आमतौर पर पौधों को पानी देने के लिए नल के पानी का उपयोग किया जाता है, लेकिन इसके अलावा इस काम के लिए डिस्टिल वाटर का प्रयोग भी कर सकते हैं। डिस्टिल वाटर बिलकुल शुद्ध होता है। अगर आप डिस्टिल वाटर यानि आसुत जल से पौधों की सिंचाई करते हैं, तो इससे मिट्टी में हानिकारक पदार्थ जैसे क्लोरिन, केमिकल या लवण (नमक) इकठ्ठा होने का खतरा नहीं रहता है। पौधों के लिए डिस्टिल वाटर के उपयोग से फायदे के अलावा कुछ नुकसान भी होते हैं, जिनके बारे में जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी। डिस्टिल वाटर क्या होता है, डिस्टिल-वाटर का पौधों की ग्रोथ पर प्रभाव क्या होता है और नल के पानी और डिस्टिल वाटर में अंतर जानने के लिए इस लेख को लास्ट तक जरूर पढ़ें।
डिस्टिल वाटर क्या होता है – What Is Distilled Water For Plants In Hindi
आसुत जल या डिस्टिल वाटर एक प्रकार का शुद्ध पानी होता है, जो कि आसवन (distillation) नामक प्रक्रिया से गुजरकर बनता है। आसवन की प्रकिया में पानी को उसके क्वथनांक (100°C) तक उबाला जाता है और फिर बाद में वापस भाप को संघनित करके ठंडा किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शुद्ध पानी मिलता है। इस प्रक्रिया के फलस्वरूप जो पानी मिलता है वह एकदम शुद्ध होता है, उसमें कोई भी दूषित पदार्थ, खनिज पदार्थ, रसायन, बैक्टीरिया या अशुद्धि नहीं रहती है। इस आसुत जल का पीएच उदासीन यानि कि 7 होता है। बारिश का पानी भी आसुत जल (Distilled Water) ही होता है, क्योंकि जिस प्रक्रिया से वर्षा जल बनता है, वह आसवन की प्रक्रिया के ही समान है। समुद्र का पानी भाप बनकर उड़ता है और वायुमंडल में जाकर यही भाप संघनित होकर बारिश के रूप में गिरती है।
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डिस्टिल वाटर का पौधों की ग्रोथ पर क्या प्रभाव पड़ता है – How Does Distilled Water Affect Plant Growth In Hindi
अब आपने यह तो समझ ही लिया है कि डिस्टिल वाटर या आसुत जल क्या होता है। इस डिस्टल वाटर का पौधों की ग्रोथ पर क्या प्रभाव पड़ता है, अब आपको यह जानने की जरूरत है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है कि आसुत जल में कोई भी अशुद्धि नहीं होती है। पौधों में आसुत जल को डालने से मिट्टी में नमक (salt) या मिनरल्स का निर्माण नहीं होता है। जबकि यदि आप समुद्री इलाके के नजदीक रहते हैं, तो वहां के पानी में नमक रहता है। मिट्टी में नमक के इकठ्ठा होने से पौधे में पोषक तत्वों की उपलब्धता में कमी आने लगती है। और साथ ही नल के पानी में क्लोरिन और फ्लूराइड होते हैं, जिन्हें कई पौधे झेल नहीं पाते हैं। पौधों में आसुत जल का उपयोग करने से आप इन सभी परेशानियों से बच सकते हैं।
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नल के पानी में और डिस्टिल वाटर में क्या अंतर है – Difference Between Tap Water And Distilled Water In Hindi
जो नल का पानी होता है उसमें क्लोरिन, मिनरल्स (कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि) और फ्लोराइड पदार्थ होते हैं। क्लोरिन, पौधे की मिट्टी में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देती है और फ्लोराइड के कारण प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में बाधा पैदा होती है। इसके अलावा नल के पानी में पाए जाने वाले मिनरल्स से पौधों को फायदा पहुँचता है।
अगर डिस्टिल वाटर की बात करें तो यह बिलकुल शुद्ध होता है, इसमें कोई भी दूषित पदार्थ नहीं रहता है। इसके इस्तेमाल से मिट्टी में नमक या अन्य केमिकल के इकठ्ठा होने का डर नहीं रहता है। लेकिन डिस्टिल वाटर में कोई भी खनिज या पोषक पदार्थ नहीं रहता है, जिसकी वजह से इसके लगातार उपयोग से पौधे में पोषक तत्वों की कमी देखी जाती है। ऐसी स्थिति में पौधे में खाद या उर्वरक डालने की जरूरत होती है।
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क्या डिस्टिल वाटर पौधों के लिए नल के पानी से बेहतर है – Do Plants Grow Better With Tap Water Or Distilled Water In Hindi
पौधे आमतौर पर आसुत जल के बजाय नल के पानी में अच्छे से ग्रोथ करते हैं। ऐसा इसीलिए क्योंकि नल के पानी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे आवश्यक खनिज होते हैं, जो पौधों के विकास के लिए फायदेमंद होते हैं। ये खनिज महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करते हैं और पौधों में विभिन्न प्रक्रियाओं में मदद करते हैं। वहीं दूसरी ओर आसुत जल, शुद्ध जल है, जिसमें कोई भी खनिज पदार्थ या पोषक तत्व नहीं होता है। इसके उपयोग से पौधों में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
हालाँकि, कुछ ऐसी स्थितियाँ हैं, जहाँ आसुत जल का उपयोग लाभकारी हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके क्षेत्र में नल का पानी अत्यधिक क्लोरीनयुक्त है या इसमें उच्च स्तर के लवण या अन्य दूषित पदार्थ हैं, तो आसुत जल का उपयोग इन पदार्थों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। इसके अलावा बीजों को अंकुरित करते समय इस आसुत जल से सिंचाई करने से अंकुरण ठीक से होता है और स्वस्थ पौधे बनते हैं। हाउसप्लांट्स को भी डिस्टिल वाटर से फायदा मिलता है।
सामान्य तौर पर, नल का पानी अधिकांश पौधों के लिए उपयुक्त होता है। यदि आप अपने नल के पानी में मौजूद क्लोरीन को लेकर चिंतित हैं, तो इस पानी का उपयोग करने से पहले इसे रात भर रखा रहने दें। इससे क्लोरिन वाष्प बनकर उड़ जाती है।
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पौधों के लिए डिस्टिल वाटर कहाँ से प्राप्त करें – How To Make Distilled Water For Plants In Hindi
अगर आप पौधों के लिए डिस्टिल वाटर चाहते हैं, तो इसका सबसे सस्ता और आसान तरीका तो यही है कि आप बारिश के सीजन में बारिश का पानी एकत्रित करें और उसे लम्बे समय तक उपयोग करें। इसके अतिरिक्त आजकल ऑनलाइन या लोकल स्टोर पर भी आपको डिस्टिल वाटर मिल जाता है।
इस लेख में डिस्टिल वाटर और नल के पानी में से कौन आपके पौधों के लिए ज्यादा बेहतर है, इसकी जानकारी दी गयी है। पौधों के लिए डिस्टिल वाटर के उपयोग और डिस्टिल-वाटर का पौधों की ग्रोथ पर प्रभाव से जुड़ी जानकारी अगर आपके काम आई हो, तो इस लेख को अपने उन दोस्तों को भी शेयर जरूर करें, जो गार्डनिंग करना पसंद करते हैं। इस आर्टिकल को लेकर अगर आपके मन में कोई सवाल या सुझाव हो, तो आप उसे कमेन्ट में बता सकते हैं।