। लेकिन जब मिर्ची के पौधे पर फूल आना शुरू हो जाएं, तो पौधे को पानी देना कम कर दें।
- सूर्य प्रकाश – हरी मिर्च का पौधा लगाने के बाद गमले को ऐसी जगह पर रख दें, जहां सूरज की रोशनी पौधे को अच्छी तरह से प्राप्त हो सके। क्योंकि उचित मात्रा में सूर्य रोशनी प्राप्त होने पर मिर्ची के पौधे का अच्छी तरह से विकास होता है।
- उर्वरक कितना दें – आप मिर्ची के अधिक उत्पादन के लिए जैविक खाद जैसे- कम्पोस्ट, बोनमील और गोबर की खाद का उपयोग कर सकते हैं।
- कीटों की रोकथाम – आप पौधों पर कीटों की रोकथाम के लिए नीम ऑयल का छिड़काव कर सकते हैं।
(और पढ़ें: घर पर गमले में हरी मिर्च कैसे उगाएं…)
गाजर – Carrot To Grow At Home In Pot In Hindi
- गाजर किस मौसम में लगाएं – गाजर मुख्य रूप से ठंडे मौसम की फसल है। लेकिन इसे अनुकूल परिस्थितियों में किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है। आप बारिश के ठीक बाद अगस्त से लेकर कभी भी गाजर के बीजों को ग्रो बैग में बो सकते हैं।
- बीज को कितना गहरा बोएं – आप गाजर के बीजों को ग्रो बैग की मिट्टी में लगभग ½ इंच गहरा बो सकते हैं।
- मिट्टी कैसी होनी चाहिए – गाजर का पौधा सूखी, दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से ग्रो करता है, क्योंकि इस मिट्टी में पौधे की जड़े अच्छी तरह से विकसित होती हैं और इस मिट्टी में पौधे की जड़ों का विकास भी अच्छे से होता है।
- पानी कितना दें – आप ग्रो बैग की मिट्टी में नमी बनाए रखें, ध्यान रखें कि मिट्टी सूख न पाए, मिट्टी को नम रखने के लिए पौधे को नियमित रूप से पानी दें।
- उर्वरक – गाजर एक जड़ वाली फसल है, इसलिए गाजर के पौधे ऐसी मिट्टी पसंद करते हैं, जिसमे नाइट्रोजन ज्यादा मात्रा में न हो। पौधे की जड़ों के विकास के लिए, ऐसे उर्वरक का उपयोग करें, जिसमे नाइट्रोजन कम, लेकिन फॉस्फोरस और पोटेशियम अधिक मात्रा में हो। अतः गाजर उगाने के लिए आप बोनमील, मस्टर्ड केक और गोबर की खाद इत्यादि जैविक उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं।
- रोग और कीट से बचाव – गाजर के पौधों को रोगों और कीटों से बचाने के लिए, आप पौधे पर नीम तेल या अन्य किसी उपयुक्त कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं।
(और पढ़ें: घर पर गमले में गाजर कैसे उगाएं…)
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मूली – Radish Best Vegetable For Grow Bag Gardening In Hindi
ग्रो बैग में मूली उगाने के लिए सर्दी का मौसम सबसे बेस्ट होता है। इसलिए आप इसे वसंत और शरद ऋतु में उगा सकते हैं। हालाँकि आप मूली को ग्रो बैग में सितम्बर से जनवरी तक लगाएं। ग्रो बैग में मूली उगाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी निम्न हैं:
- बीज को कितना गहरा बोएं – आप मूली के बीजों को अपने गमले या ग्रो बैग में लगभग ½ से ¼ इंच गहरा बो सकते हैं।
- बीज अंकुरण का समय – मूली के बीज लगभग 7 से 10 दिन में अंकुरित होने लगते हैं।
- मिट्टी कैसी होनी चाहिए – मूली का पौधा सूखी, दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से ग्रो करता है, क्योंकि यह मिट्टी पौधे की जड़ों के विकास में सहायक होती है। आप मिट्टी, गोबर खाद, कोकोपीट को बराबर अनुपात में मिलाकर मूली उगाने के लिए एक अच्छा पॉटिंग मिश्रण तैयार कर सकते हैं।
- सूर्य प्रकाश – आप मूली के पौधों को ऐसे स्थान पर लगाए, जहां पौधों को लगभग 6 से 8 घंटे की धूप प्राप्त हो सके।
- पानी कितना दें – आप ग्रो बैग की मिट्टी में नमी बनाए रखें, ध्यान रखें कि मिट्टी सूख न पाए। मिट्टी को नम रखने के लिए नियमित रूप से पानी दें। आप ग्रो बैग में लगे पौधों को वॉटर केन की सहायता से पानी दे सकते हैं।
- उर्वरक – मूली एक जड़ वाली फसल है, इसलिए मूली के पौधे ऐसी मिट्टी में अच्छा उत्पादन करते हैं, जिसमें नाइट्रोजन ज्यादा मात्रा में न हो। पौधे की जड़ों के विकास के लिए, ऐसे उर्वरक का उपयोग करें, जिसमें नाइट्रोजन कम और फॉस्फोरस तथा पोटेशियम अधिक मात्रा में हो। आप मूली उगाने के लिए बेस्ट उर्वरक के रूप में बोनमील, मस्टर्ड केक और गोबर की खाद का उपयोग कर सकते हैं।
- रोग और कीट से बचाव – मूली के पौधों को रोगों और कीटों से बचाने के लिए, आप पौधे पर नीम तेल का छिड़काव कर सकते हैं।
(और पढ़ें: घर पर गमले में मूली कैसे उगाएं…)
मटर – Pea Vegetable Grow In Pot In Hindi
- मटर के बीज लगाने का तरीका – मटर लगाने के लिए आप गमले या ग्रो बैग को मिट्टी और पॉटिंग मिश्रण से भर लें, और इस मिश्रण में थोड़ा सा पानी डालकर रात भर रखा रहने दें। ताकि, मिश्रण अवश्यकतानुसार गीला हो जाए। अगले दिन, गमले की मिट्टी में मटर के बीजों को लगा दें।
- मिट्टी कैसी होना चाहिए – मटर का पौधा, ठंडी और नम मिट्टी में अच्छी तरह से विकसित होता है। मटर का पौधा लगी हुई मिट्टी को पूरी तरह से सूखने न दें, आप आवश्यकतानुसार मिट्टी में नमी बनाएं रखें।
- पानी की आवश्यकता – जब तक मटर के बीज अंकुरित न हों, पौधों को नियमित रूप से पानी देते रहें। जब पौधों में फूल और फल आने लगते है, तो पौधों को पानी देना कम कर दें, क्योंकि अधिक पानी देने से फूल गिर सकते है, और पैदावार भी कम हो सकती है। इसके अतिरिक्त आप ध्यान रखें की गमले या ग्रो बैग में पानी भरा न रहे, क्योंकि पानी भरा रहने से पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं या पैदावार कम हो सकती है। अतः पौधों को उचित मात्रा में पानी दें।
- सूर्य प्रकाश – आप मटर के पौधों को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहां इन्हें लगभग 6 से 8 घंटे की धूप मिल सके। लेकिन यदि आप गर्मी के मौसम में मटर के पौधों को लगाते हैं, तो इन्हें दोपहर की तेज धूप से बचाएं, क्योंकि तेज धूप में ये पौधे नष्ट हो सकते हैं या कम फल दे सकते हैं।
- उर्वरक – मटर के पौधे की पैदावार बढ़ाने के लिए आप आर्गेनिक खाद जैसे- किचन वेस्ट खाद, बोनमील, नीम केक का उपयोग कर सकते हैं।
- गमले या ग्रो बैग का साइज़ – चूँकि, मटर के पौधे की जड़ें उथली होती है, इसलिए आप ऐसे गमले या ग्रो बैग का उपयोग करें, जो कि गहराई में कम और चौड़ाई और लम्बाई में बड़े हों। आप मटर उगाने के लिए रेक्टेंगल ग्रो बैग का उपयोग कर सकते हैं।
- कीट और रोग – मटर के पौधों को रोगों और कीटों से बचाने के लिए आप नीम तेल का छिड़काव कर सकते हैं।
(और पढ़ें: घर पर गमले में मटर कैसे उगाएं…)
बैंगन – Brinjal Plant Grow In Container In Hindi
- ग्रो बैग में ब्रिंजल बीज कैसे बोएं – आप बैंगन के बीजों को मिट्टी में लगभग ¼ इंच गहरा लगा सकते हैं। सबसे पहले आप बैंगन के बीजों को सीडलिंग ट्रे में लगाएं, और बीज अंकुरित होने के बाद पौधों को किसी बड़े गमले या ग्रो बैग में स्थानांतरित कर दें।
- किस मौसम में लगाएं – बैंगन का पौधा बहुत ठण्डी जलवायु में अच्छी तरह से ग्रो नहीं कर पाता हैं। यदि आप रात के लगातार 50°F (10°C) से कम तापमान पर बैंगन लगाते हैं, तो ठंड के प्रभाव के कारण बीज सही से अंकुरित नहीं होगें और ग्रो बैग में प्रत्यारोपित किया गया पौधा भी ग्रो नहीं कर पाएगा। अतः बैंगन के बीजों को उगने के लिए गर्म जलवायु आवश्यक होती है। यह उन क्षेत्रों में सबसे अच्छी तरह उगता है, जहां दिन का तापमान 26 से 32 डिग्री सेल्सियस (80-90 डिग्री फारेनहाइट) और रात का तापमान 15 से 21 डिग्री सेल्सियस (70 डिग्री फारेनहाइट) के बीच होता है।
- मिट्टी कैसी हो – आप बैंगन के पौधे उगाने के लिए पॉटिंग मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं। 6.5 और 7.5 के बीच पीएच मान वाली उपजाऊ मिट्टी में लगाए जाने पर बैंगन का पौधा अच्छी तरह से ग्रो करता है। यदि मिट्टी अम्लीय है, और आप मिट्टी की एसिडिटी को कम करना चाहते हैं, तो उस पर थोड़ी मात्रा में बेकिंग सोडा छिड़कें। और यदि गार्डन की मिट्टी का पीएच 7.5 से अधिक है, तो आप मिट्टी में एप्सम साल्ट मिलाकर पीएच मान को उदासीन कर सकते है।
- पानी कितना दें – लगातार मिट्टी को नम बनाए रखने से बैंगन का पौधा अच्छे गुणवत्ता वाले फलों का उत्पादन करता है। पानी देते समय पौधे की पत्तियों को गीला न करें, क्योंकि गीली पत्तियां बैंगन के पौधे में रोग लगने का कारण बन सकती हैं। इसके अतिरिक्त, यदि मिट्टी जल्दी सूख जाती है, तो आप बैंगन के पौधे को उचित मात्रा में पानी देते रहें।
- उर्वरक – चूंकि, बहुत अधिक नाइट्रोजन युक्त खाद का इस्तेमाल करने से पौधे तेजी से बढ़ते हैं और हरे भरे रहते हैं, लेकिन नाइट्रोजन के प्रभाव से फलों का उत्पादन कम और धीमी गति से होता है। अतः आपको बैंगन के लिए फास्फोरस और पोटेशियम से युक्त उर्वरक का उपयोग करना चाहिए। आप ग्रो बैग में बैंगन उगाने के लिए उर्वरक के रूप में बोनमील, रॉक फॉस्फेट और वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करें।
- रोग और कीटों से सुरक्षा – बैंगन का पौधा बहुत से रोगों और कीटों से प्रभावित हो सकता है। अतः पौधों को रोगों और कीटों से बचाने के लिए, आप पौधे पर घरेलू कीटनाशक नीम तेल और एप्सम साल्ट का उपयोग कर सकते हैं।
(और पढ़ें: घर पर गमले में बैगन कैसे उगाएं…)
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चुकंदर – Beetroot Best Vegetable To Grow In Grow Bag In Hindi
- चुकन्दर की बुवाई का मौसम – चुकंदर को जून से अक्टूबर के बीच बरसात के मौसम में और अक्टूबर से फरवरी के बीच सर्दियों के मौसम में कभी भी ग्रो बैग या गमले में उगाया जा सकता है।
- बीज कितना गहरा बोएं – सीडलिंग ट्रे या ग्रो बैग की मिट्टी में चुकंदर के बीज को लगभग 0.5 इंच गहराई पर बोएं।
- बीज अंकुरित होने में समय – बुवाई से लगभग 6 से 8 दिनों में चुकंदर के बीज अंकुरित हो जाते हैं।
- मिट्टी कैसी हो – आप चुकंदर को किसी भी प्रकार की मिट्टी में उगा सकते हैं, लेकिन इसकी अच्छी ग्रोथ के लिए दोमट और रेतीली मिट्टी को सबसे अच्छा माना जाता है। दोमट मिट्टी खासकर जड़ वाली सब्जियों के लिए अत्यधिक उपजाऊ होती है। इस मिट्टी में पोषक पदार्थों की मात्रा भी अधिक होती है। बीटरूट या चुकंदर उगाने के लिए मिट्टी का पीएच स्तर 6.3 और 7.5 के बीच सबसे उपयुक्त माना जाता है। चुकंदर को उदासीन, नम और उपजाऊ मिट्टी में उगाया जा सकता है।
- पानी कितना दें – आप चुकंदर लगे हुए गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में नमी बनाएं रखें। यदि मिट्टी गीली है, तो अधिक पानी न दें, लेकिन यदि मिट्टी सूखी दिखाई दे रही हैं, तो आप चुकंदर के पौधे को पानी दे सकते हैं।
- सूर्य प्रकाश – बीटरूट या चुकंदर को ग्रो बैग या गमले में उगाना बहुत आसान है। चुकंदर के पौधे को उगने के लिए रोजाना 6 से 8 घंटे धूप की जरूरत होती है। हालांकि, चुकंदर आंशिक छाया में भी ग्रो कर सकता है।
- उर्वरक – चुकंदर की पैदावार बढ़ाने के लिए आप पौधे पर बोनमील, रॉक फास्फेट, मस्टर्ड केक और पोटाश जैसे उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं। मिट्टी में पोटाश की उचित मात्रा मिलाने के लिए आप लकड़ी की राख को खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि स्वस्थ जड़ विकास में सहायक होता है।
- चुकंदर में होने वाले रोग – चुकंदर की फसल में लीफ स्पॉट (leaf spot) सबसे आम बीमारी है, जिसे बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है। यह रोग गर्म और अत्याधिक गीली मिट्टी के कारण उत्पन्न होता है। रूट-नॉट नेमाटोड (Root-knot nematodes) जड़ो पर गॉल (galls) या सूजन का कारण बनते हैं। चुकंदर के पौधों को कीटों से बचाने के लिए आप पौधों पर नीम तेल का छिड़काव कर सकते हैं तथा मिट्टी में नीम केक का घोल दिया जा सकता है।
(और पढ़ें: चुकंदर को घर पर गमले में कैसे उगायें…)
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