होम गार्डन में पौधे लगाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है। पौधों को लगाने से पहले हमें बहुत सी तैयारियां करनी पड़ती हैं जैसे: गार्डन तैयार करना, पौधे उगाने के लिए सही जगह का चुनाव और गार्डन की मिट्टी तैयार करना इत्यादि। अगर आप पुराने गार्डनर हैं तथा टेरेस गार्डन के गमलों में नये पौधे लगाने के बारे में सोच रहे हैं, तो ऐसे में हर बार पौधों को लगाने के लिए नई मिट्टी कहाँ से लाएं। प्रश्न यह आता है कि, क्या गमले की पुरानी मिट्टी में पौधों को लगा सकते हैं? इस आर्टिकल में ओल्ड पॉटिंग मिक्स या पुरानी मिट्टी को सुरक्षित रूप से उपजाऊ कैसे बनाएं? तथा गमले की पुरानी मिट्टी को फिर से उपयोग कैसे करें? के बारे में बताया गया है। पौधे लगाने के लिए पुरानी मिट्टी को फिर से उपयोगी अर्थात नया बनाने के तरीके जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
क्या पुरानी मिट्टी में पौधे लगाना सही है – Is it right to grow plants in old soil in Hindi
क्या पुरानी मिट्टी में पौधों को लगाया जा सकता है? एक अच्छे गार्डनर के रूप में यह सवाल बिल्कुल सही है। जबाव है हाँ, आप गमले की पुरानी मिट्टी में पौधे लगा सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी में पौधे लगाने से पहले आपको गमले की मिट्टी में कुछ सुधार कर उपजाऊ बनाना जरूरी होता है। गमले की पुरानी मिट्टी में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं और मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है, जिनके कारण कोई सुधार किये बिना ही गमले की पुरानी मिट्टी में डायरेक्ट पौधे लगाना, आपके पौधों की हेल्दी ग्रोथ में रुकावट ला सकता है। आइये जानते हैं, पुरानी मिट्टी को उपजाऊ क्यों बनाना चाहिए तथा गमले की पुरानी मिट्टी में कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं जिसके कारण आपके पौधों की वृद्धि रुक सकती है। गमले की मिट्टी को फिर से नया बनाने और उपयोग करने के कारण निम्न हैं जैसे:
- मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होना
- पुरानी गमले की मिट्टी में रोगों का संक्रमण
- अधिक खरपतवार वाले पौधे का उगना
(और पढ़ें: पौधों में पोषक तत्वों (प्लांट न्यूट्रिएंट्स) के कार्य और कमी के लक्षण…)
पुरानी मिट्टी को उपजाऊ बनाने के तरीके – Way to reuse old potting soil in Hindi
अगर आप जानना चाहते हैं कि क्या पहले से उपयोग की गई गमले की पुरानी मिट्टी में दोबारा पौधे लगाए जा सकते हैं? तो हम आपको बता दें कि यदि पुरानी मिट्टी में कोई समस्या नहीं है तथा पिछली बार आपने गमले की मिट्टी में जो उगाया था वह स्वस्थ था, तो आप गमले की मिट्टी को दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन अगर पूर्व में गमले की मिट्टी में उगाएं गए पौधे ने कोई बीमारी या हानिकारक कीटों का सामना किया हो, तो उस मिट्टी में नये पौधे को लगाना नुकसानदायक हो सकता है। गमले की पुरानी मिट्टी में आई समस्याओं को दूर करके आप पुरानी मिट्टी को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए तैयार कर सकते हैं। पुरानी मिट्टी को सुरक्षित रूप से उपजाऊ बनाने तथा मिट्टी को दोबारा उपयोग में लाने के लिए आपको निम्न बातों का ध्यान रखना है:
पुरानी मिट्टी से खरपतवार व घास को हटाएं – Remove weeds and grass from old soil in Hindi
गमले की पुरानी मिट्टी का इस्तेमाल नए पौधे उगाने के लिए करने से पहले आप यह जाँच लें कि मिट्टी में किसी भी प्रकार की खरपतवार, घास या पिछली बार लगे हुए पौधे की जड़ें मौजूद न हो। इनकी मौजूदगी आपके नये पौधे के विकास में रुकावट बन सकती है। पुरानी मिट्टी को दोबारा उपयोगी बनाने के लिए मिट्टी में लगे हुए खरपतवार, घास या अन्य पुराने पौधों को हटा दें।
(और पढ़ें: जानें पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए क्या है जरूरी…)
संक्रमण मुक्त कर बनाएं पुरानी मिट्टी को नया – Reuse potting soil by making infection free in Hindi
गमले की पुरानी मिट्टी में अगर किसी प्रकार का संक्रमण है तथा आप अपने नये पौधे को इस मिट्टी में लगा देते हैं तो आपके नये पौधे भी संक्रमित (बीमार) हो सकते हैं। पौधों को इस नुकसान से बचाने के लिए आप गमले की पुरानी मिट्टी को स्टरलाइज (रोगाणुमुक्त) कर सकते हैं।
मिट्टी को स्टरलाइज़ करना मतलब मिट्टी को रोग, कीटाणु और विषाणु रहित बनाना है। मिट्टी को स्टरलाइज करने की एक तकनीक सोलराइजिंग कहलाती है। इस प्रक्रिया में पुरानी पॉटिंग सॉइल को ढक्कन वाली बाल्टी या काले प्लास्टिक की थैलियों में डालते हैं और उन्हें 4-6 सप्ताह के लिए धूप में छोड़ देते हैं। बाल्टियों या थैलियों के अंदर गर्मी इतनी बढ़ जाती है कि वह कीड़े और रोगजनकों को मार देती है। इसके अलावा मिट्टी को कीटाणुरहित बनाने के लिए आप इसमें नीम खली भी मिला सकते हैं। नीम खली मिट्टी से लाभदायक जीवाणुओं को नष्ट नहीं करती हैं।
पोषक तत्वों की कमी को दूर कर बनाए पुरानी मिट्टी को उपजाऊ – Recharge potting soil by treat nutrients deficiency in Hindi
मिट्टी, जड़ों को न केवल पानी, बल्कि पोषक तत्वों को भी अवशोषित करने के लिए एक आदर्श वातावरण प्रदान करती है, जिसके कारण पौधे उगते हैं। चूँकि पहले उगाए गए पौधे गमले की मिट्टी से सभी आवश्यक पोषक तत्वों को खींच लेते हैं जिसके कारण मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी को जाती हैं इस स्थिति में उसी मिट्टी में नये पौधों को लगाने से पोषक तत्वों की कमी के कारण पौधे बेहतर तरीके से विकास नहीं कर पाते हैं। गमले की पुरानी मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए आपको उचित मात्रा में खाद मिलाने की आवश्यकता होती है। अतः आप गमले की मिट्टी में दोबारा लगाए जाने वाले नये पौधे की आवश्यकतानुसार खाद मिला सकते हैं।
पुरानी पॉटिंग सॉइल को उपजाऊ बनाने तथा मिट्टी का पुन: उपयोग करने के लिए आप निम्नलिखित अनुपात में पोषक तत्वों को मिला सकते हैं:
- 4 भाग पुरानी मिट्टी
- 1 भाग कम्पोस्ट/ केचुआ खाद या गोबर की खाद
- 1/8 भाग नीम खली तथा
- 1/16 भाग चॉक पाउडर (यह वैकल्पिक है-चॉक जो स्कूल मे उपयोग की जाती है)
उपर्युक्त तरीकों से मिट्टी को उपजाऊ बनाने के बाद आप अपने गार्डन के गमलों की पुरानी मिट्टी का इस्तेमाल दोबारा नये पौधे लगाने के लिए कर सकते हैं।
पुराने गमले की मिट्टी को उपजाऊ तथा पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए खाद या उर्वरक यहां से खरीदें:
वर्मीकम्पोस्ट |
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पुरानी गोबर खाद |
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नीम केक |
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मस्टर्ड केक |
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वर्मीक्यूलाइट (Vermiculite) |
पॉटिंग मिक्स को दोबारा उपयोगी बनाने के अन्य तरीके – Other Ways to Reuse Old Potting Mix in Hindi
पुराने पॉटिंग मिक्स को पुनर्जीवित करने के अन्य तरीके इस प्रकार हैं जैसे:
- गमले की मिट्टी को पुन: उपयोग करने के लिए कोकोपीट को पॉटिंग मिक्स के साथ मिला सकते हैं। कोकोपीट खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- जल निकासी (drainage), पोषक तत्वों के रखरखाव, और उचित वेंटिलेशन के लिए आप गमले की पुरानी मिट्टी में वर्मीक्यूलाइट (Vermiculite) या पर्लाइट को शामिल किया जा सकता है।
- खाद (Compost) और वर्मी कम्पोस्ट (vermicompost) को मिलाकर पुराने मिट्टी के मिश्रण में आवश्यक लाभकारी जीवाणुओं को जोड़ने में भी सहायता मिलती हैं।
(और पढ़ें: पौधे को रिपॉट कैसे करें…)
निष्कर्ष – Conclusion
इस आर्टिकल में आपने जाना कि क्या पुरानी मिट्टी में पौधों को लगाना चाहिए? होम गार्डन या गमले की पुरानी मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाएं तथा नए पौधे लगाने के लिए दोबारा उपयोग कैसे करें। इस लेख से सम्बंधित अन्य कोई सुझाव देने और जानकारी पाने के लिए हमें कमेंट करके जरूर बताएं। होम गार्डनिंग से जुड़े हुए और भी लेख पढ़ने के लिए organicbazar.net पेज पर जाएं।