डंपिंग ऑफ रोग क्या है, पहचान और बचाव के तरीके – Damping Off Disease Symptoms And Control In Hindi

यदि बीजों के अंकुरित होने के बाद पौधे (सीडलिंग) मुरझा रहे हैं या तने से टूटकर नीचे गिर रहे हैं, तो यह डम्पिंग ऑफ डिजीज है। सीडलिंग में डंपिंग ऑफ रोग, मिट्टी से उत्पन्न पायथियम (Pythium) और राइजोक्टोनिया सोलानी (Rhizoctonia solani) जैसे कवकों के कारण फैलता है। यह रोग टमाटर, बैंगन, मिर्च सहित लगभग सभी सब्जियों की सीडलिंग में हो सकता है। इस रोग से सीडलिंग को बचाना या इस रोग की रोकथाम करना बेहद जरूरी है, क्योंकि हेल्दी सीडलिंग से ही हेल्दी पौधे ग्रो होते हैं। इस ब्लॉग में हम आपको आर्द्र गलन रोग यानि डम्पिंग ऑफ डिजीज के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। डंपिंग ऑफ (आर्द्र गलन) रोग क्यों फैलता है, डंपिंग ऑफ डिजीज के लक्षण क्या हैं, इस रोग की रोकथाम कैसे करें? इन सभी जानकारियों के लिए इस ब्लॉग को लास्ट तक जरूर पढ़ें।

डंपिंग ऑफ क्या है – What Is Damping Off Disease In Hindi

डंपिंग ऑफ क्या है – What Is Damping Off Disease In Hindi

आर्द्र गलन रोग या डंपिंग ऑफ को समझने से पहले आपको सीडलिंग के बारे में जानना जरूरी है। बीज को लगाने के कुछ दिन बाद निकलने वाले अंकुर को ही सीडलिंग कहा जाता है। सीडलिंग 1 इंच से लेकर 6 इंच लम्बाई तक के अंकुर होते हैं। डंपिंग ऑफ सीडलिंग में ही होने वाला एक मिट्टी जनित कवक रोग है। इस रोग के फैलने से सीडलिंग मुरझाने लगती हैं। कुछ समय बाद मिट्टी की सतह पर तना गल जाता है और सीडलिंग नीचे गिर जाती है। सीडलिंग में यह रोग उसे मिट्टी में ट्रांसप्लांट करने के बाद भी फैल सकता है।

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डंपिंग ऑफ या आर्द्र गलन रोग की पहचान – Symptoms Of Damping Off Disease In Hindi

डंपिंग ऑफ या आर्द्र गलन रोग की पहचान – Symptoms Of Damping Off Disease In Hindi

इस रोग में सीडलिंग का तना आधार से काला पड़ कर कमजोर होने लगता है और कुछ समय बाद वह सीडलिंग गिर जाती है। देखने में ऐसा लगता है जैसे मानों तने को आधार से काटकर अलग किया गया हो। डंपिंग ऑफ डिजीज के अन्य प्रमुख लक्षण निम्न हैं:

  1. सीडलिंग के तने का गल जाना
  2. रोग से ग्रस्त सीडलिंग की जड़े गलने लगना
  3. तनों का पतला होना
  4. सीडलिंग के पत्ते मुरझाना
  5. रोग बढ़ने पर सीडलिंग के पत्ते पीले पड़ना
  6. सीडलिंग का गिर जाना
  7. मृत सीडलिंग या मिट्टी की सतह पर सफेद फफूंदी दिखाई देना

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अंकुरों में डंपिंग ऑफ रोग होने के प्रमुख कारण – What Causes Of Damping Off In Hindi

अंकुरों में डंपिंग ऑफ रोग होने के प्रमुख कारण – What Causes Of Damping Off In Hindi

सीडलिंग में डम्पिंग ऑफ रोग मुख्यतः मिट्टी के अधिक समय तक गीला रहने के कारण फैलता है। मिट्टी में लम्बे समय तक नमी बनी रहने से उसमें कई कवक जैसे पायथियम (Pythium) और राइजोक्टोनिया सोलानी (Rhizoctonia solani) पैदा हो जाते हैं। ये कवक सीडलिंग पर जमा हो जाते हैं, जिसके कारण सीडलिंग का तना और जड़ें गलने लगती हैं। तने के गल जाने से सीडलिंग कमजोर होकर नीचे गिर जाती है। सीडलिंग में यह रोग सबसे अधिक तब होता है, जब बीज, ठंडी और गीली मिट्टी में अंकुरित होते हैं। इसके अलावा अधिक ठण्ड और अधिक नम वतावरण में यह रोग होता है। कई बार कवक बुआई के तुरंत बाद बीजों पर जमा हो जाते हैं, जिससे बीज सड़ने लगता है और वो बीज अंकुरित ही नहीं हो पाता है।

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डम्पिंग ऑफ या आर्द्र गलन रोग की रोकथाम – Damping Off Disease Control In Hindi

डम्पिंग ऑफ या आर्द्र गलन रोग की रोकथाम – Damping Off Disease Control In Hindi

सीडलिंग को डंपिंग ऑफ रोग से बचाने के उपाय:

  • बीजों को मिट्टी में बोने के बजाय कोकोपीट या परलाईट, वर्मीकुलाइट में बोयें, क्योंकि डंपिंग ऑफ रोग मिट्टी के कारण ही फैलता है।
  • बीज लगाने के लिए हमेशा नए पॉटिंग मिक्स का उपयोग करें।
  • बीजों को ज्यादा सघन रूप में न लगायें, ताकि बाद में सीडलिंग के बीच हवा का प्रवाह बना रहे।
  • अंकुर में जरूरत से ज्यादा पानी न दें। जब मिट्टी की सतह सूखी दिखे, तभी पानी दें।
  • सीडलिंग ट्रे या जिसमें भी आप बीजों को अंकुरित कर रहें हैं, उसमें जल भराव न होने दें। जल निकासी का ध्यान रखें।
  • सीडलिंग को पर्याप्त रोशनी वाली जगह पर रखें।
  • पानी सुबह के समय ही दें, ताकि शाम तक मिट्टी की सतह और पौधे सूख जाएं। दोपहर के बाद कभी भी पानी न दें।
  • किसी सीडलिंग पर इस रोग के लक्षण नजर आने पर उस सीडलिंग को तुरंत बाहर निकालकर नष्ट कर दें, ताकि अन्य सीडलिंग में यह रोग न फैले।

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डंपिंग ऑफ रोग से सीडलिंग को कैसे बचाएं – Damping Off Disease Treatment In Hindi

उन अंकुरों को बचाने का कोई इलाज नहीं है, जो पहले से ही डंपिंग ऑफ रोग से मुरझा गए हैं या तने गल गए हैं। आपको अपनी सीडलिंग को इस बीमारी से बचाने के लिए रोकथाम उपाय अपनाने होगें। एक बार जब आप सीडलिंग में डम्पिंग ऑफ़ या आर्द्र गलन रोग के लक्षण देखते हैं, तो आपको जल्दी से अन्य सीडलिंग को बचाने का काम करना होगा, क्योंकि सीडलिंग के मिट्टी की सतह पर गिर जाने के बाद उसके ठीक होने की संभावना न के बराबर होती है। हालांकि आप इस रोग से ग्रस्त सीडलिंग को अलग कर अन्य पौधों में यह रोग फैलने से रोक सकते हैं।

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इस पोस्ट में बताई गई जानकारी को ध्यान रखकर आप छोटे पौधों या सीडलिंग को आर्द्र गलन रोग यानि डम्पिंग ऑफ रोग से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो या इस पोस्ट से जुड़ा आपका कोई सवाल या सुझाव हो, तो उसे आप कमेन्ट के माध्यम से बता सकते हैं।

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