क्या आप भी अपने गार्डन में स्ट्रॉबेरी, आम, ब्लूबेरी, अंजीर, अंगूर, अमरूद, केला, पपीता, संतरा और नीबू जैसे स्वादिष्ट फलों को उगाना चाहते हैं, लेकिन आपको फ्रूट गार्डनिंग के बारें में अधिक जानकारी नहीं हैं या आप नौसिखिए हैं। तो चिंता की कोई बात नहीं हैं, क्योंकि एक नौसिखिए भी आसानी से फ्रूट गार्डन (फ्रूट गार्डनिंग) की शुरुआत कर सकता हैं, वो भी बिल्कुल कम जगह का उपयोग करकें। अगर आप फ्रेश और स्वादिष्ट फल खाने के शौकीन हैं, तो अपने घर पर ही फ्रूट गार्डन तैयार करके ताजे फलों का आनंद लेना सचमुच बहुत ही बेहतरीन अनुभव हो सकता हैं। यदि आप नहीं जानते हैं कि फ्रूट गार्डन कैसे शुरू करें? तो इसकी पूरी जानकारी जैसे – सही लोकेशन, बीज, ग्रो बैग, देख रेख का तरीका और आर्गेनिक खाद आदि हमारे इस लेख से प्राप्त कर सकते हैं।
फ्रूट गार्डन बनाने के लिए सही लोकेशन चुने – Choose The Right Location In Hindi
फ्रूट गार्डन की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले आपको एक अच्छी लोकेशन का चयन करना होगा। सही लोकेशन से हमारा मतलब है ऐसे स्थान से हैं, जहां पर्याप्त मात्रा में धूप आती (लगभग 6-8 घंटे प्रतिदिन) हैं, जल निकासी में आसानी हो, पौधे लगाने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए और गार्डन के लिए चुना गया स्थान इमारतो से घिरा हुआ न हो। बता दें कि फ्रूट गार्डन बनाने के लिए आप अपने घर के आगे-पीछे की जगह का उपयोग भी कर सकते हैं या फिर छत के ऊपर भी अच्छा फ्रूट गार्डन बना सकते हैं।
फल के बगीचे के लिए स्पेस और लेआउट – Spacing And Layout In Hindi
फलों की गार्डनिंग में पौधों के बीच की दूरी और लेआउट बेहद का बेहद महत्त्व होता हैं, जो सीधे पौधों के स्वास्थ्य, ग्रोथ और उत्पादकता को प्रभावित करता हैं। गार्डन में लगाएं गए पौधों के बीच में पर्याप्त दूरी होने से पौधों की जड़ें अच्छे से विकसित होती हैं, सूर्य का प्रकाश पर्याप्त मात्रा में मिलता हैं और वायु प्रवाह भी आसानी से होती हैं। बता दें कि इससे पौधे स्वास्थ रहते हैं और बीमारी व कीटों से बचाव भी आसानी से किया जा सकता हैं। इसलिए फलों की बागवानी के लिए लेआउट तैयार करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गार्डन में लगे सभी पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रहे।
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फलों की सही किस्म – Suitable Fruit Varieties In Hindi
फ्रूट गार्डनिंग के लिए बीज का चयन करने से पहले अपने क्षेत्र की जलवायु, मिट्टी और परिस्थितियों का ध्यान आवश्य रखें। यदि आप छत के ऊपर गार्डन बना (टेरेस गार्डन) रहे हैं, तो इसके लिए अच्छी मिट्टी तैयार करनी होती हैं। ग्रो बैग का उपयोग करके आप स्ट्रॉबेरी, आम, ब्लूबेरी, अंजीर, अंगूर,तरबूज, अमरूद, केला, पपीताऔर नीबू जैसे फल वाले पौधे बेहद आसानी से उगा सकते हैं। फ्रूट गार्डनिंग शुरू करने के लिए अच्छे बीज का चयन करना बहुत जरूरी होता हैं। फलों की ये किस्में फ्रूट गार्डनिंग के शुरुआती दौर के लिए बिल्कुल अनुकूल होती हैं। बता दें कि न्यूनतम रखरखाव और अच्छी फ्रूटिंग के लिए प्रसिद्ध हैं।
फ्रूट गार्डन के लिए मिट्टी तैयार करें – Prepare Soil For Fruit Garden In Hindi
फ्रूट गार्डन में पौधे लगाने के लिए आपको अच्छी पॉटिंग मिक्स तैयार करना होगा। ऑर्गनिक पॉटिंग मिक्स तैयार करने के लिए हमें कुछ विशेष सामग्रियों की आवश्यकता होती हैं जैसे – जैविक खाद, कोकोपीट, वर्मीकम्पोस्ट, पर्लाइट या वर्मीकुलाईट,गोबर की खाद, बोनमीलयारॉक फॉस्फेट, किचन वेस्ट कम्पोस्ट आदि। इन सभी सामग्रियों को आवश्यक अनुपात में मिट्टी के साथ मिलाने से अच्छी क्वालिटी की पॉटिंग मिक्स तैयार की जा सकती हैं। इस तरह से तैयार की गई पॉटिंग मिक्स को ग्रो बैग में भरकर प्लांट लगा कर अच्छी फ्रूटिंग की जा सकती हैं।
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अच्छी किस्म वाले पौधे और बीज – Quality Plants Or Seeds In Hindi
अच्छी क्वालिटी के प्लांट और सीड्स का चयन करना बेहद जरूरी हैं। गार्डन में लगाने के लिए जब आप पौधों का चयन करते हैं तो अच्छी तरह से जांच लें कि पौधा कही से खराब तो नहीं हैं। स्वस्थ, रोग-मुक्त और व्यवहार कुशल पौधा चुनना एक अच्छे गार्डनर की निशानी होती हैं। यदि प्लांट की ब्रांचे टूटी हैं, रोग ग्रस्त या फिर पत्ते पीले पड़ने लगे हैं तो ऐसे प्लांट का चयन न करें। अच्छी गुणवत्ता वाले पौधों या बीजों को खरीदकर आप एक अच्छे फ्रूट गार्डन की नीव रख सकते हैं। आप अपने नजदीकी बीज विक्रेता, ऑनलाइन रिटेलर्स या ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से बीज प्राप्त कर सकते हैं।
फ्रूट प्लांट लगाने के लिए ग्रो बैग का इस्तेमाल करें – Grow Bag Size In Hindi
फ्रूट गार्डन में पौधे लगाने के लिए आप ग्रो बैग (जिओ फैब्रिक ग्रो बैग) का इस्तेमाल कर सकते हैं। बता दें कि अलग अलग पौधों के लिए अलग अलग साइज के ग्रो बैग का चयन कर सकते हैं। नीचे हमने कुछ ग्रो बैग के बारें में बताया हैं आप अपनी जरूरत के मुताबिक ग्रो बैग इस्तेमाल कर सकते हैं।
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गार्डनिंग टूल्स का उपयोग करें – Gardening Tools In Hindi
फ्रूट गार्डन को खुद ही मैंटेन करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कुछ विशेष गार्डनिंग टूल्स की जरुरत पड़ेगी। इससे आपको बगीचे में पौधे लगाने से लेकर इनकी कटाई-छटाई करने में मदद मिलेगी। बता दें कि शोवेल, गार्डनिंग ग्लव्स, पेड़ प्रूनर, वाटर कैन, मीटल रुमाल, मिट्टी की टोकरी और कटर आदि गार्डनिंग टूल में शामिल हैं।
रेगुलर पौधे लगाएं – Plant Properly In Hindi
अपने फ्रूट गार्डन में रेगुलर प्लांट लगाते रहें जिससे गार्डन के पौधों की संख्या में धीरे धीरे इजाफा होता जाएगा। गार्डन में पौधे लगाते रहने से गार्डन में फ्रूट प्लांट की वैरायटी भी देखने को मिलती हैं।
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फ्रूट गार्डन के पौधों की देखभाल कैसे करें – How To Care For Fruit Garden Plants In Hindi
गार्डन में लगे पौधों की केयर करना बहुत जरूरी होता हैं। क्योंकि पौधे लगाने के बाद इनकी सही ढंग से देखभाल न करने की स्थिति में अच्छी फ्रूटिंग नहीं होती हैं और कई तरह के रोग पौधों लगाना शुरू हो जाते हैं। तो आइयें जानते हैं कि पौधों की देखभाल कैसे करें।
पानी (Watering)
पानी देने के लिए सबसे पहले आप ग्रो बैग की मिट्टी को टच करके देख लें। यदि मिट्टी आपके हाथ की ऊँगली में चिपकती हैं तो अभी पानी न डालें, लेकिन मिट्टी सूखी या भुरभुरी हैं तो पौधों को तुरंत पानी दिया जाना चाहिए। पानी देने के लिए आप वाटर कैन का उपयोग करें और गमले या ग्रो बैग की मिट्टी को अच्छे से गीला कर दें, लेकिन ओवरवाटरिंग न करें।
सूर्य का प्रकाश (Sunlight)
पौधों के लिए ऐसी व्यवस्था करें जिससे अधिक समय तक पौधों को धूप मिल सकें। बता दें कि फलदार पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए कम से 6 से 8 घंटे सीधी धूप मिलना जरूरी होता हैं। सूर्य के प्रकाश की वजह से फल वाले पौधों में फूल आना, फल बनना और फल पकना जैसी प्रक्रियाएं पूरी होती हैं। बता दें कि पर्याप्त सन लाइट स्वस्थ फूलों और फलों के विकास को बढ़ावा देता हैं, जिससे पैदावार अधिक होती हैं और फलों की गुणवत्ता बेहतर होती हैं। इसके अतिरिक्त, सूरज की रोशनी फलों के स्वाद, रंग और पोषण सामग्री को प्रभावित करती हैं। पर्याप्त धूप में उगाएं गए फल अधिक मीठे, अधिक चमकीले और विटामिन व एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं।
प्रूनिंग करें (Pruning)
समय समय पर पौधों की प्रूनिंग करना जरूरी होता हैं जिससे पौधें के आकार को सही बनाएं रखा जा सकें। कटाई छटाई के माध्यम से सड़ी गली ब्रांचों को हटा दिया जाता हैं। पौधों की प्रूनिंग करने के लिए प्रूनर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मल्चिंग करें (Mulching)
अपने गार्डन के पौधों के चारों ओर मल्चिंग करके आप इन्हें सुरक्षा प्रदान करें। किसी गीले कपडे या घास उगा कर पौधों के चारों ओर लेयर बना सकते हैं।
जैविक खाद का उपयोग करें – Organic Fertilizer In Hindi
फ्रूट प्लांट की अच्छी ग्रोथ के लिए जैविक खाद का उपयोग किया जाता हैं। समय समय पर पौधों की आवश्यकतानुसार ऑर्गनिक कम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट, गोबर की खाद, नीम की खली व किचन बेस्ट खाद डालकर पौधों को पोषक तत्व प्रदान किए जाते हैं। प्लांट की तेजी से ग्रोथ के लिए ऑर्गनिक ग्रोथ प्रोमोटर का उपयोग भी किया जाता हैं।
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कीट एवं रोगों की निगरानी – Monitor for Pests and Diseases In Hindi
नियमित रूप से पौधों की देखरेख करें जिससे पौधों में लगने वाले रोग या कीराणु के बारे में पता चल सकें। यदि पौधों में किसी तरह के रोग दिखाई देते हैं तो उनका तुरंत उपाए करें। कीटाणुओं को समाप्त करने के लिए आप ऑर्गनिक नीम तेल का उपयोग कर सकते हैं।
फलों को हार्वेस्ट करें – Harvest And Enjoy In Hindi
अपने फ्रूट गार्डन से फल तोड़े और फ्रेश फ्रूट का आनंद लें। फल तोड़ते सावधानी रखे जिससे पौधे को किसी तरह की क्षति न हो और फल अच्छे से टूट जाएं। इसके लिए हम कुछ गार्डनिंग टूल्स का उपयोग कर सकते हैं। फ्रूट की हार्वेस्टिंग समय पर करनी चाहिए अन्यथा फ्रूट खराब होने लगाते हैं या फिर टूटकर नीचे गिर जाते हैं।
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इस लेख में हमने जाना कि फ्रूट गार्डन कैसे शुरू करें? आपको हमारा लेख कैसा लगा हमें जरूरी बताएं और लेख से सम्बंधित कोई सुझाव आपके पास हैं तो हमारे साथ जरूर साझा करें, धन्यवाद।