पौधों के लिए फॉस्फोरस बेहद आवश्यक पोषक तत्व है क्योंकि, यह पौधों के बहुत सारे कार्यों में मदद करता है। पौधे के लिए बीज से लेकर बड़े होने तक शायद ही कोई ऐसा समय होगा जिसमें फॉस्फोरस का योगदान न होता हो। अगर आप भी गार्डनिंग का शौक रखते हैं या फिर आपने बगीचे में कुछ पौधे लगाएं हैं तो आपको पौधे के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों के बारे में जरूर पता होना चाहिए। पौधों की वृद्धि व विकास के लिए जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, उनमे से एक फॉस्फोरस भी है। इस लेख में आप जानेंगे पौधों में फास्फोरस के कार्य तथा कमी के लक्षण और कारण क्या हैं तथा घर पर लगे पौधे में फास्फोरस की कमी को दूर करने के लिए कौन कौन से उपाय और तरीके अपनाए जा सकते हैं।
जब भी फॉस्फोरस तत्व की कमी होती है, तो इसके लक्षण पौधों में साफ-साफ दिखाई देने लगते हैं। जैसे पत्तियों के रंग में बदलाव होना, पौधे की वृद्धि व विकास रुक जाना इत्यादि। यहां पर हम आपको पौधों में फॉस्फोरस की कमी के लक्षण और इसके महत्व के बारे में पूरी जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
पौधों में फास्फोरस के कार्य – Phosphorus Importance for Plants in Hindi
- पौधों के विकास के लिए फॉस्फोरस बहुत जरूरी होता है। आपको बता दें कि यह पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को पूर्ण करने में सहायक होता है अर्थात ऊर्जा परिवर्तन में मदद करता है। इसके अलावा फॉस्फोरस पौधों में न्यूक्लिक एसिड, प्रोटीन और एंजाइम बनाने में मदद करता है।
- यह पौधों की जड़ों को अच्छी तरह से बढ़ने में मदद करता है और इसके साथ ही तना और डंठल को मजबूत बनाने के लिए जरूरी होता है।
- फॉस्फोरस, पौधों में फूल निर्माण से लेकर बीज के उत्पादन में भी में सुधार करता है।
- यह फलों को आकार प्रदान करता है और परिपक्वता में योगदान देता है।
- इस तत्व की उपस्थिति से पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है।
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पौधों में फास्फोरस की कमी के लक्षण – Symptoms of Phosphorus Deficiency in Plants in Hindi
effects of phosphorus deficiency in plants in Hindi जब भी पौधों में फॉस्फोरस पोषक तत्व की कमी होती है, तो ऐसे में पौधों में कई सारे लक्षण देखे जा सकते हैं, जो निम्न प्रकार हैं:
- जब भी किसी गमले या ग्रो बैग में लगे पौधे में फॉस्फोरस की कमी होती है तो, उसके तने और पत्तियां गहरे हरे रंग के हो जाते हैं। इसके अलावा पत्तियों का रंग हल्का बैंगनी या ब्राउन भी हो सकता है।
- इस तत्व की कमी से पौधे छोटे रह जाते हैं।
- पौधों में फॉस्फोरस तत्व की बहुत अधिक कमी होने पर पत्तियां कमजोर दिखाई देने लगती हैं और मर जाती हैं।
- पौधे में फल व बीज का निर्माण सही से न होना और तने का गहरा पीला पड़ना भी फॉस्फोरस तत्व की कमी के कारण होता है।
- इस तत्व की कमी से पौधे की जड़ों की वृद्धि व विकास पर काफी बुरा असर पड़ता है और कभी-कभी तो जड़ें सूख भी जाती हैं।
- फॉस्फोरस तत्व की कमी से कुछ पौधों की पत्तियों का आकार छोटा होने के साथ-साथ, पत्तियां नीले-हरे रंग की हो जाती हैं।
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पौधों में फास्फोरस की कमी के कारण – Phosphorus Deficiency Causes in Plants in Hindi
पौधों में इस तत्व की कमी के बहुत सारे कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- अधिक ठंडा मौसम या बहुत ज्यादा बारिश होना
- मिट्टी का बहुत ज्यादा अम्लीय होना
- मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होना
- मृदा संघनन
- कीटों का प्रकोप, इत्यादि।
पौधों में फॉस्फोरस की कमी दूर करने के तरीके – How to treat phosphorus deficiency in plants in Hindi
आप पौधों में फॉस्फोरस की कमी को दूर करने के लिए निम्न तरीके अपना सकते हैं,।
- वैसे तो फॉस्फोरस मिट्टी, कार्बनिक यौगिकों और खनिजों में भी पाया जाता है लेकिन, फिर भी पौधों में इसकी कमी हो सकती है। इसलिए आप इसकी कमी को दूर करने के लिए फॉस्फोरस उर्वरकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बोन मील इस तत्व का अच्छा स्रोत है जो कि हड्डियों का चूर्ण होता है। अतः आप पौधों में फॉस्फोरस की कमी को दूर करने के लिए मिट्टी में बोन मील का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मिट्टी में वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करके भी इस तत्व की कमी को पूरा किया जा सकता है।
- वैसे तो गोबर की खाद में बहुत ज्यादा फॉस्फोरस नहीं होता है लेकिन आप इसका इस्तेमाल पौधों के विकास के लिए कर सकते हैं।
- इसके अलावा आप मार्केट में उपलब्ध फॉस्फोरस युक्त खाद का उपयोग पौधों के कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि, इनका ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने से आपके पौधे मर सकते हैं। अतः आप पौधों के लिए ज्यादा से ज्यादा जैविक खाद का इस्तेमाल करें।
- आप रॉक फॉस्फेट का इस्तेमाल भी फॉस्फोरस की कमी को दूर करने के लिए कर सकते हैं। जिसमें 20-25% तक फॉस्फोरस तत्व की मात्रा पायी जाती है।
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पौधों में फॉस्फोरस की कमी को दूर करने के अन्य उपाय – Other Ways to Overcome Phosphorus Deficiency in Plants in Hindi
- अगर पौधों की जड़ों में पीएच मान ठीक नहीं होगा तो, इसकी वजह से भी पौधों में फॉस्फोरस की कमी हो सकती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि, ऐसी स्थिति में पौधे की जड़ें फॉस्फोरस को अवशोषित करने में सक्षम नहीं होती हैं। 5.5 से 6.2 के बीच पीएच मान पौधों के विकास के लिए आदर्श होता है। इसलिए आप पौधों की मिट्टी में समय-समय पर पीएच की जांच करते रहें। यदि पौधे लगे गमले या ग्रो बैग की मिट्टी का पीएच मान बहुत कम या ज्यादा है तो आप अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ पौधों पर फॉस्फोरस युक्त उचित PH वाला पानी का छिड़काव करें।
- अगर पौधे लगे गमले की मिट्टी बहुत गीली है तो इसकी वजह से भी पौधों में फॉस्फोरस की कमी हो सकती है। इसलिए पौधों में बहुत अधिक पानी डालने से बचें। पौधे ग्रो करने के लिए अच्छी तरह जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी का उपयोग करें।
- अत्यधिक वर्षा और ठंड का मौसम भी अस्थायी रूप से पौधों में फॉस्फोरस की कमी का कारण बन सकता है। अतः इस समय आप अपने पौधों को घर के अंदर रखकर इस तत्व की कमी को रोक सकते हैं।
- जब पौधे में ठंड की वजह से फॉस्फोरस की कमी होती है तो, यह समस्या मिट्टी के गर्म हो जाने पर अपने आप ठीक हो सकती है।
पौधों में फॉस्फोरस की कमी को दूर होने में लगा समय – Time Taken to Fix Phosphorus Deficiency in Plants in Hindi
आप हमारे द्वारा बताये गए तरीकों को अपनाकर अपने पौधों को बहुत जल्दी आसान तरीके से फॉस्फोरस पोषक तत्व की कमी को दूर कर सकते हैं। लेकिन जो पत्तियां पहले से ही खराब हो चुकी हैं, उनके सही होने की संभावना कम ही होती है। किन्तु, जैसे ही आपके पौधों को पर्याप्त मात्रा में फॉस्फोरस प्राप्त होगा, उनमे फास्फोरस की कमी के लक्षण दिखना कम हो जायेंगे।
निष्कर्ष – Conclusion
इस लेख में आपने जाना कि, पौधों के लिए फॉस्फोरस किस प्रकार जरूरी है, इसका महत्व क्या है और फॉस्फोरस की कमी दूर करने के उपाय क्या हैं, और भी बहुत कुछ जाना। उम्मीद है कि, आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी होगी। हमारी और भी उपयोगी पोस्ट पढ़ने के लिए Organicbazar.net पर विजिट करें।