वर्तमान में ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने के लिए विशेष महत्व दिया जा रहा है। ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने और पौधों के अच्छे विकास के लिए जैविक उर्वरक अर्थात ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का उपयोग किया जाता है। टमाटर के पौधे को उगाने और अधिक मात्रा में ऑर्गेनिक टमाटर प्राप्त करने के लिए जैविक उर्वरक की जरुरत होती है। यह लेख घर पर टमाटर के पौधे को उगाने और अधिक मात्रा में टमाटर प्राप्त करने के लिए आवश्यक जैविक उर्वरक की जानकारी के बारे में है। यहाँ पर आप जानेंगे कि, जैविक उर्वरक के फायदे क्या हैं?, टमाटर के लिए बेस्ट जैविक उर्वरक कौन-कौन से हैं?
जैविक उर्वरक के फायदे – Benefits of organic fertilizer in Hindi
ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर अर्थात जैविक उर्वरक हमारे पौधों के लिए अत्यधिक लाभदायक होते हैं। इन उर्वरकों का उपयोग करके आप अपने पौधों की उपज में वृद्धि कर सकते हैं। आइये जानते है, जैविक उर्वरकों के प्रयोग से प्राप्त होने वाले फायदों के बारे में,
- जैविक उर्वरक मिट्टी में कार्बनिक पदार्थो को तोड़कर, मिट्टी की उर्वरता शक्ति बढ़ाते हैं। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम जैसे तीन प्रमुख पोषक तत्वों के अतिरिक्त, अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं।
- ऑर्गेनिक उर्वरक का मुख्य लाभ यह है कि यह पोषक तत्वों को धीरे-धीरे मिट्टी में छोड़ते हैं और मिट्टी में लम्बे समय तक उपस्थित रहते हैं।
- ठोस और तरल दोनों ही रूपों में जैविक उर्वरक उपलब्ध होते हैं, तथा इनके प्रयोग से पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है।
- जैविक उर्वरक पौधों की गुणवत्ता और उपज में वृद्धि तो करते ही हैं, साथ ही साथ यह पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
- जैविक उर्वरक उपयुक्त मात्रा में नाइट्रोजन उत्पन्न करते हैं, जिससे पौधों की वृद्धि में मदद मिलती है। साथ ही साथ ये उर्वरक न तो पौधे की जड़ें जलाते हैं, और न ही मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्म जीवों को नष्ट करते हैं।
ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर मुख्य रूप से NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम) के अच्छे स्रोत होते हैं। नाइट्रोजन पौधे में क्लोरोफिल के प्राकृतिक उत्पादन को उत्तेजित करता है जो स्वस्थ पत्ती और तने के विकास को बढ़ावा देता है। फास्फोरस पौधे की मजबूत जड़ें, स्वस्थ तना, फूल, फल और सब्जियों के अच्छे उत्पादन में मदद करता है। जबकि पोटेशियम पौधे की जड़ों को मजबूत बनाता है, पौधे को तेजी से बढ़ने और फूल और फल पैदा करने में मदद करता है तथा रोग प्रतिरोधी क्षमता में वृद्धि करता है।
(और पढ़ें: महत्वपूर्ण जैविक उर्वरक, उपयोग करने के तरीके और NPK अनुपात..)
टमाटर उगाने के लिए जैविक उर्वरक – Best Organic fertilizers for growing tomatoes in Hindi
सामान्य तौर पर, टमाटर के पौधे की जड़ें 6-7 इंच से अधिक गहरी नहीं होती हैं। अतः टमाटर के पौधे को मिट्टी की गहराई से आवश्यक पोषक तत्वों को प्राप्त करने में कठिनाई होती है जिसके कारण टमाटर के पौधे को उसके विकास की विभिन्न स्थितियों में पोषक तत्वों से भरपूर जैविक उर्वरक देने की आवश्यकता होती है। टमाटर के पौधे को दिए जाने वाले बेस्ट ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:-
गोबर की खाद – Cow dung homemade tomato fertilizer in Hindi
आप टमाटर उगाने के लिए गोबर की खाद का उपयोग कर सकते हैं। गोबर की खाद जितनी अधिक पुरानी होगी पौधों के लिए उतनी ही अधिक लाभदायक होती हैं। गमले या ग्रो बैग में टमाटर का पौधा लगाने से पहले गोबर की खाद को मिट्टी के साथ मिलाना चाहिए। आप फसल की कटाई के बाद गमले की मिट्टी को पुनः उपयोग करने से पहले भी गोबर की खाद मिला सकते हैं और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
गोबर की खाद का NPK अनुपात 2:1:1 से लेकर 3:2:1 तक हो सकता है, अतः इसमें नाइट्रोजन की मात्रा फास्फोरस और पोटेशियम से अधिक होती है, इसलिए आप गाय के गोबर की खाद का उपयोग जरुरत पड़ने पर ही करें। क्योंकि, अत्यधिक नाइट्रोजन से टमाटर के पौधे का विकास तो होता है, लेकिन फल उत्पादन कम हो सकता है।
इसके अतिरिक्त टमाटर के पौधों पर ताजे गोबर का उपयोग कभी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें न केवल बदबू आती है, बल्कि इसमें अमोनिया और लवण के उच्च स्तर भी पाए जाते हैं, जिसके प्रयोग से टमाटर के पौधे झुलस सकते हैं या नष्ट हो सकते हैं।
टमाटर उगाने के लिए गोबर की खाद का उपयोग निम्न स्थिति में दी जा सकती हैं, जैसे-
- टमाटर के पौधे लगाने से पहले गमले की मिट्टी तैयार करने के दौरान।
- पौधे के विकास की स्थिति में महीने में 2 बार।
(और पढ़ें: पौधों के लिए गोबर की खाद का इस्तेमाल करने के तरीके और फायदे..)
नीम केक – Neem Cake organic tomato fertilizer in Hindi
जब आप मिट्टी में नीम केक या नीम खली की खाद डालते हैं, तो मिट्टी से सभी छिपे हुए कीड़े और फंगस गायब हो जाते हैं। नीम केक, टमाटर के पौधों की जड़ों को भी इन जीवों से क्षतिग्रस्त होने से बचाता है। पौधे की जड़ें इस जैविक उर्वरक को अवशोषित करती हैं और पोषक तत्वों को पौधे के सभी भागों में भेजती हैं, जो टमाटर के पौधे को आंतरिक रूप से मजबूत बनाते हैं। जिससे टमाटर की पैदावार में वृद्धि होती है। नीम केक पाउडर में एनपीके (NPK) अनुपात अर्थात नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम का अनुपात सामान्यतः 4:1:2 और अधिकतम 6:1:2 होता है।
नीम केक, गार्डनिंग में ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर के साथ-साथ जैविक कीटनाशक के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इसमें वो सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो पौधों की वृद्धि के लिए जरुरी होते हैं। वास्तव में, जब हम मिट्टी में नीम केक मिलाते हैं तो यह मिट्टी की बनावट और गुणवत्ता में सुधार करता है।
टमाटर के पौधों को बैक्टीरिया, फंगस से होने वाले रोग और विभिन्न हानिकारक कीटों से बचाने के लिए आप नीम केक (नीम खली) का उपयोग कर सकते हैं। टमाटर का पौधा रोपने से पहले पॉटिंग मिश्रण में केवल 1% प्रतिशत नीम खली मिलानी चाहिए।
टमाटर लगे गमले में नीम खली का इस्तेमाल करने के लिए सर्वप्रथम 100 ग्राम नीम खली को गमले की ऊपरी मिट्टी पर समान रूप से छिड़कें और फिर इसे किसी भी गार्डनिंग टूल का प्रयोग कर 1 इंच गहराई तक मिट्टी के साथ अच्छी तरह मिक्स कर दें। आप टमाटर के पौधे को महीने में एक बार नीम खली जैविक उर्वरक दे सकते हैं।
(और पढ़ें: गार्डनिंग में नीम खली (नीम केक) के फायदे और प्रयोग करने के तरीके..)
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मस्टर्ड केक – Mustard Cake organic fertilizer for tomatoes in containers in Hindi
मिट्टी में मस्टर्ड केक (सरसों की खली) पाउडर मिलाने से टमाटर के पौधों की जड़ों से सम्बंधित रोगों के होने का ख़तरा बहुत कम हो जाता है। मस्टर्ड केक या सरसों की खली का एनपीके अनुपात 4:1:1 है।अर्थात इसमें नाइट्रोजन 4%, फास्फोरस 1% और पोटैशियम (K) 1% होता है। यह नेमाटोड (nematodes) और एफिड्स (aphids) जैसे कीटों को नियंत्रित करता है स्वस्थ पौधों के विकास में योगदान देता है। इसके अलावा मस्टर्ड केक एक अच्छा पेस्टिसाइड भी होता है।
यदि टमाटर के पौधे में फूल और फल नहीं आ रहे हैं या बहुत कम आ रहे हैं, तो मस्टर्ड केक (सरसों की खली) का उपयोग करके टमाटर के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। सरसों की खली पौधों की उपज बढ़ाने में बहुत उपयोगी होती है। इसे खाद के रूप में मिट्टी में डाला जाता है। आप मस्टर्ड केक ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर को तरल और पाउडर दोनों ही रूपों में टमाटर लगे गमले की मिट्टी में दे सकते हैं।
सरसों की खली का घोल बनाने के लिए 100 ग्राम सरसों की खली को 1 लीटर पानी में घोलें और 2-3 दिनों के लिए किण्वित (Ferment) होने के लिए रख दें। इसके बाद घोल में 2 से 5 लीटर पानी मिलाएं और सभी पौधों की मिट्टी में डालें। 20 से 40 दिनों के अंतराल से आप सरसों की खली का प्रयोग टमाटर के पौधे के लिए कर सकते हैं।
(और पढ़ें: सरसों खली या मस्टर्ड केक के फायदे, जो गार्डनिंग को बनाए बेहतर…)
बोनमील – Best tomato organic fertilizer Bone meal in Hindi
बोन मील, एक जैविक उर्वरक (organic fertilizer) है, जिसे जानवरों की हड्डियों से बनाया जाता है। आप इस उर्वरक को टमाटर के पौधे पर प्रयोग करके इसके उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। अधिकांश स्टीम्ड बोन मील (Steamed bone meal) में NPK वैल्यू 3:15:0 होती है, इसका मतलब है कि इसमें 3 प्रतिशत नाइट्रोजन (nitrogen), 15 प्रतिशत फॉस्फोरस (phosphorus) और 0 प्रतिशत पोटैशियम (potassium) पाया जाता है।
फास्फोरस का उत्तम स्रोत होने के कारण बोन मील का इस्तेमाल टमाटर के पौधे में मजबूत जड़ों तथा फूल और फलों की पैदावार बढाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसका एक बार प्रयोग करने पर यह लगभग 4 महीनों तक पोषक तत्वों को प्रदान करता है। आप बोनमील ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर को टमाटर लगे गमले की मिट्टी के ऊपर डाल सकते हैं।
(और पढ़ें: पौधों के लिए कैसे करें बोन मील का प्रयोग…)
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एप्सम साल्ट – Tomato organic fertilizer Epsom salt in Hindi
एप्सम सॉल्ट यानि की मैग्नीशियम सल्फेट एक जैविक उर्वरक है, इसके उपयोग से टमाटर के बीजों को आसानी से अंकुरित किया जा सकता है। यह फूलों को खिलने में मदद करता है और मीठे फल पैदा करता है। इसके अतिरिक्त इसके प्रयोग से टमाटर के पौधे के पीले पड़े हुए पत्ते फिर से हरे-भरे और अच्छे होने लगते हैं। यह पौधों में मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। पौधों में क्लोरोफिल का प्रमुख घटक मैग्नीशियम है।
मैग्नीशियम आपके पौधे की पत्तियों को गहरे हरे रंग में बदल देता है और पत्तियों को पीला होने से रोकता है। साथ ही इसमें पाया जाने वाला सल्फर जड़ विकास को बढ़ावा देता है और पौधे को ठंड से बचाता है, स्वस्थ पौधों के विकास के लिए प्रोटीन और एंजाइम का उत्पादन करता है।
टमाटर और मिर्च के अच्छे विकास के लिए पौधों की रोपाई के दौरान 15 ग्राम एप्सम साल्ट को प्रत्येक गमले की मिट्टी में शामिल कर सकते हैं या फिर घोल के रूप में दे सकते हैं।
आप टमाटर के पौधे के विकास के विभिन्न चरणों में एप्सम नमक का उपयोग कर सकते हैं, जैसे:-
- सबसे पहले पौधे के प्रत्यारोपण के दौरान गमले की मिट्टी में।
- दूसरा, जब टमाटर के पौधे में फूल खिलने लगें।
- और अंत में, जब टमाटर के पौधे में पहला फल लगता है।
(और पढ़ें: पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए ऐसे इस्तेमाल करें एप्सम साल्ट..)
वर्मी कम्पोस्ट – Vermicompost best fertilizer for tomato plants in Hindi
वर्मीकम्पोस्ट टमाटर के पौधे के लिए एक बेहद फायदेमंद ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर है। आम तौर पर वर्मीकम्पोस्ट का एनपीके अनुपात 2:1:1 से लेकर 3:2:2 तक होता है अर्थात वर्मीकम्पोस्ट में नाइट्रोजन 2 से 3%, पोटेशियम 1 से 2% और फास्फोरस 1 से 2% होता है।
टमाटर का पौधा लगाने के लिए गमले की मिट्टी तैयार करते समय इसे मिट्टी के साथ लगभग 30% अनुपात में मिलाया जाता है। इसे आम तौर पर महीने में एक या दो बार, एक मुट्ठी वर्मीकम्पोस्ट को गमले की मिट्टी की ऊपरी सहत पर डाल सकते हैं। वर्मीकम्पोस्ट के प्रयोग से टमाटर के पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और पौधे में अधिक मात्रा में उच्च गुणवत्ता के फूल और फल लगते हैं। टमाटर के पौधे में वर्मीकम्पोस्ट खाद का प्रयोग करने से उत्पादन क्षमता में 15 से 20% की वृद्धि हो जाती है।
(और पढ़ें: वर्मीकम्पोस्ट का आर्गेनिक गार्डनिंग में उपयोग, इसके फायदे और बनाने की विधि…)
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लकड़ी की राख – Wood Ash homemade fertilizer for tomatoes in Hindi
लकड़ी की राख आपके टमाटर के पौधे के लिए एक ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर है। लकड़ी की राख में कई पोषक तत्व होते हैं जिन्हें टमाटर का पौधा आसानी से अवशोषित कर सकता है। लकड़ी की राख में पोटाश होता है और पोटाश में पोटैशियम तत्व उपस्थित होता है। टमाटर के पौधों पर लकड़ी की राख डालकर पौधों में पोटैशियम की कमी को पूरा किया जा सकता है। पोटैशियम की उपस्थिति से पत्तियों में स्टार्च और शर्करा के निर्माण में वृद्धि होती है, जिसके फलस्वरूप फल स्वस्थ और फलों के आकार में वृद्धि होती है। मिट्टी में पोटेशियम का निम्न स्तर टमाटर को धब्बेदार बनाता है।
लकड़ी की राख में पोटेशियम के अलावा कैल्शियम और मैग्नीशियम भी भरपूर होता है। कैल्शियम की अच्छी मात्रा न केवल आपके टमाटर को स्वस्थ रखती है बल्कि आपकी मिट्टी में कैल्शियम की कमी के कारण फूल के सिरे को सड़ने से भी रोकती है।
(और पढ़ें: गार्डन में लकड़ी की राख का उपयोग और इसके फायदे…)
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