यदि आपने अपने होमगार्डन में बहुत से पौधों को उगाया है, तो आपको यह पता होना चाहिए कि, पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए मिट्टी, पानी और सूर्य प्रकाश की आवश्यकता तो होती ही है, साथ ही खाद और उर्वरक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गार्डन में लगे कुछ पौधे अपने बेहतर विकास के लिए अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित करते हैं, जबकि कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं, जिन्हें ठीक तरह से ग्रो करने के लिए कोई विशेष खाद या उर्वरक की जरूरत नहीं होती है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से हैवी फीडर अर्थात् अधिक खाद का उपयोग करने वाले पौधों के बारे में बताने रहें हैं। हैवी या भारी फीडर पौधे क्या हैं, अधिक खाद व उर्वरक वाले पौधों के नाम, हैवी फीडर प्लांट कौन-कौन से हैं तथा भारी फीडर पौधों को खाद देते समय कौन सी सावधानियां रखें, जानने के लिए लेख पढ़ें।
हैवी फीडर पौधे क्या होते हैं – What Is Heavy Feeder Plant In Hindi
भारी फीडर या हैवी फीडर के अंतर्गत ऐसे पौधों को रखा गया है, जिन्हें वृद्धि करने के लिए अन्य पौधों की अपेक्षा अधिक मात्रा में पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, अर्थात् जिन पौधों को अच्छी तरह से बढ़ने व पूर्णतः विकसित होने के लिए विशेष देखभाल तथा कार्बनिक पदार्थों से भरपूर खाद की आवश्यकता अधिक होती है, उन्हें हैवी फीडर (Heavy Feeder) पौधे कहा जाता है। इसके विपरीत जो पौधे कम देखभाल और कम खाद के इस्तेमाल से भी उगाये जा सकते हैं, उन्हें लाइट फीडर पौधे कहते हैं।
हैवी फीडर पौधों के नाम – Heavy Feeder Plants Name In Hindi
आइये आगे जानते हैं कि, वह पौधे कौन-कौन से हैं, जिन्हें अच्छी तरह बढ़ने, फूल व फल लगने के लिए अधिक खाद की आवश्यकता होती है। कुछ हैवी फीडर पौधों के नाम निम्न हैं:-
- सूरजमुखी (Sunflower)
- बैंगन (Eggplant or Brinjal)
- मिर्च (chilli)
- टमाटर (Tomato)
- मक्का (Corn)
- खीरा (Cucumber)
- खरबूजा (musk melon)
- कद्दू (Pumpkin)
- लौकी (Bottle Gourd)
- स्क्वैश (Squash)
- तरबूज (Water Melon)
- चुकंदर (Beetroot)
- ब्रोकली (Broccoli)
- ब्रसेल्स स्प्राउट (Brussels Sprouts)
- गोभी परिवार की सब्जियां (Cruciferous Vegetable), आदि।
हैवी फीडर पौधों के लिए खाद – Best Fertilizer For Heavy Feeder Plant In Hindi
अधिकांश उर्वरक, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम पोषक तत्वों की मात्रा के अनुसार होते हैं, ये सभी पोषक तत्व पौधों की अलग-अलग स्तर पर वृद्धि करने में सहायक होते हैं, जैसे- नाइट्रोजन पौधे की पत्तियों को विकसित करने, फास्फोरस पौधों को विकसित करने व जड़ों को मजबूत बनाने तथा पोटेशियम पौधे में लगने वाले फल की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ, पौधों की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाकर उन्हें स्वस्थ और मजबूत बनाता है। इस प्रकार पौधे की वृद्धि के अनुसार, आपको समय-समय पर उचित खाद व उर्वरक का उपयोग करना चाहिए। आप पौधों की मिट्टी में नीम केक, रॉक फॉस्फेट, प्रोम और पोटाश आदि खाद मिला सकते हैं।
कई गार्डनर्स का सवाल होता है कि, भारी फीडर या हैवी फीडर पौधों को कितनी मात्रा में खाद दें?, तो इसके लिए हम आपको बता दें कि, हैवी फीडर पौधों के बीज लगाने के बाद लगभग 9 सप्ताह तक 2-3 सप्ताह के अंतराल पर 1 मुट्ठी खाद देना चाहिए। आप पौधों को होममेड कम्पोस्ट जैसे- किचिन वेस्ट फर्टिलाइजर, लीफ फर्टिलाइजर, कम्पोस्ट चाय और जैविक उर्वरक का उपयोग साइड ड्रेसिंग के रूप में कर सकते हैं।
हैवी फीडर पौधों को खाद कब दें – When To Fertilize Heavy Feeder Plants In Hindi
यदि आप गार्डनिंग करते हैं, तो यह सवाल आपके मन में जरूर आया होगा कि, भारी फीडर या हैवी फीडर पौधों को खाद कब दें?, तो हम आपको बता दें कि, अधिक खाद वाले पौधों को लगाने से पहले आपको मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने और उपजाऊ बनाने के लिए मिट्टी में जैविक खाद मिलानी होगी, लेकिन यदि आपने ऐसा करने से पहले ही पौधा लगा दिया है, तो फिर आपको पौधे की मिट्टी में तरल जैविक उर्वरक मिलाना होगा।
अधिक खाद वाले सब्जी के पौधे जैसे बैंगन, मिर्च, स्क्वैश और टमाटर आदि के बीज लगाने के लगभग 9 सप्ताह तक प्रत्येक 3-4 सप्ताह के समय अंतराल से खाद देना चाहिए। गमले या ग्रो बैग में लगे पौधों को उचित मात्रा में खाद दें, क्योंकि बहुत अधिक खाद पौधों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आप पौधे की मिट्टी में जैविक खाद डाल सकते हैं, क्योंकि जैविक खाद पोषक तत्वों से भरपूर होने के बावजूद भी पौधों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाती है।
(यह भी जानें: सब्जियों के पौधों में खाद कब और कैसे दें…)
पौधों को खाद देते समय सावधानियां – Precautions To Keep While Fertilizing Plants In Hindi
घर पर गमले या गार्डन की मिट्टी में लगे हैवी फीडर (Heavy Feeder plant) पौधों को खाद व उर्वरक देते समय आपको निम्न सावधानियां रखनी चाहिए, जैसे:-
- गमले या ग्रो बैग में लगे पौधों को खाद देते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, पौधे के तने व जड़ों से कुछ दूरी पर खाद डालें, क्योंकि बहुत अधिक खाद होने पर पौधे पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
- हैवी फीडर पौधों के लिए ऐसे पोषक तत्वों से युक्त खाद का उपयोग करें, जो पानी में आसानी से घुल जाए, क्योंकि पौधे पोषक तत्वों को लिक्विड के रूप में जल्दी अवशोषित कर लेते हैं।
- हैवी या भारी फीडर पौधों को सही समय पर खाद दें, क्योंकि जैविक खाद को घुलने में अधिक समय लग सकता है।
- भारी खाद वाले पौधों को उचित मात्रा में खाद दें, क्योंकि बहुत अधिक खाद का इस्तेमाल पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है।
FAQ
1. मॉडरेट फीडर या मध्यम खाद वाले पौधे कौन से हैं?
उत्तर:- मध्यम फीडर के अंतर्गत बीन्स, बोक चॉय, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, गोभी, फूलगोभी, केल, लेट्यूस, पालक और स्विस चार्ड आदि पौधे आते हैं।
2. लाइट फीडर के अंतर्गत कौन से पौधे आते हैं?
उत्तर:- चुकंदर, गाजर, लीक, प्याज, मूली और शलजम आदि पौधे हल्के फीडर अर्थात् लाइट फीडर के अंतर्गत आते हैं।
3. मध्यम और लाइट फीडर पौधों को खाद कब देना चाहिए?
उत्तर:- मध्यम और लाइट फीडर पौधों के बीज, मिट्टी में लगाने से पहले मिट्टी में लगभग 3 सप्ताह पहले पोषक तत्वों से युक्त जैविक खाद मिला देना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से पौधों को बाद में कम खाद की आवश्यकता होती है।
उपरोक्त आर्टिकल में आपने जाना कि, अधिक खाद वाले पौधे कौन-कौन से हैं, हैवी फीडर पौधों को खाद कब और कैसे दें, तथा उर्वरक देते समय रखी जाने वाली सावधानियां कौन सी हैं। उम्मीद है, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा, इस आर्टिकल से संबंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हैं, हमें कमेंट में लिखकर जरूर बताएं।