आमतौर पर पौधों में रोग या बीमारी कई कारणों से होती है, अक्सर हम इन रोगों का इलाज तो करते हैं, लेकिन हमें यह पता नहीं होता है, कि वास्तव में बीमारी का कारण क्या है, जिसकी वजह से हम भ्रमित होकर गलत समय पर तथा गलत उपचार कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पौधा नष्ट हो जाता है। दरअसल कुछ बीमारी व रोग के लक्षण कुछ हद तक एक जैसे होते हैं, जिसकी वजह से हमें यह पता नहीं चल पाता है, कि यह फंगल रोग है या बैक्टीरियल या फिर वायरल रोग। आज इस लेख में हम पौधों में होने वाले रोगों के लक्षण के बारे में जानेंगे, जिससे सही समय पर रोगों की पहचान कर सही तरीके से उपचार कर पाएं। पौधों में कवक (Fungus), बैक्टीरिया और वायरस के कारण होने वाले रोग/बीमारी के लक्षण या संकेत जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।
पौधों में लगने वाले रोग और उनके लक्षण – Names Of Plant Diseases And Symptoms In Hindi
गार्डन के पौधों में होने वाले रोग व उनके लक्षण निम्न हैं:-
- पौधों में कवक रोग (Fungal Disease)
- पौधों में जीवाणु रोग (Bacterial Disease)
- वायरस या वायरस रोग (Virus Disease)
- अन्य कारणों से होने वाले रोग
पौधों में फंगल रोग के लक्षण – Symptoms Of Fungal Diseases On Plants In Hindi
फंगस को मुख्यतः पत्तियों, तनों और फलों के बाहरी लक्षणों से पहचाना जा सकता है। गार्डन में लगे पौधों में फंगल रोग की पहचान आप निम्न लक्षण या संकेत देखकर कर सकते हैं:-
- यदि पौधे की पत्तियों की निचली व ऊपरी सतह पर जंग के समान ब्राउन रंग के धब्बे या दाने दिखाई देते हैं, तो यह लक्षण जंग कवक (Rust Fungus) रोग के होते हैं।
- फंगल से संक्रमित पौधों की पत्तियों, तनों और फलों की सतह पर पाउडर रूपी सफेद रंग की परत बन जाती है।
- यदि आप लेंस की मदद से देखेंगे, तो पत्तियों की ऊपरी सतह उभरी हुई दिखाई देती है।
नोट:- अपने पौधे की नियमित रूप से जांच करें, तथा फंगल इन्फेक्शन के लक्षण दिखाई देने पर रोगग्रस्त हिस्से को हटाएं, तथा नीम ऑयल तथा अन्य जैविक फंगीसाइड का स्प्रे करें।
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पौधों में जीवाणु या बैक्टीरियल रोग के लक्षण – Symptoms Of Bacterial Diseases On Plants In Hindi
आमतौर पर बैक्टीरिया के द्वारा होने वाले रोग पौधे के बाहरी विकास को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। यह पौधे के ऊतकों के भीतर ही सीमित रहते हैं, इसलिए इनका उपचार करना अन्य रोगों की अपेक्षा मुश्किल होता है। आइए जानते हैं- बैक्टीरिया के कारण होने वाले रोग के लक्षण, जो कि निम्न हैं:-
- पौधे की नई पत्तियों और शाखाओं के ऊतकों (Tissues) का सड़ना।
- जीवाणु संक्रमित रोगों से पौधे की पत्तियों, तनों और फलों पर जले हुए धब्बे दिखाई देने लगते हैं।
- कभी-कभी पौधे की पत्तियों का मुरझाना तथा पूरे पौधे का अचानक गिर जाना, इस रोग के संकेत होते हैं।
नोट:- यह रोग मिट्टी के माध्यम से फैलते हैं, अतः मिट्टी की नियमित जांच करें। यदि मिट्टी में एयरेशन ठीक तरह से नहीं हो रहा है या मिट्टी कॉम्पेक्ट हो गई है, तो पौधे को रिपॉट करें तथा रोगग्रस्त हिस्से को हटाएं।
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पौधों में वायरस रोग के लक्षण – Symptoms Of Viral Diseases On Plants In Hindi
आमतौर पर पौधों में वायरस द्वारा भी कुछ रोग व बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। इन वायरस को सीधे देख पाना मुश्किल होता है, अतः इनका पता माइक्रोस्कोप द्वारा ही लगाया जा सकता है। हालाँकि आप निम्न लक्षण देखकर भी वायरल रोग की पहचान कर सकते हैं:-
- पौधे की पत्तियों का मुड़ना और अनियमित आकार का होना वायरस रोग का प्रमुख लक्षण है।
- पत्तियों की सतह पर स्पॉट्स (सूखे धब्बे) दिखाई देना, वायरस रोग का संकेत हो सकता है।
- वायरस संक्रमित रोगों से पौधे की पत्तियों या उनकी शिराओं का रंग पीला हो जाता है।
नोट:- पौधे में वायरस रोग आसपास उगने वाली खरपतवारों के माध्यम से अधिक फैलते हैं, अतः पौधे के आस-पास खरपतवारनाशी का स्प्रे करें, तथा पौधे की मल्चिंग करें।
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पौधों में अन्य कारणों से दिखाई देने वाले रोगों के लक्षण – Symptoms of Diseases Caused By Other Causes in Plant In Hindi
कुछ रोग ऐसे होते हैं, जो न फंगस, न बैक्टीरिया और न ही वायरस के कारण होते हैं। यह रोग पौधों में अन्य कारणों से होते हैं, लेकिन इनके लक्षण कुछ हद तक बाकि रोगों जैसे ही होते हैं। आइए जानते हैं- पौधों में रोग के लक्षण दिखाई देने के अन्य कारण निम्न हैं:-
- ओवरवाटरिंग (Overwatering) – पौधे में जलभराव की स्थिति भी पत्तियों का पीलापन और उनके झड़ने का कारण बन सकती है। यदि पौधे लगे गमले की मिट्टी से उचित जल निकासी नहीं होती, तो अधिक समय तक जड़ें गीली मिट्टी में रहने से सड़ सकती है और पौधा नष्ट होकर मर भी सकता है।
- सूखे की स्थिति (Drought) – जल भराव की स्थिति के विपरीत सूखे की स्थिति (पानी की कमी) भी पत्तियों के पीले होने व गिरने का कारण बन सकती है।
- अत्यधिक गर्मी (Heat) – अत्यधिक धूप के कारण भी पत्तियों के किनारे मुड़ सकते हैं या ब्राउन रंग के हो सकते हैं, तथा लगातार तेज धूप मिलने से कोमल पत्तियों की सतह पर ब्राउन स्पॉट्स दिखाई दे सकते हैं।
- अत्यधिक ठंड और पाला (Cold And Frost) – अत्यधिक ठंड या फ्रॉस्ट की स्थिति में पौधे के पत्ते गहरे नीले, पीले या ब्राउन रंग के हो सकते हैं।
- पोषक तत्वों की कमी – पौधों में पोषक तत्वों की कमी से तथा तनावग्रस्त स्थिति में भी कुछ रोग के समान लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप भी पौधा नष्ट हो सकता है।
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उपरोक्त लेख में आपने जाना, कि पौधों में होने वाले रोग या होने वाली बीमारियाँ तथा उनकी पहचान करने वाले लक्षण और संकेत के बारे में। उम्मीद है यह लेख आपको अच्छा लगा होगा, लेख से सम्बंधित आपके सवाल व सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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