टमाटर के पौधों में होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है, उनकी पत्तियों का मुरझाना। इस समस्या को झुलसा या उकठा रोग (Wilt) के नाम से भी जाना जाता है। टमाटर के पौधों का मुरझाना कई कारणों से हो सकता है जैसे कम या ज्यादा पानी देना, मौसम में बदलाब होना, फ्यूजेरियम या वर्टिसिलियम विल्ट जैसे कवक रोग लग जाना। इन रोगों में टमाटर की पत्तियां अचानक मुरझाकर नीचे की ओर लटक जाती हैं और कुछ समय बाद पत्तियां पीली पड़कर सूखने लगती हैं। आखिर में पूरा पौधा मुरझा कर मर (Die) जाता है। यह झुलसा रोग (Wilt Diseases) टमाटर के पौधे को बहुत तेजी से सूखने की कगार पर पहुंचा देता है, इसी वजह से सही समय पर इसकी पहचान करना और रोकथाम करना बहुत जरूरी हो जाता है।
टमाटर में लगने वाला झुलसा, विल्ट या उकठा रोग (Tomato Wilt Disease) क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, यह रोग कैसे फैलता है, टमाटर के पौधों को मुरझाने से कैसे रोकें? की पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी। टमाटर में झुलसा रोग की रोकथाम, बचाव और नियंत्रण के उपाय जानने के लिए यह लेख लास्ट तक जरूर पढ़ें।
टमाटर का झुलसा रोग क्या है – What Is Tomato Plant Wilt Disease In Hindi
बगीचे (garden) या घर पर गमले में लगे टमाटर के पौधे का मुरझाना या झुलसना ही झुलसा रोग (Wilt) कहलाता है, जिसे उकठा या विल्ट के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग में पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, मुरझाकर झुकने लगती हैं, तना अन्दर से सड़ने और खोखला होने लगता है, पौधे की ग्रोथ रुक जाती है और साथ ही टमाटर के फल सड़ भी सकते हैं।
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टमाटर में झुलसा रोग के लक्षण क्या हैं – Tomato Wilt Disease Symptoms In Hindi
घर पर लगे टमाटर (Tomato) के पौधों में झुलसा या उकठा रोग (Wilt) के कारण पत्तियां कई तरह से मुरझा सकती हैं जैसे:
- पौधे की केवल निचली कुछ नई पत्तियां मुरझाती हुई दिख सकती हैं।
- टमाटर के पौधे की केवल ऊपर की पत्तियां झुलसती और सूखती हुई दिखाई पड़ सकती हैं।
- पौधों की केवल एक तरफ की पत्तियां (one side leaves) पीली पड़ती हुई और मुरझाती हुई नजर आ सकती हैं।
- टमाटर की हरी पत्तियां बिना पीली पड़े और दाग या धब्बा लगे भी मुरझाई हुई दिख सकती हैं।
- इस रोग में टमाटर के पौधे की ग्रोथ रुक (Stunned Growth) जाती है और नए फल लगना भी बंद हो जाता है।
- तने को काट कर देखने पर वह अन्दर से सड़ने लगता है, और खोखला (Hollow Stem) होने लगता है।
- आखिर में रोग बढ़ने पर टमाटर का पूरा पौधा सूख जाता है।
नोट – ये लक्षण पौधे को ट्रांसप्लांट करने के बाद और फल व फूल आते समय नजर आ सकते हैं।
टमाटर का पौधा मुरझा कर क्यों सूख जाता है – What Causes Tomato Plants To Wilt And Die In Hindi
टमाटर के पौधों का मुरझाना (Tomato Wilt) कई अलग-अलग कारकों की वजह से हो सकता है जैसे:
- पानी की कमी, टमाटर के पौधे के मुरझाने का सबसे आम कारण है। पर्याप्त पानी न मिलने से पत्तियां मुरझाने लगती हैं और तना भी कमजोर पड़ने लगता है। गर्मी के समय यह समस्या ज्यादा देखी जाती है।
- जरूरत से ज्यादा पानी देना भी पौधे के मुरझाने का कारण बन सकता है। अधिक पानी मिलने से पौधे की जड़ें सड़ने-गलने लगती हैं जिस वजह से वे पानी और अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाती और पौधा झुलस (Wilt) जाता है।
- टमाटर की पौध (Seedling) को ट्रांसप्लांट करने के बाद भी सीडलिंग मुरझाने (tomato seedling wilting) की समस्या देखी जा सकती है। ऐसा अचानक वातावरण में बदलाव के कारण हो सकता है या सीडलिंग हार्डनिंग न करने के कारण भी होता है।
- अधिक ठंड होना या मिट्टी का ज्यादा समय तक गीली रहना। गीली मिट्टी के कारण टमाटर में कवक (Fungus) रोग हो जाते हैं, जिससे पौधा मुरझाने लगता है।
- फ्यूजेरियम विल्ट, बैक्टीरियल विल्ट तथा और भी कई रोग हैं, जो टमाटर के पौधे में लग जाएं तो पूरा पौधा मुरझाने (Wilt) लगता है। आपको इन रोगों की पहचान होना जरूरी है, ताकि सही समय पर इनका नियंत्रण किया जा सके।
आगे हम उन रोगों के बारे में जानेंगे जिनके कारण टमाटर के पौधे मुरझाने लगते हैं।
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रोग लग जाने के कारण टमाटर के पौधों का मुरझाना – Diseases That Causes Tomato Leaves Wilting In Hindi
जब ठंडा मौसम होता है या मिट्टी लम्बे समय तक गीली रहती है तब मिट्टी में मौजूद कवक (Fungus) या जीवाणु (Bacteria) अधिक सक्रिय हो जाते हैं। ये रोगजनक सबसे पहले टमाटर के पौधे की जड़ों में प्रवेश करते हैं। इसके बाद ये रोगजनक पौधे के सभी हिस्सों में पानी और पोषक तत्वों को पहुँचाने में बाधा पैदा करते हैं। इस वजह से पौधे पोषक तत्वों और पानी की कमी से मुरझाने लगते हैं। टमाटर के पौधे मुख्य रूप से निम्न रोगों के कारण मुरझाने लगते हैं:
- फ्यूजेरियम विल्ट (Fusarium Wilt)
- वर्टिसिलियम विल्ट (Verticillium Wilt)
- बैक्टीरियल विल्ट (Southern Bacterial Wilt)
- धब्बेदार उकठा विषाणु (Tomato Spotted Wilt Virus)
फ्यूजेरियम विल्ट – Fusarium Wilt Of Tomato Plant Symptoms And Control In Hindi
अगर आपके टमाटर के पौधे की एक तरफ की पत्तियां पीली हो रही हैं और मुरझा रही हैं, तो यह फ्यूजेरियम विल्ट रोग है। रोग की शुरुआत में पौधे की मिट्टी के नजदीक वाली पुरानी पत्तियां पीली होती हैं। इसके बाद पत्तियां मुरझाकर सूखने लगती हैं। पौधे की ग्रोथ रुक जाती है, फल नहीं लगते हैं और तने को काटकर देखने पर उसमें कत्थई (Brown) रंग के दाग (Spot) दिखाई देते हैं। यह रोग, मिट्टी में मौजूद फ्यूजेरियम ऑक्सिस्पोरम (Fusarium Oxysporum) नाम के कवक (Fungus) के कारण फैलता है, जो की उमस वाले वातावरण (Warm And Moist Weather) में पनपता है।
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वर्टिसिलियम विल्ट – Verticillium Wilt Tomato Plant Symptoms And Treatment In Hindi
क्या आपके टमाटर के पौधे की निचली, पुरानी पत्तियां (Older Leaves) किनारे से पीली होकर मुरझा रही हैं? क्या पत्तियां दोपहर के समय अधिक मुरझाई हुई दिखती हैं, लेकिन शाम को ठीक हो जाती हैं? यदि हाँ, तो यह वर्टिसिलियम विल्ट रोग के ही लक्षण हैं। इस रोग में निचली पत्तियां पहले पीली पड़ती हैं और फिर वे सूख कर गिर जाती हैं, जबकि पौधे की सबसे ऊपर की पत्तियां हरी ही रहती हैं। वर्टिसिलियम विल्ट रोग, मिट्टी में पलने वाले कवक (Fungus), वर्टिसिलियम डाहलिया (Verticillium Dahliae) के कारण होता है।
बैक्टीरियल विल्ट – Bacterial Wilt Tomato Plant Symptoms And Treatment In Hindi
यदि आपका टमाटर का पूरा पौधा अचानक तेजी से मुरझा गया है, तो यह बैक्टीरियल (Bacterial Wilt) विल्ट रोग हो सकता है। इस रोग में पत्तियां न ही पीली पड़ती हैं और न ही उन पर कोई धब्बे दिखाई देते हैं। यह रोग राल्सटोनिया सोलानेसीरम (Ralstonia/Pseudomonas Solanacearum) नामक जीवाणु (Bacteria) के कारण फैलता है, जो गर्म मौसम में अधिक सक्रिय रहता है।
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धब्बेदार उकठा विषाणु रोग – Tomato Plant Spotted Wilt Virus Diseases In Hindi
अगर टमाटर का पौधा ऊपर की तरफ से मुरझाकर सूख रहा है, तो यह उकठा विषाणु रोग (Wilt Virus) हो सकता है। इस रोग में टमाटर की पत्तियों पर कत्थई (Brown) धब्बे और तनों पर कत्थई धारियां नजर आती हैं। फलों पर पीले और लाल रंग के गोलाकार छल्लेनुमा आकृति (Rings) दिखाई देती है। यह रोग थ्रिप्स (Thrips) नाम के कीट के द्वारा संक्रमित पौधे से स्वस्थ पौधे में फैलता है।
रोग कैसे ठीक करें – नीम तेल (Neem Oil) का छिड़काव करने से थ्रिप्स कीट को नियंत्रित किया जा सकता है, जो कि इस रोग का मुख्य कारण बनता है।
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टमाटर में झुलसा रोग का इलाज कैसे करें – Tomato Plant Wilt Treatment In Hindi
अगर टमाटर का पौधा ऊपर बताए हुए रोगों के कारण मुरझा (Wilt) रहा है और यदि रोग बहुत अधिक बढ़ गया है, तो ऐसे में इस रोग का नियंत्रण (Control) कर पाना काफी मुश्किल है। लेकिन अगर रोग की शुरुआत है और पौधे की केवल कुछ पत्तियां मुरझाई हैं, तब सबसे पहले उन प्रभावित पत्तियों को हटा दें और नष्ट कर दें। इससे बीमारी को और फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा भी आप कुछ रोकथाम संबंधी उपाय अपनाकर टमाटर के पौधों को मुरझाने या झुलसा रोग होने से बचाया जा सकता है।
टमाटर में झुलसा रोग की रोकथाम करने के उपाय – How To Prevent Wilting In Tomatoes In Hindi
एक बार टमाटर के पौधे में झुलसा रोग हो जाने के बाद उसे नियंत्रित कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है। इसी वजह से टमाटर के पौधों में झुलसा या विल्ट रोग न हो, इसके लिए आगे दिए गए रोकथाम के उपाए अपनाएं जाते हैं:
टमाटर उगाते समय ध्यान रखें ये बातें – 3 Tips Before You Plant Tomatoes To Avoid Wilting In Hindi
- अगर आप टमाटर उगाने जा रहे हैं, तो अर्का रक्षक जैसी रोग प्रतिरोधी किस्मों को उगाएं, जो झुलसा या उकठा (wilt) जैसे रोगों से सुरक्षित रहती हैं।
- पौधों को अच्छी भुरभुरी मिट्टी में लगाएं, ताकि उसमें पानी जमा न हो। इससे टमाटर में कवक रोगों को होने से रोकने में मदद मिलती है।
- टमाटर के पौधों को उगाने के लिए नई मिट्टी का प्रयोग करें। ऐसा इसीलिए, क्योंकि किसी पौधे की पुरानी मिट्टी में रोगजनक मौजूद रह सकते हैं।
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टमाटर के पौधे को मुरझाने से बचाने के उपाय – How To Prevent Tomato Plants From Wilting In Hindi
- टमाटर की पौध (Seedling) को गमले या गार्डन में ट्रांसप्लांट करने से पहले उसे कुछ दिनों तक सुबह की धूप में रखें (Seedling Hardening) और फिर कुछ समय बाद उठा कर अन्दर रख लें। 1 हप्ते बाद सीडलिंग को ट्रांसप्लांट कर दें, इससे सीडलिंग मुरझाती नहीं है।
- अगर टमाटर का पौधा मुरझाने के बाद सूख रहा है, तो पहले मिट्टी को चेक करें, यदि यह सूखी है, तो पौधे को गहराई से पानी दें।
- यदि मिट्टी अधिक गीली रहती है, तो पौधे को धूप में रखें और गमले का ड्रेन होल भी चेक करें, कहीं बंद तो नहीं है। आगे से पानी उचित मात्रा में दें।
- टमाटर की निचली पत्तियों को मिट्टी के सम्पर्क में आने से रोकें या इन्हें हटा दें। क्योंकि जमीन या मिट्टी के नजदीक वाली पत्तियों में जल्दी फंगस लगती है।
- पौधे की जड़ों में पानी दें, न कि ऊपर की पत्तियों पर। इससे पत्तियां सूखी (Dry) रहेगीं और कवक व बैक्टीरिया को फैलने में मुश्किल होगी।
- पौध (Seedling) को ट्रांसप्लांट करने के लगभग 20-25 दिन बाद पौधे पर हर हप्ते नीम तेल (Neem Oil) का छिड़काव करें।
- टमाटर के पौधे की मल्चिंग कर दें। इससे मिट्टी में मौजूद रोगजनक पत्तियों के सम्पर्क से दूर रहते हैं।
इस आर्टिकल में आपने जाना कि टमाटर में होने वाला झुलसा, विल्ट या उकठा रोग (Tomato Wilt) क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, इस रोग की रोकथाम और उपचार कैसे करें। टमाटर के पौधे को झुलसा रोग से बचाने को लेकर आपके मन में अगर कोई भी सवाल हो तो आप उसे कमेन्ट बॉक्स में जरूर लिखें। अगर आपको यह लेख यूजफुल लगा हो, तो इसे अपने गार्डनिंग करने वाले दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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